अब तक आपने पढ़ा की कैसे मैने, आफताब, आनवार और आरिफ़ ने मेरी मा वंदना की एक एक बार छूट मार ली थी. पर डॉवा के वजह से अब तक कोई डिसचार्ज नही हुआ था.
अब आयेज…
मैने आफताब को रोका और आरिफ़ आनवार फिर से मा की चुदाई के लिए तैयार थे. इस बार आनवार ने मा को लंड पर बैठने को बोला पर आरिफ़ ने मा को पकड़ा और उन्हे उसके लंड पर पटक दिया.
मा और आनवार दोनो को दर्द हुआ और दोनो चीख पड़े पर आरिफ़ के उपर अब डॉवा हावी थी. उसने फिर से मा को उठाया और उन्हे उसके छूट पर बिताया. इस बार मा की छूट आनवार के लंड में घुस गयी.
मा – दर्द हो रहा है आराम से कर…!
मा अब आनवार के लंड पर बैठ गयी और आयेज पीछे होने लगी और आआअहह आआहह उूुुुुुुुुउउ उूुुुुुउउइईईईईईईईईईईईउ करने लगी.
आनवार ने मा के दूध पकड़ लिए और उनको छोड़ने लगा. कभी आनवार मा को छोड़ता तो कभी वंदना खुद आनवार से चुड्ती. करीब 30 मिनिट्स बाद आनवार झड़ने वाला था तो उसने मा को रोक दिया. मा अब भी उसके लंड पर बैठी थी.
आरिफ़ गया और उसने मा को आनवार के उपर झुका दिया और मा को जब तक समझ आया तब तक आनवार ने उन्हे कस कर पकड़ लिया. मा की गांद खुल गयी.
आरिफ़ ने उसमें थूका और हल्का सा लंड उनकी गांद में डाला. मा की तो हालत ही खराब होने लगी. आनवार मा के बूब्स को चूस रहा था और आरिफ़ ने मा के कर्वी कमर को पकड़ा और एक बार में पूरा लंड अंदर डाल दिया.
वंदना चिल्लाने लगी आआआआअहह उूुुुुुुुुउउ उूुुुुुउउइईईईईईईईईईईईउ म्म्म्मममममाआआआआआआ न्न्नन्निईीिककककककाआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
आरिफ़ कुछ देर रुका और फिर अंधाधुंड मा की गांद मारने लगा. अब मा को भी मज़ा आ रहा था. आफताब भी कंट्रोल नही कर पा रहा था तो वो मा के पास गया और उनके मूह में अपना लंड दे दिया.
20 मिनिट्स ट्के आरिफ़ अकेले मा की गांद मारता रहा और फिर आनवार भी उसका साथ देने लगा. अब मा की गांद और छूट दोनो एक साथ चुड रही थी.
इस एग्ज़ाइट्मेंट की वजह से 15 मिनिट्स बाद ही मा बोली – म्म्म्मममीईईरर्र्र्ररराआआ हूऊऊन्न्नेनएंएननीनेंन् ववववववााआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआाआ हहाआआआईयईईईईईईईईईईई
आरिफ़ और आनवार का भी निकालने वाला था और ज़्ब एक साथ झाड़ गये. मा की छूट और गांद दोनो रस से भर गयी और फिर ज़्ब अलग हो गये.
थोड़ी देर बाद मा बातरूम गयी और छूट और गांद सॉफ कर के आई. अब मई और आफताब अपना खड़ा लंड लेकर रेडी थे. मा ने तोड़ा रुकने का बोला तभी मेरे मान में एक प्लान आया और मई आफताब को लेकर हॉल में आ गया और सोफे पर बैठ गया.
वंदना थोड़ी देर बाद वाहा आई-
मा – तुम लोगो के लिए भी कुछ पहनु या ऐसे ही आ जौ?
मे – मा वो पिंक वाला अपना ब्लाउस पहन कर आओ बस.
तो मा ब्लाउस लेने उपर गयी और कुछ देर बाद बस ब्लाउस पहन कर वापस आ गयी. मा ने अपने ब्लाउस को खोल रखा था. मैने सिसर लिया और जेया कर एग्ज़ॅक्ट निपल वाले जगह पर उसको काट दिया. फिर उनका ब्लाउस बंद कर दिया जिससे मा के दोनो निपल्स बाहर आ गये.
मा वियागरा की एक और गोली खाना चाहती थी पर फिर आफताब ने उन्हे रोक दिया..
मा – तुम लोग डॉवा खा कर रहोगे और मई बिना डॉवा के?
मे – तो क्या हुआ मेरी जान तुम बिना डॉवा के भी हुमारा पानी पहले निकलवा सकती हो.
मा हासणे लगी और बोली – वो तो है.
मा हुमारा लंड चूसने हुमारे पास आई.
आफताब – लंड चूसने में टाइम वेस्ट मत कर रंडी.
मा – तो क्या ऐसे ही छोड़ना शुरू करोगे?
आफताब – मैने ऐसा कब कहा??
मा – तब..?
आफताब – तुम बस थूक कर हुमारा लंड गीला करो.
अब हम दोनो खड़े हो गये और मा हुमारे लंड पर थूकने लगी. फिर उसी थूक को अपने हाथों से पुर लंड पर फैला दिया जिससे हुमारा लंड पूरा गीला हो गया. अब तक ह्यूम डॉवा अकचे से असर कर चुकी थी और अब हम लाते नही करना चाहते थे.
हुमारे हॉल में एक वुडन टेबल था जो तोड़ा मजबूत था. तो मई उसपर जेया कर लाते गया और मा को अपने उपर आने को बोला .पर मा तोड़ा दर रही थी तो आफताब ने उनको हल्का सा उठाया और उन्हे उपर टेबल पर चड़ा दिया. मा अब मेरे उपर आई और मेरे लंड को पकड़ कर खुद ही अपने छूट में ले लिया.
मा की छूट गीली थी इसलिए उन्हे उतना असर नही हुआ और लंड एक बार में ही अंदर चला गया. लंड अंदर जाते ही मैने आफताब को इशारा किया की वो मा की गांद में लंड डाले. पर टेबल कुछ ज़्यादा ही उछा था जिस वजह से उसका लंड मा के गांद तक नही पहुच पा रहा था.
मई मा के छूट में लंड डाले लेता हुआ था और मा चाहती थी की मई धक्के लगौ पर मई आफताब का वेट कर रहा था. जब आफताब सफल नही हुआ तो मैने मा के गांद को पकड़ कर उठाया और खुद नीचे चला गया और आफताब को उपर कर दिया.
इस बार आफताब ने वंदना के छूट में अपना लंड घुसाया और फिर मैने मा के गांद को फैलाया. फिर उनके गांद के छेड़ में हल्का सा लंड घुसाया.
क्यूंकी मा जल्दी अपने गांद में लंड लेती न्ही थी. इसलिए उन्हे तोड़ा दर्द हुआ और उनके मूह से हल्की सी आआहह निकली जिसे उन्होने आफताब के निपल्स को मसल कर छुपा लिया. अब आफताब हल्के हल्के धक्के लगाना शुरू किया पर अब मई धक्के नही लग पा रहे थे.
मा ने पीछे मूड कर देखा और हासणे लगी. मई समाज गया की मा भी 2 लंड से एक साथ चूड़ना चाहती थी. इसलिए मैने आफताब को इशारा किया तो वो रुक गया
मा – ऐसे ही करेंगे तो पूरी रात निकल जाएगी और मई बिना चुड़े रह जौंगी..
आफताब – ऐसा हम नही होने देंगे रानी.
इतना बोल कर आफताब ने सोफे के तरफ इशारा किया.
आफताब – पहले कों छूट लेगा इसकी?
मे – मई तो हुमेशा ही मारता हू आज तुम जाओ फर्स्ट.
आफताब गया और जेया कर सोफे पर बैठ गया. फिर वंदना गयी और उसके गोद में बैठी और उसको गले के सहारे पकड़ लिया. और फिर आफताब ने मा के निपल्स को अपने मूह में भरा और उसको अपने से चिपकाया और एक बार में ही लंड मा के छूट में डाल दिया.
मा कराह उठी आआआआअहह उूुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईई आआअररर्राआाम्म्म सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईई और फिर कभी मा उसके लंड पर कूड़ती तो कभी वो मा को छोड़ता और दोनो एक दूसरे से लगे हुए थे.
अब मुझसे कंट्रोल नही हुआ और मई उन दोनो के पास गया. फिर मा को तोड़ा और आफताब पर झुकाया जिससे मा की गांद का छेड़ खुल गया. मैने पीछे से मा के बालों को पकड़ा और हल्का सा झुक कर लंड मा के गांद में एंटर किया.
अब मा को हल्का दर्द हुआ वो वापस से अपने छूट में धक्के लगाने लगी पर फिर उन्हे आफताब ने पकड़ लिया.
मा – कम से कम धक्के लगा कर मेरी छूट को तो मज़ा लेने दे…
मे – छूट के साथ गांद को भी मज़ा मिलेगा अभी एक साथ.
इतना बोल कर मैने एक और झटका मारा और मेरा लंड मा के गांद में चला गया. मा अपने हाथ को आफताब के चेस्ट पर मलने लगी और फिर हुँने एक साथ धक्के लगाना शुरू किया. फिर मा भी हुमारा साथ देने लगी आआआआअहह उूुुुुुुुुउउ उूुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईई आआहह म्म्म्मममममममाआआआआआआआआआ आआआवउुुुुुुउउर्र्र्ररर टत्त्टटत्ट्टीईईज़ज़ज्ज्ज्ज म्म्म्मममीईईईररर्र्र्र्र्र्र्रररीईईईई र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररराआआआआअजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जाआाआअ आआआआआआआआहहुउऊुुुुउउ
हम जानते थे की अगर ऐसे ही चला तो मा झाड़ जाएगी और हम अभी उन्हे झड़ने नही देना चाहते थे. इसलिए मैने अपना लंड निकाल लिया और फिर आफताब ने भी अपनी स्पीड स्लो कर दिया. मा ने पीछे मूड कर मुझे देखा पर फिर वापस से वो आफताब के लंड पर कूदने लगी.
मैने अभी भी मा के बालों को पकड़ा हुआ था और फिर मैने उनकी छूट में अपना हल्का सा लंड घुसा दिया.
अब मा और भी एग्ज़ाइटेड हो गयी और इसी समय तुरंत आफताब ने मा को उठाया और खुद हट गया. मैने वैसे ही मा को पकड़ा और डॉगी स्टाइल में मा को छोड़ता रहा. जैसे ही मुझे लगा की मेरा स्पीड कुछ ज़्यादा हो रहा मई स्लो हो जाता. और जब मा झड़ने ही वाली होती तुरंत मई हट जाता.
फिर थोड़ी देर बाद आफताब ने भी मा की छूट मारी. अब मा झड़ने के लिए उतावली हो रही थी पर आफताब भी हट गया. तो मा खुद ही अपनी छूट रगड़ने लगी और उसमें उंगली करने लगी जिसे हुँने रोक डियै. ,हम दोनो को ऐसा करते 1 घंटा हो गया था और फिर तभी आरिफ़ और आनवार भी नीचे आ गये.
अब मई, मा, आरिफ़, आनवार और आफताब हॉल के साइड के एक रूम में गये. फिर मैने आफताब को बेड पर लेटने को बोला और फिर मा बेड पर जेया कर उससे चूड़ने लगी. मा अगले 10 मिनिट में ही झाड़ गयी और सारा रस बेड पर फैल गया.
अब मा रुकना चाहती थी पर मैने आफताब को इशारा किया और फिर वो मा के साथ बेड के साइड पर आया.
मा रेस्ट करना चाहती थी पर अब हम रुकना नही चाहते थे. आफताब अभी भी अपना लंड मा के छूट में डाला हुआ था. उसने अपने पैरों को नीचे किया और फिर मैने खड़े खड़े ही मा के छूट में अपना भी लंड डाल दिया.
हम वैसे ही रुके रहे, आनवार बेड के उपर गया और फिर उसने मा के गांद को तोड़ा खोला. मा अब उसे माना कर रही थी पर अब हुमारा हवस हम पर भारी हो चुका था.
1-2 बार ट्राइ करने में आनवार का लंड मा के गांद में नही जेया रहा था तो वो तोड़ा हटा और फिर उसने वापस से लंड हल्का सा अंदर कर दिया. अब हम तीनो पोज़िशन में थे और मा को अब दर्द हो रहा था और उनके आँखों में आँसू आ गये थे पर अब हम रुकने वाले नही थे.
फिर आरिफ़ ने मा के मूह में अपना लंड डाल दिया और उसने मा के एक निपल को पकड़ लिया और आफताब ने दूसरे को. मैने पीछे से मा के दोनो बूब्स को पकड़ लिया और फिर हुँने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किया.
मा को दर्द भी हो रहा था और उन्हे मज़ा भी आ रहा था पर हूमें अब मज़ा आ रहा था. फिर हुँने स्पीड बधाई और वही आरिफ़ मा के मूह को छोड़ रहा था. थोड़े टाइम बाद मा भी फॉर्म में आ गयी और वो भी मोन करने लगी और हुमारा जोश बढ़ने लगी.
20 मिनिट्स बाद हम चारो एक साथ झाड़ गये और फिर आरिफ़ ने भी मा के मूह में अपना रस गिराया जिसे मा ने नीचे उगल दिया.
थोड़ी देर बाद हम सभी सो गये और अगली सुबह वो सब चले गये.