अपनी भाभी को ले गया परीक्षा दिलाने और होटल में खूब चोदा

अपनी भाभी को ले गया परीक्षा दिलाने’ की सेक्सी और बोल्ड कहानी, जिसमें राहुल और शालिनी की कामुक मुलाकात होटल में बदल जाती है। चूचियाँ, गांड, चूत, लंड और चुदाई से भरपूर यह कहानी आपके मन को पागल कर देगी।

मेरा नाम राहुल है, और मैं 28 साल का हूँ। मेरी भाभी, शालिनी, 32 साल की हैं—एक ऐसी औरत जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। उनकी चूचियाँ भरी हुई, सख्त और गोल हैं, जो हर साड़ी में उभरकर बाहर आती हैं। उनकी गांड रसीली, टाइट और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और किसी के भी लंड को खड़ा कर दे। उनके होंठ गुलाबी, नरम और चूसने लायक हैं, और उनकी चूत की गर्मी मैं अक्सर उनके पास बैठते वक्त महसूस कर लेता था। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उन्हें चोदूँगा। उनकी चूचियाँ मेरे सपनों में आती थीं, उनकी गांड मेरे लंड को उत्तेजित करती थी, और उनकी चूत की गर्मी मेरे मन को पागल कर देती थी।

ये बात पिछले महीने की है। शालिनी को UPSC प्रीलिम्स की परीक्षा के लिए लखनऊ जाना था। मेरा भाई, जो हमेशा ऑफिस में व्यस्त रहता था, उसे ले जाने में असमर्थ था। उसने मुझसे कहा, “राहुल, शालिनी को लखनऊ ले जा और परीक्षा के लिए सेटल कर दे।” मैंने हाँ कर दी, लेकिन मेरे मन में एक अजीब-सी उत्तेजना थी। शालिनी मुझे हमेशा से आकर्षित करती थीं—उनकी चूचियाँ, उनकी गांड, और उनकी चूत की वो गर्मी जो उनके कपड़ों के नीचे छुपी थी। मैंने अपने भाव छुपाए रखे थे, लेकिन इस यात्रा ने मेरे अंदर की भूख को जगा दिया। मैं जानता था कि ये गलत है, लेकिन मेरा लंड उनकी चूत को चोदने के लिए तरस रहा था।

हमने सुबह की ट्रेन ली। शालिनी ने एक हल्की सी लाल साड़ी पहनी थी, जो उनकी चूचियाँ और गांड को साफ उभार रही थी। ट्रेन में हम एक साथ बैठे थे, और उनकी साड़ी का पल्लू बार-बार उनके कंधे से सरक रहा था। मैं उनकी चूचियों को घूर रहा था, और मेरा लंड हल्के-हल्के खड़ा हो रहा था। वो मुस्कुराईं और बोलीं, “राहुल, तुम तो मुझे घूर रहे हो जैसे मुझे चोदना चाहते हो।” मैं शरम से लाल हो गया, लेकिन मेरी चूत में आग लग गई। मैंने कहा, “भाभी, तुम इतनी हॉट हो कि मेरा लंड अपने आप खड़ा हो जाता है।” वो हँसीं और बोलीं, “तो क्या करोगे, राहुल?” उनकी बातों में एक शरारत थी, और मैं समझ गया कि वो भी मेरी उत्तेजना को महसूस कर रही हैं। ट्रेन में हमने और बातें की।

शालिनी ने अपनी साड़ी को थोड़ा ढीला छोड़ा, और उनकी चूचियाँ साफ दिख रही थीं। मैंने उनके कंधे पर हाथ रखा, और मेरी उंगलियाँ धीरे-धीरे उनकी कमर तक उतर गईं। “भाभी, तुम्हारी गांड भी बहुत सेक्सी है,” मैंने फुसफुसाया। वो मुस्कुराईं और बोलीं, “राहुल, तुम्हारी बातें मुझे गर्म कर रही हैं।” मैंने उनके होंठों को चूमने की कोशिश की, लेकिन ट्रेन में लोग थे, तो हमने खुद को संभाला। लेकिन मेरे मन में उनकी चूत को चोदने की भूख और बढ़ गई। मैं सोच रहा था कि होटल में क्या होगा।

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लखनऊ पहुँचने पर हमें एक होटल में रुकना था। मैंने एक डबल बेड का कमरा बुक किया था, क्योंकि दूसरे कमरे नहीं थे। होटल में हमने चेक-इन किया, और शालिनी ने अपना सामान रखा। वो बाथरूम में गईं, और मैं बिस्तर पर लेट गया। मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था, और मैं उनकी चूत को चोदने की कल्पना कर रहा था। जब वो बाहर आईं, तो उन्होंने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहनी थी। उनकी चूचियाँ उसमें से साफ दिख रही थीं, उनके निप्पल उभर रहे थे, और उनकी गांड का शेप भी नजर आ रहा था। मैंने कहा, “भाभी, तुम तो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही।” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “तो क्या करोगे, राहुल?” मैं पास गया और उनके बालों को सहलाया। “भाभी, मैं तुम्हें चूमना चाहता हूँ, तुम्हारी चूचियाँ चूसना चाहता हूँ, और तुम्हारी चूत को चोदना चाहता हूँ,” मैंने कहा। वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “तो कर लो।” मैंने उनके होंठों को फिर से चूस लिया।

उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उनकी चूचियों को अपने हाथों में मसल रहा था। मैंने उनकी नाइटी ऊपर उठाई, और उनकी चूचियाँ नंगी हो गईं। उनके निप्पल सख्त थे, और मैंने उन्हें अपने मुँह में लिया। मैं उनकी चूचियाँ चूस रहा था, काट रहा था, और उनकी लार से गीली कर रहा था। शालिनी की साँसें तेज हो गईं। “राहुल, मेरी चूत को छूओ,” वो बोलीं। मैंने उनकी टाँगें फैलाईं, और मेरी उंगलियाँ उनकी चूत तक पहुँच गईं। वो गीली थी, और मैंने अपनी उंगली अंदर डाली। “भाभी, तुम्हारी चूत कितनी गर्म और गीली है,” मैंने कहा। वो चिल्लाईं, “राहुल, मेरी चूत को चोद दो। मेरे पति का लंड मुझे कभी ऐसा सुख नहीं दे पाया।” मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और सख्त। शालिनी ने उसे देखा और बोलीं, “राहुल, तेरा लंड तो मेरे पति से दोगुना है। इसे मेरी चूत में डालो।” मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया, उनकी टाँगें चौड़ी कीं, और मेरा लंड उनकी चूत पर रगड़ा। “भाभी, मैं तुम्हें चोदने जा रहा हूँ,” मैंने कहा। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी चूत में पूरा घुस गया। उनकी चीख निकल गई, “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!”

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मैंने उनकी चुदाई शुरू कर दी। मेरा लंड उनकी चूत में बार-बार अंदर-बाहर हो रहा था, और उनकी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। मैंने उनकी गांड को थपथपाया और बोला, “भाभी, तुम्हारी गांड भी बहुत हॉट है।” वो मुस्कुराईं और बोलीं, “राहुल, मेरी गांड को भी चोदो।” मैंने उन्हें घुमाया, उनकी गांड को ऊपर किया, और मेरा लंड उनकी गांड पर रगड़ा। फिर धीरे से धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी गांड में घुस गया। “राहुल, मेरी गांड फट रही है, लेकिन और चोदो,” वो चिल्लाईं। मैंने उनकी गांड और चूत दोनों को चोदा। उनकी चूचियाँ मैं चूस रहा था, उनकी गांड को थपथपा रहा था, और मेरा लंड उनकी चूत में गहराई तक जा रहा था।

वो चिल्ला रही थीं, “राहुल, मेरी चूचियों को चूसो, मेरी गांड को फाड़ो, मेरी चूत को चोदो!” मैंने और तेज धक्के मारे, और हम दोनों झड़ गए। उनकी चूत से रस बह रहा था, और मेरा गर्म रस उनकी चूत में भर गया। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत थी। अगली रात, जब शालिनी परीक्षा देने गई थीं, मैं होटल में उनका इंतज़ार कर रहा था। वो लौटीं, और उनके चेहरे पर थकान थी, लेकिन उनकी चूचियाँ और गांड अभी भी मुझे पागल कर रही थीं। “राहुल, मुझे तेरा लंड चाहिए,” वो बोलीं।

मैंने उन्हें बिस्तर पर पटका, उनकी साड़ी उतारी, और उनकी नंगी चूचियाँ चूसने लगा। “भाभी, तुम्हारी चूचियाँ मेरे लिए जन्नत हैं,” मैंने कहा। मैंने उन्हें घुमाया, उनकी गांड को ऊपर किया, और मेरा लंड उनकी चूत में डाला। मैंने जोर-जोर से धक्के मारे, और उनकी चूचियाँ हिल रही थीं। “राहुल, मेरी गांड में डालो,” वो चिल्लाईं। मैंने मेरा लंड उनकी गांड में डाला, और वो सिसकारी लेने लगीं। “राहुल, मेरी गांड और चूत दोनों को चोदो, मुझे पागल कर दो,” वो बोलीं। मैंने उनकी हर इच्छा पूरी की—उनकी चूचियाँ चूसी, उनकी गांड थपथपाई, और उनकी चूत को बार-बार चोदा। हमने होटल में तीन रातें बिताईं, और हर रात हमने एक-दूसरे को चोदा। उनकी चूचियाँ, उनकी गांड, उनकी चूत—सब मेरे लिए थे। मेरा लंड उनकी हर तड़प को शांत कर रहा था।

आखिरी रात, हमने बाथरूम में भी चुदाई की। मैंने शालिनी को दीवार से सटा कर उनकी चूत में मेरा लंड डाला, और वो चिल्लाईं, “राहुल, मेरी चूत को फाड़ डालो!” मैंने उनकी चूचियाँ चूसी, उनकी गांड को थपथपाया, और उनकी चूत में जोर-जोर से धक्के मारे। हमने एक-दूसरे को गर्म रस से भर दिया, और वो रात हमारी जिंदगी बदल गई। ये रिश्ता गलत था, लेकिन उस चुदाई का मजा मुझे आज भी याद है। शालिनी और मैंने वो सुख पाया, जो उनके पति और मेरे भाई ने कभी नहीं दिया। हम लौट आए, लेकिन मेरे मन में उनकी चूचियाँ, उनकी गांड, और उनकी चूत की गर्मी अभी भी जिंदा है। हर बार जब मैं उन्हें देखता हूँ, मेरा लंड खड़ा हो जाता है, और मैं जानता हूँ कि वो भी मेरी चुदाई के लिए तरसती हैं।

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मेरे और शालिनी के बीच का रिश्ता अब गहरा हो गया था। होटल से लौटने के बाद, हम दोनों एक-दूसरे को छूने, चूमने और चोदने के लिए तरसते थे। एक दिन, जब मेरा भाई ऑफिस गया था, शालिनी मेरे पास आईं। उन्होंने एक टाइट ब्लाउज और साड़ी पहनी थी, जो उनकी चूचियों को बाहर धकेल रही थी और उनकी गांड को उभार रही थी। “राहुल, मुझे तेरा लंड चाहिए,” वो फुसफुसाईं। मैंने उन्हें अपने कमरे में खींच लिया, और हमने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने उनकी साड़ी उतारी, और उनकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैंने उन्हें अपने मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। “राहुल, मेरी चूचियों को काटो, उन्हें गीला करो,” वो चिल्लाईं। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत तक गईं, जो पहले से गीली थी। मैंने अपनी उंगली अंदर डाली, और वो सिसकारी लेने लगीं। “भाभी, तुम्हारी चूत मेरे लिए आग है,” मैंने कहा।

मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा लंड खड़ा हो गया। शालिनी ने उसे पकड़ा और चूसने लगीं। “राहुल, तेरा लंड कितना मोटा और सख्त है,” वो बोलीं। मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया, और मेरा लंड उनकी चूत में डाला। मैंने जोर-जोर से धक्के मारे, और उनकी चूचियाँ हिल रही थीं। “राहुल, मेरी गांड में डालो,” वो चिल्लाईं। मैंने उन्हें घुमाया, उनकी गांड को ऊपर किया, और मेरा लंड उनकी गांड में डाला। “भाभी, तुम्हारी गांड कितनी टाइट है,” मैंने कहा। मैंने उनकी गांड और चूत दोनों को चोदा, और हमने एक-दूसरे को गर्म रस से भर दिया।

हमने कई बार ऐसे मुलाकातें कीं। हर बार हमारी चुदाई और हॉट होती गई। एक बार, हमने रसोई में भी चुदाई की। शालिनी ने मुझे अपनी चूचियाँ चूसने को दीं, और मैंने उनकी चूत को काउंटर पर चोदा। उनकी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। “राहुल, मेरी चूत और गांड को हर दिन चोदो,” वो बोलीं। मैंने उनकी हर इच्छा पूरी की, और हमारा रिश्ता गहरा होता गया।

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