जब मैंने अपने ससुर को एक दिन गुस्से में बोली जब वो मुझे शराब के नशे में और वियाग्रा टेबलेट खा कर जोर जो से अपना मोटा लंड पेल रहे थे तो मेरे मुँह से यही निकला की आपने मेरी चूत फाड़ दी जब से रवि की मौत हुई है पापा जी। आज मैं आपको पूरी कहानी antarvasna.live के माध्यम से आपको सुनाऊँगी ताकि आपको भी पता चले की आजकल के ससुर कैसे हो गए है। वो अपनी हवस पूरा करने के लिए भावनाओं से खेलते हैं। मैं भी इसी भावना की शिकार हो गई और आज मेरी जो हालत है आप सभी के सामने पेश कर रही हूँ।
मेरा नाम संध्या है मैं अभी 23 साल एक खूबसूरत बिना बच्चे वाली विधवा हूँ। मेरी शादी को तीनं साल ही हुए की पति की मौत हो गई मेरे पति फ़ौज में थे। व्याह कर जब घर आई तो मुझे बहुत प्यार मिला था घर में कोई नहीं बस सास ससुर मेरे पति और मैं। खुशहाल ज़िंदगी चल रही थी। अचानक रवि की मौत हम पुरे परिवार को तोड़ कर रख दिया मेरी सास इसको बर्दास्त नहीं कर पाई और वो भी तीन महीने के अंदर ही चल बसी। घर में मैं और मेरे ससुर जी। मेरा मायका भी नहीं रहा क्यों की मेरे मम्मी पापा दोनों कोरोना समय में ही नहीं रहे। भाई है तो वो नशे में रहता है।
यानी कुल मिला कर मेरी ज़िंदगी नर्क से कम नहीं है। मैंने खुद को संभाला और ससुराल में ही रहना सही समझी पर जब किसी औरत का पति नहीं हो तो औरत एक रंडी की तरह हो जाती है। सभी लोगों की निगाहें विधवा को पाने की होती है। जो एकटक लगाकर घूरते हैं कभी आगे से कभी पीछे से ऐसा लगता है की राह चलते ब्रा फाड़ कर चूचियां मुँह में ले लेंगे या पीछे से साडी उठा कर पेंटी सरका कर अपना लंड गांड में घुसा देंगे।
दोस्तों अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ आखिर मैं कैसे अपने ससुर के चंगुल में फंसी और आज किस हालात में हूँ। एक दिन की बात है। मैं रात को अकेली बैठी थी कुर्सी लगा कर तभी मेरे ससुर जी आये और मेरे लिए एक सोने का चेन लाये। उन्होंने मुझे निचे से आवाज लगाया और मैं भागकर निचे गई तो देखि उनके हाथ के करीब चार तोले का चमचमाता हुआ सोने का चेन थे। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा ये तुम्हारा है। मैं खुश हो गई मैं आगे बढ़ी लेने के लिए तो उन्होंने अपना मुठ्ठी बंद कर दिया। मैं पीछे हट गई। मैं समझ नहीं पा रही थी की आखिर वो क्या कहना चाह रहे थे। दे भी नहीं रहे थे और मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे।
मैंने कहा नहीं देना है तो मजाक मत करो। उन्होंने कहा मैं पहनाउंगा तुम्हे। मैंने कहा ठीक है। और आगे बढ़ गई अपना चोटी आगे की तरफ कर दी गर्दन झुका दी उन्होंने चेन मुझे पहनाने लगे उसी समय मैंने महसूस किया की उनकी साँसे तेज तेज चलने लगी थी। मैं कुछ समझ पाती की वो झट से चेन का कुंडा लगाकर मुझे अपने तरफ खींच लिया। मेरी चूचियां उनके सीने से जा चिपकी उन्होंने मेरे पीठ को सहलाते हुए मेरी चूतड़ को दोनों हाथों से जकड कर पकड़ लिया। मैं कुछ नहीं बोल पाई और उन्होंने अपना होठ मेरे होठ पर रख दिया।
मैंने कहा ये सही नहीं है। उन्होंने कहा हम दोनों को इसकी जरुरत है। इसलिए जो तुम्हे चाहिए वो तुम्हे मिलेगा और जो मुझे चाहिए वो तुम पूरा करो। चार दीवारी के अंदर और कोई नहीं रहता है। ना मेरी पत्नी ना तुम्हारा पति। मैं शादी कर के दूसरी औरत ला सकता हूँ और तुम भी शादी कर के कही और जा सकती हूँ। मुझे भी तुम्हारे जैसी औरत मिल जाएगी और तुझे से को जवान अब नहीं मिलेगा क्यों की तुम विधवा हो अगर शादी भी करना चाहोगी तो मेरे उम्र का ही कोई इंसान मिलेगा इसलिए हम दोनों ही बिना शादी के रहते है पति पत्नी बनकर।
नामर्द पति को छोड़कर ससुर के साथ रहती हूं(Opens in a new browser tab)
इतना धन दौलत है अभी बेटा मरा है सरकार के तरफ से एक करोड़ रुपया मिला है सब का मालिक हम दोनों ही हैं। इतना जमीं है इतना सोना चांदी पुरखों की है सबपर हक अब हमदोनो का ही है। अगर तुम यहाँ से चली जाती हो तो तुम्हारे हाथ में कुछ नहीं रहेगा ऐसे भी तुम्हारा मायका नहीं है। और अगर मैंने शादी कर लिया तो पता नहीं कैसी औरत आएगी इस बात का डर है इसलिए तुम मुझे मत रोको। मुझे उनकी बात अच्छी लगी शायद आपको भी अच्छी लग रही होगी। ये मेरी पहली कहानी है antarvasna.live डॉट कॉम पर। मैं कुछ नहीं बोली और उनको चूमने दी धीरे धीरे वो मेरी ब्लाउज का हुक खोलने लगे मैं कुछ नहीं बोल पाए और उन्होंने तब तक ब्रा का हुक तक खोल दिए।
ससुर ने मनाई मेरे साथ सेक्सी सुहागरात(Opens in a new browser tab)
मेरी बड़ी बड़ी टाइट चूचियां पकड़कर वो मसलने लगे निप्पल को अपनी दोनों उँगलियों से जैसे ही दबाया मैं मचल उठी रहा नहीं गया और मैंने कह दिया हौले हौले से दबाएं। और उन्होंने निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे कभी कभी दांत गड़ा देते तो मैं चीख उठती। उन्होंने मुझे बैडरूम में आने को कहा हम दोनों बैडरूम में आ गए मेरे ससुर अपना पूरा कपडा दो मिनट के अंदर ही उतार कर वही जमीं पर छोड़ दिए।
ससुर ने मेरी चूत को चाट चाट कर बेरहमी से चोद डाला(Opens in a new browser tab)
मैं बेड पर बैठी थी की उन्होंने मुझे धक्के देकर लिटा दिया फिर दोनों टांगो को पकड़पर अपने तरफ खींच कर पेटीकोट और साडी को ऊपर कर दिया। पेंटी पकड़कर खींच लिया और टांगो से बाहर कर दिया। पर मैं खुद पेटिकोटि का नाडा खोल कर साड़ी को भी खींच कर लग कर दी और साइड में रख दी। मेरे ससुर जी का लंड करीब 8 इंच का फन फना रहा था ऐसा ला रहा था मुझे सलामी दे रहा हो। मैं खुद मचल गई थी इतना मोटा और टाइट लंड देखकर।
उन्होंने मेरी चूत पर हाथ फेरकर दोनों टांगो को अलग अलग किया और अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर रखा। चूत पहले से ही गीली थी लंड अंदर चला गया एक ही झटके में। फिर तो वो रगड़ रगड़ कर जोर जोर से धक्के देने लगे। मेरे मुँह से हाय ओह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआआआ की आवाज निकलने लगी। मैं गांड गोल गोल घुमा घुमा कर मोटे लंड को अंदर लेने लगी। ससुर जी जोर जोर से धक्के दे रहे थे पलंग भी चू चु की आवाज कर थी थी मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को मसलते हुए मेरे होठ को चूमते हुए जोर जोर से लंड अंदर बाहर कर रहे थे।
करीब एक घंटे तक उन्होंने मुझे जमकर चोदा। फिर वो डिस्चार्ज हो गए मुझे भी बहुत अच्छा लगा पहली बार अपने ससुर से चुद कर। फिर क्या था दोस्तों मैं रोजाना अब ससुर के साथ ही सोती हूँ। पत्नी की तरह रहती हूँ। मुझे पति का प्या ससुर से मिल रहा है। बाहर वाले को लगता है पति के मरने के बाद ससुर किसी चीज की कमीं नहीं रहने देता अपनी बेटी की तरह रखता है। पर सिर्फ मुझे पता है मुझे बेटी की तरह नहीं बल्कि अपनी पत्नी की तरह रखता है और मेरी चुदाई करता है।
मेरे ससुर ने मेरी चुदाई की और मेरे चूत को चोदकर फैला दिया(Opens in a new browser tab)
अब मेरी गांड भी चौड़ी हो गई है रोजाना चुदाई से और मेरी चुत भी फ़ैल चुकी है चूचियों का क्या कहना गोल गोल और भी ज्यादा हॉट और सेक्सी हो गया है। पर मेरे चेहरे पर ग्लो पहले से ज्यादा आ गया है। मैं तो मजाक मजाक में कहती हूँ अपने ससुर से की अपनी रवि के मौत के बाद मेर चुत फाड़ दिया। और हम दोनों हँसने लगते हैं। अपनी दूसरी कहानी जल्द ही इस वेबसाइट पर लेकर आउंगी तब तक सभी दोस्तों को प्यार भरा नमस्कार धन्यवाद।