Chote lund se pareshan aurat ne mujhse kahkar chut chudwayi, हेल्लो दोस्तों मैं हरमन आप सभी का antarvasna.live में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानीसभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मैं 21 साल का एक बहुत ही आर्कषक लड़का हूँ। मेरा कद 5’ 6” है। मेरा बदन बहुत ही कसरती है। मैं देखने में बहुत हैडसम और जवां मर्द लगता हूँ। मुझ पर कई लड़कियाँ मरती है और मुझसे चुदाना चाहती थी। मेरा रंग गोरा है और मैं दिखने में ऋतिक रोशन जैसा लगता हूँ। मेरे होठ बहुत गुलाबी और सेक्सी है। मुझे जवान खूबसूरत लड़कियों की चूची और चूत पीना बहुत पसंद है। मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है। रोज ही मैं किसी ना किसी लड़की के साथ चुदाई कर लेता हूँ। मेरा लंड 9” का है और 2” मोटा है। मैंने इस मोटे लंड से कई जवान लड़कियों की चूत की सील तोड़ी है और उनकी रसीली चूत को चोदा है। मेरा सेक्स करने का स्टैमिना बहुत जादा है। मैं एक साथ 3 3 लड़कियों की चूत मार सकता हूँ। मेरे बदन में काफी ताकत है।
मैं एक कम्पनी में काम करता था। सेल्स ऑफीसर की नौकरी मुझे मिली हुई थी। हमारी कम्पनी टाइल्स बनाती थी और हर महीने 5 लाख की सेल्स सभी सेल्स ओफिसर को करनी पढ़ती थी। कुछ दिनों बाद एक अधेड़ उम्र की औरत भी हमारी कम्पनी में नौकरी करने आ गयी। मेरी उससे दोस्ती हो गयी थी। उसका नाम नीलिमा था। कोई 35 साल की औरत थी। शुरू शुरू में एक महिना हम सभी सेल्स ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इसमें हम लोगो को तरह तरह से ट्रेनिंग मिल रही थी की किस तरह क्लाइंट से डील करना है और कैसे बड़े बड़े प्रोजेक्ट में हमारी कम्पनी के टाइल्स को बेचना है। धीरे धीरे नीलिमा मेरे बगल ही बैठने लगी। मैंने उससे उसक नाम पूछा। फिर उसने मेरे बारे में पूछा और हम लोगो की गहरी दोस्तों हो गयी। नीलिमा शादी शुदा थी और साड़ी पहनकर आती थी। वो काफी खूबसूरत औरत थी और मुझे तो वो पहली मुलाकात में पसंद आ गयी थी। दोस्तों कुछ दिनों बाद जब ट्रेनिंग पूरी हो गयी तो 2 2 ऑफिसर्स की टीम बना दी गयी और सभी को मार्केट में भेज दिया गया।
अब हम दोनों जादा समय सात ही बिताते थे। धीरे धीरे हम सेक्स और चुदाई की बाते करने लगे। नीलिमा मुझसे किसी तरह का संकोच नही करती थी। वो मुझे सब बताती थी। मैं अपनी बाइक पर उसे बिठा लेता था फिर हम तरह तरह की कम्पनी में जाकर अपने टाइल्स और प्रोडक्ट के बारे में बताते थे। दोस्तों हम दोनों की टीम एक सफल टीम साबित हो गयी। पहले महीने हम दोनों ने 10 लाख की सेल्स कर दी। उसके बाद तो नीलिमा जहाँ कहीं चली जाती कई लोग की उसकी खूबसूरती और बात करने की कला पर पट जाते और हमारी कम्पनी को बड़े ओर्डर दे देते। एक दिन मैं उसे सुबह की अपने कमरे पर ले आया। सीधे हम दोनों बेडरूम में चले गये। मैं अच्छी तरह से जानता था की आज वो मुझे चूत देगी। धीरे धीरे हम दोनों सेक्स और सम्भोग की बाते करने लगे। फिर नीलिमा होने लगी।
“हरमन!! मेरे पति का लंड मुश्किल से 3 इंच का है। वो मुझे कभी भी यौन सुख नही दे पाता है और उपर से तरह तरह से टोर्चेर करता है” नीलिमा ने कहा और रोने लगी
“क्या तुम तुमे मेरे हिस्से का यौन सुख दे सकते हो???” नीलिमा ने मुझसे कहा
उसके बाद मैंने कुछ नही कहा और उसे सीने से लगा लिया। हम दोनों बेड के सिरहाने से पीठ सटाकर बैठ गए। उसने साड़ी पहन रखी थी। माथे पर बिंदी पहन रखी थी। गले में मंगलसूत्र था और हाथ की कलाई में चूड़िया थी। कहने की जरूरत नही है की नीलिमा हमेशा की तरह बहुत सुंदर और हॉट औरत लग रही थी।
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“कम बेबी!! आई लव यू!!” मैंने उससे कहा और उसे गले लगा लिया।
काफी देर तक वो मेरे सीने से चिपकी रही। कुछ ही देर में हम दोनों चुदासे हो गये। नीलिमा मेरे उपर झुक गयी और किस करने लगी। मैं उसके रसीले होठ चूसने लगा। दोस्तों उसके होठ बिलकुल अंगूर जैसे रसीले थे। मैंने 10 मिनट तक उसके खूबसूरत और रसीले होठ को पीया और उसकी भीनी भीनी साँसों को अपनी आत्मा में बसा लिया। फिर हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह बेड पर लोटने लगे। आज मुझे नीलिमा जैसी गजब की औरत को चोदने का महासुख मिलने वाला था। ये मेरे लिए बड़ी और किस्मत वाली बात थी। मैं धीरे धीरे उसके पीछे पूरी तरह से पागल हो हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे से चिपक गये और मैं उसके गले, कान, नाक सब जगह मैं किस कर रहा था। फिर मैंने उसकी साड़ी के अंदर हाथ डाल दिया। उसके पेट के बीच से गुजरते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की तरह बढ़ रहा था। उफ्फ्फ नीलिमा किस टाँगे और जांघे तो बेहद खूबसूरत थी। सीधा मैंने उसकी चूत पर पहुच गया। नीलिमा ने पैंटी पहन रखी थी। मेरा हाथ उसकी लाल रंग की पेंटी पर चला गया। फिर मुझे उसकी रसीली चूत की दरारे महसूस होने लगी। मैं उसकी चूत को पेंटी के उपर से सहलाना शुरू कर दिया।
दोस्तों आज पहली बार मैं अपनी माल को चोदने जा रहा था। नीलिमा मुझसे 14 साल बड़ी थी। ऑफिस में मैं उसे दीदी दीदी कहकर पुकारता था जिससे लोग कुछ गलत मतलब ना निकाले। धीरे धीरे मैं उसकी चूत को लाल रंग की डिजायनर पेंटी के उपर से सहला रहा था। उसकी चूत की फाकें, दरारे में मेरी ऊँगली धस जाती थी। नीलिमा “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” बोलकर सिसक पढ़ती थी। धीरे धीरे मेरी उँगलियाँ उसकी रसीली बुर पर नाचने लगी और चूत को सहलाने लगी। कुछ देर बाद मैंने मजा लेने के बाद अपना हाथ वापिस नीलिमा की चूत से वापिस खींच लिया।
“जान कपड़े उतारो!!” मैंने कहा
उसके बाद हम दोनों बेड से उतर गये। मैं अपनी ऑफिस की ड्रेस में था। मैंने शर्ट पेंटी और टाई बाँध रखी थी। फिर मैंने भी अपने कपड़े निकालना शुरू कर दिए। नीलिमा अपनी साड़ी खोलने लगी। उसने पेटीकोट के पास ने साड़ी निकाली और गोल गोल करके उतारने लगी। फिर उसने अपने ब्लाउस की बटन खोलनी शुरू कर दी। फिर पेटीकोट का नारा जब उसके खोला तो मेरा दिल मचल गया था। उसने लाल रंग का पेटीकोट पहन रखा था और वो इसमें बहुत ही हॉट और सेक्सी माल लग रही थी। पेटीकोट के भीतर की निलिमी की रसीली चुद्दी [चूत] थी जो मेरे लिए स्वर्ग का दरवाजा थी।
अब वो मेरे सामने लाल रंग की ब्रा और पेंटी में थी। नीलिमा के सफ़ेद दुधिया जिस्म पर लाल रंग बहुत की फब रहा था। वो चुदाई और काम की देवी लग रही थी। उसे सिर्फ ब्रा और पेंटी में देखकर मेरा लंड मेरे अंडरवियर के अंदर ही टपकने लगा और माल बहने लगा। नीलिमा के पुसट 36” के बड़े बड़े मम्मे और उसपर कसी और बेहद फिट ब्रा तो जैसे चार चाँद लगा रही थी। उसकी पेंटी भी बेहद कसी और चुस्त थी और भरी हुई चूत का उभार मैं बाहर से देख सकता था। हम दोनों खड़े थे। फिर मैं नीलिमा को पकड़ लिया और एक बार फिर से बाहों में कस लिया। वो वासना और सेक्स की देवी लग रही थी। मैने उसे फिर से सीने से लगा लिया और हाथ पैर और सीने पर किस कर लिया। नीलिमा के चुस्त, पुष्ट, गर्व से तने बूब्स पर मैंने हाथ रख दिया था जिसमे मुझे बहुत मजा मिला। उसकी चुस्त ब्रा को मैंने सहलाना शुरू कर दिया और उसके बूब्स का आकार पता करने लगा।
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“जान कितने इंच के मम्मे है तुम्हारे???” मैंने अपनी प्रेमिका से पूछा
“36 के मम्मे है” वो शरमा कर बोली
उसके बाद मैंने उसे एक दीवाल से सटाकर खड़ा कर दिया और अपनी प्रेमिका के पुष्ट मम्मो को ब्रा के उपर से सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने हल्का हल्का बूब्स दबाना शुरू कर दिया। धीरे धीरे हम दोनों वासना के समुंदर में कूद पड़े। मैं नीलिमा के मम्मे को उसकी ब्रा के उपर से दबा रहा था। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। नीलिमा ने अपने काले और घने बाल खोल दिए। खुले बालों में वो बेहद सेक्सी औरत लग रही थी। उसके पति का लंड बहुत छोटा था और मुस्किल ने 2 से 3 इंच लम्बा था जिसमे उसे चुदाई करते समय बिलकुल मजा नही मिलता था। पर आज मैं नीलिमा की रसीली चूत को चोदकर उसे अपना 9” का मोटा लंड उसके भोसड़े में देना चाहता था और उसकी सेवा करना चाहता था। कुछ देर तक मैंने निलिमा के बूब्स को उसकी ब्रा के उपर से चाटता रहा।
फिर मैंने उसे दीवाल से सटाकर खड़ा कर दिया और उसके दोनों हाथ उपर उठा दिए। मैं जमींन पर बैठ गया और निलिमा के पैरों को मैंने खोल दिया। उसकी चूत का उभार मुझे उसकी लाल रंग की पेंटी के उपर से दिख रहा था। मैं अपनी जीभ उसकी पेंटी पर रख दी और उपर से ही उसकी बुर चाटने लगा। दोस्तों कूछ की देर में मैं उसकी चुद्दी के लिए पूरी तरह से पागल हो गया था और जल्दी जल्दी उसकी बुर मैं चाट रहा था। मेरे चाटने से निलिमा की पेंटी भीग गयी और उसकी चूत के अमृतरस से पेंटी भीग गयी थी। मैं रुक ही नही था। बस पागलो की तरह मैं उपर से ही उसकी बुर चाट रहा था। नीलिमा तडप रही थी और“ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की गर्म गर्म आवाजे निकाल रही थी। मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी शादी शुदा प्रेमिका की बुर पेंटी के उपर से चाटी जिससे पेंटी पूरी तरह से चूत के रस से गीली हो गयी थी।
“हरमन ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म चूत में अपना मोटा लौड़ा डाल दो और मुझे जल्दी से चोदो वरना मैं मर जाउंगी!!” नीलिमा बार बार मुझसे निवेदन करने लगी। दोस्तों अब बिस्तर पर जाने के सिवा कोई चारा नही था। अगर खड़े होकर मैं उसकी चूत मारता तो इतना मजा और आराम नही मिलता। नीलिमा ने किसी चुदासी छिनाल की तरह अपने दोनों हाथ पीछे किये और ब्रा का हुक खोल दिया। फिर पेंटी उतार दी। वो भागकर बिस्तर पर जाकर लेट गयी। मुझे मजबूरन अपना अंडरवियर उतारना पड़ा। मेरा लंड 9” लम्बा और 2” मोटा था। किसी नीग्रो के लंड की तरह दिख रहा था।
“आओ हरमन!! चोदो मुझे!!” नीली ने मेरी तरह हाथ बढाया और अपने दोनों पैर खोल दिए।
मुझे उसकी चूत के दर्शन हो गये। साफ़ चिकनी चूत थी मेरी शादी शुदा प्रेमिका की। मैं बिस्तर पर लेट गया और नीलिमा के भोसड़े को मैंने चाटना शुरू कर दिया। उसकी चुद्दी तो पहले ही अपने रस से भीग गयी थी। मैं जल्दी जल्दी उसकी चूत पी रहा था। नीलिमा को भरपुर मजा मिल रहा था। वो बार बार“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मैं तो उसकी बुर को जल्दी जल्दी किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था। इतनी खूबसूरत औरत की चूत कोई कैसे छोड़ सकता था। नीलिमा के पति का लंड 2 3 इंच का था इसलिए उसकी चूत बहुत थोड़ी सी चुदी हुई थी। शादी के 6 साल होने के बाद भी निलिमे का भोसड़ा फटा हुआ नही था और बस जरा सा छेद बना था चूत में। ये देखकर मुझे काफी बुरा लगा था। बताओ इतनी खूबसूरत औरत और इसको अंदर गहराई में लंड खाने को नसीब ना हो तो कितनी बुरी बात है। मैंने सोचा। फिर मैंने अपने अंगूठे से उसका भोसड़ा खोल दिया और जल्दी जल्दी चूत चाटने और पीने लगा। नीलिमा बार बार अपनी कमर और गांड उठाने लगी और “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की कामुक आवाजे निकालने लगी। मैंने 20 मिनट उसकी उसकी चूत पी और चाटी। अपने 9” के लंड को पकड़कर मैंने नीलिमा के भोसड़े पर रख दिया और धक्का मारा। लंड भीतर गुस गया। मैंने नीलिमा को चोदना शुरू कर दिया।
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ओह्ह्ह गॉड!! उसकी चूत उसी तरह कसी थी जैसी किसी नई नवेली दुल्हन की चूत होती है। वही रगड़ और कसावट मुझे मिल रही थी। धीरे धीरे मेरा मोटा लंड घर गहरा और गहरा उसकी चूत के छेद में जा रहा था। फिर तो हम दोनों को बहुत नशीला अहसास होने लगा। मैं उसे जल्दी जल्दी कमर आगे पीछे चलाकर चोदने लगा। नीलिमा ने खुद को मेरे हवाले कर दिया था। वो शादी शुदा थी फिर भी खुलकर सहवास, सेक्स और सम्भोग का मजा ले रही थी। वो आज खुलकर चुदा रही थी। उसने अपने दोनों पैर और अच्छी तरह खोल दिए थे जिससे मैं उसे भरपूर तरह से चोद सकूँ और पूरा मजा दे सकूं।
धीरे धीरे मेरी रफ्तार बढती चली गयी। मेरे लंड जल्दी जल्दी नीलिमा की चूत मारने लगा। वो वासना के नशे में आकर “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की कामुक आवाजे निकालने लगी। दोस्तों मुझे तो जन्नत जैसा मजा मिल रहा था। मैं बड़ा कामुक महसूस कर रहा था। जल्दी जल्दी अपनी शादी शुदाप्रेमिका को मैं चोद रहा था। कई बार नीलिमा अपने भोसड़े की तरह देखने की कोशिश करती थी। उसकी चूत में पूरी तरह से चुदाई की आग लग चुकी थी और वो “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की गर्म आवाजे निकाल कर चुदा रही थी। कुछ देर बाद मेरे माथे पर पसीना छूट गया। नीलिमा को चोदने में मुझे काफी महनत करनी पड़ रही थी। क्यूंकि उसका छोटे लंड वाला पति नीलिमा को कसके चोद ही नही पाया था। अपने 2 इंच के लंड से वो कभी नीलिमा को यौन सुख नही दे पाया।
मैं आज नीलिमा को अपने 9” के लंड से जल्दी जल्दी चोद रहा था। उसे भरपूर यौन सुख मैं दे रहा था। 40 मिनट तक अपनी शादी शुदा प्रेमिका की चूत को मैं घिसा और माल उसकी चुद्दी में ही छोड़ दिया। फिर मैं उसपर गिर पड़ा। हम दोनों किसी हसबैंड वाईफ की तरह आपस में लिपट गये। फिर हम किस करने लगे। चुदने के बाद नीलिमा ने पकड़े पहन लिए तभी उसके पति का फोन आ गया।
“नीलिमा कहाँ हो??” उसके पति ने पूछा
“हाँ कुछ देर में आ रही हूँ। अभी मीटिंग में बीसी हूँ” वो बोली
अब मुझे जब भी नीलिमा को चोदना होता है उसे अपने फ्लैट में ले आता हूँ और जमकर उसकी चूत की सेवा कर देता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स antarvasna.live पर जरुर दे।