दोस्तों, मेरा नाम अमन है। अपने जीवन की एक सच्ची घटना लेकर हाजिर हूँ। मैं 12 वी में पढ़ता था। वहां रीता मिस मुझसे मैथ्स पढ़ाती थी। मेरे क्लास में कुल 50 बच्चे थे, पर 10 15 ही पढ़ने आते थे। मैं ही मोनिटर था। हमारा स्कूल बड़ा सुनसान में पड़ता था। अक्सर आवारा लड़के अपनी 2 मालो को झाड़ी में चोदने के लिए ले आते थे। इतना ही नही कई बार तो हम लोगो के स्कूल में ही चुदाई समारोह हो जाता था।
यारों, मैं ही अपने स्कूल का करता धर्ता था। सारे मास्टर, मस्तरनिया सुबह 10 बजे आते थे। मैं ऑफिस से चाभी लेकर 9 बजे स्कूल के सारे दरवाजे खिड़की खोलता था। हर दूसरे दिन मुझसे स्कूल में सिगरेट, बीड़ी और ढेरो कंडोम मिलते थे। मैं जान जाता था की कल रात कोई आवारा लौंडा किसी आवारा लाऊँडिया को लाया होगा और उसे नंगा करके छिनारों की तरह चोदा होगा।
मैं ये जान जाता था। यारों, मैं देखने में गोबर गड़ेश लगता था । सब जानते थे की मैं गधा हूँ। पर मैं सारी बातों को समझ जाता था। इसतरह मैं आज आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ। अपनी मैडम को मैंने किस तरह स्कूल में ही चोदा, ये उसी की कहानी है।
यारों इसी तरह दिन बीत रहे थे। मैं अपने इस स्कूल में 6 सालों से पढ़ रहा था। सारे मास्टर मेरे ऊपर अँधा विस्वास करते थे। रीता मैडम यहाँ हम सब बच्चों को मैथ्स पढ़ाती थी। मैं उनके लिये चाय समोसा दुकान से लाता था। जब वो बाजार ने मोंगफली मंगवाती थी तो मैं ही लाता था।
इतना ही नही मैं उनके मोबाइल को रिचार्ज भी करवाता था। उनके फ़ोन में गाने भी भरवाता था। इस तरह मैं रीता मैडम का बयां हाथ था। स्कूल में और भी मास्टर, मास्टरनियां थे, मैं मैं रिया मिस को ही सबसे जादा चाहता था और उनकी सबसे जादा इज़्ज़त करता था। रीता मिस हम सब बच्चों को बहुत दुलार प्यार करती थी।
दिन निकलते गए और मैं रीता मिस का बयां हाथ बन गया। हमारा स्कूल एकांत में था और जादातर मैं रीता मिस के पास ही बैठता था। धीरे 2 मैं बड़ा हो गया और मेरा खड़ा भी होने लगा। मैं चूत के बारे में जान गया। मैं ये भी जान गया की हर जवान औरत के पास चूत होती है जिसे औरत लोग चोदते है।
धीरे 2 अब सब बदल गया। जब मैं रीता मिस के पास बैठता तो दिन रत यही सोचता की मेरी मिस की चूत कैसी होगी। उसके आदमी तो उनको खूब चोदते होंगे, सायद उनके आदमी उनको दिन रात चोदते होंगे। अब मैं यहीं हमेशा सोचता रहता। मेरी रीता मिस बड़ी कमाल की मॉल थी। उनके चुच्चे खूब बड़े 2 थे। उनकी छातियों का साइज़ 36 से भी बड़ा होगा।
वो साड़ी ब्लाऊज़ पहनकर आती थी। और ब्लाऊज़ में उनकी छातियाँ दूर से झलकती थी। स्कूल के सारे चपरासी, मास्टर रीता मिस को खूब ताड़ते थे और मन ही मन में उनको चोद लेते थे। धीरे 2 मेरा भी खड़ा होने लगा और मैं भी सोचने लगा की अगर कोई लड़की मुझसे चोदने को ना मिले तो कम से कम रीता मिस ही चोदने को मिल जाए।
मैं मिस की इज्जत भी बहुत करता था। उनसे डरता भी था। क्योंकि वो बहुत मेहनत से पढ़ाती थी और हम बच्चों को चाय समोसा भी खिलाती थी। जब मैं बीमार पड़ता था तू मुझसे दवा के लिए मुझसे 200 300 रूपए भी मिस दे दिया करती थी। जब मेरी माँ स्कूल आती थी तो रीता मिस मेरी माँ से बड़े प्यार से बात करती थी।
एक दिन रीता मिस पढ़ाते 2 सो गयी। मैं उनकी बड़ी 2 बूब्सं को देखकर मचल गया। मैं टॉयलेट में चला गया और मुठ मारने लगा। उन दिनों मैं 15 साल का था। मेरे एक दोस्त ने जिसका नाम चाँद था उसने मुझसे मुठ के बारे में बताया था। चाँद ने कहा था की अगर मैं आपमे लण्ड को हाथ में ले लूँ और आगे पीछे करके मलू तो कुछ देर बाद मेरा लण्ड बिलकुल सख्त हो जाएगा।
मैं अपने स्कूल के टॉयलेट में घुस गया। मैं आपने बचपन के मासूम हाथों से आपने लण्ड को मलने लगा। आँखों में रीता मिस की बड़ी 2 छातियाँ समायी थी। मन करता था की बस एक बार सारि बात भूलकर मैडम को चोद लूँ। सुरु के 15 मिनट मैं अपना लंड मलता रहा पर कुछ ना हुआ। मैं गाण्डू चाँद को मन ही मन गलियां देने लगा की गाण्डू ने ये क्या झांट वाली चीज बता दी है। कुछ हो ही नही रहा है।
फिर 20 मिनिट लंड मलने के बाद मेरे लण्ड में कुछ होने लगा। मेरे लण्ड में झुनझुनी होने लगी। मुझसे अस्सास होने लगा की मेरे लण्ड में कुछ हो रहा है। मैं मुठ मारता गया। फिर अचानक ने मेरे पैर और पेड़ू अकड़कने लगा। मेरा लंड सुखी लड़की की तरह खड़ा हो गया।
मेरे लण्ड में उत्तेजना होने लगी।
यारों, पता नही कैसा नशा था की मैं अपना हाथ अपने लण्ड से हटा ही नही पा रहा था। जैसे मेरा हाथ लण्ड से चिपक गया था। मुझसे सुरूर चढ़ने लगा। मजा आने लगा। फिर मुझसे खूब मजा आने लगा। लग रहा था मैं लड़की का पटरा चिकना करने के लिए रनदे से रगड़ रहा था। अचानक मेरे मुठ मारने के काम ने मेरे पुरे जिस्म को जकड़ लिया।
लगा की मेरे लण्ड से अब आग निकलने वाली है, फिर 30 40 राउंड मैं मुठ और मार गया फिर मेरे लण्ड से पिछ पिछ कर मॉल निकलने लगा। ये एक यादगार अनुभव था। मैंने पहली बार मुठ मार था। तभी रीता मिस पता नही कहाँ से टॉयलेट में आ गयी और उन्होंने मुझसे लण्ड के साथ पकड़ लिया।
वो जान गयी की अब मैं जवान हो गया हूँ। वो अब जान गयी की मेरे लंड से अब मॉल निकलने लगा है। अब मैं किसी भी औरत को चोद सकता हूँ। उन्होंने मेरा कान खीचा और मुझसे बड़े प्यार से कहा की अगर ये काम करोगे तो जवानी में तुम्हारी औरत भाग जाएगी। मेरा तो मन था की कह दू जवानी की जवानी में देखेंगे। लाओ आज आपको चोद लूँ।
मैं 7 दिन तक मुठ मारने और रीता मिस की बात याद करता रहा। एक दिन रीता मैडम टॉयलेट गयी थी। मैंने उनको अंदर घुसते देख लिया। उन्होंने जल्दी से अपना पेटीकोट उठाया और मूतने बैठ गए। मिस के चुत्तड़ खूब बड़े 2 थे। नंगे चुत्तड़ को देख कर मुझसे अंगड़ाई आ गयी। कास रीता मिस मेरी मॉल बन जाती तो मैं उनको जमकर चोदता। दिन रात मैं यही सपना देखने लगा। अब मुझसे रीता मिस की चुदास हो गयी।
मैं किसी और को नही बल्कि अपनी प्यारी रीता मिस को ही झड़कर चोदना चाहता था। मैं यही सोचता की मिस का भोसड़ा कितना बड़ा होगा? उनके आदमी उनको ठीक से चोद तो लेते होंगे? हजार सवाल मेरे मन में घूमने लगे। अब जब भी मिस टॉयलेट जाती मैं चुपके से उनको देखता। हर बार वो जल्दी से अपनी साडी पेटीकोट के साथ उठाती और मूतने बैठ जाती।
मैं सोचता की कैसी उनकी बुर से उनका मीठा 2 मूत का पानी छल छळ करके निकलता होगा। अब मैं जल्द से जल्द रीता मिस को चोदना चाहता था। एक दिन मैं फिर से इंटरवल में मुठ मार रहा था और रीता मिस फिर से मूतने आ गयी। उन्होंने मुझसे मेरे लण्ड के साथ फिर से पकड़ लिया। मैं शर्मा गया।
अमन! क्या हो गया है तुझे? अगर तू इसी तरह मुठ मारेगा तो जवानी में तेरी औरत किसी दूसरे मर्द के पास भाग जाएगी रीता मिस बोली
मैं गुस्सा हो गया और चिल्लाकर बोला तब की तब देखेंगे, मुझसे तो आज ही चूत चाहिए, मैं साफ 2 बोल दिया।
रीता मिस ढंग रह गयी। वो जान गयी की अब मुझसे किसी लड़की की जरूरत है चोदने के वास्ते। एक दिन मैं मिस का हाथ धुला रहा था। मैं जग से पानी दाल रहा था, मिस हाथ दो रही थी, अचानक वो ऊपर उठी। मेरा हाथ उनके बड़े 2 चुचों में लग गया। रीता मिस का बदन काँप गया।
दोस्तों, इस तरह दिन बीतते गए। मैडम जान गयी की अगर उनका कभी दिल अपने भतार से भर जाए तो अमन उनको नए लण्ड का स्वाद दिला सकता है। एक दिन की बात है 12 बजे थे दोपहर के। सारे बच्चे खाना खाने गए थे। रीता मिस के सर में मैं झंडू बाम लगा रहा था। मेरे और मिस के सिवा पुरे स्कूल में कोई नही था। सारे बच्चे मिड डे मील खाने गए थे।
मैं हमेशा मिस के पास ही रहता था। उनको पानी चाय आदि लाके देता था। मैं मिस के सर में बाम लगा रहा था। लगाते 2 मेरा खड़ा हो गया। मेरा एक हाथ मिस के बड़े 2 चुचों पर चला गया। उनकी नींद टूट गयी। मैंने मिस का हाथ पकड़ लिया और उनके मम्मे दाबने लगा।
वो दूर हट गयी।
ये सब क्या है अमन! क्या है ये सब? वो चीख पड़ी
मैडम, मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ। मैं आपके बिना नही रह सकता! मैंने कहा