एक औरत और चार मर्द: एक फैमिली सेक्स स्टोरी

मेरा नाम रानी है, उम्र 30 साल। मैं एक ऐसी औरत हूँ जिसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। मेरा रंग दूध सा गोरा है, चूचियाँ इतनी बड़ी और मस्त कि ब्लाउज़ में समाती नहीं, गांड गोल, मोटी और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि मर्दों की नज़रें उस पर अटक जाएँ। मेरे होंठ गुलाबी और रसीले हैं, और मेरी आँखों में एक ऐसी चमक है जो किसी को भी अपनी ओर खींच ले। मेरी शादी रमेश से हुई थी, जो 35 साल का है। रमेश मेरा पति है, लेकिन मेरी इस कहानी में सिर्फ वो अकेला नहीं है। मेरे ससुर रघु, उम्र 60, मेरे देवर राजू, उम्र 28, और मेरे पति का चचेरा भाई सोहन, उम्र 32, भी इस कामुक खेल का हिस्सा हैं। ये एक ऐसी फैमिली सेक्स स्टोरी है, जिसमें मेरी तड़प और चार मर्दों की भूख एक साथ मिली।

शादी के बाद मैं अपने ससुराल आई। हमारा घर शहर से दूर एक गाँव में था, एक बड़ी हवेली जैसा। रमेश एक साधारण मर्द था, लेकिन उसमें वो जोश था जो मुझे रातों को तड़पाता था। मेरे ससुर रघु जी मज़बूत और रौबीले थे, उनकी उम्र के बावजूद उनका शरीर तगड़ा था। राजू, मेरा देवर, जवान और चंचल था, और उसकी नज़रें हमेशा मेरे शरीर पर टिकी रहती थीं। सोहन, जो कभी-कभी हमारे घर आता था, एक शातिर और मस्त मर्द था, जिसकी आँखों में हवस साफ झलकती थी। शुरू में सब ठीक था, लेकिन मेरे अंदर की आग धीरे-धीरे बढ़ती गई, और एक रात उस आग ने सारी हदें तोड़ दीं।

वो रात बारिश की थी। रमेश, रघु जी, राजू और सोहन सब घर पर थे। मैंने एक पतली साड़ी पहनी थी, जो बारिश में भीगकर मेरे शरीर से चिपक गई थी। मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर आने को बेताब थीं, और मेरी गांड साड़ी में से साफ उभर रही थी। रात के 10 बजे मैं रसोई में चाय बना रही थी, जब रमेश मेरे पास आया। उसने मेरी कमर पकड़ी और मेरे गले पर चूम लिया। मैं सिहर उठी और बोली, “रमेश, क्या कर रहे हो?” वो हँसा और बोला, “रानी, आज तुझे प्यार करना चाहता हूँ।” उसने मुझे रसोई के स्लैब से सटा दिया और मेरे होंठ चूसने लगा। उसका चुम्बन गर्म था, और मैं उसकी बाँहों में पिघलने लगी। उसने मेरी साड़ी का पल्लू गिरा दिया, और मेरी चूचियाँ उसके सामने आ गईं। उसने मेरा ब्लाउज़ फाड़ दिया, और मेरी नंगी चूचियाँ हवा में लहराने लगीं। मेरे निप्पल सख्त थे, और वो उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा। मैं सिसक उठी, “आह्ह… रमेश, और ज़ोर से चूसो!”

गरमा गर्म सेक्स कहानी  पापा ने बेटी को चोदा आखिर किसलिए आप भी जानिए

उसने मेरी साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाया, और मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी। मैं चीख पड़ी, “उफ्फ… रमेश, कितना मज़ा आ रहा है!” वो मेरी चूत में उंगली अंदर-बाहर करने लगा, और मैं तड़प रही थी। तभी दरवाज़े पर एक आवाज़ हुई। मैंने देखा, रघु जी वहाँ खड़े थे। उनकी आँखों में हवस चमक रही थी। रमेश रुक गया और बोला, “पापा, आप?” रघु जी हँसे और बोले, “रमेश, तू अकेले मज़े लेगा? मुझे भी अपनी बहू के साथ वक्त बिताने दे।” मैं शरम से लाल हो गई, लेकिन मेरे अंदर की आग ने मुझे बोलने से रोक दिया।

रघु जी अंदर आए और मेरे पास खड़े हो गए। उन्होंने मेरी चूचियों को पकड़ा और मसलते हुए कहा, “रानी, तेरी चूचियाँ तो दूध की कटोरी हैं।” मैं सिसक रही थी, “आह्ह… ससुर जी, ये क्या कर रहे हैं?” रमेश ने कहा, “रानी, पापा को भी मज़ा लेने दे।” रघु जी ने अपनी लुंगी उतारी, और उनका लंड बाहर आया। उम्र के बावजूद उनका लंड मोटा और सख्त था। उन्होंने मुझे रसोई के स्लैब पर झुकाया और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… ससुर जी, आपका लंड कितना बड़ा है!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगे, और मेरी चूचियाँ हवा में लहराने लगीं। रमेश मेरे सामने आया और मेरा मुँह अपने लंड से भर दिया। मैं एक तरफ ससुर जी की ठाप खा रही थी, और दूसरी तरफ रमेश का लंड चूस रही थी। मेरी सिसकियाँ रसोई में गूँज रही थीं, “उफ्फ… कितना मज़ा आ रहा है!”

गरमा गर्म सेक्स कहानी  My first sex with my teacher Manisha

तभी राजू अंदर आ गया। वो बोला, “भाभी, मैं भी पीछे नहीं रहूँगा।” उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका जवान लंड मेरे सामने था। उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा और कहा, “भाभी, तेरी गांड तो जन्नत है।” मैं सिसकते हुए बोली, “राजू, इसे भी चोद दे!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… राजू, मेरी गांड फट गई!” अब मेरी चूत में ससुर जी, गांड में राजू, और मुँह में रमेश का लंड था। तीनों मर्द मुझे एक साथ चोद रहे थे, और मैं तड़प रही थी। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और मेरी चूत और गांड से रस टपक रहा था। मैं चीख रही थी, “और ज़ोर से, मुझे फाड़ डालो!”

कुछ देर बाद सोहन भी आ गया। वो बोला, “रानी, मैं भी शामिल हूँ।” उसने अपना लंड निकाला, जो सबसे मोटा और लंबा था। उसने रमेश को हटाया और मेरा मुँह अपने लंड से भर दिया। अब चार मर्द मेरे साथ थे। ससुर जी मेरी चूत में ठाप मार रहे थे, राजू मेरी गांड में, सोहन मेरा मुँह चोद रहा था, और रमेश मेरी चूचियों को मसल रहा था। मेरे शरीर में एक ज्वालामुखी फट रहा था। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… चारों मुझे चोद डालो, मेरी आग बुझा दो!” उनकी ठापों की आवाज़ पूरे घर में गूँज रही थी, और मेरी चीखें आसमान तक जा रही थीं।

ससुर जी ने मेरी चूत पर थप्पड़ मारे और बोले, “रानी, तेरी चूत बहुत टाइट है!” राजू मेरी गांड को चाटते हुए बोला, “भाभी, तेरी गांड स्वर्ग है!” सोहन मेरे मुँह में ठाप मारते हुए बोला, “रानी, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” और रमेश मेरी चूचियों को चूसते हुए बोला, “तेरे ये दूध मुझे पागल कर रहे हैं!” मैं चीख रही थी, “और ज़ोर से, मुझे रंडी बना दो!” मेरी चूत से रस बह रहा था, और मेरी गांड जल रही थी। चारों मर्द मेरे शरीर को नोच रहे थे, और मैं हर पल मज़े में डूब रही थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  भाबी को गोवा मे जमकर चोदा-2

कुछ देर बाद ससुर जी बोले, “रानी, मैं झड़ने वाला हूँ।” मैं सिसकते हुए बोली, “ससुर जी, मेरी चूत में झड़ जाइए!” उन्होंने तेज़ ठाप मारी, और उनका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। राजू बोला, “भाभी, मैं भी झड़ रहा हूँ!” उसने मेरी गांड में अपना माल छोड़ दिया। सोहन ने मेरा मुँह अपने माल से भर दिया, और रमेश मेरी चूचियों पर झड़ गया। चारों मर्दों का गर्म माल मेरे शरीर पर था, और मैं काँपते हुए बिस्तर पर गिर पड़ी। हम सब हाँफ रहे थे, और मेरा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।

ससुर जी मेरे कान में बोले, “रानी, तू हमारी रानी है।” राजू मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला, “भाभी, तू सबसे सेक्सी है।” सोहन मेरे होंठ चूमते हुए बोला, “तेरे बिना मज़ा नहीं।” और रमेश मेरी चूचियाँ दबाते हुए बोला, “रानी, तू हम सबकी है।” मैं हँसते हुए बोली, “आप चारों मेरे मर्द हैं।” उस रात के बाद ये हमारा नियम बन गया। हर रात चार मर्द मेरे साथ सोते हैं, और मैं उनकी ठापों में अपनी तड़प मिटाती हूँ। ये हमारी फैमिली का गुप्त खेल है, जो हर रात मुझे जन्नत की सैर कराता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *