मेरा नाम दीक्षा है और मेरी छोटी बहन का नाम अनुष्का है। मेरी उम्र 21 है और मेरे से दो साल छोटी है। आज मैं आपको antarvasna.live पर मुझे और मेरी बहन को कैसे चोदा अंकल ने वही बताने जा रही हूँ। दोस्तों कई बार रिश्ते कुछ आगे बढ़ जाते हैं। रात को जिन्होंने चोदा वो मेरे पापा के दोस्त हैं। और मेरी माँ का दीवाना। मैं कई बार देखा है जब पापा नहीं होते हैं तब वो मेरे घर आते हैं और क्यों आते हैं वो आप खुद ही सोच लीजिये।
आज मैं आपको अपनी और अपने बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। कैसे अंकल नए साल में हम दोनों बहनो को चोदा और हम दोनों बहनों ने भी इसका खूब मजे लिए। क्या क्या हुआ था। कैसे उन्होंने हम दोनों को पटाया और चुदने को राजी किया और फिर हम दोनों बहन भी राजी हुए और नए साल की रात हम दोनों ने खूब रंगरेलियां मनाई पूरी कहानी आपको इस वेबसाइट पर बता रही हूँ। दोस्तों मैं और मेरी दोनों बहन साथ सोते हैं और दोनों के पास अपना पाना मोबाइल है और हम दोनों रात दस बजे antarvasna.live पढ़ते हैं और एक दूसरे को सहलाते हैं चूचियां दबाते हैं। एक एक दूसरे की चूत से खेलते हैं किश करते हैं और हस्बैंड वाइफ खेलते हैं। बस एक दूसरे की चूत में लौड़ा ही नहीं जाता। पर हम दोनों एक दूसरे को खुश कर देते हैं रोले प्ले करते हुए। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ।
जैसा की पता है है आपको नए साल की पार्टी के बाद हम हम दोनों बहन छत से अपने कमरे में आ गए। मम्मी पापा और पापा के दोस्त तीनो ड्रिंक करते रहे छत पर। तीनो ने खूब शराब पि ली थी। असल में अंकल की पत्नी उनको छोड़ कर चली गई है एक बच्चा था वो भी ले गई है। तो पापा अलग मिजाज के हैं उन्होंने अंकल को बुला लिया था। नए साल का जश्न साथ मनाने को।
दो तीनो करीब एक बजे पि पाकर छत से निचे आये। हम दोनों बहन आधे घंटे पहले ही आ गए थे। मम्मी पापा दोनों बाहों में बांह डाल कर अपने कमरे में चले गए। और चुदाई कर रहे थे क्यों की बाहर भी यानी मेरे कमरे में भी आवाज आ रही थी। मम्मी कह रही थी चूत चाट गांड में लौड़ा गुसा ले तेज से ले। चोद चोद शायद ज्यादा नशे में होने की वजह से उन लोगों को एहसास नहीं रहा की दो बेटियां और घर में एक गैर मर्द है।
उनकी आह आह उफ़ उफ़ सुनकर हम दोनों बहन ने भी अपने अपने कपडे रजाई में उतार लिए और वो मेरी चूचियों को मसल रही थी मैं उसकी। दोनों एक दूसरे को चुम रहे थे। एक दूसरे को सहला रहे थे कभी वो निचे कभी मैं निचे। यानी हम दोनों भी खूब मस्ती में थे। ऐसा लग रहा था वाकई में हम दोनों बहन चुद रहे हों। अचानक पापा मम्मी की आवाज बंद हो गई और वो सो गए। पर हम दोनों बहन अभी तक एक दूसरे को खुश कर रहे थे।
तभी हम दोनों को लगा कमरे में कोई है जब रजाई हटाई तो देखि अंकल हमारे बेड के पास खड़े थे। वो अपना लौड़ा हाथ में लेकर हिला रहे थे। हम दोनों भी नंगे थे रजाई के अंदर। मेरी छोटी बहन अंकल को देखि लौड़े को देखि। वो विस्तर से निचे हो गई और अंकल का लौड़ा पकड़ कर अपनी जाँघों पर अपने पेट पर रगड़ने लगी। अंकल तुरंत ही उसको अपनी बाहों में भर लिए और होठ पर दॉंत गाड़ने लगे। देखि मेरी छोटी बहन मजे लेने लगी और अंकल भी फुल जोश में आ गए थे।
अब मैं भी खड़ी हो गई निचे और अंकल के लौड़े को पकड़ ली अब दोनों बहनो में होड़ सी लग गई कौन लौड़ा पकड़ेगा। दोस्तों हम तभी अंकल मुझे चूमने लगे और मेरी बहन की चूचियां दबाने लगे। मेरे से बड़ी बड़ी चूचियां मेरी बहन की है पर मेरी चूचियां बहुत ही ज्यादा टाइट है। अब वो मुझे चूमने लगे अपना जीभ मेरे होठ पर फिराने लगे मुँह के अंदर डालने लगे। दोस्तों अब उन्होंने मेरी छोटी बहन को बेड पर लिटाया और उसकी चूत चाटने लगे और मेरी चूचियां दबाने लगे। हम दोनों की काफी ज्यादा कामुक हो गए थे। उन्होंने मेरी बहन की चूत पर लौड़ा लगाए और जोर से घुसा दिया। वो चिहक उठी और फिर शांत हुई यानी वो दर्द से कराह उठी थी। मैं उस समय अपनी बहन की चूचियां सहला रही थी। अब वो जोर जोर से मेरी बहन को चोदना शुरू किये। पर मैं अभी तक कभी बहन की चूचियां दबाती तो कभी चूत से लंड अंदर बाहर कैसे जाता है वही देखती रही तब मेरा मन भी चुदने को करने लगा था।
दोस्तों अब मैं बोली अब मुझे मेरी बहन हट गई और मैं पैर फैला दी। अब उन्होंने मेरी चूत पर अपना लौड़ा सेट किया और घुसा दिया। मेरी चूत पहले से ही गीली थी। लौड़ा सटाक से अंदर चला गया मुझे काफी दर्द हुआ पर जैसे ही लौड़ा दो तीन बार अंदर बहार गया मैं तो पागल हो गई। मेरे रोम रोम खड़े हो गए मेरी वासना भड़क गई। अब मैं गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। कभी गांड को ऊपर निचे करती तो कभी गोल गोल घूमती। अंकल जोर जोर से पेले जा रहे थे और मेरी छोटी बहन मेरी चूचियों को सहला रही थी और निप्पल को दांत से काट रही थी।
अब उन्होंने फिर से मेरी छोटी बहन को चोदना शुरू किया। अब दोनों को एक साथ लिटा दिया। चार पांच बार मेरी चूत में घुसाते फिर मेरी छोटी बहन की चूत में। हम दोनों बहन एक दूसरे को चूम रहे थे चूचियां दबा रहे थे और अंकल बारी बारी दोनों की चूत में लौड़ा घुसा रहे थे। करीब एक घंटे बाद मेरी बहन झड़ गई और अंकल भी झड़ गए। पर मैं अभी भी शांत नहीं हुई थी। मेरी जिस्म की ज्वाला अभी भी भड़क रही थी। पर करती भी क्या। मेरी बहन कपडे पहन कर सो गई सो गई। अंकल भी कपडे पहन लिए और वो दूसरे कमरे में चले गए। मेरी बहन तुरंत ही नींद में आ गई।
पर मैं फिर से अंकल के कमरे में चली गई और थोड़े देर बाद ही उनके लौड़े की हिलाने लगी। वो फिर से तैयार हो गए चोदने को। फिर वो मुझे चोदना शुरू किया। और फिर मेरी तसल्ली हुई। मैं शांत हुई यानी उन्होंने मुझे भी संतुष्ट कर दिया। मैं पूछी अंकल आपने इतनी ताकत कैसे है चोदने की तो उन्होंने टेबलेट दिखाया। बोला ये मैं लेकर आया था। तुम्हारी माँ को चोदने पर आज तेरी माँ तेरे बाप को खुश करने चली गई।
दोस्तों ये है मेरी कहानी नए साल की। मैं दूसरी कहानी जल्द ही antarvasna.live पर लेकर आउंगी।
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