Padosi chachi ki gand ki seal todi-1, लण्ड और चूत के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एकबार फिर से आप सभी के बीच एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नौजवान लौंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चूत की बखिया उदेड सकता है। मेरे लण्ड को चूत का पानी निकालना बहुत ही ज्यादा पसंद है। मै चूत चुदाई का जमकर मज़ा लेता हूँ।
अब तक मैं मेरी अर्चना चाची और उनकी पड़ोसन सुमित्रा चाची को बजा चूका हूँ।सुमित्रा चाची को चुदवाने में अर्चना चाची ने मेरा बहुत साथ दिया था। उनकी वजह से ही मुझे सुमित्रा चाची को बजाने का मौका मिला था। उस दिन मैंने सुमित्रा चाची को जमकर बजाया था लेकिन चाची ने गांड नहीं मारने दी थी। इसलिए पडोसी चाची को चोदने का मज़ा थोड़ा फीका सा रह गया था। मेरा लण्ड चाची की गांड की गहराई को नापना चाहता था।
सुमित्रा चाची लगभग 36 साल की अल्हड जवान औरत है। उनका गौरा चिकना जिस्म जवानी से भरा हुआ है। चाची के 34 साइज के मोटे मोटे बोबे किसी को भी पागल कर सकते है। चाची के बोबो को कसावट उनके बलाउज में से बाहर झांकती है। मैंने चाची के बोबो को जमकर मसला था।
चाची की कमर लगभग 32 साइज की है। चाची का गौरा चिकना पेट किसी को भी बेचैन कर सकता है। चाची के मखमल जैसे पेट के नीचे चाची की 34 साइज की कसी हुई गांड बहुत ही सेक्सी है। उनके चुतडो की कसावट हर किसी को लण्ड मसलने पर मजबूर कर सकती है।
ये कह सकते है कि सुमित्रा चाची लण्ड को भरपूर मज़ा देने वाली माल है।
अब मैं सुमित्रा चाची को चोदने के लिए अगले दिन फिर से अर्चना चाची के घर चला गया। चाची अपने काम के बिज़ी थी। आज चाची को बजाने का मेरा कोई मूड नहीं था।आज तो मेरा लण्ड सुमित्रा चाची की गांड फाड़ने के लिए कसमसा रहा था। अब मै सुमित्रा चाची के आने का इंतज़ार करने लगा लेकिन बहुत देर तक इंतजार करने के बाद सुमित्रा चाची नहीं आई। इधर मेरे लण्ड की तड़प बढ़ती जा रही थी। आज तो मैं कैसे भी करके सुमित्रा चाची की गांड मारना चाहता था।
फिर मैंने अर्चना चाची को सुमित्रा चाची को बुलाने के लिए भेजा लेकिन फिर भी सुमित्रा चाची नहीं आई। आज तो सुमित्रा चाची मेरे लण्ड को बहुत ज्यादा तड़पा रही थी। तभी अर्चना चाची ने बताया कि भाभीजी घर पर अकेली ही है। एक काम कर तू उनके घर ही चला जा। अब चाची का आईडिया मुझे बिलकुल सही लगा और मैं मौका देखकर सुमित्रा चाची के घर चला गया।
मुझे देखकर सुमित्रा चाची चौंक गई। उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि मैं उनके घर पर भी आ सकता हूँ। सुमित्रा चाची उस टाइम मशीन से कपडो की सिलाई कर रही थी।तभी मैं भी चाची के पास ही बैठ गया।
“चाची यार मैंने आपको इतनी बार बुलाया फिर भी नहीं आई यार।”
चाची– यार वो मुझे बहुत सारा काम है इसलिए मैं नहीं आ पाई।
” चाची, ये काम तो बाद में भी होता रहेगा पहले वो काम तो कर लो।”
चाची– कौनसा काम?
” वो ही काम जो कल किया था।”
चाची– नहीं यार बस वो एकबार हो गया अब और नहीं। अभी तो कल की ही जलन नहीं मिटी है मेरी।
“अरे यार चाची, नखरे मत करो। मुझे बहुत ज्यादा इच्छा हो रही है आपको बजाने की।”
चाची– नहीं यार लेकिन मेरी इच्छा नहीं है। मुझे बहुत सारा काम करना है।फिर कभी मूड़ बना तो तुझे बता दूंगी।
“नहीं मुझे तो आज ही चोदना है। बस।”
चाची– नहीं यार आज नहीं।
मैं चाची को बार बार पटाने की कोशिश कर रहा था लेकिन चाची नखरे दिखा रही थी। अब मैंने सोचा चाची ऐसे नहीं मानेगी। तभी मैंने चाची का हाथ पकड़ा और उन्हें खींचकर कमरे में ले जाने लगा।
चाची– रोहित ये क्या कर रहा है यार।कोई देख लेगा।
” कोई नहीं देखेगा।आप तो जल्दी से कमरे में चलो नहीं तो मैं यही काम कर दूंगा।”
अब बेचारी चाची क्या कहती? उनके पास कोई जवाब भी तो नही था। तभी चाची खिंचती हुई कमरे में चली आई। वो दूसरे हाथ से सिलाई का कपडा पकडे हुए थी।तभी मैंने अंदर से कमरा तुरंत बंद कर लिया।अब मैं चाची पर भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा।मैं उन्हें दीवार से सटाकर उनके रसीले होंठो पर टूट पड़ा।मैं चाची के होंठो को बुरी तरह से चुस रहा था। पुरे कमरे में पुच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़े आ रही थी।
तुरंत ही मेरे दोनों हाथ चाची के बोबो पर पहुँच चुके थे। मैं चाची के मोटे मोटे बोबो को बुरी तरह से मसल रहा था। इधर मेरा लण्ड चाची की चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था।अब और ज्यादा इंतज़ार करने के मूड में नहीं था। तभी मैंने झट से चाची को उठाकर बेड पर पटक दिया।अब मैंने जल्दी से मेरे कपडे खोल फेंके। अब मेरा लंड चाची की चूत में घुसने के लिए फुफकार मार चूका था।
तभी मैं चाची की चड्डी खोलने लगा लेकिन चाची ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
चाची– रोहित यार रहने दे ना।
मैं– नहीं चाची।
तभी मैंने चाची के हाथों को दूर हटा दिया और झट से चाची की चड्डी खोल फेंकी। अब मैंने झट से चाची की टांगो को ऊपर उठा दिया और उनके भोसड़े में लण्ड सेट कर दिया।अब मैंने चाची को कसकर पकड़ा और झट से उनके भोसड़े में लण्ड ठोक दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में चाची के भोसड़े को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। चाची मेरे लण्ड के एक ही झटके में चिल्ला पड़ी।
” आईईईई मम्मी।मरर्रर्र गईईईई। आईईईईई आईईईईई ओह बहुत हो रहा है ।आईईईई।”
चाची कल ही मुझसे चुद चुकी थी लेकिन फिर भी मेरे लण्ड ने चाची की चीखे निकाल दी। तभी मैंने फिर से चाची के भोसड़े के जोरदार धक्के से लंड पेल दिया। चाची अब तो बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई आईईईई आईएईई सिअस्ससस्स आह्ह आह्ह।धीरे धीरे”
“आज मत रोको चाची।”
अब मैं झमाझम चाची को बुरी तरह से बजाने लगा। मेरा लण्ड चाची के भोसड़े के अंतिम छोर तक दस्तक दे रहा था।आज फिर से चाची के भोसड़े में जाकर मेरे लण्ड को बहुत आराम मिल रहा था। मुझे चाची को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था।चाची झम झम मेरा लण्ड ले रही थी।
“आह्ह आईईईई अआहः आहा सिसस्ससस्स उन्ह अआहः अआहः आह्ह आह्ह आह्ह आहहह।”
मैं– ओह साली। आहा आज तो तेरी खैर नहीं। बहुत पेलूंगा तुझे।
“आहः अआहः सिससस्स तो पेल ले साले कुत्ते।आहहह उन्ह ओह्ह।”
मैं– आह्ह आह्ह बहुत मस्त माल है साली तू। बहुत मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में। आह्ह।
“आईईईई आईएईई उन्ह आह्ह मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साले।”
अब धीरे धीरे चाची मेरे लंड के नशे में डूबने लगी थी।अब वो पूरी तरह से खुलकर चुदाई का मज़ा ले रही थी।मै भी चाची को जमकर बजा रहा था। तभी चाची की चीखे अटक गई और उनका भोसड़ा पानी पानी हो गया। मेरा लंड चाची का पानी निकाल चूका था। चाची बुरी तरह से पसीने में नहा चुकी थी।
चाची की टांगे हवा में लहरा रही थी।अब मेरा लण्ड चाची की अनंत झील की गहराई में डुबकी लगा रहा था। मेरा लण्ड चाची के पानी से पूरा भीग चुका था।
चाची– आह्ह आहा आह्ह आह्ह उन्ह आह्ह ओह सिससस्स आहाहा आह्ह ओह ओह साले कमीने।
“ओह साली आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
अब मैंने चाची की टांगो को मोड़कर पूरा पीछे तक अड़ा दिया जिससे चाची फोल्ड हो चुकी थी। अब मैं थोड़ा सा खड़ा हो गया और चाची को फिर से झमाझम चोदने लगा।अब मुझे चाची को फोल्ड करके चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं गांड हिला हिलाकर चाची के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था।
“आहा आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह ओह आह्ह आहा।”
” ओह साली मां की लौड़ी। आह्ह आज तो तेरे भोसड़े की चटनी बना दूंगा। आहा आहाहा।”
मैं चाची की जमकर ले रहा था। मेरा लंड एकदम सीधा चाची के भोसड़े में घमासान मचा रहा था। तभी चाची के भोसड़े में फिर से गरमा गरम माल की पिचकारी छूट पड़ी। चाची फिर से नसते नाबूत हो चुकी थी। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक ऐसे ही फोल्ड करके बजाया।
अब मैंने चाची को वापस सीधा किया और जल्दी से चाची के बलाउज को खोल फेंका।अब मैंने चाची की ब्रा को भी खोलकर उनके बोबो को आज़ाद कर दिया। अब मैं चाची के बोबो को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा। आहा! चाची के मस्त बड़े बड़े बोबो को देखकर मै पागल सा हो गया। मैं चाची के बोबो को बुरी तरह से मसलने लगा।
” आईईईई आईईईई सिसस्ससस्स उन्ह सिससस्स आहाहा ओह साले हरामी आहा धीरे धीरे दबा।”
मैं– मैं तो ऐसी हो दबाऊंगा साली। आहा बहुत बड़े बड़े बोबे है तेरे। आहा बहुत मज़ा आ रहा है।
“क्यों ? तेरी चाची के इतने बड़े नहीं है क्या?”
” बड़े तो है लेकिन आपके तेरे जैसे नही है मेरी रानी। ”
तभी मैंने चाची के एक बोबे को ज़ोर से भीच दिया। चाची ज़ोर से चीख पड़ी।
” आईईईईई अआईईई, भैन के लौड़े आहा धीरे धीरे दबा।
” मैं तो ज़ोर ज़ोर से ही दबाऊंगा साली। ”
चाची को बोबो को दबाने से बहुत हो रहा था और मुझे उनके बोबो को मसलने में बहुत मज़ा आ रहा था। मै जमकर चाची के बोबो का मज़ा ले रहा था। फिर मैंने चाची के बोबो को बुरी तरह से मसल दिया। अब मैंने चाची के बोबो को मुँह में भरा और झमाझम उन्हें चूसने लगा।
अब चाची मेरे बालो में हाथ घुमा रही थी। उन्हें बोबे चुस्वाने में बहुत मज़ा आ रहा था।मैं रगड़ रगड़कर चाची के बोबे चुस रहा था।चाची के बोबे चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आहा उँह सिससस्स ओह साले और चुस आहा बहूत मज़ा आ रहा है आह्ह।”
मैं चाची के एक बोबे को मसलते हुए दूसरे बोबे को चुस रहा था। चाची आज फ्री होकर मुझे बोबो को चूसने दे रही थी।
“आह बहुत आराम मिल रहा है। आहा ऐसे ही चूसता रहे साले मेरी चूत के गुलाम।”
फिर मैंने बहुत देर तक चाची के बोबे चूसे। चाची के बोबो की अब सकल बदल चुकी थी। अब मैं तुरंत नीचे खिसका और चाची के पेटिकोट के नाड़े को खोलकर उनकी साड़ी और पेटिकोट एक साथ खोल फेंका अब चाची पूरी नंगी हो चुकी थी।अब मैंने चाची की गांड के नीचे तकिया रखा और चाची की टांगो को मेरे कंधो पर रखकर चाची के भोसड़े में उंगलिया घुसा दी। अब मैं चाची के भोसड़े में उंगलिया अंदर बहार करने लगा।
” उन्हहःहः आहा सिससस्स उन्हहःहः ओह आईईईईई।”
मैं– ओह भैन की लौड़ी बहुत गर्म हो रहा है तेरा भोसड़ा।
” आईईईईई धीरे धीरे कर कुत्ते।”
” ज़ोर ज़ोर से करने में ही मज़ा आता है साली मां की लौड़ी।”
मुझे चाची के भोसड़े में ऊँगली करने मे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै चाची के भोसड़े में जबरदस्त तरीके से खलबली मचा रहा था। चाची बेड की चादर को मुट्ठियों में कस रही थी
“आईईईई सिससस्स ओह साले हरामी आह्ह आह्ह उन्ह।”
चाची धीरे धीरे मदहोश हो रही थी।मै चाची के भोसड़े को बुरी तरह से कुरेद रहा था। तभी थोड़ी देर बाद मैंने चाची के भोसड़े को चाटना शुरू कर दिया।चाची के नमकीन भोसड़े को चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब वो बहुत ज्यादा बेचैन होने लगी।
” उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह साले कमीने। मत कर । आह्ह।”
अब चाची मुझे उनके भोसड़े से दूर हटाना चाहती थी लेकिन मैं चाची की चलने नहीं दे रहा था।मैं चाची की दोनों जांघे पकड़कर उनके भोसड़े को झमाझम चाट रहा था।
“ओह साले कुत्ते। मत चाट। आहहह आह्ह उँह ओह आह्ह आह्ह उन्ह।”
तभी चाची ने मेरे सिर को ज़ोर से उनके भोसड़े पर दबा दिया और चाची के भोसड़े में ज़ोर की ज्वालामुखी फूटी। चाची पसीने से लथपथ हो चुकी थीं।अब मैं चाची के नमकीन पानी को चाटने लगा। उनके गर्मागर्म नमकीन पानी को चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक चाची के भोसड़े को चाटा।
अब मैं फिर से चाची को बाजना चाहता था। अब मैंने फिर से चाची की टांगो को ऊपर उठाया और उनके भोसड़े में लण्ड ठोक दिया। अब मैं फिर से चाची को चोदने लगा।
” आह्ह अहह आह्ह अआहः ओह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह भैन के लौड़े।”
“ओह साली, मां की लौड़ी। बहुत मज़ा आ रहा है। आह। ”
मैं गांड हिला हिलाकर चाची के भोसड़े में लगातार लण्ड पेल रहा था। चाची फूल सिस्कारिया ले रही थी। उनको चुदाने में बहुत मज़ा आ रहा था। मै जमकर चाची के भोसड़े में लण्ड ठोक रहा था। मेरे लंड के हर एक झटके से चाची के बड़े बड़े बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे।
“आह्ह उन्ह ओह सिससस्स ओह साले हरामी आहा बहुत मज़ा आ रहा है। और ज़ोर ज़ोर चोद मुझे। आहाहाह।”
तभी मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के भोसड़े में झटके मारने लगा। चाची अब फिर से बुरी तरह से झटके खाने लगी।
” आईईईई आहहह आह्ह आईईईईई आईईईई मर गईईई गईईईई।”
ज़ोरदार झटकों के साथ मेरा लण्ड चाची के भोसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था।चाची के जिस्म का अंग अंग हिल रहा था।
” बसस्ससस्स कुत्ते रुक जा अब्ब्ब्ब। आईईईईई। आईईईईई।”
लेकिन आज मैं रुकने वाला नहीं था। मै तो चाची को जमकर चोद रहा था। चाची की हालत खराब हो चुकी थी। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मेरा लण्ड पिघलने वाला था। अब मैंने चाची के भोसड़े में लण्ड ठहरा दिया और फिर मैंने चाची को कसकर मेरे लण्ड का सारा माल चाची के भोसड़े में भर दिया।
कुछ देर तक मैं चाची से ऐसे ही लिपटे रहा। फिर थोड़ी देर बाद मैंने चाची को छोड़ा।चाची बुरी तरह से चुद चुकी थी। अब मैं चाची की गांड की सील तोडना चाहता था।
कहानी जारी रहेगी……………..
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