Bhai Ne Choda Apni Sagi Behen Ko
हेलो दोस्तों, आज जो भाई बहन की सेक्स कहानियां बताने जा रहा हू वो मेरी भाई से चुदाई की कहानी हैं
मेरा नाम गौरी है. मैं फाइनल एअर की स्टूडेंट हूँ. मैं ब्राह्मण परिवार से होने के कारण मेरा रंग गोरा होना स्वाभाविक है पर मैं कुछ ज़्यादा गोरी हूँ. मेरी साइज़ 38 30 38 है. दिखने मे मैं मस्त हूँ. कोई भी मुझे अगर आगे से देखता है वो पीछे से भी जरूर मुड़कर देखता है, आगे से सबकी नज़र मेरी चुचिओं की उभार पर होता है और पीछे वो मेरी मस्त मस्त चूतड़ को हिलते हुए देखता है. मैं अपने भाई के बारे मे पहले ही आपको बता दिया है की वो इंडियन आर्मी मे है और वो साल दो साल मे छुट्टियों मे घर आया करता था. उसके आते ही गलियों की लड़कियों का हमारे घर आना जाना बहुत बढ़ जाता था.कुछ लड़कियों तो मुझे भी परेशन कर दिया था कहकर की अपने भाई को मेरे लिए पता दे ना. कितनो ने तो ये भी कहा था की एक बार तेरे भाई के हथियार(पेनिस) से मेरा गड्ढा भर जाए तो मे दुनिया की सबसे ख़ुसनसीब लड़की हूँगी.पर इतनी बातों से मेरे मॅन मे मेरे भाई के लिए बुरे ख़याल नही आए थे.
मुझे सेक्स मे इतनी ज़्यादा रूचि तो नही थी पर लड़कों के साथ घूमने मे मुझे बड़ा मज़ा आता था.मेरा सपना था की मैं किसी बॉडी बिल्डर, खूबसूरत लड़के के साथ लॉन्ग ड्राइव पे जाऊ, और लोगो को दिखा साकु. पर ना तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड था ना कोई ऐसा दोस्त जो मेरी ये खाविश पूरी करे.
एक बार मैने अपने भाई से कहा की मुझे घर बैठे आलस आ रही है, कुछ दीनो के लिए कहीं घूमने जाना चाहती हूँ, पर मम्मी पापा के साथ नही, तो भाई ने मज़ाक करते हुए कहा की अपने बॉय फ्रेंड के साथ चली जा.( हम दोनो मे ऐसी बातें चलती रहती थी). तो मैने कहा की मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है भैया. तो उसने बड़े प्यार से कहा “तो बना ले पगली”
भाई के इस रिप्लाइ से मे थोड़ी शॉक हो गई पर बात फिर नॉर्मल हो गई और उसने प्रॉमिस किया की वो जब घर आएगा छुटियों मे,तब मुझे कहीं घूमने ले जाएगा.मैं बहुत खुस हो गई और भाई के घर आने का इंतज़ार करने लगी.
दो महीने बाद मेरा भाई गोपाल छुट्टियों मे घर आया.घर के सभी लोग उसे मिलकर बहुत खुस हुए. मैं तो उसे देख कर हैरान हो गई. उसकी बॉडी सेम तो सेम जॉन अब्राहम के जैसी हो गई थी.
फिर हम गले मिले, उसने मुझे एक प्यारा सा गिफ्ट भी दिया. रात को सब खाना खाकर अपने अपने कमरे मे चले गये और मे अपने भाई के कमरे मे जाने लगी. रात के करीब 10 बजे होंगे, मैं जैसे ही दरवाजे के पास पहुचि, मैने देखा की दरवाजा खुला था और भाई कपड़े बदल रहे थे और फोन पर बात भी कर रहे थे.
भाई- यार यहा आए एक दिन भी नही हुआ की मैं तो अभी बोर हो गया हूँ. अब घर पर लगता है रहा ना जाएगा.
(फिर फोन पे सामने बाले की बात सुना)
भाई- अरे नही यार चूत तो यहाँ भी मिल जाएग्गी,पर तुम लोगों के साथ ग्रूप मे चोदना कुछ अलग ही मज़ा है.
मैं ये सुन कर दंग रह गई और थोड़ी हॉर्नी भी हो गई. इसका मतलब भाई आर्मी कॅंप मे अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी को चोदता है. इतने मे उसने अपना अंडरवियर खोला और टवल कमर मे लपेट कर बातरूम की और बढ़ा. उईईई माआअ क्या था वो?????
मेरे भाई का औजार!!!इतना मोटा और लंबा!! मैं बहुत डर गई और तुरंत अपने कमरे मे चली आई.उस नज़ारे को मे पूरी रात भुला ना पाई और सुबह होते होते मुझे नींद आ गई.सुबह मे जब उठी तो भाई मेरे बगल मे बैठे थे.उन्होने कहा की मम्मी पापा कहीं जा रहे हैं ,तुम उनसे मिल आओ बाहर.
मैं तुरंत बाहर आई तो मम्मी पापा कार पर बैठ चुके थे.मैने पूछा की कहाँ जा रहे हो इतनी सुबह सुबह तो पता चला की पापा मम्मी को आँख के ऑपरेशन के लिए दिल्ली जा रहे हैं और शायद एक दो हफ्ते मे वापद आएँगे.मम्मी पापा ने कहा की हमारे आने तक तुम्हारा भाई तुम्हारा ख़याल रखेगा.
पहले मुझे बहुत गुस्सा आया की मम्मी पापा मुझे अकेले छोड़ के जारहे है पर मारे मान मे जैसे ही कल रात वाली बात याद आई, मे मॅन ही मॅन खुस होने लगी.उस समय तक मे खुद समझ नही पाई थी की मेरे भाई का लंड मुझे भा गया.मम्मी पापा के जाने के बाद मे घर के अंदर आई और नहाने चली गई.फिर मैने नास्ता तैयार किया और हम दोनो बातें करते करते नाश्ता करने लगे.
मे- भैया म्म्मी पापा तो चले गये!!! अब तुम मुझे घूमने कब ले जाओगे?
भाई-तो क्या हुआ? हम दोनो को ही जाना है ना घूमने?छसले जाएँगे . एक दो दिन रुक जाओ ,मे कल ही आया हूँ ,तोड़ा आराम कर लू.
मे- भैया !! आपका मॅन तो लग रहा है ना यहाँ?
भाई-अपने घर मे किसका मॅन नही लगता पगली??
मे- नही..यहाँ आप के दोस्त नही हैं ना कोई इसलिए पूछी.
भाई-तुम हो ना मेरी प्यारी सी दोस्त.
मे – वैसे भैया ! मोहल्ले की आधी लड़कियाँ आपसे दोस्ती करना चाहती है.आप किसी को आप्बी दोस्त क्यूँ नही बना लेते..दोस्ती के बाद गफ़ भी बन जाएगी और उसके बाद ससयद आपको बीबी और मुझे भाबी भी मिल जाए.भाई- इस मोहल्ले की कोई लड़की पसंद नही है मुझे.किसी की नाक टेढ़ी. .किसी की आँखे डरावनी ,कोई कोयले जैसी काली है और कोई भैंस जैसी मोटी.मेरी पसंद ऐसी नही है.
मे- तो आपको केसी पसंद है मेरे प्यारे भैया?
भाई- तुम्हारे जैसी (कहकर तोड़ा मुस्कुरा दिए)
(उनकी इश्स बात से मे तोड़ा सहम गई)फिर थोड़े सेक्सी अंदाज़ मे पूछा..
मे- मुझमे ऐसा क्या है भैया जो उन लड़कियों मे नही??? हां हां बताओ ज़रा.
भाई- अरे तू मेरी बेहन है.तुझे नही बता सकता ऐसी बातें.मेरी गफ़ या दोस्त होती तो बता देता.तू पूछ ना अपने बॉय फ्रेंड से की लड़कों को लड़कियों मे क्या अच्छा लगता है?
मे- मे जानती हूँ भैया की आपको क्या पसंद है.और मे ऐसी लड़की आपके लिए ढूंड निकालूंगी.
(ऐसा कहते हुए मे अपने रूम मे चली गई) थोड़ी देर बाद जब मे वापस डाइनिंग रूम मे आई तो भैया वहाँ नही थे. मैं सीधे उनके रूम की तरफ चली गई और दरवाजे के पास पहुँचे पहुँचते थोड़ी धीरे हो गई. मैने देखा दरवाजा अंदर से बंद था.पर डोर के होल से अंदर का नज़ारा सॉफ दिखाई पड़ता था और वहाँ की लाइट भी ओं थी.
मे ये देख कर हैरान हो गई की मेरा भाई मेरे पेंटी के साथ खेल रहा है. कभी नाक से सूंघटा है कभी अपने लंड मे लपेटता है..ओह ये तो पूरा सेक्स का पुजारी है और अपनी बेहन को निशाना बनाना चाहता है..
मुझे लगा की मैं अपने भाई से चुद सकती हु अगर कोई आईडिया आ जाये तो तभी मैं पेट दर्द का बहाना बनाया, आआह आआआह आआअह जोर जोर से करने लगी बहार भैया तुरंत दौड़कर आये और बोले क्या हुआ बहन, मैंने कहा भैया मेरे पेट में काफी दर्द हो रहा है, तो भैया बोले चलो डॉक्टर के यहाँ ले चलते है तो मैंने कहा नहीं नहीं डॉक्टर से कुछ भी नहीं होगा मेरा ये दर्द अक्सर उठ जाता है, जब ऐसा होता है तो माँ गरम सरसों का तेल मेरे पेट पे मालिश कर देती है, ( भैया बोले मैं कर देता हु यार, क्या होगा तुम्हारी दर्द देखि नहीं जा रही है, जब भईया रसोई में तेल गरम करने गए तब तक मैंने अपना कपडा चेंज कर ली, मैंने नाईटी डाल ली नाईटी के अंदर सिर्फ पेंटी पहनी थी अब आप खुद सोचिये मेरा भाई तेल कैसे लगाएगा, मैंने ब्रा भी उतार दी थी. और पलंग पे लेट गयी. भैया आये बोले अरे यार मैं कैसे लगाउँगा तेल तुम तो नाईटी पहनी है मैंने कहा कोई बात नहीं आप उधर मुह घुमाओ मैं कपड़ा ऊपर कर देती हु भैया उधर मुह घुमाए मैंने नाईटी ऊपर कर दी और अपने पेंटी के ऊपर एक तौलिया धक दिया, और बोला चलो लगाओ, और मैं झूठ मूठ का आह आह आह कर रही थी.
मेरा चौड़ा पेट मोटी मोटी जांघे भैया को लार टपकने पे मजबूर कर रहा था वो तेल लेके जैसे ही पेट को छुआ मैं आऊच कर गयी, मेरे शरीर का रोम रोम सिहर उठा था, मेरे तो होठ दाँतों टेल दबने लगे जैसे जैसे वो तेल लगा रहा था मेरी चूच टाइट होने लगी और मेरे भाई का लैंड खड़ा होने लगा एक बार उसने अपना ऊँगली मेरे बूब को टच किया मैं सरमा गयी फिर वो बार बार टच करने लगा और मैं सोने का नाटक करने लगी, बाद में वो मेरे चूच के दोनों हाथो से पकड़ लिया और उसमे में तेल मालिश करने लगा, फिर वो मेरे पेंटी के निचे भी हाथ डाल के तेल लगाने लगा, तभी मैंने आँखे खोल दी और बोला भैया ये क्या? तो भइया एक ऊँगली होठ पे रखा और बोला श्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैंने चुप हो गयी भाई ने मेरी पेंटी उतार दी. और नाईटी भी बाहर कर दिया वो भी नंगा हो गया और मैंने तो पूरी नंगी थी ही. भाई ने मेरे चूत को चाटने लगा और अपने हाथो से बूब को मसलने लगा मैंने हॉर्नी हो गयी और बोली अब देर मत कर उसने अपना लण्ड निकाला और मेरे बूर के मुह पे अपने लण्ड का सुपाड़ा रखा और एक ही धक्के में पेल दिया मैंने दर्द से कराहने लगी और वो फिर धीरे धीरे चोदने लगा फिर क्या था उसने लैपटॉप में काम सूत्र का वीडियो चला लिया और उसने काम सूत्र में जिनते पोजीशन थे सब को बारी बार से किया, मुझे रात भर चोदा मैंने सुबह सुबह बहुत हल्का महसूस कर रही थी, भैया बोले बहन तुम नहा लो हम दोनों फिर से कामसूत्र देखने बाले है.