राखी चाची की चुदाई चांदनी रात में

आंटी चुदाई की कहानियाँ तो आपने बहुत सारी पढ़ी होगी पर आज जो आप कहानी पढ़ेंगे उसका मजा ही कुछ और है Chachi ki Chudai, Chachi Sex Story. आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ। जो की मेरे और मेरी राखी चाची के बिच की सेक्स कहानी है। आपको मेरी ये सेक्स कहानी बहुत ही हॉट और सेक्सी लगेगी क्यों की इतनी जबरदस्त सेक्सी औरत की चुदाई करने का मौका मुझे मिला। जब मैं अपने चाची को चोद रहा था तभी मैंने यह सोच लिया था कि antarvasna.live पर अपनी कहानी जरूर पोस्ट करूंगा। और यह वक्त आ गया दोस्तों की आप लोगों को भी अपनी यह सेक्स कहानी पेश करूँ।


मेरा नाम मोहित है मैं अभी 21 साल का हूं। गांव में ही रहता हूं गांव के ही कॉलेज में पढ़ता हूं। खेती बारी भी संभाल लेता हूं पापा का और ट्यूशन भी पढ़ा लेता हूं। मेरे घर के बगल का जो घर है वह मेरे चाचा का घर है। मेरे चाचा बाहर नौकरी करते हैं और यहां पर सिर्फ चाची और उनकी दो छोटी-छोटी बेटियां है। बड़ी बेटी अभी फर्स्ट क्लास में पढ़ती है। तो चाचा ने मुझे ट्यूशन पढ़ाने के लिए बोला था। मैं मना भी कर देता कि मैं इतना छोटे बच्चे को ट्यूशन नहीं पढ़ाता। पर मैं मना नहीं कर पाया क्योंकि चाचा मुझे बहुत प्यार करते हैं। उनके घर की जिम्मेदारी भी काफी हद तक मेरे ऊपर ही है। कुछ भी सामान लाने का हुआ कोई काम करने का हुआ तो मैं उनका काम कर देता हूं। इस वजह से मेरा उनके घर आना जाना लगा रहता है।


आजकल तो किसी लड़के का किसी के घर आना जाना हो तो लोग अलग दृष्टि से देखते हैं। पर मेरे साथ ऐसा नहीं था मैं जब भी जाऊं जब भी आऊं कोई फर्क नहीं पड़ता किसी को। अब मैं सीधे कहानी पर आता हूं। मेरी चाची की उम्र बहुत ज्यादा नहीं है। शायद वह 24 साल से ज्यादा की नहीं होगी क्योंकि चाचा ही 28 से 30 साल के बीच के हैं। चाची बड़ी ही हॉट और सेक्सी किस्म की औरत है। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां उनकी चौड़ी गांड गोरा बदन लंबे काले बाल कोई भी देखें तो देखता ही रह जाए ऐसी औरत है। पर उनके साथ दिक्कत यह हुआ कि चाचा जी मेरे शहर में रहते हैं। इस वजह से उनकी चूत की गर्मी शायद शांत नहीं होती होगी इस वजह से मेरे साथ उन्होंने सेक्स संबंध बनाया।


1 दिन की बात है मेरे मम्मी पापा कहीं गए हुए थे मैं घर में अकेला ही था। मैं चाची के घर जाकर वही चाय पी रहा था। तभी मेरे पास पापा मम्मी का फोन आ गया कि आज वह लोग नहीं आएंगे मामा जी के यहां जा रहे हैं जरूरी जाना हो गया इस वजह से घर की देखभाल तुम ही करना। फिर उन्होंने मेरे से पूछा कहां पर हो मैंने बोल दिया मैं चाय पी रहा हूं चाची के घर में। तो मेरी मां ने फोन राखी चाची को देने के लिए कहा। मैंने राखी चाची को फोन दे दिया तो मेरी मां बोली मोहित के लिए आज खाना आप ही बना दीजिएगा क्योंकि आज रात को हम लोग नहीं आ पाएंगे। राखी चाची बोलिए कोई बोलने की बात है मैं मोहित के लिए खाना बना दूंगी। और वह आज यही सो जाएगा। मेरी मां बोली ठीक है कोई दिक्कत नहीं है खाना भी नहीं खा लेगा और सो भी जाएगा।

गरमा गरम है ये  आंटी की मस्त-मस्त चुदाई 2

शाम को 6:00 बज रहे थे। तभी मेरे दोस्त का फोन आ गया और मैं चाची को यह बोल कर बाहर निकला कि मैं 8:00 बजे तक आ जाऊंगा। चाची बोली ठीक है मैं तैयार हो जाती हूं कैसी लग रही हूं। दिन भर में काम में व्यस्त थी इस वजह से अपने चेहरे पर आज ध्यान ही नहीं दे पाई हूं आप जाइए और 8:00 बजे के करीब आ ही जाना है आपको क्योंकि हम लोग सब बैठकर खाना खाएंगे। मैंने कहा ठीक है मैं पहले ही आ जाऊंगा। और मैं वहां से चला गया।

जब मैं 8:00 बजे घर पहुंचा वापस तो चाची को देख कर हैरान हो गया। चाची गुलाबी कलर की नाईट ड्रेस में थी। इतनी जबरदस्त सेक्सी लग रही थी क्या बताऊं। दोनों बच्चे उनके सो गए थे। चाची के जिस्म को देखकर मैं दंग रह गया। इतने सेक्सी औरत नाईट ड्रेस में ऐसे दिख रही थी मानो कोई हूर की परी हो। और सबसे बड़ी बात है दोस्तों शायद वह मुझे ही रिझाने के लिए ब्रा नहीं पहनी थी इस वजह से उनके निप्पल साफ साफ दिखाई दे रहा था खड़ा था और चूची कितना बड़ा था वह भी साफ-साफ बाहर से ही पता चल रहा था। जब वह चलती थी तो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां आपस में टकरा टकरा कर हिलती थी।

चाची भी कुछ ज्यादा ही मटक रही थी कभी इधर जाती कभी उधर जाती कभी झटके देकर कूद जाती है ताकि उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां लहराता हुआ दिखे। उनकी जोड़ी गांड देखकर मैं तो पागल हो गया। मेरे से रहा नहीं गया और मैंने राखी चाची को बोल दिया आप बहुत ही सुंदर औरत हो काश मेरी भी बीवी ऐसी ही मिले। तो चाची बोली मिल भी जाएगा तो क्या होगा आपके चाचा को तो मैं मिल गई हूं पर वह तो शहर में हैं और मुझे यहां छोड़ दिए हैं किस काम की। मुझे भी शौक है अपने पति के साथ रहने का पर मेरा पति ही मेरे साथ नहीं रहता है इतना ज्यादा दूरी भी अच्छा नहीं है किसी के लिए।

मैं समझ गया चाची की भावनाओं को, वह चाचा से गुस्सा थी क्योंकि एक औरत को सिर्फ पैसे ही नहीं चाहिए प्यार भी चाहिए वासना की आग को बुझाने वाला पति भी चाहिए और अगर यह दोनों ना मिले तो जिंदगी किसी काम की नहीं रहती है। तो मैंने झट से उनको बोल दिया कि मैं तो आपको किसी चीज की कमी नहीं होने देता हूं चाची जी आप जो भी कहते हैं वह मैं करता हूं। आपको कभी किसी चीज की कमी हो तो आप बता देना मैंने भी नहले पर दहला मार दिया। उनकी मचलती हुई जवानी को देख कर मेरे से भी रहा नहीं गया उनके जिस्म को बार-बार मैं घूर रहा था। चाची खाना निकाली झुक कर जैसे ही उन्होंने खाली रखा मेरे सामने उनकी टाइट गोल-गोल जबरदस्त दोनों चूचियां मेरे सामने लटक गया था दोस्तों।

उनकी चूची कितनी बड़ी बड़ी थी कैसी थी वह साफ-साफ मुझे दिख गया था क्योंकि उनका जो नाइट सूट का गला थोड़ा चौड़ा था और झुकते ही उनकी दोनों चूचियां भी झुक गई थी अंदर ब्रा नहीं पहनी थी तुम्हें साफ-साफ उनकी चुचियों को देख पा रहा था। जैसे ही चाची ने मेरे ऊपर नजर डाली मैं हड़बड़ा गया मैं समझ गया कि मेरी चोरी पकड़ी गई उन्होंने तुरंत ही पूछा क्या बात है मोहित क्या देख रहे थे। मैंने कहा कुछ नहीं चाची जी बस इधर उधर नजर थोड़ा चला गया। और मैं चुपचाप खाना खाने लगा था। चाची भी वहीं बैठ कर खाना खाने लगे फिर हम लोग 15 से 20 मिनट में उठ गए।

गरमा गरम है ये  खुद भी चुदी मम्मी भी चुदी और छोटी बहन को भी चुदवाई

चाची बोली कि आज तो मौसम बहुत अच्छा लग रहा है आप भी अकेले हो मैं भी अकेली हूं। आज मैं एक खेल खेलते हैं पकड़म पकड़ाई का। क्योंकि यह बचपन में ही खेला करते थे अपने चचेरे भाइयों के साथ बहुत मजा आता था तो आज हम दोनों मिलकर ही पकड़म पकड़ाई का खेल खेलते हैं। खेल शुरू हो गया दोस्तों उनका घर बहुत बड़ा है वह आगे आगे भागती थी मैं पीछे पीछे भागता था। उनकी चूचियां उनकी गांड उनका जिस्म को देखकर मैं पागल हो रहा था क्योंकि जैसे वह भागती थी उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां ऊपर नीचे मिलती थी। 5 मिनट में ही सब कुछ बदल गया क्योंकि उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया मेरे लंड को पकड़ लिया। और उन्होंने कहा कि आज मुझे खुश कर दो।

मैं भी कहां कम था मैंने भी उनको कसके अपनी बाहों में भर लिया। तुरंत ही मैंने उनकी चुचियों को पकड़कर दबाने लगा एक हाथ उनके गांड पर चला गया मेरा फिर उनकी चूत पर में अपने हाथ को फेरने लगा। दोस्तों फिर क्या था हम दोनों ही बेडरूम में चले गए चाची का कपड़ा मैंने तुरंत ही उतार दिया मोटी मोटी जांघ को देखकर मैं पागल होने लगा था। मैंने तुरंत ही उनकी निप्पल को पीने लगा था। उनकी चूचियों से दूध भी निकल रहा था जैसे जैसे मैं दबाता दूध निकलता मैं उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को मसलते हुए पीने लगा और दूध का आनंद लेने लगा। चाची पूछी कैसा लगा रहा है। मैंने कहा नमकीन लग रहा है।

चाची बोली इससे भी ज्यादा नमकीन मेरा नीचे वाला है मैं तुरंत ही नीचे हो गया दोनों टांगों को फैलाया, और चूत को चाटने लगा। उनके चूत से गर्म गर्म पानी निकल रहा था और स्वाद बहुत ही ज्यादा नमकीन था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरा लंड खड़ा हो चुका था बहुत मोटा हो चुका था चोदने के लिए बिल्कुल तैयार था। पर मैं चाची को गर्म कर रहा था ताकि गर्म औरत की चुदाई का बात ही कुछ और होता है। जब चाची की सिसकारियां मुंह से निकलने लगी अंगड़ाइयां लेने लगी तब मुझे लगा कि चाची गरम हो चुकी है और हथोड़ा मार देना ही सही है। मैंने तुरंत ही अपना मोटा लंड चाची के चूत के छेद पर रखा और जोर से घुसा दिया।

चूत के अंदर जाते ही चाची के मुंह से आवाज निकला हाय हाय हाय ओहो आहा उप और जोर से और जोर से और जोर से। मैं चाची की चूचियों को मसल ता हुआ जोर-जोर से उनकी चूत में लंड घुसा दिया और अंदर बाहर जल्दी-जल्दी करने लगा। चाची सिसकारियां मुंह से निकाल रही थी ऐसा लग रहा था कि मानो उन्होंने मिर्ची खा लिया हो। मैं पूछ लिया चाची क्या बात है मिर्ची खा ली क्या उन्होंने कहा जब तुम इतना मोटा मिर्ची मेरी चूत के अंदर घुस आओगे तो आवाज तो मुंह से ही निकलेगा। मैं समझ गया चाची बहुत ही ज्यादा गरम हो चुकी थी जोर जोर से धक्के दे देकर मैं चाची को चोदने लगा। फिर मैं नीचे हो गया चाची मेरे ऊपर चल गई मेरा मोटा लंड अपनी चूत के छेद पर रखकर जोर से धक्के दी पूरा का पूरा लंड उनकी चूत के अंदर समा गया।

गरमा गरम है ये  नशे की गोली खिलाकर दीदी को चोदा

अब वह जोर जोर से धक्के देकर मेरे लंड को अपने चूत के अंदर लेने लगी मैं बार-बार उनकी चुचियों को पकड़ता दबाता मसलता दोनों उंगलियों से मैं चाची के निप्पल को दबाता और फिर जोर जोर से धक्के देखकर उनको संतुष्ट करता वह ऊपर से धक्के दे रही थी मैं नीचे से धक्के दे रहा था। उन्होंने अपने बाल खोल दिए लंबे लंबे बाल मेरे बदन पर था वह खुद ही अपने दांतो से अपने होंठ को काट रही थी और जोर जोर से धक्के दे रही थी। फिर वह घोड़ी बन गई मैंने पीछे से लंड उनकी गांड के बीचो बीच चूत में रखा और जोर से घुसा दिया। अब उनकी दोनों चूतड़ पर मैं थप्पड़ मार मार कर जोर जोर से धक्के दे देकर मैं चोदने लगा। चाची बोली आज पूरी रात मुझे चोदना ऐसा ही मुझे रोज चोदना। अब मुझे पति की भी जरूरत नहीं मैं बहुत खुश हो गई हूं। आज मोहित तुमने मेरी वासना की आग को शांत कर दिया है। जब भी तुम्हें चोदने का मन करे तो मुझे चोद लेना मैं कभी मना नहीं करूंगी।

फिर अंतिम शार्ट के लिए चाची तैयार थी। नीचे फिर से लेट गई और दोनों को खोल दिया। मैंने उनके दोनों को अपने कंधे पर लगाया गांड के बीचो बीच चूत के छेद पर रखा और जोर से घुसा दिया करीब 10 मिनट की जबरदस्त चुदाई में मैं भी झड़ गया वह भी शांत हो गई हम दोनों ही एक दूसरे को पकड़ कर सो गए। फिर लाइट चली गयी और हम दोनों ही छत पर चले गए फिर चांदनी रात में चुदाई किये। पूरी रात हम दोनों एक दूसरे को खुश करते रहे जिस्म को टटोल कर रहे सूचियों को दबा कर रहे गांड में उंगली करते रहे। इतनी हसीन रात मेरी आज तक कभी ना हुई ना शायद आगे कभी होगी। जैसा मुझे पहली बार चाची को चोद कर लगा था। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी इसी वेबसाइट पर यानी कि antarvasna.live पर लिखने वाला हूं तब तक के लिए आप सभी को मेरा प्रेम भरा नमस्कार।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *