Chacha Bhatiji Sex Putr ke Liye Chudai : हाय दोस्तों, मेरा नाम रिया है। उम्र 25 साल, गोरा रंग, मोटी चूचियाँ जो मेरी साड़ी में ठूंसी रहती थीं, और एक गोल, मटकती गांड जो हर किसी को मेरी चूत की ओर खींचती थी। मेरी जांघें चिकनी थीं, और गुलाबी होंठ चूसने की चाहत जगाते थे। मैं दिल्ली में अपने पति, राहुल, के साथ रहती थी। राहुल 30 साल का था—लंबा, स्मार्ट, और उसका लंड मेरी चूत को हर रात खुश करता था। लेकिन शादी के चार साल बाद भी मेरी गोद सूनी थी। डॉक्टर ने कहा, “राहुल का शुक्राणु कमजोर है।” मेरे मन में माँ बनने की चाहत थी, और ये चाहत मुझे मेरे चाचा, रमेश, की ओर ले गई। चाचा 45 साल के थे—मजबूत, काले, और उनके लंड की ताकत गाँव में मशहूर थी। एक रात चाचा ने मेरी चूत और गांड को चोदकर मुझे पुत्र का सुख देने का वादा किया। ये मेरी कामुक और भावनात्मक कहानी है।
शुरूआत: सूनी गोद और टूटते सपने
दिल्ली में हमारा घर छोटा सा था, लेकिन प्यार से भरा हुआ। राहुल हर रात मेरे साथ बिस्तर पर समय बिताता। वो मेरी चूचियाँ चूसता, मेरी चूत में लंड डालता, और मेरी गांड को प्यार करता। मैं हर बार उसके लंड से खुश होती, पर मेरे मन में एक खालीपन था। चार साल बीत गए, और मेरी गोद में कोई बच्चा नहीं था। एक शाम मैं राहुल के साथ बैठी थी। बाहर हल्की बारिश हो रही थी, और कमरे में ठंडी हवा आ रही थी। मैंने उसकी छाती पर हाथ रखा और बोली, “राहुल, मुझे माँ बनना है। मेरी चूत में बच्चा चाहिए।” वो उदास हो गया, “प्रिया, मेरे लंड में वो ताकत नहीं। डॉक्टर ने कहा कि मेरा रस कमजोर है।”
मेरी आँखों में आँसू आ गए। मैंने सोचा, “क्या मेरी चूत कभी माँ बनने का सुख नहीं लेगी?” राहुल मेरे करीब आया और बोला, “प्रिया, मैं कुछ सोच रहा हूँ। मेरे चाचा, रमेश, गाँव में हैं। उनका लंड बहुत ताकतवर है। वो कई औरतों को माँ बना चुके हैं।” मैं सिहर उठी, “राहुल, ये क्या कह रहे हो? चाचा जी मेरी चूत को चोदें?” वो मेरे गुलाबी होंठों पर किस करते हुए बोला, “प्रिया, चाचा तेरी चूत में लंड डालकर तुझे पुत्र का सुख दे सकते हैं। मैं चाहता हूँ कि तू खुश रहे।” मेरे जिस्म में एक अजीब सी गर्मी दौड़ गई। मैं बोली, “राहुल, ये ठीक है?” वो हँसा, “प्रिया, तेरी चूत के लिए सब ठीक है।”
अगले दिन राहुल ने चाचा जी को फोन किया। चाचा दो दिन बाद दिल्ली आ गए। वो हमारे घर में घुसे—काले, मजबूत, और उनकी आँखें मेरी चूचियों पर टिक गईं। चाचा बोले, “प्रिया, तू बहुत मस्त लग रही है। राहुल ने सब बताया।” मैं शरमाई, “चाचा जी, आप ठीक हैं?” वो मेरे पास बैठ गए और बोले, “हाँ, बहू। राहुल ने कहा कि तुझे पुत्र का सुख चाहिए। मेरे लंड में वो ताकत है।” मेरे जिस्म में एक ठंडी लहर दौड़ गई। मैं बोली, “चाचा जी, क्या आप मुझे पुत्र का सुख दे सकते हैं?” वो मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोले, “प्रिया, मेरे लंड से तेरी चूत को भर दूँगा।” मेरे मन में डर और हवस दोनों जाग गए।
पहली मुलाकात: चाचा का जादू
उस रात राहुल बोला, “प्रिया, मैं बाहर जा रहा हूँ। चाचा के साथ समय बिता।” मैं सिहर उठी, “राहुल, तू सच में चाहता है?” वो मेरी चूचियों पर किस करते हुए बोला, “प्रिया, चाचा तेरी चूत को चोद डालें। मुझे तेरी खुशी चाहिए।” वो चला गया। मैंने एक हल्की गुलाबी साड़ी पहनी, जिसमें मेरी मोटी चूचियाँ साफ दिख रही थीं। चाचा कमरे में आए। उनकी आँखें मेरे जिस्म को नाप रही थीं। वो बोले, “प्रिया, तू आज बहुत सेक्सी लग रही है।” मैं शरमाई, “चाचा जी, आप क्या कह रहे हैं…” वो मेरे पास आए और बोले, “प्रिया, तेरी चूत को पुत्र का सुख देने आया हूँ।”
मैं डर गई, “चाचा जी, ये गलत नहीं?” वो मेरी साड़ी का पल्लू खींचते हुए बोले, “प्रिया, राहुल ने इजाज़त दी है। तेरी चूत को चूसने का मन है।” मेरे जिस्म में गर्मी बढ़ गई। वो मेरी साड़ी उतारने लगे। मेरी मोटी चूचियाँ उसके सामने थीं—सेक्सी निप्पल सख्त और तैयार। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं।” मैं सिहर उठी, “चाचा जी… मेरी चूचियाँ चूस लो…” उसने मेरी चूची को मुँह में लिया। मेरे जिस्म में एक मीठा दर्द उठा, “चाचा जी… मेरे निप्पल को चूस डालो…” उसकी गर्म जीभ मेरे सेक्सी निप्पल पर घूम रही थी, और मेरी चूत में गर्मी फैल रही थी। मैं बोली, “चाचा जी, मेरी चूत को भी चूस लो…”
चूत की चुदाई: पहला अनुभव
उसने मेरी सलवार उतारी। मेरी चूत उसके सामने थी—चिकनी और गीली। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत कितनी सेक्सी है…” उसने मेरी चूत पर मुँह रखा। मेरे जिस्म में एक गहरा एहसास हुआ, “चाचा जी… मेरी चूत को चाट डालो…” उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों को सहला रही थी, और मैं तड़प रही थी। मैं बोली, “चाचा जी… मेरी चूत को पूरा चूस लो…” उसकी जीभ मेरी चूत में गहराई तक जा रही थी। मैं बोली, “चाचा जी, अब मेरी चूत में लंड डाल दो…” वो हँसा, “प्रिया, तेरी चूत को चोद डालूँगा।”
उसने अपनी धोती उतारी। उसका मोटा लंड मेरे सामने था—काला, सख्त, और तैयार। मैं डर गई, “चाचा जी… आपका लंड बहुत बड़ा है…” वो बोला, “प्रिया, इसे चूस…” मैंने उसका लंड मुँह में लिया। “चाचा जी… कितना सख्त है…” मैं चूस रही थी, और वो बोला, “प्रिया… मेरे लंड को चूस डाल…” उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था। मैं बोली, “चाचा जी, अब मेरी चूत में डाल दो…” उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया। मेरी चूत उसके सामने थी। वो बोला, “प्रिया, धीरे डालूँगा…” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से डाला। मेरे जिस्म में एक गहरा एहसास हुआ, “चाचा जी… मेरी चूत को पूरा भर डालो…” उसने धक्का मारा। “प्रिया… तेरी चूत कितनी टाइट है…” वो चोदने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। मैं तड़प रही थी, “चाचा जी… चोद डालो… मेरी चूत को मज़ा दो…”
गांड की चुदाई: हवस की गहराई
मैं बोली, “चाचा जी, मेरी गांड भी चोद दो…” वो सिहर उठा, “प्रिया, तेरी गांड में लंड डालूँ?” मैंने कहा, “हाँ, चाचा जी… मेरी गांड को चोद डालो…” उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी गांड उसके सामने थी। वो बोला, “प्रिया, तेरी गांड कितनी मस्त है…” उसने मेरी गांड पर किस किया और लंड रगड़ा। मैं सिहर उठी, “चाचा जी… धीरे डालो…” उसने मेरी गांड में लंड डाला। मेरे जिस्म में तेज़ दर्द हुआ, “चाचा जी… मेरी गांड में क्या डाल रहे हो…” वो चोदने लगा। “प्रिया… तेरी गांड कितनी टाइट है…” मैं तड़प रही थी, “चाचा जी… मेरी गांड को चोद डालो…” उसने मेरी चूचियाँ पकड़ लीं और मसलने लगा। मेरी गांड में गर्मी थी, और मज़ा भी आ रहा था। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत और गांड दोनों मज़ा दे रही हैं…”
महीनों का खेल: चुदाई की रातें
उस रात के बाद चाचा जी हर हफ्ते मेरी चूत चोदने लगे। राहुल को कुछ पता नहीं था। वो मुझे चोदता, और चाचा भी मेरी चूत और गांड का मज़ा लेते। एक रात चाचा जी बोले, “प्रिया, तेरी चूत को हर बार चोदने का मन करता है।” मैंने उनकी छाती पर किस किया और बोली, “चाचा जी, आप मेरी चूत को पूरा भरते हो।” उसने मेरी चूचियाँ चूसीं। मेरे जिस्म में गर्मी बढ़ गई, “चाचा जी… मेरे सेक्सी निप्पल को चूस डालो…” उसने मेरी चूत में लंड डाला। “प्रिया… तेरी चूत कितनी मस्त है…” मैं तड़प रही थी, “चाचा जी… मेरी चूत को भर डालो…” उसने मेरी गांड में लंड डाला। “प्रिया… तेरी गांड को चोद डालूँगा…” मैं सिहर रही थी, “चाचा जी… मेरी गांड को पूरा भर डालो…”
अंत: पुत्र का सुख और नया रिश्ता
कई महीनों तक चाचा जी मेरी चूत और गांड चोदते रहे। एक दिन मुझे पता चला कि मेरी चूत में नया जीवन पल रहा है। मैं सिहर उठी। मैंने चाचा जी को बताया। वो हँसे, “प्रिया, मैंने तुझे पुत्र का सुख दे दिया।” मैंने उनकी छाती पर किस किया और बोली, “चाचा जी, आपने मेरी चूत को माँ बनाया।” वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है।” मैं हँसी, “चाचा जी, आप मेरे पुत्र के सुख के लिए मेरे हीरो हैं।” राहुल को लगा कि ये उसका बच्चा है। आज मेरा बेटा मेरे साथ है, और चाचा जी मेरे लिए वो शख्स हैं जिन्होंने मेरी चूत को पुत्र का सुख दिया। मैं बोली, “चाचा जी, आप हमेशा मेरे लिए खास रहेंगे।” वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत और गांड मेरे लिए खास हैं।” दोस्तों, मेरी ये हॉट और भावनात्मक कहानी कैसी लगी?