Virgin Daughter in law sex story कुछ बातें बताने लायक होती है। कुछ कहानी सुनाने लायक होती है। कुछ यादें बांटने लायक होती है। इसलिए मैं भी अपनी कहानी आपको यहाँ पर antarvasna.live डॉट कॉम के साथियों के साथ शेयर कर रहा हूँ। सबसे पहले तो आप सभी का धन्यवाद कहना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे मेरी कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया क्यों की मैं आप सब की कहानियां इस वेबसाइट पर पढता हूँ इसलिए मुझे भी हौसला मिला की आज अपनी कहानी आप सभी दोस्तों को भी सुनाऊँ।
ये सेक्स कहानी मेरे और मेरी छोटी साली के बिच की है। आज मैं आपको बताऊंगा की कैसे मैंने अपनी छोटी साली की छोटी सी चूत की छेद में अपना लंड घुसाया था और और कैसे दर्द से कराहती हुई साली के जिस्म के साथ खेलते हुए मैं चुदाई की थी। एक रात मुझे मिला था अपनी छोटी साली को चुदाई करने का अकेली लड़की जब मिल जाये और उसको भी चुदने का मन कर तो आप को भी पता है फिर क्या होगा। अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ बिना देर किये।
मेरा नाम जयनंदन है मैं 32 साल का हूँ। मेरी शादी पिछले साल ही हुई है। मैं अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रहता हूँ। मेरे ससुराल में एक छोटी साली है उसकी उम्र बहुत ही कम है। अभी अभी चूचियां आई है और जिस्म पर भराव आने शुरू हुए है। मुझे बहोत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी लगती है। मैं अपनी साली से हमेशा ही फ़ोन पर सेक्सी बातें करता था। यानी की मेरी नज़र पहले से ही मेरी कमसिन साली पर था। और भगवान् ने वो दिन भी ला दिया जब मैं अपनी साली को चोद पाया।
असल कहानी यहाँ से शुरू होती है। एक दिन की बात है मेरी सास का फ़ोन आया की दामाद जी मैंने एक मन्नत मांगी थी की बेटी की शादी होते ही एक साल के अंदर ही मुझे कोलकाता के एक मंदिर में पूजा करने हैं। मेरा ससुराल आसनसोल पड़ता है। तो मैं मना नहीं कर पाया और फिर मैं अपनी बीवी को लेकर दिल्ली से आसनसोल पहुंच गया। दो दिन के अंदर ही प्लान भी बन गया कोलकाता जाने का। पर एक बात सासु माँ बोली की मन्नत में मैंने सिर्फ अपनी बेटी को और मुझे वह जाने के लिए मांगी थी। इसलिए आप घर पर रहिये आज जायेंगे और कल दोपहर तक आ जायेंगे।
घर में सिर्फ छोटी साली सोनी थी। मैंने सासु मा बोली आप और सोनी दोनों रह जाइये घर में बाहर से खाना मांगा लेना है या सामने ही होटल है वह खा लेना है। तभी सोनी बोल पड़ी नहीं नहीं हमदोनो बाहर खाना खा लेंगे। मैंने भी हां कह दियाा ऐसा सुनहरा मौका मैं अपनी हाथ से खोना नहीं चाहता था। साली अकेली घर में कोई नहीं मैं यही तो चाहता था। मेरी बीवी और सास दोनों कोलकाता के लिए निकल पड़े शाम को पांच बजे। उसके बाद मैं स्टेशन से ही साली को लेकर इधर उधर घूमते हुए रात को बाहर खाना खाने के बाद 9 बजे वापस घर पहुंचे।
घर पहुंच कर हाथ मुँह धोकर कपडे चेंज किये मेरी साली भी नाइट सूट में आ गई। उसका नाईट सूट बहुत ही सेक्सी था कंधे पर एक पतीली डोर और कपडे सिर्फ चूचियां ढकने को। चूचियां भी उतनी बड़ी नहीं थी नींबू की तरह। पेंट भी बहोत छोटा जिससे उनकी चूतड़ ही ढक रहा था। बाल पोनी बाँध ली तो और भी सेक्सी और हॉट लगने लगी थी। मैं देखते ही रह गया तभी वो बोली। ओह्ह्ह्हह हेलो ऐसे क्या देख रहे हो इसके पहले कभी लड़की नहीं देखि क्या?
मैंने कहा लड़की तो देखी पर इतनी हॉट और सेक्सी नहीं देखि। इतना कहते ही वो बोली कोई जरुरत नहीं है मक्खन लगाने की मैं आज पटने वाली नहीं हूँ। मैंने कहा अगर पट गई तो तो वो बोली फिर आप जो कहोगे वो करुँगी और फिर वो भाग कर दूसरे कमरे में जाने लगी मैं पीछे दौड़ा। वो मेरे से बचने लगी। मैं पीछे वो आगे फिर क्या था मैंने अपनी साली को पीछे से पकड़ लिया और आगे हाथ करके चूचियां दबाने लगा।
वो कहने लगी दर्द हो रहा है धीरे करो धीरे मैं समझ गया उसका भी मन है तभी कह रही है धीरे करो फिर क्या था मैंने अपनी साली की दोनों चूचियों को हौले हौले मसलने लगा वो शांत हो गयी और मेरे तरफ घूम गयी। उन्होंने खुद ही मेरे होठ पर चूमा लिया और फिर मैं उसके पिंक होठ को चूसने लगा। बस वो एक ही बात कहती थी धीरे करो धीरे करो।
मेरी साली की वासना भड़क गयी थी उसकी आँखे लाल हो गयी थी और मेरे शरीर के साथ खेलने लगी ऊपर से टटोलते हुए उसने मेरे लंड को पकड़ लिया जैसे ही हाथ में ली बोली बहुत मोटा है। मैंने कहा लेना है इससे सोनी बोली दर्द होगा। मैंने कहा धीरे धीरे करूंगा। उन्होंने कहा दर्द नहीं होगा तो ठीक है। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं तुरंत ही अपनी साली को गोद में उठाया और बैडरूम में ले जाकर उनकी होठ को चूसने लगा।
धीरे धीरे मैं उनके कपडे उतार दिए नंगी होने पर वो गजब दिख रही थी छोटी छोटी चूचियां चूत में अभी ब्राउन बाल वो भी बहुत छोटे छोटे गोरा बदन पिंक होठ गाल गुलाबी हो गया था आँखे सफ़ेद कजरारी ओह्ह्ह्हह्ह देखकर तो मैं पागल हो गया और फिर टूट पड़ा। मैंने तुरंत ही उनकी चूत पर हाथ फेरा और फिर जीभ लगाकर चाटने लगा। उनकी चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था जिसको मैं चाट रहा था वो सिसकारियां ले रही थी।
छोटी छोटी निप्प्प्ल को जब मैं अपनी दो उंगलीयों से दबाता तो वो चीख जाती थी। मैंने करीब दस मिनट तक चूमता रहा वो भी चूमते रही चूत चाटता रहा फिर मैंने अपना मोटा लंड अपनी साली के मुझे में देने लगा। वो डर रही थी अपनी मुँह में लेने के लिए। एक बार ली भी पर उलटी आने लगा तो मैंने भी मना कर दिया। फिर शुरुआत हो गयी चुदाई का खेला।
मैंने अपनी साली के गांड के निचे तकिया लगाया और चूत के छेद पर अपना मोटा लंड लगाया और घुसाने लगा पर चूत की छेड़ इतनी छोटी थी की मेरा लंड अंदर जा ही नहीं रहा था मैंने चूत चीर कर फाड़ कर देखा तो अंदर का छेद बंद था एक मटर के दाने के बराबर छोटा छेद दिख रहा था। मैंने अपने लंड में नारियल का तेल लगाया और फिर अपनी साली के पुरे जिस्म को सहलाया चूमा और गरम की फिर घुसाने की कोशिश की।
दर्द से कराहते ही मैं अपने लंड को बाहर निकाल लेता था पर दिल मेरा नहीं मान रहा है मैंने फिर से लंड को छेद पर रखा और जोर से धक्के दिए वो दर्द से रोने लगी पर मैं इस बार अपने लंड को बार नहीं निकाला और मैं सहलाते हुए चूमते हुए फिर धक्के दिया वो कहने लगी निकालो पर मैं फिर से धक्का दिया और फिर मेरा पूरा लंड सोनी की चूत में घुस गया। दर्द से छटपटा रही थी पर मैं चूचियों को दबाते हुए हौले हौले अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।
करीब पांच मिनट बाद ही वो नार्मल हो गयी दर्द अब गया हो गया और और मैं जानवर बन गया चूचियों को मसलते हुए जोर जोर से अपने मोटे लंड को पेलने लगा। वो भी अब गांड घुमा घुमा कर चुदवाने लगी वो भी मजे लेने लगी मैं भी फुल मजे में था। कमरे में फच फच की आवाज और मेरी साली आआआआ अअअअअअअ ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अअअअअअअ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआ की आवाज निकाल रही थी और मैं जोर जोर से पेल रहा था।
करीब एक घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया और फिर अपनी साली को अपनी बाहों में भरकर चूचियां सहलाते हुए बातचीत करने लगा। पूरी रात ऐसा ही चल रहा था जब जब मेरा लंड खड़ा होता तुरंत ही अपनी साली की चूत में गाड़ देता। वो दर्द से कराहती फिर चुदवाती। मैं पूरी ज़िंदगी नहीं भूलूंगा उसे हसीं रात को। मैं जल्द ही आपको अपनी दूसरी कहानी antarvasna.live पर लिखने वाला हूँ तब तक के लिए धन्यवाद।