सलहज और बीवी के साथ ससुराल में सेक्स- 3

सलहज और बीवी के साथ ससुराल में सेक्स- 3

Hot Indian Bhabhi Fuck Story

हॉट इंडियन भाभी फक स्टोरी में मेरे साले की बीवी ने औलाद की चाह में 3-4 दिन में दस से ज्यादा बार मुझसे अपनी चूत मरवा कर गर्भवती होने की कोशिश की. Hot Indian Bhabhi Fuck Story

दोस्तो, मैं राजेश शर्मा, नागपुर से पुनः आपके सामने अपनी सेक्स कहानी के साथ हाजिर हूँ.
मेरी कहानी के पिछले भाग
नंगी भाभी को बाथरूम में चोदा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी सलहज वसुंधरा भाभी को चोदकर उन्हें उनके कमरे में जाने को कह दिया था.

अब आगे हॉट इंडियन भाभी फक स्टोरी:

सासुजी, रागिनी और रजनी के आने के पहले वसुंधरा भाभी आराम करने अपने कमरे में चली गईं और मैं सोफे पर लेटकर टीवी देखने लगा.

थकान से मेरा शरीर निढाल सा हो गया था.
तभी ये तीनों लोग शादी से वापस आ गए.

तीनों ही बहुत सजधज कर गई थीं इसलिए उनकी सुंदरता और बढ़ गई थी.

आज मैंने गौर से रजनी को देखा. वो 5 फुट 5 इंच लंबी, थोड़ी पतली लेकिन उठे हुए संतरों वाली छाती के साथ वो और सुंदर लग रही थी.

मेरे इस प्रकार देखने से वो इठलाकर खड़ी हो गई और बोली- ऐसे क्या देख रहे हो जीजू?
मैंने भी मस्ती में कहा- अपनी आधी घरवाली को देख रहा हूँ.

वो सुनकर शर्मा गई और रागिनी की ओर देखने लगी.

तब मैंने रागिनी से कहा- तुम्हारी बहन भी अब जवान हो गई है, इसकी भी शादी करा दो, वरना …
रागिनी ने मेरी बात लपकते हुए कहा- वरना क्या?

मैंने उसकी तरफ न देख कर अपनी बीवी से कहा- कोई भी इसके साथ कुछ भी कर सकता है.
यह सुनते ही रजनी भाग गई.

तीनों के आने की आवाज से वसुंधरा भाभी भी उठकर आ गईं और चाय बनाने लगीं.

तभी रागिनी उनके पास जाकर खड़ी हो गई और वे दोनों धीरे से आपस में बातें करने लगीं.
कभी-कभी वे दोनों मेरी ओर मुस्कुरा कर देखतीं और फिर बातें करने में लग जातीं.

इतने में सासुजी और रजनी भी आ गई और हम सब चाय पीते हुए बातें करने लगे.
भाभी जी उन तीनों से शादी की बातें पूछ रही थीं.

आज भाभी जी के चेहरे की चमक बढ़ गई थी. उनकी बातों की टोनिंग में भी बदलाव आ गया था.
वे मेरी ओर देखकर मुस्कुरा रही थीं.

Hot Indian Bhabhi Fuck Story
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तभी मैंने सासुजी से नागपुर जाने की बात कही और साथ में रागिनी को भी ले जाने को कहा.
इससे वहां का माहौल बदल गया, वे सब उदास हो गए.

रागिनी ने मेरे पास आकर बैठ गई और बोली- देखिये आज शुक्रवार है, कल दोनों भैया भी आ जाएंगे, तो हम रविवार को वापस चलें, तुम सोमवार से ऑफिस ज्वाईन कर लेना.

रागिनी के इस प्रस्ताव का सासुजी ने भी समर्थन किया और रजनी ने भी.

मैंने भाभी की ओर देखा तो वो भी अपनी आंखों से ही मुझे रुकने का इशारा कर रही थीं.
तो मैंने हामी भर दी.

यह सुनते ही रजनी लपककर मेरे पास आई और बड़े प्यार से मेरे हाथों को दबाती हुई बोली- थैंक्यू जीजू.

मैंने भी मौका देखकर कहा- बस थैंक्यू!
तो वो बोली- और क्या चाहिए?

मैंने कहा- चाहिए तो बहुत कुछ है लेकिन कह नहीं सकता.
वो शर्माकर सासुजी के पास बैठ गई.

इसी प्रकार की बातें करते हुए रात हो गई.
हम सब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले गए.

कमरे में जाते ही रागिनी बोली- आज भाभी बहुत ज्यादा खुश हैं. वो तुम्हारी दीवानी हो गई हैं. उन्होंने मुझसे तुम्हारी आज की रात मांग ली है.

तब मैंने कहा- रागी, हम तीनों मिलकर करेंगे.
रागिनी बोली- नहीं, कल भैया आ जाएंगे, तो उन्हें कोई मौका ही नहीं मिलेगा.

इतने में दरवाजे पर खट-खट की आवाज हुई तो रागिनी ने तुरंत भाभी को अन्दर बुला लिया.

आज भाभी ने लाल रंग की छोटी वाली नाईटी पहनी थी.
वो बहुत ही सेक्सी लग रही थीं. उन्होंने शायद अन्दर ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी थी.

उन्होंने आते ही सबसे पहले रागिनी को गले से लगा लिया और उसे प्यार से चूमने लगीं.

चूमते-चूमते उन्होंने रागिनी के चेहरे को अपनी हथेली में भर लिया और बोलीं- मेरी प्यारी बहना, मैं तुम्हारा अहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी.
यह कहते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए.

रागिनी ने उन्हें कुर्सी पर बिठाया और पानी पिलाया.
वे थोड़ी नार्मल हुईं.

भाभी आहिस्ता से चलते हुए मेरे पास आईं और अचानक ही झुककर मेरे पांव पड़ लिए.

मैं अकबका सा गया, मेरी कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या करूं और क्या बोलूं.

भाभी ने मेरे पांव पड़कर उसी हाथ से अपनी मांग भर सी ली.

यह देखकर मैं और रागिनी दोनों भावुक हो गए.
मैंने भाभी जी को उठाकर अपने आगोश में जकड़ लिया.

वे अपने सिर को मेरी छाती पर रखकर कहने लगीं- मोहल्ले की औरतों के तानों के कारण मैं बहुत परेशान हो गई थी, कई बार मेरे मन में आत्महत्या करने का विचार भी आ गया था. लेकिन तुमने मेरी नीरस जिंदगी में रंग भर दिया है, मैं तुम्हारी गुलाम हो गई हूँ.

मैं उन्हें सहलाता रहा.
अब रागिनी भी उनसे चिपककर खड़ी हो गई थी.
हम तीनों ही एक दूसरे से आलिंगनबद्ध थे.

कुछ देर इसी परिस्थिति में रहने के बाद मैंने ही भाभी के माथे, होंठ और गालों को चूमना शुरू कर दिया.
उनके बूब्स पर हाथ जाते ही मुझे पता चला कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.

मैंने धीरे से उनकी नाईटी खोल दी, भाभी जी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी.
उनका भरा हुआ गोरा बदन लाईट में चमक रहा था.

वे नजरें नीचे कर चुपचाप खड़ी थीं.

मैं उनके पीछे चला गया और गर्दन, पीठ को चूमते हुए उनके दोनों बूब्स और निप्पल दबाने, मसलने लगा.

भाभी भी एक हाथ से मेरा सिर और गाल सहला रही थीं, तो दूसरे हाथ से उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया था और उसे आगे पीछे कर रही थीं.

इतने में रागिनी भाभी के सामने बैठ गई और अपनी जीभ से भाभी की चूत चाटने लग गई.

इससे भाभी जी उत्तेजित हो गईं और उनकी सिसकारियां निकलने लगीं.
उन्होंने रागिनी का सिर जोर से अपनी चूत पर दबा दिया.

भाभी जी गर्म हो गई थीं.

यह देखकर ही मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया और पीछे से ही चोदना शुरू कर दिया.
वो भी मजे से चुदवा रही थीं.

मैं दोनों हाथों से उसके बूब्स सहला और दबा रहा था.
भाभी को भी इस पोजीशन में मजा आ रहा था लेकिन ज्यादा उत्तेजना के कारण इस बार वो जल्दी झड़ गईं.

मैंने उन्हें बिस्तर पर बिठा दिया.
मैं बिस्तर पर नीचे लेट गया और भाभी को ऊपर बैठाकर लंड अपनी चूत में डालने को कहा.

वो अभी ही झड़ी थीं इसलिए उनकी चूत गीली थी.
उन्होंने धीरे से मेरा लंड अपनी चूत में घुसाया और वो बैठती चली गईं.
धीरे से मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया था.

मेरा लंड टाईट था और उनकी चूत में जाकर मेरा लंड और फड़फड़ाने लगा.
इससे भाभी जी को भी मजा आने लगा. वो ऊपर नीचे करके एक तरह से मुझे ही चोदने में लग गईं.

उनको इसमें मजा आने लगा था, वो फिर से फार्म में आ गईं और जोर-जोर से धक्के मारने लगीं.

इतने में मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने भी नीचे से गांड उछालकर धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

कुछ ही देर में हम दोनों एक साथ झड़ गए.
भाभी जी निढाल होकर मेरे ऊपर ही लेट गईं.
मेरा लंड अभी भी उनकी चूत में ही घुसा हुआ था.

मैंने भाभी जी की पीठ को अपनी बांहों से और उनकी गांड को अपने पैरों से जकड़ लिया था.

हॉट इंडियन भाभी फक के बाद हम लगभग दस मिनट इसी स्थिति में पड़े रहे.

अब मैंने धीरे से भाभी को उठाया, तो उनकी आंखों में आंसू थे.

मैंने कहा- ये क्या?
भाभी बोलीं- ये खुशी के आंसू है, राजू बाबू. आपने मेरी जिंदगी में खुशियां बिखेर दी हैं.

मैंने उनके आंसू पौंछे, फिर हम दोनों बाथरूम गए, सफाई की और बिस्तर पर आकर बैठ गए.

रागिनी ने भी अपनी कुर्सी खींच ली और हमारे पास आ गई.

मैं भाभी जी के चेहरे को बड़े प्यार से चूम रहा था और वो अपने हाथों में मेरा लंड लिए बैठी थीं.

मैंने कहा- भाभी जी, भगवान आपकी इच्छा अवश्य पूरी करेगा. हम दोनों ने जो भी किया, आपकी मां बनने की अतृप्त इच्छा की पूर्ति के कारण किया. अब आप अपने कमरे में जाकर आराम करें.

मगर वो जाने को तैयार ही नहीं हो रही थीं. बार-बार मुझे और मेरे लंड को चूमती जा रही थीं और उनकी आंखों से आंसू निकलते ही जा रहे थे.

मैंने रागिनी को इशारा किया तो वो भाभी जी के पास खड़ी हुई और उन्हें कपड़े पहनाने लगी.

रागिनी के साथ जैसे ही भाभी जी दरवाजे के पास पहुंची, वो पलटकर दौड़ती हुई मेरे पास आईं और जोर से लिपटकर रोने लगीं.

तो रागिनी उनको लेने आई तो मैंने इशारों से कहा कि दो मिनट रो लेने दो.

उसके बाद भाभी जी स्वयं को नियंत्रित कर मुझसे अलग हुईं. पुनः बैठकर मेरे पांव पड़े और उसी हाथ से अपनी मांग भर ली, प्रेमपूर्वक मुझे निहारती हुई दरवाजे की ओर चल दीं.

रागिनी भाभी जी को उनके कमरे में पहुंचा कर आ गई.

इसके बाद हम दोनों ही चुपचाप बैठे रहे.
कुछ देर बाद रागिनी ने ही मेरे चेहरे को अपनी हथेलियों के बीच लेकर बहुत ही प्रेम से कहा- थैंक्यू वेरी मच, जानू!

मैं उसकी ओर देखता रहा.
उसने मेरे मस्तक को चूम लिया. उसकी आंखें भी नम थीं.
मेरे मुँह से भी कुछ बोल निकल नहीं रहे थे.

वो मेरा हाथ थपथपा रही थी और अपनी आंखों से ही मेरे अहसान को दर्शा रही थी.

मैंने रागिनी को अपने गले से लगाया और हम दोनों लेट गए.
न जाने हम लोगों को कब नींद आई, कुछ भी पता नहीं चला.

सुबह रजनी द्वारा बार-बार दरवाजा खटखटाने के बाद ही हम उठ पाए.
हम दोनों की आंखें बोझिल सी थीं.

रागिनी के दरवाजा खोलते ही रजनी धड़धड़ाकर अन्दर आई और हम दोनों से कहने लगी-जीजू, सारी रात सोये नहीं क्या? सुबह के नौ बजे हैं, दोनों भैया भी आ गए हैं और आपका इंतजार कर रहे हैं.

हम दोनों तुरंत ही फ्रेश होकर बाहर आकर बैठ गए.

तभी वसुंधरा भाभी ने चाय लाकर दी. अब उनकी मुस्कान में शालीनता थी, लेकिन चेहरे की चमक और मादकता में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हो गई थी.

मैंने चाय पीते हुए रागिनी की ओर देखा तो वह भी इसे नोट कर चुकी थी और मुस्कुरा रही थी.

नहाने के बाद मैं रागिनी और रजनी के साथ मार्केट गया.
सासुजी, बड़े साले, छोटे साले, भाभी जी, रागिनी और रजनी सबके लिए कपड़े खरीदकर उन्हें गिफ्ट दिया और दूसरे दिन हम दोनों नागपुर आ गए.

बीस-बाईस दिनों के बाद ही रागिनी को वसुंधरा भाभी का फोन आया. वो बहुत ज्यादा खुश थीं क्योंकि वो भी प्रेग्नेंट हो गई थीं.

बहुत देर तक रागिनी से बात करने के बाद में उन्होंने मुझसे बात करने की इच्छा जताई तो रागिनी ने फोन मुझे दे दिया.

मैंने भाभी जी को बधाई दी तो उधर से भाभी जी ने मुझसे कुछ नहीं कहा, वो बस रो रही थीं.
मैं उनका खुशी के मारे रोना सुन रहा था.

आपको मेरी हॉट इंडियन भाभी फक स्टोरी में सलहज की चुदाई का प्रस्तुतिकरण कैसा लगा, कृपया मेरे ईमेल पर जरूर बताएं.
इस सेक्स कहानी में मैंने अपनी साली को लेकर कुछ नहीं लिखा है. यदि आपके उत्साहित करने वाले मेल प्राप्त होंगे, तो मैं अवश्य ही अपनी साली को लेकर आगे सेक्स कहानी लिखूँगा.
धन्यवाद.

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