जवान भाभी की हवस मेरी उम्र 28 साल है, मेरा नाम रूचि है और मैं मेरठ में रहती हूँ। मेरी शादी दो साल पहले हुई थी, लेकिन मेरे पति दुबई में काम करते हैं। वो साल में एक बार आते हैं, तो बाकी समय मुझे अकेलापन महसूस होता है।
मेरे पति के माता-पिता से अलग रहने वाले मेरे पति के दो भाई हैं। छोटा भाई कृष है, जो अभी २१ साल का है और बहुत पढ़ाकू है। वो हमेशा अपनी पढ़ाई में ही व्यस्त रहता है और किसी से कुछ लेना देना नहीं चाहता। वो काफी अच्छा दिखता है, लेकिन आज तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाया है।
मैंने इसी अपने देवर को फंसा कर अब तक मजे लिए हैं। यह कहानी यही बताती है कि कैसे मैंने अपने देवर को अपनी हवस का शिकार बनाया।
मेरा शरीर है, और मैं काफी खूबसूरत हूँ। जब से मेरे पति ने मुझे लंड का स्वाद दिया, तब से मैं लंड की दीवानी हो गई हूँ। लेकिन मेरे साथ एक समस्या यह है कि पति मेरे साथ नहीं है। वो दुबई में है। साल में एक बार आता है, तो दो साल तक इस रसीली जवानी का क्या करती? मैं लंड के बिना व्याकुल हो रही थी। सोचा, मुह माँग लूं कहें पर…
मेरा सास-ससुर के घर से ५ मिनट की दूरी पर रहता हूँ। हम उनसे अलग हैं, लेकिन आना जाना अच्छे तरीके से होता है।
अब मैं बताती हूँ कि मैंने अपने देवर को कैसे पटाया। एक दिन मैं अपने सास-ससुर के पास गई और बोली, “रात को मुझे काफी डर लगता है। क्या आप रात्रि में देवर जी को यहाँ सोने के लिए भेज देंगे?” आज मैंने उनको भी फोन किया था दुबई तो वो बोले की कृष को बुला लो रात्रि को यही पढ़ाई करेगा और सो भी जायेगा। वो लोग मान गए और कृष रात के आठ बजे आ जाता। वो दूसरे कमरे में पढ़ाई करता और सो जाता। मैंने किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं की, मैंने सोचा मेरे पास तो टाइम है। पहले अच्छे तरह से समझ ले अपने कृष को नहीं तो आपको पता है नाज़ायज रिश्ता में कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। करीब १० दिन तक मैंने अकेले सोने दिया, खूब प्यारी-प्यारी बातें करने लगी। वो अब मेरे से काफी घुल मिल गया। फिर रविवार को बुलाई थी और बोली कृष आज मैं आपको ड्रेस दिलवाऊंगी। कृष खुश हो गया। उसको मॉल लेकर गई और जीन्स और टी शर्ट खरीद दी।
कृष बोला, “थैंक्यू भाभी आप मुझे कितना प्यार करती हो?” मैंने कहा, “हाँ मैं तो करती हूँ पर तुम्हें दिखाई ही नहीं देता।” कृष बोला, “क्या बोला भाभी? आपने?” मैंने कहा, “कुछ नहीं मजाक कर रही हूँ।” और फिर रात को आठ बजे वो खाना खाकर आया और पढ़ाई करने लगा। मैं उसके कमरे में जाके बैठ गई और पहले इधर-उधर की बात की और फिर बोली, “कृष रात्रि को बुरा बुरा सपना आते है। मैं रात में काफी डर जाती हूँ। मुझे कभी भी अकेले सोने का आदत नहीं है। मुझे रात भर नींद नहीं आती है। अगर आप बुरा ना मानो तो क्या मेरे कमरे में सो सकते हो? पर ये बात पापा मम्मी को पता नहीं चलनी चाहिए क्योंकि आपको पता है ना समाज के बारे में कब लोग क्या कहने लगेंगे।” कृष मेरे “हाँ में हाँ मिला रहा था और वो जवान भाभी की हवस मान गया मेरे साथ सोने के लिए।
मैंने कृष को कहा, “बेड बहुत बड़ा है हम दोनों अलग-अलग आराम से सो सकते हैं तब भी बीच में जगह बच जायेगा,” वो मान गया और सोने लगा। रात में बात करते करते सो जाते थे। मैं कृष को दो दिन तक कुछ नहीं की तीसरे दिन, रात को करीब २ बजे उठी और मैं कृष के ऊपर टांग चढ़ा दी। वो नींद में था, फिर मैंने धीरज धरिए अपने जांघ को उसके लंड से रगड़ना शुरू किया। मुझे बहुत मजा आने लगा। फिर मैंने अपनी चूचियां खुद ही दबाने लगी। वो नींद में ही था। उसके बाद मैं खुद ही अपने चूत में ऊँगली कर के सो गई। दूसरे रात को मैं फिर मेरा थोड़ा और भी हिम्मत बढ़ गया जवान भाभी की हवस और मैं उसके लंड को उसके पेंट अंदर हाथ डालकर खूब सहलाई, उस दिन मेरे चूत पानी निकल गया बिना ऊँगली किया। फिर तीसरे रात को मैंने उसका लंड बाहर निकाल ली और रहा नहीं गया तो चूसने लगी। कृष का लंड काफी मोटा और लंबा हो गया था मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा। मेरे शरीर के रोम-रोम में वास्ना भर गई थी। तभी कृष जाग गया, और बोला “भाभी आप ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा “कुछ नहीं कृष मुझे खुद भी पता नहीं चला की मैं क्या कर रही हूँ।”
उसके बाद वो दूसरे दिन नहीं आया। तीसरे दिन भी नहीं आया। मुझे डर लगने लगा कि कहि ये सब बात वो मम्मी पापा को ना बता दे। मैं बड़बड़ा कर घर गई और फिर माँ जी के लिए चाय बनाकर दी और फिर बोली “माँ जी देखो ना कृष सोने नहीं आ रहा है।” कृष वह ही खड़ा खड़ा देख रहा था। तब तक पापा जी भी कहने लगे की तुम्हें जाना चाहिए, फिर वो दोनों बोले की तुम जाओ वो रात को वह ही सोयेगा। मैं चल आई, रात के करीब 9 बजे कृष आया। मैंने कृष से पूछा “नाराज हो?” तो कृष बोला “नहीं नाराज नहीं हूँ। पर मुझे अच्छा नहीं लगता है ये सब।” मैंने कहा “क्या ये सब? तुम्हें पता है तुम्हारे भैया मेरे साथ नहीं है और मैं अभी जवान हूँ, बलखाती उम्र है। अगर मैं घर से बाहर कुछ कर लुंगी तो क्या होगा?” मैंने इमोशनल कार्ड खेल दिया, और उसमे वो मेरे जाल में फंसता हुआ नजर आया। और मैंने थोड़ा रूठने का नाटक किया और मैं जा के सो गई।
वो भी सो गया। पर अकेले कमरे में। दूसरे दिन मैंने कृष को बोला “चलो मार्किट चलना है।” कृष को मैंने एक सैमसुंग का मोबाइल जो की १० हजार में आया दिलवाया, वो बहुत ही ज्यादा खुश हो गया। फिर वो बोला “आई लव यू भाभी,” मैंने बोली “चुप हो जाओ। मुझे नहीं सुनना है ये सब।” कृष बोला “भाभी आप जब मेरे लिए इतना सब कुछ कर सकती हो तो क्या मैं नहीं कर सकता, आज से आप जो चाहोगी वह ही करूँगा।”
उसके बाद तो मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा। मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई। रात को वो खुद ही मेरे कमरे में आया। मैंने उस दिन बन ठन के ठीक पहना था। एक पिंक कलर की मैक्सि पहनी थी। अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी। वो आके मेरे बगल में सो गया। मैंने उधर घुमि और उसके आँख में आँख डाल कर उसको देखने लगी। उस दिन रात को मैंने आँख में काजल लगाया होठ गुलाबी की और अच्छी सेन्ट लगाईं, वो भी देखते हुए मेरे करीब आ गया और मैं भी करीब हो गई और फिर मैंने उसके होठ को चूसते हुए उनके ऊपर चढ़ गई, अपने चूत को उसके लंड से रगड़ने लगी। उसका जवान लंड बहुत ही ज्यादा मोटा और लंबा हो गया था मैंने अपने मैक्सि उतार दी। और वो भी अपना बनियान और पजामा उतार दिया। अब हम दोनों नंगे थे। एक दूसरे को चाट रहे थे।
उसके बाद मैंने उसके लंड को मुह में लेके चाटनें लगी। क्यों की उस दिन ज्यादा चाट नहीं पाई थी। खूब चूसें उसके लंड को फिर मैं उसके मुह पे जाके बैठ गई और उसके मुह के सामने चूत रख दी। मेरी चूत काफी गीलिया थी। वो मेरी चूत को चाटनें लगा। मेरे चूत को चाटते हुए वो कह रहा था “गजब लग रहा है भाभी।” मैं नादान था की भाभी को तड़पता हुआ छोड़ रखा था। और वो खूब मजे से मेरी चूत को चाटनें लगा, उसको जोश आ गया उसने मुझे नीचे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर पागलों की भांति आह आह और मेरी चूचियों को दबाने लगा और पिने लगा। मैंने तकिये को कस के हाथ से पकड़ रही थी मेरे होठ खुद व् खुद दाँत के अंंदर आ रहे थे। उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूत पर लगाया और दो तीन झटकें में मेरे चूत के अंदर लंड को डाल दिया।
दोस्तों उसके बाद तो मैंने अपने बाल खोल दी जो की घुटनो तक है। बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रही थी। गोरा चेहरा चमक रहा था और मेरा देवर मुझे चोद रहा था। खूब चोदा मुझे, पहली बार जवान भाभी की हवस खूब चुदवाई, रात में खूब मजे किये। अब तो देवर मेरा दीवाना हो गया है। वो तो दिन में भी आके चोद के जाता है और रात भर तो उसकी राणी हूँ। जाते जाते मैं जवान भाभी की हवस ये कहते हुए जाना चाहती हूँ की “थैंक्यू antarvasna.live आई लव वैरी मच।”