धोखे से चोदा मैंने अपनी माँ को होली के दिन


Mother Son Sex Story – होली आजकल का बहुत ही बेकार हो गया है क्या औरत क्या मर्द सब लोग ऐसे होली खेलते हैं जैसे होली नहीं बल्कि चूचियों में रंग लगाने की प्रथा हो। आप खुद देखेंगे की जितना औरतों या लड़कियों के बाल में जितने कलर नहीं होंगे उससे ज्यादा उसके ब्रा में कलर मिलेंगे। आज मैं आपको अपनी एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी (Mother Son Holi Sex Story) के बारे में पूरी कहानी हूबहू लिखने जा रहा हूँ अपने प्यारे दोस्तों के लिए जो antarvasna.live डॉट के नियमित पाठक है। आइये सीधे कहानी पर आते है।


आप भी सोच रहे होंगे की आखिर मैंने अपनी माँ को होली के दिन कैसे चोदा और वो भी धोखे से तो आप को जानने का पूरा हक़ है की मैंने अपनी माँ को कैसे चोदा। मेरी माँ का नाम सावित्री देवी है मेरी माँ बहुत ही हॉट और सेक्सी है देखने में ऐसी लगती है जैसे की पच्चीस साल की लड़की हो। बहुत ही हॉट और सेक्सी है मेरी माँ पर कभी उनके प्रति मेरा गलत व्यवहार नहीं था यानी की मेरे मन में अपनी माँ के प्रति कभी भी शारारिक सम्बन्ध के बारे में नहीं सोचा था। पर होली के दिन चोद दिए।


असल बात ये है जब से मेरे पापा का देहांत हुआ है तब से मेरी माँ उनकी याद में शराब पीने लगी है। इसलिए मेरी भी शादी करवा दी इस साल फेब्रुअरी में। मैं अकेला हूँ मेरा कोई भाई बहन नहीं है इसलिए मेरी शादी जल्दी हो गई मैं अभी २१ साल का हूँ और मेरी बीवी मात्र २० साल की मेरी माँ और मेरी बीवी एक जैसी दिखती है सच पूछिए तो मेरी माँ ही ज्यादा हॉट और सेक्सी लगती हूँ। मेरी बीवी तो पहले से सेक्स करवा चुकी है जब वो छोटी उम्र की थी इसलिए बीवी की चूचियां ढीली है चूत भी उतनी टाइट नहीं।


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पर मेरी माँ की चूचियां और चूत मेरी बीवी से ज्यादा टाइट है ये मुझे पता चला होली के दिन। हुआ ये की मैं और मेरी बीवी दोनों की पहली होली थी इसलिए खूब मजे कर रहे थे। मेरी माँ अपने कर्नल अंकल के छत पर होली खेलने चली गई थी। कर्नल अंकल की पत्नी बहुत बड़ी हरामी है जैसा की अकसर फौजी की बीवी होती है एक नंबर की सेक्सी और चुड़क्कड़ किस्म की रोजाना शराब पीने का शौक।


होली के दिन उनके जो ग्रुप है उसमे मेरी माँ भी है सबने खूब शराब पी ली। और खूब रंग खेली। मैं और मेरी पत्नी अपने दोस्त के यहाँ गए हुए था होली खेलने जब घर आये तो मुझे बहुत जोर से बाथरूम लगा था मुझे मैं बाथरूम में चला गया फ्रेश होने। जब मैं वापस आया तो अपनी पत्नी को देखा वो बैडरूम में सो रही थी। मैं पहले से ही दो तीन भाभियों की चूचियों को दबा चुका था गांड सहला चूका था इसलिए तब से ही मेरा लंड खड़ा था चुदाई का बहाना ढूंढ रहा था। और मुझे बहाना मिल भी गया माँ दिखी नहीं घर में।


मैं तुरंत ही बैडरूम में घुसा मेरी बीवी बेड पर लेटी थी। मुझे लगा की शायद नशा आ गया इसलिए वो सो गई है क्यों की हम दोनों भी शराब पिए हुए थे। मैंने तुरंत ही दरवाजा बंद किया और हलकी रौशनी में ही दोनों पैरों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मैं पलंग के निचे खड़ा था और बीवी के नाईटी को ऊपर कर दिया और पेंटी उतारने लगा पर उन्होंने पेंटी पकड़ लिया मैंने तुरंत ही जबर्दश्ती पेंटी खोल दी। मैं डर भी रहा था की अगर माँ आ गई तो सोचेगी की दिन में दरवाजा बाद कर चोद रहा हूँ अपनी बीवी को।


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इसलिए जल्दी जल्दी सोचा चोद लूँ तुरंत ही लंड निकाला दोनों टांगो को अलग अलग किया और चूत पर लंड सेट कर जोर से धक्के दिया और पूरा लंड अंदर चला गया दो तीन झटके जोर जोर से दिया मन खुश हो गया था। आज मेरी बीवी थोड़ी अलग लग रही थी। मुझे लगा की नशे में हूँ इसलिए सब कुछ अलग लग रहा था मैं जल्दी जल्दी झड़ जाना चाहता था। मैंने तुरंत ही चूचियों को पकड़ा तो चूचियां बड़ी बड़ी थी मैं चूमने जैसे ही होठ के पास पूछा मैं डर गया क्यों की मेरी बीवी नहीं बल्कि मेरी माँ थी।


उन्होंने नहा कर मेरी बीवी की नाइटी पहन ली थी और फेस पर हरा रंग था इसलिए गलती हो गई। मैं सॉरी बोलकर उठने ही लगा की उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरे होठ को चूमने लगी। एक दम से मेरा लंड छोटा होने लगा था सिकुड़ रहा था माँ के डर से जी मैंने क्या कर दिया मैंने अपनी माँ के चूत में लंड घुसा दिया। पर जैसे ही उनका सेक्सी अंदाज में चुम्मा लेना शुरू हुआ और मुझे बाहों में भर ली बड़ी बड़ी चूचियों पर जैसे दबाब पड़ा मेरा लंड और भी ज्यादा मोटा और लंम्बा हो गया था।

उन्होंने कहा कर लो जो करना है। ओह्ह्ह्हह्ह इतना सुनते ही मैं उनकी दोनों चूचियों को मसलना शुरू कर दिया और जोर जोर अपना नौ इंच का मोटा लंड उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। मेरी माँ भी गांड गोल गोल घुमा कर चुदवाने लगी। वो खुद ही अपनी चूचियों को पकड़ती दबाती और फिर निप्पल मेरे मुँह में दे देती मैं अपनी माँ का दूध पीते पीते चुदाई करने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी माँ अब काफी ज्यादा कामुक हो गई थी। उनकी अन्तर्वासना भड़क उठी थी. ओह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह ओफ्फफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फफ्फ्फ़ आउच उफ्फफ्फ्फ़ ओह्ह्ह्हह की आवाज निकालने लगी और जोर जोर चुदवाने लगी।

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माँ बोली बेटा जल्दी जल्दी चोद लो और माल गिरा दो बहू आने वाली होगी रम्भा आई थी बहुत को ले गई है होली खेलने वो बोल कर गई थी मैं आ जाउंगी मैं इसलिए तुम्हारे कमरे में सोइ थी ताकि मैं बता सकूँ बहू रम्भा के साथ उसके घर होली खेलने गई है। और वो जोर जोर से चुदवाने लगी मैं भि जोर जोर से चोदने लगा।

एक लम्बी आहें लेते हुए ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह की आवाज निकला और सारा माल माँ की चूत के अंदर डाल दिया तभी मेरी बीवी की आहट हुई आने की माँ तुरंत ही कड़ी हो गई अपना पेंटी पेंटी ढूंढ कर छुपा ली मैं भी तुरंत ही लंड को अंदर किया और दरवाजा खोला मेरी बीवी आ गई थी बाथरूम में गई थी। हम दोनों एक दूसरे को गले लगाया यानी माँ को उनके होठों को चूमा चूचियां दबाया और प्यार से उनको देखा। उन्होंने मुझे जीते रहो का आशीर्वाद दी और कमरे से बाहर चली गई।

ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ये होली बहुत ही यादगार हो गया है अब मैं रोजाना अपनी माँ को चोदता हूँ बहुत मजे करता हूँ मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी antarvasna.live डॉट कॉम पर लिखने वाला हूँ तब तक के लिए आपका धन्यवाद।


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