ससुर जी की करतूत पढ़िए मेरे साथ और मेरे पति के साथ क्या करते हैं


ससुर जी ने ही मेरी सील तोड़ी और अब मुझे रोजाना चोदते हैं और पति को यानी को ससुर जी अपने बेटे को गांड मारते है। ये मेरी सच्ची कहानी है जरूर पढ़िए और जानिए ऐसा क्यों हुआ और क्यों करते हैं।


दोस्तों मेरा नाम पायल है और मेरे पति का नवीन है। मैं 22 साल की हूँ और मेरा पति 24 साल का है। मेरी सास नहीं ही और मेरा पति एकलौता है। आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी बात है जो आज मैं आपको antarvasna.live डॉट कॉम पर सुनाने जा रहीं हूँ। ये मेरी सच्ची कहानी है जो आपसे शेयर करना चाहती हूँ। मुझे नहीं पता आपको बता कर सही कर रही हूँ या नहीं पर मैं इतना जानती हूँ जो कर रही हूँ उससे मेरा दिल हल्का हो जाएगा।


मैं सीधे कहानी पर ही आती हूँ आखिर ससुर जी मुझे चोदते क्यों हैं और मेरे पति को गांड क्यों करते हैं। शादी मेरी 2019 में हुई थी। ससुराल आ गयी ना सास ना ननद ना देवर। बाप बेटे अकेले रहते थे। सास का देहांत पहले ही हो गया है। घर का पूरा काम मेरे ऊपर ही आ गया और मैं घर सँभालने लगी। जब शादी कर के आई मेरा पति मेरे से हमेशा दूर ही रहा करता था। मैं ये बात किसी को बता भी नहीं सकती। पड़ोस में कह नहीं सकती और घर में कोई औरत है नहीं जिससे अपनी बात शेयर कर सकूँ।


मैं मन मार कर रहने लगी। यानी की मैं ३ महीने तक अपने पति से चुदी तक नहीं वैसे ही कुंवारी की कुंवारी। मैं इससे पहले कभी सेक्स भी नहीं की थी तो मेरी चूत की सील भी नहीं टूटी थी। वो आते और सो जाते मैं उनके पास जाती पर वो इंटरेस्ट नहीं लेते। मैं अपने मोबाइल पर सेक्स कहानियां जो रोजाना antarvasna.live डॉट कॉम पर आती है पढ़ लेती थी और चूचियां दबा कर सो जाती। कभी कभी चुत में ऊँगली भी कर लेती पर इससे मन भरता नहीं थाह। वासना थोड़ी कम जरूर हो जाती थी।

एक दिन की बात है मुझे रात में पेशाव लग गया। तो मैं बाथरूम के लिए उठी घडी देखि तो रात के १ बजे थे। पति बेड पर नहीं थे तो मुझे लगा वो भी बाथरूम गए होने। बाथरूम के तरफ जा रही थी तो ससुर जी के कमरे से आवाज आ रही थी। आह आह आह आह की। मैं डर गयी लगा की ससुर जी की तबियत ख़राब हो गयी है इसलिए भाग कर उनके कमरे में गयी।


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अंदर जाते ही दंग रही गयी। मेरा पति पेट के बल लेटा था नंगा और ससुर जी नंगे थे और अपना मोटा लंड मेरे पति के गांड में घुसा रखे थे। बगल के टेबल पर सरसों का तेल रखे थे। मैं समझ गयी वो सरसों का तेल लंड में लगा कर मेरे पति को गांड मार रहे थे। वो पुरे जोश में थे इसलिए आह आह की आवाज आ रही थी। जोर जोर से वो धक्के दे रहे थे। और मेरा पति भी इसको एन्जॉय कर रहा था।


मैं बोली ये क्या हो रहा है। तभी ससुर जी अपना लंड निकाल लिए गांड से और फिर पजामा पहन लिया। पति देव उठे और पेंट पहन कर बैठ गए। मैं पूछती रही और वो दोनों ही चुपचाप बैठे रहे कुछ नहीं बोले मैं रोने लगी। और फिर आकर अपने कमरे में सो गयी।

सुबह हुई देर से उठी। पति बोले देखो पायल मैं तुम्हे सेक्स नहीं कर सकता। मुझे औरतों में कोई इंटेरेस नहीं है। तुम चाहो तो अपने लिए दूसरा पति ढूंढ लो। मैं तुम्हे चुदाई में खुश नहीं कर सकता। मैं कुछ नहीं बोली। कहती भी क्या मायका भी सही नहीं है। सौतेली माँ ने शादी करवाई तो वह जा नहीं सकती। शादी के पहले ही मैं बहुत दुःख झेली हूँ। इसलिए वापस भी नहीं जा सकती ना किसी को कुछ कह सकती।


मैं कुछ नहीं बोली बस इतना ही बोली की मेरी किस्मत ही ख़राब है आपका कोई दोष नहीं है। और फिर वो चले गए। दिन के करीब बारह बजे ससुर जी आये खेत से। उन्होंने मुझसे कहा देखो पायल मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूँ। मैं जो रात को कर रहा था। वो अपनी मर्जी से नहीं कर रहा था। तुम्हारे पति को बीमारी है। अगर वो गांड नहीं मरवाएगा तो वो पागल की तरह करेगा और अगर मैं उसकी गांड नहीं चोदता तो वो घर से बाहर जाकर नशेड़ी से अपना गांड मरवाएगा। और मैं नहीं चाहता उसके साथ ऐसा हो।


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मुझे ससुर जी देखकर तरस आ गया क्यों की उनके आँख में आंसू थे मैं समझ गयी ये बात ही कुछ और है। ये तो अपने बेटे को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। मैं भी रोने लगी और उनके सीने से लग गयी। वो अपना हाथ मेरे पीठ पर फेरने लगे। धीरे धीरे उनकी हाथ वासना की तरफ बढ़ गयी। शुरुआत प्यार और दुलार के लिए उठा था उनका हाथ और फिर वासना में बदल गया।


मुझे भी अच्छा लगने लगा और धीरे धीरे मैं उनमे चिपक गयी और वो भी मुझमे चिपक गए। वो अपना होठ मेरे होठ पर रख दिया और मैं उनके होठ को चूसने लगी। वो मेरे गाल को किस करने लगे मैं उनके होठ को गाल को गर्दन को किस करने लगी। उन्होंने मेरी चूचियां दबा दी। मजा आ गया क्यों की पहली बार किसी मर्द का हाथ मेरी चूचियों पर पड़ा था वो भी वासनात्मक रूप से।

फिर क्या था दोस्तों एक एक कर के कपडे उत्तर गए वो भी नंगे मैं भी नंगी। घर में हम दोनों ही थे पति बगल के शहर में गए थे तो वो रात तक ही आते। मुझे उन्होंने लिटा दिया पलंग पर। और दोनों पैरों को अलग अलग कर के वो मेरी चूत को चाटने लगे। जोर जोर से चाट रहे थे मैं बार बार गांड उठा रही थी और अंगड़ाईयाँ ले रही थी। ऐसा लग रहा था मैं उनको खा लूँ।

उसके बाद वो ऊपर आये और मेरी चूचियां पीने लगे। मेरे गर्दन पर किस करते हुए मेरे होठ को चूसने लगे। मैं पागल होने लगी। मेरी चूत में गर्मी दौड़ रही थी। मैं पागल हो रही थी। मैं ससुर जी का लंड पकड़ ली और चूसने लगी। पुरे मुँह में ले लेती थी उनका लैंड और फिर चाटने लगती। कभी कभी नमकीन भी लगता जब उनका थोड़ा सा वीर्य निकल जाता। मैं पागल होने लगी पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी।

मैं अब चुदना चाहती थी अपनी सील तुड़वाना चाहती थी। मैं अपना टांग फैला दी और दोनों हाथो से अपनी चूत को फाड़ दी। ससुर जी बोले तेरी चुत तो अभी कुंवारी है। सील भी नहीं टूटी है। और ये कहते कहते अपना लौड़ा पर थोड़ा सा थूक लगाया और मेरी चुत पर सेट किया और जोर से डाल दिया। बहुत तेज का दर्द हुआ और और फिर खून भी निकलने लगा। मेरी सील टूट गयी थी।

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अब फिर से उन्होंने लौड़े को बहार निकाला और फिर से सेट कर जोर से घुसा दिया। अब मुझे दर्द कम होने लगा धीरे धीरे वो चोदना शुरू किया और फिर तेज हो गए। मेरी वासना भड़क उठी थी मैं खुद ही गांड उठा उठा कर उनके लंड को अंदर ले रही थी। अपनी चूचियां उनको भी पिलाती और खुद भी अपने जीभ से निप्पल को छूती बहुत ही हॉट और सेक्सी माहौल हो गया था।

उन्होंने दोनों टांगो को अपने कंधे पर रख लिया और जोर जोर से चोदने लगे। फिर उन्होंने घोड़ी बना दिया और अब वो मेरे गांड के तरफ से चोदने लगे। फिर वो निचे हो गया और मैं ऊपर हो गयी उनका पूरा लंड अपनी चूत में डाल ली और गोल गोल घूमने लगी अपनी गांड को। ओह्ह्ह्हह्ह पूरा का पूरा लंड चुत में और फिर घुमाना मजा आ गया था। रोम रोम खड़े हो गए थे।

करीब एक घंटे तक उन्होंने मुझे चोदा और अंत में झड गए। सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिए। उन्होंने बोला बस एक पोता दे दे भले ही मेरा बेटा क्यों ना हो। तो मैं भी कह दी जरूर दूंगी। और फिर उस दिन के बाद से सब कुछ खुल गया और अब वो मुझे चोदते हैं और मेरे पति को गांड मारते हैं। ये सब बात अब मेरे पति को भी पता है उन्होंने कुछ नहीं बोला मुझे। अब मैं खुश हूँ अपने ससुराल के। मैं दूसरी कहानी जल्द ही antarvasna.live डॉट कॉम पर लेके आउंगी।

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