हेलो फ्रेंड्स, मई अमित हाज़िर हूँ एक और सॅकी चुदाई की कहानी लेकर.
मेरे घर में मेरे मम्मी पापा में और मेरे बड़े भाई बेहन रहते है.
मेरे पापा की उमर 42 साल है मेरे पापा गूव्ट टीचर है मेरे पापा का नाम महेंद्रा है. मेरी मा की उमर 38 साल है वो हाउसवाइफ है और मा का नाम चंडादेवी है.
छोटी उमर में मम्मी पापा की शादी करदी थी. मेरे से बड़ी बेहन पूजा है उनकी आगे 22 साल है और भाई सतीश की 20 साल.
चलो अब कहानी पर आते है..
बात गर्मियों की है. जब मम्मी बीमार चल रहे थे उनकी पीट की तेली में पथरी थी तो उनका ऑपरेशन करवाना पड़ा. एस दीदी पर सारी ज़िम्मेदारी आ गयी उनको पड़ने को टाइम नही मिल पा रहा था.
तो हुँने डिसाइड किया की मम्मी की देखभाल और घर के काम के लिए मौसी को बुला ले. मेरी मम्मी की 2 छोटी बेहन और है. तो डिसाइड हुआ की बड़ी मौसी को बुलाएँगे. ये सुन कर पापा के चेहरे पर अलग सी मुस्कान आ गयी.
पापा ने बड़ी मौसी को कॉल किया, पापा खिलखिल्ला कर मौसी से बात कर रहे थे. लेकिन फिर अचंक पापा का मूह उतार गया.
मम्मी :- क्या हुआ माया (बड़ी मौसी का नाम) आ रही?
पापा :- नही, वो विदेश घूमने गये है.
माया मौसी के पति और हुमारे मौसजी विदेश में काम करते और साल में एक बार ही आते जब भी आते उन्हे कही घूमने ले जाते.
मम्मी :- चलो कोई नि, फिर मंजू (छोटी मौसी) को पूछ लो वो आ जाएगी.
पापा ने मंजू मौसी को कॉल किया और उनसे बात की लेकिन पापा के चेहरे पर वो स्माइल नही थी जो माया मौसी से बात करते वक़्त थी.
पापा ने फोन कट कर दिया.
मम्मी :- क्या बोला मंजू ने?
पापा :- हा मंजू आ रही है, कल सुबह ही पहुच जाएगी.
ये सुनके हम खुश हो गये क्यूंकी मंजू मौसी हुँने भूत प्यार करती थी जब भी मिलते ह्यूम अपने से लगा के रखती और अकचे अकचे गिफ्ट देती.
मंजू मौसी की उमर 32 साल है उनकी शादी को लगभग 13 साल हो गये. उनके भी 3 बाकछे है सबसे बड़ी बेटी स्नेहा 12 साल की ध्रुव 10 साल का और साक्षी 9 साल की. मौसी जब भी आती उन्हे साथ लकर् आती.
नेक्स्ट दे मॉर्निंग में मौसी आ गयी. लेकिन एस बार वो अकेले ही आई थी. फिर हुँने साथ में बैठ कर बातें की खाना खाया. शाम को में मौसी को लकर् बाज़ार चला गया और हम समान ले आए. फिर रात को भी सभी जल्दी सो गये.
नेक्स्ट मॉर्निंग हम उठे भाई कोचैंग को निकल गया में कॉलेज को. घर पर अब सिर्फ़ मम्मी पापा दीदी और मौसी थे. मम्मी बीमार थे इसलिए पापा ने छुट्टी ले रखी थी और बेहन भी घर पर ही थी मा की देख भाल के लिए.
में कॉलेज गया फिर टा चला की हुमारे एक टीचर एक्सपाइर हो गये तो 2 मिनिट्स का मोन रखा और सबकी छुट्टी कर दी.
में भी घर आ गया. घर का मैं डोर बंद था और उसकी एक चाभी पास में पायदान के नीचे रहती तो मैने सोचा डिस्टर्ब ना करू और मैने गाते खोल के चाभी वही रख दी.
मैं दरवाजा खोल के अंदर घुसा और शूस निकल के पानी पीने रसोई में जाने लगा तो देखा मौसी किचन में खाना बना रही है और पापा किसी ना किसी बहाने से मौसी की कमर को चुने लगते.
थोरी देर बाद पापा ने मौसी को पीछे से कस के पकड़ लिया में ये देख के चोंक गया मौसी छूटने के लिए कोसिस करने लगी.
मौसी :- हटो जीजा जी छोड़ो भी मुझे..
पापा :- छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा.
मौसी :- आप क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे..
पापा :- में कहा कुछ कर रहा ये तो काफ़ी टाइम से किया नही तो मेरे अंदर की आग करवा रही.
मौसी :- नही जीजा ये ग़लत है.
पापा :- नही कुछ ग़लत नही है साली तो आधी घरवाली होती है.
फिर पापा मौसी के गार्डेन पर किस करने लगे.
मौसी :- नही नही एस पर बस आपके साधु का हक़ है..
पापा :- तुम्हारे ही नखरे है माया (बड़ी मौसी)तो एक बार में ही माना गयी थी, वैसे भी तुम्हारी दीदी बीमार है तबसे कुछ किया नही है करने दो ना.
ये सुन कर में हैरान गया, पापा कितने बड़े चुड़क्कड़ है.
मामी ने मुझे ब्टाया था की जब भी आते है उन्हे छोड़ कर जाते है और अभी टा चला वो माया मौसी को भी अपने लंड का सवद दे चुके और अब मंजू मौसी की बारी है.
मौसी :- नही नही जीजा ये सही नही है..
पापा :- क्या सही नही है बस तोड़ा सा प्यार करने दो.
और पापा ने मौसी को सीधा करके मौसी की सलवार का नडा खोल दिया और उनके होठों को किस करने लगे.
मौसी :- अभी ठीक नही है कोई देख लेगा.
पापा :- कों देख लेगा सतीश और अमित तो कॉलेज गये है.
मौसी :- पूजा आ जाएगी वो तो यही है..
पापा फिर भी नही रुके वो मौसी को चूमते जा रहे थे.
मौसी :- अक्चा जीजा जी सुनो अभी ठीक है नही है हम रात को करते फिर.
पापा राज़ी हो गये और एक किस करके रसोई से बाहर आ गये. किचन से बाहर आने से पहले में बाहर हॉल में जाके बैठ गया.
मुझे देख के पापा तोड़ा शोक हो गये.
पापा :- आज कॉलेज नही गया था क्या?
मे :- नही पापा गया था ना.
पापा :- फिर आज एस टाइम पर??
मे :- हा पापा वो हुमारे एक टीचर एक्सपाइर हो गये तो उशी के कर्ण आज कुहट्ती कर दी.
पापा :- अक्चा, ड्रेस तो चेंज कर आ.
मे :- हन पापा, वो जस्ट अभी आया ही था अभी चनगे करने ही जा रहा.
फिर मैने ड्रेस चेंज की और अपने कमरे का दरवाजा बंद करके पॉर्न देखने लेगा. मेरे दिमाग़ में यही चल रहा था की आज पापा मौसी को छोड़ेंगे.
फिर दोपहेर हो गयी हम सबने खाना खाया मौसी और दीदी मम्मी के पास सो गये पापा मम्मी की दवाई लेने चले गये और भैया लाइब्ररी. मैं आज पापा और मौसी की गतिविधियों को ध्यान से देख रहा था.
आज पापा थोड़े खुस दिख रहे थे उन्होने मुझे रुपय दिए और बाहर से सबके लिए आइस क्रीम लाने को भेज दिया में आइस क्रीम. ले आया और सबने खाई.
कब 7 बाज गये पता ही नही चला मौसी फिर खाना ब्नाने चली गयी साथ में उनके दीदी. थोड़ी देर बाद हम सबने खाना खाया और पड़ने बैठ गये. थोड़ी देर बाद हम सब सोने चले गये.
वैसे तो हुमारे घर में 2 रूम और 1 बेतक और 1 किचन और बड़ा सा हॉल है लेकिन कोल्लेर एक ही होने के कर्ण हम सब गर्मियों में हॉल में सोते. दरवाजे पर कोल्लेर लगा देते.
फिर पहले चारपाई पर दीदी और मौसी फिर उससे आयेज की चारपाई पर मम्मी फिर में और मेरा भाई और लास्ट वाली चारपाई पर मेरे पापा.
सब सो गये लेकिन मे बस पापा और मौसी की चुदाई के बारे में सोच रहा था और सोचते सोचते मुझे भी टा नही चला कब नींद आ गयी.
थोड़ी देर बाद खुसुर फुसुर से मेरी आँख खुल गयी. तो मैने देखा मेरे सामने वाली चारपाई पर जिसपे पापा सोते है उससे मौसी भी थी.
पापा बनियान और अंडरवेर पह्न के सोते टोलिया साइड में रख देते उतार के.
मैने देखा पापा एक दूं नंगे थे और मौसी की सलवार उनसे अलग दोनो ने कुलजो पर टोलिया लगा रखा था और मौसी की छूट छोड़ रहे थे.
मौसी टेढ़ी सो रही थी और उनका एक पेर तोड़ा हवा में था और उनके मूह से आवाज़ निकल रही थी आआहह उहह उूुउऊहह आऔहह मुआहहाः ठूड्डसाा ध्ीएरीए आआहह उुआअहह छोड़ूऊव आअहह जीजजिी…
पापा ने टोलिया हटा दिया उपर से मुझे अभी छूट में घुसा लंड सॉफ दिखाई दे रहा था. मौसी की छूट काली थी और छूट ऑर झत्ट भी थी काफ़ी टाइम से बाल सॉफ नही किए हुए लगता.
मौसी :- ये क्या किया उपर से हटा क्यू दिया…?
पापा :- यार में भी पागल हूँ भूल गया था.
मौसी :- क्या भूल गये?
पापा :- अरे कोई नही उठने वाला तो शरम केसी.
बोलके एक खिच के धक्का मार दिया मौसी की चीख निकल गयी.
मौसी :- धीरे करो जीजाजी तोड़ा में कही जा थोड़े रही हूँ और कोई क्यू नही उठेगा..
पापा :- वो मैने तुम्हारी दीदी की नींद की गोली सबको खिला दी दूध में मिला कर.
तभी मेरा दिमाग़ खनका आज पाप सबको दूध क्यू दे रहे है हुमेसा रो मम्मी देती थी. तब मुझे लगा था पापा ने सोचा मेरी मम्मी बीमार है तो दिया होगा. लेकिन मुझे अभी साँझ में आया माजरा क्या है.
लेकिन पापा को नही पता मैने दूध पिया ही नही था उसमे मखी पद गयी तो मैने उसको बाहर नली मेी गिरा दिया था. एशे किस्मत बोले या क्या की मेने दूध नही पिया.
इधर मैने देखा पापा खड़े हो गये और लाइट ओं कर दी.
पापा :- आज तो मेरी जान को उजाले में छोड़ेंगे अंधेर से ज़्यादा उज्ळे में ज़्यादा मज़ा आता.
मौसी ( पापा की गालों की पापी लेते हुए) :- अक्चा जीजा जी.
पापा :- मुझे जीजा जी नही बोलो अब तुम मेरी पत्नी हो मुझे जान बोलो.
मौसी :- अक्चा जी जो हुकुम आपको.. और मौसी हास दी.
पापा ने मौसी के सूट को उतार दिया. पहले मौसी के दूध को सूट के अंदर से ही बाबर किया हुआ था. अब मौसी पूरी नंगी थी मौसी ने बीटीये नही पह्न रखी थी मौसी का दूध उनके नंगे बदन पर झूल रहा था.
पापा ने अपना लंड आयेज करके मौसी के हाथों में रख दिया और मौसी को बैठने को कहा. मौसी बैठ गयी.
पापा :- ज़रा एस्को अपने मूह की सेर तो कारवओ.
मौसी :- च्िी नही जीजा जी मूह में नही..
पापा :- अरे मज़ा आएगा छत के देखो.
मौसी :- नही मुझे अक्चा नही लगता.
पापा :- अरे मेरी रानी एक बार लेके तो देखो.
मौसी :- नही तो नहीं मैने कभी नही लिया ये मूह में.
लेकिन पापा ने ज़बरदस्ती मौसी का मूह खोला और अपना लंड उनके मूह में देके अंदर बाहर करने लगे. मेरे पापा ने इतनी ज़ोर से मौसी का मुज पकड़ा था की मौसी दर्द के मारे रोने लगी.
पापा :- मेरी जान रो क्यू रही हो??
मौसी :- आप बहुत गंदे हो.
पापा :- गंदा क्या में तो प्यार कर रहा.
मौसी :- एशे कों ज़बरदस्ती दिखा के प्यार होता.
फिर पापा ने अपने लंड को मौसी केूज से निकाला और उनके चेहरे पर किस करके करके उन्हे मनार लगे. थोड़ी देर बाद मौसी भी नॉर्मल हो गयी और पापा का साथ देने लगी.
पापा ने फिर मौसी को चारपाई पर चिट लेटया और उनके छूट की फांको पर अपना मूह टीका लिया.
मौसी :- च्ीी जीजाजी आप क्या कर रहे हो.
पापा :- तुम्हारे छूट के अमृत को चल्ह रहा.
मौसी :- हटो आओ यहा से वो ( मेरे मौसा जी) भी कभी नही किए एसा.
पापा :- बंदर क्या जाने आद्रक का सवद.
और हासकर मौसी की छूट को लापाद लापाद चाटने लगे.
मौसी एक दूं मेधॉश हो चुकी थी वो पापा के बलों में हाथ फिरा रही थी
5 मिनिट्स की चटाई में मौसी की छूट ने पानी छोड़ दिया और पापा उशे पी गये. फिर पापा मौसी के उपर आए और धुआधार किस करने लगे और फिर उनके दूध को अपने मूह में ले लिया
मौसी :- और कितना तड़पावगे अब अंदर डाल भी दो..
पापा :- रूको मेरी जान अभी तो अकचे से मज़े तो लेने दो.
लगभग 10 मिन्स तक पापा ने मौसी के सरीर पर जगह जगह अपने दाँत के निसन छोड़ दिया मौसी को दर्द हो रहा था लेकिन पापा को फराक नही पद रहा था.
फिर पापा मौसी के उपर से हटे और मौसी के अपनी बाहों में उठा के उनकी छूट में लंड डाल दिया थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी को डॉगी स्टाइल में छोड़ा.
लगभग 20 मिनिट्स तक पापा मौसी को अलग अलग पोज़िशन में छोड़ते रहे और फिर झाड़ गये और अलग हो गये.
मौसी :- आज अपने मुझसे खुश कर दिया.
पापा :- अक्चा जान.
मौसी :- हन इतना मज़ा तो वो भी नही दिए कभी जितना आप डियो.
पापा :- अब तो रोज ही दूँगा मज़े जब तक यहा हो.
फिर दोनो किस करने लगे थोड़ी पाप का फिर खड़ा हो गया और पापा ने एक रौंद और मौसी की जबरदस्त चुदाई की.
फिर दोनो उठके बातरूम गये और कपड़े पह्न कर अपनी अपनी जगह सो गये.