पड़ोस के कोठे पर पैसे देकर की रंडी की चुदाई – Antarvasna.live

Pados ke kothe par paise dekar ki Randi ki Chudai, हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का antarvasna.live में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मेरा नाम रिहान हैं। मेरी उम्र 27 साल की है। मेरा कद 6 फ़ीट है। मै देखने में कुछ खाश अच्छा नहीं लगता हूँ। लेकिन मैं एक जबरदस्त पर्सनालिटी का मालिक हूँ। मैं जब भी किसी बड़ी चुच्चे वाली लड़की को देखता हूँ। मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है। मुझे लड़कियों की चूत चाटना बहुत अच्छा लगता है। मैंने अब तक कई लड़कियों की चूत चाट कर अपना लौड़ा चुसवाया है। मुझे अपना लौड़ा चुसवाने में भी बहुत मजा आता है। मेरे लौड़े की कई लड़किया दीवानी है। इसी लौड़े से मैंने अब तक कई लड़कियों की सीख तोड़ी है। इसी लंड की एक रंडी दीवानी हो गई। जो पहले पैसे लेकर चुदाती थी। लेकिन अब अपनी चूत मेरे लौड़े के लिए फ्री कर दिया। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों मैं एक मीडियम परिवार की फैमिली से हूँ। मेरे पापा एक जनरल स्टोर चलाते है। मेरे घर के सारे लोग अपना अपना बिज़नस संभालते है। मैं अकेला ही सबसे छोटा हूँ। मेरे घर में मेरे अलावा मेरे मम्मी पापा और दो बड़े भाई भी हैं। मेरे सारे बड़े भाई बाहर कमा रहे है। मै अभी तक तैयारी में जुटा था। लेकिन कहीं भी सेलेक्शन नही हो पाया। मै भी कब तक हर कर घर वापस आ गया। मैं भी अब अपने भाइयों के साथ मिलकर काम करना चाहता हूँ। मेरे भाई हमेशा ही मुझे अपने पास आकर काम करने को कहते थे। लेकिन मुझे वहाँ मुझे पढ़ाई के साथ साथ चुदाई का भी आनंद मिलता था। इसलिए मै वहाँ से नहीं आना चाहता था।
लेकिन बड़े भैया ने जिद करके मुझे बुला लिया। मेरा मन घर पर नहीं लग रहा था। मुझे यहां चोदने को कोई मिलता हो नहीं था। कई दिनों तक मुठ मार मार कर काम चला रहा था। मैंने आखिर कर चूत की खोज करनी शुरू कर दी। एक दोस्त मिला मुझे जों की बचपन से जानता था मुझे। उससे मैंने सारी बात बताई। उसका नाम रमन था।

मैं-“यार रमन मन नहीं लगता यहाँ। कोई चोदने के लिए मिलता ही नहीं यहां”
रमन-“साला पैसा खर्च कर सब कुछ मिलता है”
मै-“पैसा खर्च करने पर चूत मिले। तो मैं कितना भी पैसा क्यों न खर्च हो कर दूंगा”
रमन-” चलो फिर आज शाम को पास के कोठे पर। दिखाता हूँ तुझे एक से बढ़कर एक माल”। जिसे देखते ही लंड खड़ा हो जाये”
शाम को मैं और रमन अपने घर से कोठे पर गए। मैंने पहली बार कोठे में प्रवेश किया।
रमन भी मेरे साथ था। रमन कह रहा था। भाई पहली बार मैं भी यहाँ आया हूँ। मैंने अंदर देखा तो देखता हो रह गया। एक से बढ़कर एक जबरदस्त माल की लाइन लगी हुई थी। किसको चोदूं समझ में ही नहीं आ रहा था। उनकी एक लीडर सामने ही बैठी थी। जो सारे लाडकियों को चोदने का रेट बता रही थी। मैंने सबसे टॉप क्लास की माल की तरफ गया। उसका दाम 3 हजार रुपया था। रमन ने भी एक माल उसी में से एक माल को निकाला। मैंने दिनों का पैसा दिया।
रंडियों की लीडर ने कहा-” सामने वाले कमरे में ले जाओ। संभाल कर चोदना। अभी ये दोनों ही नई है। बहुत ही नाजुक है”
मैंने हाँ करके सामने के कमरे में ले गया। वहाँ पहुच कर। मैंने दरवाजे में कुण्डी मारी।
मैंने उस रंडी से उसका नाम पूंछा। उसने अपना नाम सपना बताया। मैंने सपना का हाथ पकड़ा। सपना भी मेरे हाथ पकड़ कर बिस्तर की तरफ चल दी। मैंने बिस्तर पर ले जाकर सपना का हाथ छोड दिया। पूरा बिस्तर बिल्कुल सुहाग रात के दिन वाला कमरा लग रहा था।

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मैंने पूंछा-” कमरे की इतनी सजावट है। लग रहा है सुहागरात वाला कमराहै”
सपना-“साहब यहां तो हर रोज सुहागरात मनाई जाती है। आज आप भी मनाने आये हैं। आप भी सुहागरात का मजा ले लीजिए”
मुझे बड़ी हैरानी हो रही थी। कमरे की ऐसी सजावट नया नया बिस्तर उस पर बिखरे फूल। बिस्तर के चारो तरफ फूल लटक रहे थे। लग रहा था आज मैं सच में शादी की सुहाग रात मनाने जा रहा हूँ। पहली बार मैंने इतनी हॉट सेक्सी लड़की देखी थी। अब तो मेऱा मन सुहाग रात मनाने को मचल रहा था।
मैंने बिस्तर पर पड़े फूलों की खुसबूओं को सूंघ कर जोश में आ रहा था। सपना ने सारी और पतला वाला ब्लाउज पहना था। सपना के मम्मे बहुत ही अच्छे से दिख रहे थे। बस उसके निप्पल ही ढके हुए थे। मैंने अपना लौड़ा हाथ से दबाया। मेरा लौड़ा खड़ा होता ही चला जा रहा था। मैंने अब सपना की तरफ देखा। सपना ने मेरी तरफ देख कर कहा
सपना-” साहब जो भी करना है जल्दी करिए और भी ग्राहक आएंगे अभी”
मै-” करता हूँ ना। लेकिन ये बताओ क्या मिलता है तुम्हे ये सब करके। कही भीबतुम काम ढूंढ लो। वो करो इस तरह से क्या इज्जत मिलती है”
सपना-” जहां भीबकाम के लिए जाती थी। काम लार तो रख लेते थे। लेकिन सबका मकसद सिर्फ मुझे चोदना ही होता था। जब चुद के ही पैसा कमाना है। तो कम पैसा क्यूँ कमाऊं?”

मैंने कहा बात तो ठीक है। सपना सभी रंडियों जैसी खूब सजी धजी खड़ी थीं। मैंने सपना का हाथ पकड़ा। सपना को बिस्तर की तरफ खीच कर मैंने उसे अपने बाहों में ले लिया। सपना मेरी बाहों में लेट गई। मैंने सपना के चेहरे से बाल हटाया। सपना का बाल हटाकर उसके चेहरे को अच्छे से देखा। सपना बिल्कुल दूध की तरह गोरी गोरी दिख रही थी। देखने में उसका फेस कटिंग बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसकी आँखों में तो डूब ही जाने का मन करने लगा। उसकी काजल आँखों के किनारे निकल कर बाहर की तरफ आँखों को बहुत ही नुकीली बना रही थी। मैंने सपना की आँखों को देखकर उसकी नाक की तरफ देखा। उसकी नाक बहुत ही अच्छी लग रही थी। उसके नाक की नथ उसकी नाक पर बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। मैंने अपना होठ उसकी होंठ पर देखते ही रख दिया। उसकी नाजुक होंठो को छूते ही मेरा लंड पैंट से बाहर आने को तड़पने लगा। मैंने आने होंठ को सपना के होंठ से सटा कर चूसने लगा।

उसकी होंठो का रस बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसकी होंठ को चूस चूस कर मैं रस पीने लगा। उसकी होंठो को पीते ही उसकी साँसे तेज होने लगी। वो सूं..सूं…. सूं… की आवाज अपनी मुँह से निकालने लगी। मैंने उसकी आवाज को सुना। उसकी आवाज सुनकर लगने लगा। की वो गरम होने लगी है। मैंने खूब होंठ चुसाई की उसकी। सपना भी मेरा होंठ चुसाई में पूरा साथ दे रही थी। मैने उसकी होंठो को चूस चूस कर लाल लाल कर दिया। सपना को भी होंठ चुसाई में भरपूर आंनद मिल रहा था। मैंने सपना की ब्लाउज में हाथ डाल कर उसके मम्मो को निकाल दिया। मैंने अपना हाथ सपना की ब्लाउज में उसकी चूंचियों को दबाने में लगा रखा था। मैंने अपने दोनों हाथों से सपना की चूंचियों क़्क़ दबा दबा कर उसका भरता लगा रहा था। सपना की चूंचियो को दबाते ही सपना गरम होकर ऐंठने लगती थी। मैंने सपना की ब्लाउज की हुक खोली। सपना की चमकीले रंग की ब्लाउज बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। मैंने ब्लाउज निकालते ही सपना की चूंचियो के दर्शन मुझे उसकी ब्रा में हो गए।
सपना की ब्रा के दर्शन ब्लाउज में करते ही मैंने सपना की ब्रा को उतार दिया। सपना की ब्रा को निकालते ही उसके गोरे भूरे मम्मो के दर्शन ही गए। मैंने उसके गोरे भूरे मम्मो के दर्शन करके। अपना मुँह उसके निप्पल पर लगा दिया। उसके निप्पल को अपने मुँह में रख कर मैं चूसने लगा। निप्पल और उसके मम्मे बहुत ही सॉफ्ट थे। मैं अपने मुँह में उसके निप्पल को रखकर रुई की तरह दबा दबा कर पी रहा था। मैंने उसकी चूंचियो को दबा दबा कर काट काट कर पीने लगा। सपना की चूंचियों को काटते ही सपना अपने मुँह “….अई…अई….अई….अई …. उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह…” की आवाज निकालने लगती। मुझे सपना की चूंचियो को पीने में बहुत मजा आ रहा था। सपना की साड़ी भी मैंने उतार दी।

यह कहानी आप antarvasna.live में पढ़ रहें हैं।
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अपना अब सिर्फ पेटीकोट में मेरे सामने लेटी थी। सपना ने नीले रंग पेटीकोट पहना था। सपना बिस्तर पर तड़प रही थी चुदवाने को। मैने भी अपना लौड़ा निकाल लिया। चैन के बाहर मेरा लौड़ा निकला हुआ था। सपना अपनी आँख बंद करके लेटी थी। मैंने उसके पेटिकोट को ऊपर उठाया। उसकी पेटिकोट को ऊपर उठा कर मैंने उसकी पैंटी सहित उसकी चूत के दर्शन किया। सपना की चूत के किनारे एक भी बाल नही था। मैंने सपना की पेटीकोट का नाड़ा खोला। सपना की पेटीकोट का नाड़ा खोलते ही मैंने उसकी पेटीकोट निकाल दी। पेटीकोट के निकलते ही सपना पैंटी में हो गई। सपना को पैंटी में देखकर मैंने उसकी चूत को देखने की तडप होने लगी। मैंने सपना की चूत को देखने के लिए। मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी। सपना की पैंटी को निकाल कर मैंने दूर फेंका। मैंने भी अपने सारे कपडे निकाल दिए। हम दोनों ही अब नंगे ही थे।

सपना मेरे बड़े मोटे काटे लंड को देख रही थी। मैंने सपना की दोनों टांगो क़्क़ फैलाकर उसकी चूत के दर्शन किया। सपना की गोरी चूत को देखकर मेरा मन मचलने लगा। सपना की चूत को मैंने अपने मुँह में रख लिया। सपना की चूत जैसे ही मैंने अपने मुँह में भरी। सपना के मुँह से “आई… .आई…आई….अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की चीख निकलने लगी। मैंने सपना की चूत को चाट चाट कर चूसना शुरू किया। सपना की चूत को चाटने चूसने में बहुत मजा आ रहा था। सपना की चूत के दोनों टुकड़ो को मैं बारी बारी से काट काट कर चुसा रहा था। सपना भी मेरा सर अपनी चूत में दबाये हुए थी। मै उसकी चूत को अच्छे से पी रहा था। सपना की आँखे बंद थी। उसके मुँह से सिर्फ सिसकारियां निकल रही थी। मैंने सपना के चूत के दाने को काटना शुरू किया। सपना की चूत का दाना बहुत ही छोटा था। मैंने अपने दांतों से सपना के चूत के दाने को काट रहा था। दाने को काटते ही सपना “…अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ…आहा …हा हा हा” की आवाज के साथ अपनी चूत चुसवाने में मस्त थी।

मैंने सपना की चूत में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत को चाट रहा था। मेरी जीभ लंबी होकर सपना की चूत की गहराइयों में जाकर उसकी चूत चाट रहा था। सपना की चूत ने पानी छोड़ दिया। सपना की चूत के पानी छोड़ते ही मैंने अपना जीभ लगाकर सारा माल चाट लिया। सारा माल चाटते ही मैंने अपना लौड़ा सपना कोड़े दिया। सपना मेरा लौड़ा चूसने लगीं। मेरे लौड़े को चूस चूस कर लंबा बड़ा और मोटा कर दिया। सपना मेरे लौड़े का सुपारा अपनी जीभ से आइसक्रीम की तरह चाट रही थी। मैंने अपना लौड़ा उसकी मुँह में पेल दिया। सपना मेरे लौड़े को बहुत ही अच्छे से चूस रही थी। मै अपना लौड़ा उसके गले तक पेल रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह से निकाल कर। सपना की टांगो को फैलाकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा। सपना की चूत पर रगड़ते ही सपना गरम होकर तड़पने लगी। मैंने अपना लौड़ा सपना की चूत की नालियों में नीचे ऊपर कर रहा था। सपना मेरे लौड़े को अंदर लेने को तड़पने लगी। मुझे उसकी तड़प अच्छी लग रही थी। मैंने कुछ देर बाद अपना लौड़ा सपना की छेद पर सेट किया।

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मैंने जोर से धक्का माऱा। सपना मेरे लौड़े का टोपा अपने चूत में घुसा ली। सपना मेरे लौड़े का टोपा अपनी चूत में लेते ही जोर जोर से “आआआअह्हह्हह…ई ईईईईईई …ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई…मम्मी….” की आवाज निकालने लगी। मैंने अपने लौड़े को फिर एक बार धक्का मारा। इस बार मेरा आधे से ज्यादा लौड़ा सपना की चूत में घुस गया। सपना की चूत मेरा लंड घुसते ही दर्द से तड़पने लगी। मैंने अपने घुसे लौड़े से सपना की चूत को चोदने लगा। सपना भी मेरा लौड़ा गपा गप ख् रही थी। मैं अपना कमर उठा उठा कर सपना की चूत में अपना लौड़ा डाल रहा था। सपना की चूत को मैं खूब अच्छे से पूरा लंड डालकर चोद रहा था। सपना की चूत को मैंने अपने लौड़े के साथ अच्छे से खिला रहा था। दर्द के आराम मिलते ही सपना भी अपनी चूत कमर को उठा उठा कर चुदवाने लगी। सपना की चुदाई के साथ साथ बिस्तर पर पड़े फूल की पंखुड़ियों भी उछल रही थी। ये नजारा तो देखने में बहुत ही रोमांचक लग रहा था। इस नज़ारे को देख कर मेरे चोदने की स्पीड और बढ़ गई।
सपना जोर जोर से चिल्लाने लगी। उसकी जोर जोर से“….मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी…हा हा हा ….ऊऊऊ …ऊँ…ऊँ..ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” चिल्लाने की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। मै भी जोर जोर से चोद रहा था। मैंने सपना को उठाकर झुका दिया। सपना झुक कर कुतिया स्टाइल में आ गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत में पीछे से डाल कर चोदने लगा। सपना की दोनों चूंचियां हवा में लहरा रही थी। मैंने सपना की कमर की कस कर पकड़ कर जल्दी जल्दी अपना लौड़ा जड़ तक पेलने लगा। मेरा जड़ तक लौड़ा सपना की चूत में घुस रहा था। सपना की चूत का भरता बन गया। सपना की चूत ने पानी छोड़ दिया। सपना की चूत के पानी में मेरा लौड़ा छप छप करके चोद रहा था। मैंने अपना लौड़ा सपना की चूत से निकाल कर। अपना मुँह सपना की चूत में लगा दिया। सपना की चूत का सारा रस चाट लिया। मैंने अब अपना भीगा लंड सपना को चुसाया। सपना की गांड़ में अपना लंड डालने लगा। सपना की गांड़ बहुत ही टाइट थी।

सपना ने पास में ही क्रीम रखी हुई थी। मैंने क्रीम को अपने लौड़े पर लगा लिया। क्रीम के लगते ही मेरा लौड़ा सपना की चूत में घुस गया। उसकी गाँड़ फट गई। वो जोर जोर से “आऊ…आऊ…हमम मम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की आवाज निकाल कर गांड़ चुदवाने लगी। मैंने अपना लौड़ा निकाल निकाल कर अंदर डाल रहा था। मै अपना लौड़ा जोर जोर से सपना की गांड़ में डाल कर के चोदने लगा। सपना की गांड़ का भी बुरा हाल हो गया। सपना की गांड़ का हलुआ बन गया। मै भी अब झड़ने वाला हो गया। सपना की गांड़ की ढंग से चुदाई करके उसकी गांड़ फाड़ डाली। मैंने अपना सारा माल सपना के मुँह पर झड़ दिया। सपना की मुँह पर गिरा सारा माल सपना अपने चूत पर लगाकर मसाज करने लगी। सपना मेरी इस तरह की चुदाई से खुश थी। हम दोनों नंगे ही लेटे रहे कुछ देर। मेरा टाइम ख़त्म हुआ। मैं रूम से बाहर निकल आया। उससे पहले ही रमन बाहर बैठा मेरा इन्तजार कर रहा था। मैं जब भी मौक़ा पाता था। सपना को चोदने कोठे पर आता जाता रहता था। सपना को अब मै अपने घर पर ही कभी कभी फ्री में पूरी रात चोदता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स antarvasna.live पर जरुर दे।

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