Bhai ke dost ne bhosda bana diya-2
फिर हम दोनों बैठकर बातें कर रहे तो तभी अचानक मुझे दीदी का मोबाईल लेपटॉप के पास रखा हुआ दिखा तो मैंने जैसे ही उसे उठाया तो दीदी आई और अब वो मुझसे जबरदस्ती अपना मोबाईल लेने की कोशिश करने लगी, लेकिन में भी जानबूझ कर नहीं दे रहा था और इसलिए उसने मेरे चेस्ट पर ज़ोर से चिकोटी काटी और फिर में उससे बोला।
में : एक शर्त पर दूँगा?
दीदी : वो क्या?
में : तुम आज मुझे इधर ही सोने दोगी।
दीदी : ( वो कुछ देर थोड़ा सोचकर बोली ) हाँ ठीक है सो जाना।
फिर मैंने उसको वो मोबाईल दे दिया, तभी दीदी ने उस ब्रा को उठाया जो टेबल पर रखी हुई थी और अब उसे कपबोर्ड में रखा। फिर उसने मुझसे बोला कि लाईट को बंद कर दे और बेड पर आजा और अब दोस्तों हम दोनों एक ही बेड पर थे और मुझे मन ही मन बहुत अच्छा लगा, लेकिन अब तो बस यह देखना था कि हम दोनों में से शुरुआत कौन करता है? और में इस उम्मीद में था कि दीदी ही पहले थोड़ा आगे बढ़े।
दीदी : वाह तुम्हारे पर्फ्यूम की खुशबू बहुत अच्छी है।
में : धन्यवाद दीदी।
दीदी : लेकिन तुमने शर्ट क्यों नहीं पहनी।
में : वो में रात को सोते वक़्त कभी कभी कुछ नहीं पहनता हूँ।
दीदी : कुछ भी नहीं से तुम्हारा क्या मतलब?
फिर हम दोनों वो बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।
में : दीदी क्या में एक बात पूछ सकता हूँ?
दीदी : हाँ जरुर पूछ ना बेटा।
में : दीदी तुम्हारा बॉयफ्रेंड कौन है और मोबाईल क्यों छुपा रही थी?
दीदी : नहीं, मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है।
में : ऐसा क्यों?
दीदी : क्या तू बिल्कुल पागल है?
में : झूट मत बोलो दीदी। फिर तब तुमने मुझे इतने ज़ोर से पिंच क्यों किया? उसकी वजह से मुझे अपने सीने पर अब तक कितना दर्द हो रहा है?
दीदी : वो तो ऐसे ही मजाक में रे। ( फिर दीदी मुस्कुराते हुए मेरी नंगी छाती पर अपने एक हाथ से धीरे धीरे से सहलाने लगी। )
में : अच्छा चलो ठीक है, लेकिन मैंने तो सुना है कि लड़की हमेशा उनके बॉयफ्रेंड को ही किस करती है और में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ कि तुम आज मेरे साथ ऐसा नहीं करोगी।
दीदी : मैंने बचपन में तुझे हज़ार बार किस किए है।
में : अच्छा यह बताओ कि कहाँ कहाँ किए थे, बोलो ना सिर्फ़ मेरे गाल पर ही या?
दीदी : तुम्हारे इस या का क्या मतलब?
में : या मेरे होंठो पर भी।
दीदी : चुप, हाँ तुम अब बहुत बदमाश हो गये हो।
में : प्लीज बोलो ना दीदी।
दीदी : अरे बाबा वो बचपन की बातें है और हाँ मैंने सब जगह किए थे गाल पर, गर्दन पर और होंठो पर भी, लेकिन वो सब मैंने बचपन में किया था।
दोस्तों अब तक दीदी पूरी गरम हो गयी थी और मेरी छाती से खेलते खेलते वो अब मेरे निप्पल को भी छू रही थी और उस पर भी अपने हाथ से सहला रही थी।
में : ठीक है अब में बड़ा हुआ हूँ है ना तो कम से कम गाल पर तो किस कर सकती हो ना?
दीदी : हाँ कर सकती हूँ, लेकिन।
में : लेकिन क्या दीदी?
दीदी : कुछ नहीं बस तुम यह बात किसी को बताना मत।
में : हाँ ठीक है दीदी, जल्दी से मुझे मेरे गालों पर गर्दन पर किस करो।
दोस्तों तब उस कमरे में पूरा अंधेरा था और दीदी का वो मुलायम हाथ मेरे निप्पल को सहला रहा था। फिर कुछ देर बाद दीदी थोड़ी उठी और अब वो मेरी छाती पर हाथ रखकर गाल पर किस करने लगी और जैसे ही उसके होंठ मेरे करीब आए तो मैंने तुरंत अपना मुहं घुमा दिया और उन होंठो को चूमने लगा और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था, क्योंकि यह किस मेरा पहला किस था और वो भी मेरी हॉट सेक्सी बहन के साथ और में उस किस के बहुत मज़े ले रहा था, दीदी का हाथ मेरे गाल पर था और वो मेरे गालों को सहला रही थी। फिर मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियां डालकर सहलाते हुए में अब उसके ऊपर आ गया और करीब 20-25 सेकिण्ड के बाद दीदी ने अपना वो स्मूच थोड़ा और वो मुझसे कहने लगी कि यह सब ठीक नहीं है और मुझे डांटने लगी। फिर मैंने अपने मुहं पर एक ऊँगली रखकर सिर्फ़ सस्शह कहा और फिर शायद कुछ बातें बोली जो कि आज मुझे ठीक से याद नहीं आती कि मैंने क्या कहा? लेकिन हाँ यह जरुर याद है कि ठीक उसके बाद हमारा वो खेल शुरू हुआ। अब में दीदी के ठीक ऊपर था, दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो इसलिए उसके टाईट निप्पल मेरी नंगी चेस्ट को लग रहे थे और में अपना टाईट लंड उसकी जांघो पर रगड़ रहा था। फिर दीदी ने मुझे नीचे लेटाया और अब वो मेरे ऊपर आ गई और तुरंत उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसके बूब्स पर रख दिया और उसके आगे का काम में खुद जानता था।
दोस्तों मैंने अब उन दोनों तरबूज के आकार के बड़े बड़े बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू किया। दीदी ने फिर से किसिंग शुरू की, लेकिन अब की बार दीदी एकदम धीरे धीरे किसिंग करना चाहती थी, पहले मेरे ऊपर के होंठो को चूसा और फिर नीचे के। मेरी साँसे बहुत तेज़ हो रही थी और फिर उसने अपनी जीभ को बाहर निकाल लिया और मेरे मुहं के अंदर डाल दिया। अब मैंने भी पूरा पूरा साथ दिया और करीब दस मिनट तक हमारा स्मूच ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने दीदी का एक हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और दीदी ने सारे कंट्रोल्स उसके हाथ में ले लिए और वो मेरे ऊपर बैठ गई और मेरा पूरा बदन चाटने लगी और वो मेरे निप्पल जब चाट रही थी तब में अपने लंड को उसकी गांड में दबा रहा था। फिर वो धीरे से नीचे नीचे आ गई और उसने मेरी शॉर्ट और अंडरवियर को उतार दिया, मेरा लंड थोड़ा सा गीला हो गया था, दीदी ने अब लंड को हाथ में लिया और दबाने लगी। फिर मैंने धीरे से उससे बोला कि मेरा लंड सक करो मेरी जान। दीदी मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा हंसी और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी, मुझे अब बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और यह पहली बार था जब कोई मेरा लंड चूस रहा था तो में उस अहसास को शब्दों में नहीं बता सकता, क्योंकि वो बहुत धीरे से मुझे पूरा मज़ा देकर मेरा लंड चूस रही थी और उसके कुछ देर चूसने के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उसका मुहं हटाया और पास में अपना सारा वीर्य गिरा दिया। दोस्तों अब में ऊपर और दीदी मेरे नीचे। मैंने उसके पूरे कपड़े उतारे और बूब्स को दबाए, निप्पल चूसे तो वो आवाज़े निकाल रही थी, उम्म्म्मम आआअहह उूुउउम्म्म्ममम ह्म्म्म्ममम। अब दीदी कुछ ऐसा बोली कि वो सुनकर मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया। दीदी मुझसे बोली कि आकाश प्लीज अब तुम भी मेरी चूत को चाटो, अपनी जीभ से मेरी चूत में आअहह आअहह उम्म्म्म। फिर मैंने भी तुरंत अपनी जीभ से अपनी बहन की चूत को चाटना, चूसना शुरू किया और में अपनी उंगली को भी लगातार अंदर बाहर करके चूत को चोद रहा था और अब तक मेरा लंड पूरा टाईट हो चुका था। फिर मैंने दीदी की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया, जिसकी वजह से वो गुलाबी चूत थोड़ा ऊपर उठकर पूरी तरह से खुल गई थी और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा और जिससे मेरी बहन तो बिल्कुल पागल हुई जा रही थी। फिर मैंने ज़ोर का झटका दिया तो मेरा आधा लंड अंदर चला गया और दीदी के मुहं से आवाज़ आई बहनचोद और वो शब्द सुनते ही मैंने ज़ोर से दूसरा झटका दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर था और मेरे दोनों हाथ दीदी के बूब्स दबा रहे थे और लंड मेरी बहन की चूत में था। फिर मैंने हल्के हल्के, लेकिन लगातार झटके मारते हुए दीदी से कहा कि दीदी चलो अब तुम मुझे अभी जैसी गालियां दो और वो बहनचोद, कुत्ते, कमीने उह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे मादरचोद आईईईईई थोड़ा और ज़ोर लगा हरामजादे। फिर क्या था दीदी मुझे लगातार गालियाँ देती रही और में लगातार झटके मारता रहा, लेकिन जब में झड़ने के करीब था तो दीदी ने मुझे माँ की गाली दी। उन्होंने कहा कि तेरी माँ की चूत, हाँ चोद मुझे पूरे जोश से। दोस्तों वो शब्द सुनते ही मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को जोश में आकर तुरंत बढ़ा दिया और फिर में झड़ गया।
दोस्तों यह मेरे जीवन की पहली चुदाई और मेरी अब तक की सबसे यादगार चुदाई है। मैंने इस चुदाई के बहुत मज़े लिए और मेरे साथ साथ मेरी बहन ने भी बहुत मज़े किए। उसके बाद में थककर उसके ऊपर लेट गया और कुछ देर उसके बूब्स, चूत से खेलने के बाद ना जाने कब हम दोनों ऐसे ही पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गए ।।