Train Bhai Bahan Sex : मैं जब दिल्ली से घर जा रही थी अपने भइया के साथ तो भैया मुझे तुरंत घर नहीं लेते वह 12 घंटे तक मेरी चुदाई किया पटना के गेस्ट हाउस में यानी एक होटल में। जब घर वाले का फोन आता था कि कहां तक पहुंचा तो वह कह देता था कि ट्रेन लेट है किसलिए 12 घंटे बाद पहुंचेंगे। यही बहाना बनाया था उसने और फिर मुझे पटना स्टेशन पर उतारकर बाय गेस्ट हाउस में लेकर आ रात भर मुझे चोदा और फिर सुबह लोकल पकड़ के अपना घर पहुंच पाए।
दोस्तों यह मेरी सच्ची कहानी है मैं आपको नॉनवेज story.com पर अपने कहानी लिख रही हूं ताकि आपको भी पता चले कि कई बार लोग कहते हैं और करते कुछ और हैं भाई होते हैं पर वह भाई का रिश्ता निभाते नहीं है। मेरा नाम दिव्या है मेरे भाई का नाम अनिल है मेरा भाई मेरे से 2 साल बड़ा है। वह मुझे दिल्ली से लेकर आया था ठोके मुझे परीक्षा देना था मेरा सेंटर पड़ा था एसएससी का। वापसी में ही ऐसा हो गया था कांड कि मुझे वह पटना में उतार लिया सोच लीजिए उसकी वासना ऐसे कैसे भड़क गई थी।
हु आर यू कि एक दिन दिल्ली में रहकर हमने पेपर दिया और दूसरे दिन फिर वहां से ट्रेन थी। एक ही टिकट कंफर्म था और एक वेटिंग लिस्ट में हो गया था। तो हम दोनों एक ही बेड पर यानी कि एक ही बर्थ पर बैठकर और लेट कर आए थे। दिल्ली से जब गाड़ी खुली गाजियाबाद के पार पहुंची। तब तक कुछ भी नहीं हुआ था हम दोनों आराम से बैठे हुए थे साइड का बर्थ था। आपको भी पता है एक बर्थ पर बैठना भी मुश्किल हो जाता है जब आप पैर फैलाएंगे तो सामने वाले को टक्कर लगेगा। और जब एक कोई लड़की और लड़का बैठा हो तो टक्कर बदल जाती है।
एक दो बार उसने सॉरी बोला पर फिर उसके टांग मेरे जांग के पास आकर टच करने लगा। और एक बार जैसे मेरा गलती से उसके तरफ पैर चला गया और मेरी टांग मेरा पैर उसके लंड में जाकर सटा। मैं हैरान रह गयी उसका लंड बहुत टाइट था। दोस्तों उसका मन तो पहले से खराब था उसकी नियत अच्छी नहीं थी पर जैसे ही मैंने उसके लंड को टच किया मेरे नियत भी खराब होने लगी। अब मैं भी अपने पैर को उसके लंड से हटा देती थी। अब वह अपना पैर मेरे दोनों जांघों के बीच में ले आता था और हौले हौले से टच करता था यानी आप समझ गए। वह मेरी चूत के पास अपने लंड को सटा रहा था बार-बार।
मेरे सीट पर जो पर्दा लगा हुआ था भाई ने उसको अच्छे से बंद कर दिया था कि बाहर के लोग जो आता जाता है देख ना पाए। क्योंकि वातानुकूलित से हम लोग जा रहे थे। धीरे धीरे बात आगे बढ़ी और वह अपना सिर मेरे गोद में रखकर लेट गया। धीरे-धीरे वह मेरी चुचियों को टच करने लगा। धीरे धीरे मैं भी उस को सहलाने लगी। फिर हम दोनों कुछ आगे बढ़ गए। उसने अपना हाथ मेरी टॉप और ब्रा के अंदर डाल दिया। और मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे निप्पल को रगड़ने लगा। मेरे बदन में तो आग लग रही थी दोस्तों। मेरी चूत गीली हो रही थी। सिसकारियां लेने लगी।
उसके बाद मैं उसके गोद में लेट गई कंबल ऊपर रख ली। अब मेरा भाई मेरे टॉप को ऊपर कर दिया और बुरा क्यों को नीचे से खोल दिया और मेरी चुचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा मसलने लगा। मैं सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां लेने लगी। ट्रेन सर पर भागी जा रही थी। तो मुंह से ऐसी कोई आवाज निकल जाए इसका भी डर नहीं था। होले होले आआ आआआ ओह्ह्ह्हह्हह ओह्ह्ह्हह की आवाज तो कर रही थी पर यह आवाज सिर्फ मेरे भाई कोई सुनाई दे रहा था बाहर वाले को सुनाई नहीं दे रहा था।
मेरा भाई मेरे होंठ को छूकर बोला कि तेरे होंठ कितने गुलाबी है। इतने दिनों तक तो मैं तुम्हें अपनी बहन के नाते देख रहा था। पर आज मेरा देखने का नजरिया कुछ और हो गया है इसलिए तुम बिल्कुल सेक्सी और हॉट लग रही हो। यह बात तो सच है दोस्तों के जवाब किसी रिश्ते में होते हैं तो उस रिश्ते की मर्यादा को ध्यान में रखकर ही कोई बात बोलते हैं और देखते हैं। और जब यह मर्यादा टूट जाती है तो देखने का नजरिया बदल जाता है आप उसको अलग निगाह से देखते हैं यह आपको भी पता होगा।
धीरे-धीरे वह मेरे बदन को सहलाने लगा मेरे बाल खोल दे मेरे बाल को उलझा कर सुलझाने लगा। उसके होंठ मेरे होंठ पर जैसे आए दोस्तों हम दोनों ही एक दूसरे को होठ को चूसने लगे चूमने लगे किस करने लगे। वह अपना जीभ निकाला मैं उसके जीभ को चूसने लगी। जब मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली वह मेरे जीभ को चूसने लगा। प्यार और वासना दोनों परवान चढ़ने लगा। 2:30 से 3 घंटे तक हम लोग यही करते रहे। पर सामने वाला अंकल शायद भनक लग गई। कि हम दोनों कुछ कर रहे हैं क्योंकि वह बार-बार झांकने की कोशिश करते थे पर बाहर से तो कुछ दिखाई नहीं देता था हम दोनों उन अंकल को देख रहे थे।
वह बार बार टॉयलेट जाने लगे और जब वह वापस आते थे तो झांक कर देखने लगे। मैं समझ गई कि उनको शायद हम दोनों की करतूत के बारे में पता चल गया। फिर हम दोनों शांत हो गए रात ज्यादा हो गया था। अब हम दोनों की वासना तो भड़क चुकी थी। पर करते क्या जालिम जमाना दुश्मन जो बाहर बैठा था वह बार-बार समझने की कोशिश करने लगा कर हम दोनों क्या कर रहे हैं तो ऐसे में कुछ भी करना रिस्क भरा हो सकता था। इसलिए हम दोनों आराम से बैठ गए।
भाई को एक उपाय सूझा उसने बोला यह काम करते हैं रात भर हम दोनों पटना में रुक जाते हैं और घर में बोल देते हैं कि ट्रेन लेट चल रही है। यही हुआ दोस्तों घर से फोन आया उसने कह दिया कि ट्रेन लेट है 12:00 से 15 घंटे लेट हो जाएगा। मेरे मम्मी पापा बहुत सीधे साधे हैं उनको ज्यादा कुछ नहीं पता देश दुनिया से वह टीवी तक नहीं देखते हैं। ज्यादा देर वह खेतों में बिताते हैं तो उनको ज्यादा पता भी नहीं चलता कि देश दुनिया में क्या हो रहा है। उन्होंने बोला कोई बात नहीं है। तुम लोग रात को नहीं होगा तो पटना स्टेशन पर उतर जाना और वहीं रुक जाना स्टेशन पर और सुबह आना आराम से रात में मत आना फिर।
मेरे भैया मुझे होटल में ले गया एक गेस्ट हाउस में। फिर दोस्तों होटल का दरवाजा बंद करते ही उस कमरे का जो हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े आप को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। 2 मिनट में मेरे सारे कपड़े उतार दिए मैंने भी उसके कपड़े तुरंत उतार दिए। वह मेरे बड़ी-बड़ी चूचियां को हाथ में लेकर खेलने लगा मेरे निप्पल को चूसने लगा दबाने लगा दो उंगलियों से रगड़ने लगा। मैं बेड पर लेट गई मुंह पर चढ़ गया पर मेरे दोनों टांगों के बीच में बैठकर मेरे चूत को चाटने लगा दोस्तों मेरे बूर को चाटने लगा। मैं सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां देने लगी मेरे अंदर की ज्वाला भड़क गई थी दोस्तों। चूत पानी पानी हो गया था।
वह तुरंत ही अपना जीभ लगा दिया अपना उंगली मेरी चूत में डालने लगा बाहर निकालने लगा मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था। वह मेरी चूत में एक उंगली डाला अंदर-बाहर करने लगा दो उंगली डालो फिर अंदर बाहर करने लगा। मैं तुरंत ही उसका लंड पकड़ कर चूसने दे मुझे। उसका लैंड मोटा और लंबा था मैंने अपने मुंह में ले ली। और उसके लंड को चूसने लगी। पर वह मुझे जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था। वह तुरंत मेरे दोनों पैरों को अलग-अलग कर बूर के बीच में रखकर जोर से धक्का देकर पूरा लंड मेरी बूर में घुसा दिया।
हम दोनों हिचकोले लेने लगे हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे चूमने लगे सहलाने लगे। मेरा भाई मुझे बोलता था तुम मुझे पति बोल, मैं भी उसको समय पति बोलती थी मेरे पतिदेव खूब चोदो तुम बड़े अच्छे पति हो तो मेरा कितना ख्याल रखते हो। वह भी कहता था कि तू मेरी पत्नी है तू कितनी खूबसूरत है तेरे नैन नक्श कि तेरी चूचियां कितनी बड़ी-बड़ी और टाइट है कितनी सेक्सी हो तुम मेरी जान मेरी बीवी हो तुम मेरी पत्नी हो तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो तुमतने सुंदर हैं तेरी चूत कितने टाइट है। मैं भी उसको कहते थे कि इस बार मैं तेरे लिए तीज का व्रत रखूंगी करवा चौथ का व्रत रखूंगी तू मेरा पति है तू मेरा कितना ख्याल रखता है।
यह सब बोलने के बाद और भी ज्यादा जोश चढ़ता था और हम दोनों एक दूसरे को जम के ऊपर से वह नीचे से मैं गांड को गोल गोल घुमा कर उसके लंड को अपनी बूर में दे रही थी। दोस्तों गजब मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं एक दूसरे की वासना को शांत करने के लिए ही बने हैं। हम दोनों ने एक दूसरे को खुश किया किसी बात के लिए रोका नहीं मेरे भाई को जो जो मन कर रहा था वह करने दे रही थी मैं उसको रोक नहीं रही थी। हम दोनों ने पूरी रात चुदाई की। सुबह जल्दी उठकर फिर से एक बार नहा धोकर हम दोनों खड़े खड़े ही सेक्स किए।
फिर पटना जंक्शन से एक लोकल ट्रेन लेकर हम दोनों अपने गांव के लिए निकल पड़े। ट्रेन लेट है का बहाना बनाकर होटल में जम के मस्तियां की यह यादगार लम्हा शायद कभी ना भूल पाऊंगी मैं। यह मेरी जिंदगी का खास दिन था। आज हम दोनों के रिश्ते अलग ही हो गए हैं दोस्तों। antarvasna.live डॉट कॉम के पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार और प्यार