पहला एहसास कज़िन बहन के साथ

नमस्कार, मेरा नाम राज है. मई 28 साल का हू. मेरा 5 “11” हाइट है और मीडियम बिल्ड पर फिट हू और कर्नाटका का रहना वाला हू.

ये यूयेसेस समय के सॅकी कहानी है जब मई और मेरी कज़िन बहें करीब 18 के वर्जिन थे. मेरी सेक्सी बहें अपने माता पिता के सात रहती जहा उनके पापा कम करते(पार्टी हॉल था)

हुमारी बड़ी फॅमिली है गौण मई और वाहा से मेरे पापा और 5 और उनके कज़िन भाई एक एक करके सहेर आए थे. कुछ साल बाद सब यही सेट्ल हो गये. सब बहुत क्लोज़ थे कभी बे कोई बे घर आता जाता.

मई पूरे फॅमिली मई बहुत सिडा और अक्चा बाकचा हू तो सबी पसंद करते है मुझे.

मेरी कज़िन सुरनीटा बहुत खूबसूरत थी. वो मेरे को हमेशा अट्रॅक्ट करती, दिकने मई गोरी स्लिम और पतली कमर किसी को भी मदहोश कर दे. फिगर कर्बी 32″ 26″ 35 का था.

हमारा एक रुटीन था जब मिलते हग और उसके सर पर किस करता.

गर्मी का मौसम और सुरनीटा से मिलने का मोका मिला. मई, मा और पापा पहुँ गये उनके घर. अंकल आंटी को नमस्कार किया और सुरनीटा को डेका उसने हाफ फ्रॉक और वाइट त-शर्ट मई बड़ी मस्त लग रही थी उसके उबरे स्तन पे चिपका रेड ब्रा मुझे धिक रहा था. “है” बोला तो वो मुस्कराई और ही बोली. कज़िन भाई पड़ाई कर रहा था और सबसे छोटा कज़िन भाई खेल रहा था कर्भी 5 साल का था तब.

हम थोड़ी देर यहा वाहा के बाते किया और फिर बोला चोलो घूमते है.

अंकल: नही कही मत जाना बहुत गर्मी है.

मई: अंकल हम दूर नही जाएँगे बस यही हॉल के पास बेतके बाते करेंगे.

आंटी: ठीक है बेटा तुम जाओ और मज़े करो.

मा और पापा बोले दूर मत जाना घर आज हे जाना है. हा बोलके वाहा से उसको लेके निकला.

मई: वा मेरी बहें किया खूबसूरत लग रही हो आज उम.

सुरनीटा: ये मैने नया फ्रॉक लिया है.

मई:अक्चा और टशहिर्त.

सुरनीटा:ये बहुत पहले लिया था.

मई:अक्चा लग रहा है और तुम्हारी ब्रा भी धिक रही है

सुरनीटा:धात भैया ये क्या बोल रहे हो.(शरमाने लगी)

तबी छोटा कज़िन भाई आया और बोला खेलते है प्लीज़.

हम बोले क्या खेलोगे तो वो बोला कुस्टी. क्यू की मई और वो कुस्टी हे करते है हर बार.

सुरनीटा: नही खेलूँगी.

मेरे तोड़ा मानने के बाद वो मान गयी.

टॉस हुआ और मेरा और छोटे का मॅच हुआ. जो जीता वो सुरनीटा के सात कुस्टी करेगा. वो धेक एंजाय कर रही थी.

हुँने एक छोटा सा सर्कल बनाया और फिर छोटे और मेरे बीच यूड हुआ और ज़ाहिर है मैं जीत गया.

अब बरी थी मेरी और सुरनीटा की.

सुरनीटा सीडा आकड़े मई आई और हेस्ट हुए अपने मुलायम जांगो पे और हाथ पे ताव देने लगी. उसके स्तन हिलने लगा तो

मई:हसा और बोला बहुत कॉन्फिडेंट हो, संबल के कही छूट ना लग जाए.

सुरनीटा:डेक्ते है!

मेरी तरफ भागी तो मई उसे सीने से चिपका के पकड़ लिया, एक हाथ मुलायम टॅंगो के बीच हाथ डाला और उसे यूटा के मत पे पटक दिया और उसके उप्पर चाड गया.

पहले हग इतना टाइट किया थे पर पहली बार उसके चूचियाँ (बूब्स) पूरी तारा मेरे च्चती से टकराई. मेरी बहें डोर होने की कोशिश की लेकिन मई उसका हाथ टाइट पकड़ लिया था

सुरनीटा:हाथ ना मानते हुए. नही भैया ये चीटिंग है और मेरे हाथ पे काट ने लगी.

मई:चिल्लाया अया और उसे देकने लगा.

मैने हल्का सा अपने नज़र पीछे किया तो उसकी फ्रॉक उसके सेक्सी जांगो तक किसकी हुई थी, मेरे अंदर जैसे करेंट पास हुआ.

मई जांगो को डेक्ता हे रहा गया तो उसने जात से मुझे उल्टा कर पटक दिया और मेरे उपर चाड गयी अब उसके चुचिया मेरे सामने थे.

सुरनीटा के फ्रॉक ने मेरी पंत की एरिया कवर कर लिया था, उसके नंगे जांग मेरी टॅंगो को पकड़ रखा था.मई चुचियों को डेक रहा था वो जैसे हे तोड़ा हिली तो उसके छूट पे पनटी के उप्पर मेरा पंत के अंदर खड़ा लंड आईसस हुआ. वो जैसे सकपका गयी.

हमारा भाई हास रहा था हमे धेक के, उसे तो मज़ा आ रहा था.

सुरनीटा: अब जीत गयी ना मई.

मई: उसके बूब्स डेक्ता रहा

सुरनीटा: तोड़ा उत्ते हुए ज़ोर से धक्का देने लगी पर इस बार उसे मई पकड़ लिया था और वो समाज गयी और अपने भाई से भोली मुझे बचाओ. पर वो कहा मानता मेरा गुलाम था वो तो.

मई: इतनी जोश मई था के ये भी नही समझा की क्या कर रहा हू. (मेरे अंदर बस करेंट ढोर गया था) मई उसके स्तानो को ज़ोर से दबाया और जांगो को उंगलियो से स्पर्श किया.

सुरिता तोड़ा सा आह की आवाज़ से छटपटाने लगी.

छोटा भाई: प्लीज़ छो दो भैया दीदी को दर्द होगा, तो मई उत्त् गया.

सुरनीटा धक्का देते हुए पीछे के तरफ से सीढ़ियाँ चड़ते हुए टेरेस पे दौड़ने लगी. मई भी उसके पीछे भगा और छत पे पकड़ लिया और मेरी तरफ खींच लिया. सुरिता के हाथ मेरे सीने पर थे.

सुरनीटा: रूको अब बस हुआ…

मई: मज़ा आया ना?

सुरनीटा: नही.

मई: संजते हुए बोला, सब ठीक है.

सुरनीटा: मुझे डेक्ते हुए बोली तुम मेरे भाई हो और ये ग़लत किया

मई: कुछ ग़लत नही है. मई तुमसे बहुत प्यार करता हू बोलते हुए उसे कमर से पकड़ और छत के कोने पे लेगया.

सुरनीटा: वाहा बेटे हुए मुझे घूर रही थी.

मई: सिचुयेशन को संबलते हुए स्माइल करता हुआ उसके पास गया और सर पे चूमा, भागने की वजा से उसके चूचिया उपर नीचे हो रहे थे (साँस ले रही थी).

मई: तोड़ा हिमत किया और उसके करीब गया और हल्का होतो पे चुम्मा लिया तो धक्का दिया और गुस्सा हुई. बोहुत बोलने लगी

मई फिरसे पकड़ा और होतो पे अपना हॉट चिपके चूमने लगा और वही छत पे उसे लिटा दिया. वो अलग होने की कोशिश कर रही थी.

मई फ्रॉक को तोड़ा उपर कींचा और हल्का उसकी पनटी के अप्पर हाथ सहालाया तो वो दर गयी और टाँगे बंद कर फ्रॉक नीचे करने लगी.

मई: उसका हाथ पकड़ और बोला डरो मत.

सुरनीटा: अपने आप को अड्जस्ट करते हुए. नही भैया नही! ग़लत है प्लीज़.

मई: फिर उसकी दोनो हाथ हटते हुए उसकी फ्रॉक को उपर किया और उसकी आके देकने लगा.

वो इडार उदार देकने लगी और चीकना चाहा .

वही उसका मूह पकड़ लिया और मई उसकी पनटी पकड़ के नीचे ज़त से नीचे किंच लिया. और छूट को आज़ाद किया. अभी बे छूट को फ्रॉक ने ढाका हुआ था.

सुरनीटा:ज़ोर लगते हुए उटी और बोली नही नही. मुझे जाने दो प्लीज़.

मई: उसे पकड़ते हुए हग किया और बोला रूको बहेना डरो मत.सब सही है!

सुरनीटा:बहें बोलके ये सब नही करो.

मई:प्यार मई सब सही है. बहुत मानने के बाद आंक बंद करने बोला और उसने किया. मैने अपना पंत और अंडरवेर आड़ा उतार लिया और उसके सामने बैट गया.

मई: मेरी प्यारी बहेना अपने आंक खोलो.

जैसे हे उसने आंक खोला और मेरा लंड उसके सामने देखा तो वो मेरा हठोड़ा डेक हैरान हो गयी और फिर से उतने लगी और इश्स बार धक्का देने लगी ज़ोर ज़ोर से.

सुरनीटा: प्लीज़ मुझे जाने दो.

मई:रुक दर मत और होतो को एक हाथ से बंद किया और उसके पेट पर बैट गया.

जैसे ही बेटे मैने मेरा लंड से उसके चूचियाँ का स्पर्श महसूस किया.

बहुत संजने के बाद वो शांत हुए और मई वही उसके हाथ पकड़ के उसके टॅंगो को अलग करके वही उसके उप्पर चिप्पक के लेट गया.

मुझे उसकी गरम चूचियों का स्पर्श हो रहा था. मुझे पता ही गया की वो भी इन सब से थोड़ी गरम हो गयी थी और मेरा नंगा लंड उसके फ्रॉक के उप्पर से उसकी छूट सॉफ स्पर्श महसूस कर रहा था.

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