Kunwari Choot ki Chudai Hot Sex Story Hindi : हाय दोस्तों, मेरा नाम सोनी है। उम्र 19 साल, गोरा रंग, छोटी-छोटी चूचियाँ जो मेरी कुर्ती में सख्त रहती थीं, और एक टाइट गांड जो हर मर्द को मेरी चूत की तरफ खींचती थी। मेरी जांघें चिकनी थीं, और गुलाबी होंठ चूसने लायक थे। मैं अभी कुंवारी थी, और मेरी चूत ने कभी लंड नहीं देखा था। मैं दिल्ली में अपनी दीदी, रीना, के घर होली मनाने आई थी। दीदी की शादी संजय जीजा से हुई थी—27 साल के, लंबे, गठीले, और उनका मोटा लंड मेरे सपनों में मुझे तड़पाता था। होली आने में अभी तीन दिन थे, पर उस रात जीजा ने मेरी कुंवारी चूत को चोदकर जवान कर दिया। ये मेरी गंदी और हॉट कहानी है।
उस रात हल्की ठंड थी। दिल्ली में होली की तैयारियाँ चल रही थीं। दीदी और जीजा के घर में रंग-गुलाल बिखरा था, और हवा में भांग की खुशबू थी। मैंने एक पतली पीली कुर्ती और सलवार पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरी छोटी चूचियाँ साफ दिख रही थीं, और गुलाबी निप्पल कुर्ती से बाहर झाँक रहे थे। दीदी पड़ोस में सोने गई थी, और घर में सिर्फ मैं और जीजा थे। मैं अपने कमरे में लेटी थी, और मेरी चूत में खुजली मच रही थी। तभी जीजा अंदर आए। उन्होंने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उनकी नंगी छाती मेरे दिल में आग लगा रही थी। वो बोला, “सोनी, अकेली लेटी है? होली का मज़ा ले ले।” मैं हँसी, “जीजा, होली तो अभी बाकी है।” वो मेरे पास बिस्तर पर बैठ गया और बोला, “होली से पहले तेरी कुंवारी चूत का रंग बदल दूँगा।”
मैं सिहर उठी, “उफ्फ… जीजा… ये क्या बोल रहे हो…” वो मेरे करीब आए और बोला, “सोनी, तेरी छोटी चूचियाँ और टाइट चूत देखकर मेरा लंड तड़प रहा है।” मैं बोली, “आह्ह्ह… जीजा… मैं आपकी साली हूँ…” लेकिन वो मेरी कुर्ती पर हाथ रखकर बोला, “साली हो तो क्या, तेरी चूत को चोदने का मज़ा लूँगा।” उसने मेरी कुर्ती ऊपर उठाई, और मेरी छोटी चूचियाँ उसके सामने थीं। मैं बोली, “जीजा, मत करो…” वो हँसा, “सोनी, तेरी चूचियाँ देखकर रुक नहीं सकता।” उसने मेरी चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा। “उफ्फ… सोनी… तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं… आह्ह्ह…” मैं सिसकार उठी, “आह्ह्ह… जीजा… धीरे चूसो… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… ओहhh…”
उसकी जीभ मेरे गुलाबी निप्पल पर चक्कर काट रही थी, और मेरी चूत गीली हो रही थी। मैं बोली, “जीजा, मेरी चूत को मत छूना… मैं कुंवारी हूँ…” वो बोला, “सोनी, तेरी कुंवारी चूत को चोदकर जवान करूँगा।” उसने मेरी सलवार नीचे खींची। मेरी टाइट, गुलाबी चूत उसके सामने थी—कुंवारी और गीली। वो बोला, “सोनी, तेरी चूत तो होली के रंग से ज़्यादा मस्त है।” उसने मेरी चूत पर मुँह रखा और चाटने लगा। “आह्ह्ह… जीजा… मेरी चूत में क्या डाल रहे हो… ओहhh…” मैं सिसकार रही थी। वो बोला, “सोनी, तेरी चूत का पानी गंदा और मस्त है।” मैं चिल्लाई, “उफ्फ… जीजा… चाट लो… मेरी चूत को चूस डालो… आह्ह्ह…” उसकी जीभ मेरी चूत में गहराई तक जा रही थी, और मैं पागल हो रही थी।
मैं बोली, “जीजा, मेरी चूत को चोद दो…” वो हँसा, “सोनी, तेरी कुंवारी चूत को भोसड़ा बना दूँगा।” उसने अपनी लुंगी उतारी। उसका मोटा, काला लंड मेरे सामने था—लंबा, सख्त, और नसों से भरा। मैं डर गई, “उफ्फ… जीजा… तेरा लौड़ा बहुत बड़ा है…” वो बोला, “सोनी, इसे चूस… फिर तेरी चूत में डालूँगा।” मैंने उसका लौड़ा मुँह में लिया। “उम्म… जीजा… कितना मोटा है… उफ्फ…” मैं चूस रही थी, और वो बोला, “आह्ह्ह… सोनी… ज़ोर से चूस… मेरे लौड़े को रंडी की तरह चाट… ओहhh…” उसका लौड़ा मेरे गले तक जा रहा था, और मेरी चूत से पानी टपक रहा था। मैं बोली, “जीजा, अब मेरी चूत में डाल दो…”
उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया। मेरी टाइट चूत उसके सामने थी। मैं बोली, “जीजा, धीरे करना… मेरी चूत कुंवारी है…” वो बोला, “सोनी, तेरी कुंवारी चूत की सील तोड़ डालूँगा।” उसने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रगड़ा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… जीजा… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” मैं चीख पड़ी। उसका लौड़ा मेरी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया था, और खून की बूंदें टपक रही थीं। वो बोला, “सोनी, तेरी चूत की सील टूट गई…” “थप-थप-थप” की गंदी आवाज़ गूँज रही थी। मैं सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… जीजा… धीरे… मेरी चूत जल रही है… ओहhh…”
धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया। मैं बोली, “जीजा, ज़ोर से चोदो… मेरी चूत को फाड़ डालो…” वो बोला, “सोनी, तेरी चूत को रंडी की तरह चोदूँगा।” वो मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूचियाँ मसल रही थीं। मैं चिल्लाई, “आह्ह्ह… जीजा… मेरी चूत को चोद-चोदकर भोसड़ा बना दो… उफ्फ…” वो मेरी चूचियाँ चूस रहा था, और उसका लौड़ा मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। मैं बोली, “जीजा, मेरी गांड भी चोदो…” वो हँसा, “सोनी, तेरी टाइट गांड को भी फाड़ डालूँगा।” उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उसके सामने थी। वो बोला, “क्या मस्त गांड है तेरी…”
उसने मेरी गांड पर थूक डाला और लौड़ा रगड़ा। मैं बोली, “उफ्फ… जीजा… धीरे…” उसने एक धक्के में लौड़ा मेरी गांड में पेल दिया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… जीजा… मेरी गांड फट गई… ओहhh…” मैं चिल्ला रही थी। वो बोला, “सोनी, तेरी गांड का भोसड़ा बनाऊँगा…” वो मेरी गांड को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “उफ्फ… जीजा… मेरी गांड को चोद डालो… आह्ह्ह…” मैं सिसकार रही थी। मेरी गांड में जलन थी, पर गंदा मज़ा भी आ रहा था। वो बोला, “सोनी, तेरी गांड और चूत दोनों चोद-चोदकर लाल कर दूँगा…” मैं चिल्लाई, “आह्ह्ह… जीजा… मेरे दोनों छेद भर दो…”
रात गहराने लगी। मैं बोली, “जीजा, मेरी चूत में रस डालो…” वो बोला, “सोनी, तेरी कुंवारी चूत को भर दूँगा।” उसने मेरी चूत में लौड़ा डाला और ज़ोर-ज़ोर से चोदा। “आह्ह्ह… सोनी… तेरी चूत मस्त है… उफ्फ…” वो सिसकार रहा था। मैं बोली, “आह्ह्ह… जीजा… चोद डालो… मेरी चूत को फाड़ दो… ओहhh…” उसका रस मेरी चूत में छूट गया। “आह्ह्ह… सोनी… ले मेरा रस… तेरी चूत भर दी…” वो चिल्लाया। मैं भी झड़ गई, “आह्ह्ह… जीजा… मेरी चूत भर गई…” हम थककर लेट गए। वो बोला, “सोनी, होली से पहले तेरी कुंवारी चूत जवान हो गई।” मैं हँसी, “जीजा, तेरा लौड़ा मेरी चूत का मालिक है।”
उस रात के बाद जीजा हर बार मुझे चोदने लगा। होली आई, और रंगों में उसने फिर मेरी चूत और गांड को चोदा। दीदी को कुछ पता नहीं चला, पर मैं जीजा के लौड़े की दीवानी बन गई। मैं बोली, “जीजा, मुझे चुदवाना पसंद है।” वो बोला, “सोनी, तेरी चूत और गांड मेरे लौड़े की रंडी हैं।” होली के पहले मेरी कुंवारी चूत जवान हो गई, और मैं हर रात जीजा की चुदाई का मज़ा लेती। दोस्तों, मेरी ये गंदी और हॉट कहानी कैसी लगी?