मेरा नाम राधा है, उम्र 29 साल। मैं एक ऐसी औरत हूँ जिसे देखकर हर मर्द की साँसें थम जाएँ। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ इतनी बड़ी और रसीली कि हर मर्द उन्हें चूसना चाहे, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और मांसल हैं, और मेरी आँखों में एक नशीली चमक है जो किसी को भी अपनी ओर खींच लेती है। मेरी शादी अजय से हुई थी, जो 34 साल का है। अजय मेरा पति है, लेकिन मेरी इस कहानी में सिर्फ वो अकेला नहीं है। मेरे ससुर रमाकांत, उम्र 58, मेरे देवर राहुल, उम्र 26, और मेरे पड़ोसी रवि, उम्र 38, भी इस चुदाई के खेल का हिस्सा हैं। ये कहानी मेरे घर और आसपास के घरों की नंगी हवस की है, जहाँ हर रात चुदाई का मेला लगता है।
हमारा घर दिल्ली के एक पॉश इलाके में है। अजय एक बिजनेसमैन है, और उसका काम उसे अक्सर बाहर ले जाता है। शुरू में हमारी शादीशुदा ज़िंदगी ठीक थी। अजय रात को मेरे साथ बिस्तर पर आता, मेरी चूचियाँ दबाता, मेरी चूत में उंगली करता, और फिर मुझे चोदता। उसका लंड मोटा और सख्त था, और मुझे उसकी ठापों में मज़ा आता था। लेकिन कुछ महीनों बाद उसका जोश ठंडा पड़ गया। वो जल्दी थक जाता, और मैं रातभर तड़पती रहती। मेरी चूत में आग लगी रहती, और मेरे शरीर की भूख बढ़ती गई। मैंने सोचा कि ये आग सिर्फ अजय से नहीं बुझेगी, और फिर मेरे घर में चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ।
एक रात अजय बाहर गया था। मैं अपने कमरे में अकेली थी। मैंने एक पतली नाइटी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपककर मेरी चूचियों और गांड को उभार रही थी। रात के 11 बजे मेरे ससुर रमाकांत मेरे कमरे में आए। वो सिर्फ लुंगी में थे, और उनका मज़बूत जिस्म मुझे साफ दिख रहा था। उनकी आँखों में एक भूख थी। वो मेरे पास आए और बोले, “राधा, तुझे अकेले देखकर मुझसे रहा नहीं जाता।” मैं शरम से लाल हो गई, लेकिन मेरे अंदर की आग ने मुझे बोलने से रोक दिया। मैंने कहा, “ससुर जी, ये ठीक नहीं।” वो हँसे और बोले, “राधा, अजय तुझे खुश नहीं रख पाता, लेकिन मैं रख सकता हूँ।”
उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुझे अपनी ओर खींच लिया। उनके होंठ मेरे होंठों से टकराए, और मैं उनके चुम्बन में डूब गई। उनका चुम्बन सख्त और गर्म था, और उनकी जीभ मेरे मुँह में घूमने लगी। मैं सिसक उठी, “आह्ह… ससुर जी, ये क्या कर रहे हैं?” उन्होंने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाया और बोले, “राधा, तेरी चूचियाँ बहुत मस्त हैं।” उनकी मज़बूत पकड़ ने मुझे पागल कर दिया। मैंने उनकी लुंगी खींच दी, और उनका लंड बाहर आया। उम्र के बावजूद उनका लंड मोटा और तना हुआ था। मैंने उसे हाथ में लिया और सहलाने लगी। वो सिसक उठे, “उफ्फ… राधा, तू बहुत गर्म है!”
उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी नाइटी फाड़ दी। मेरी चूचियाँ हवा में लहराने लगीं, और मेरे निप्पल सख्त हो गए। वो मेरी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगे, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… ससुर जी, और ज़ोर से चूसिए!” उनकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उनका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत गीली हो गई थी, और मैं तड़प रही थी। उन्होंने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चूत पर अपनी उंगली फिराई। मैं सिसक उठी, “उफ्फ… ससुर जी, अंदर डालिए!” उन्होंने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… और करिए!”
फिर उन्होंने अपना मोटा लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… ससुर जी, मेरी चूत फट गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगे, और मेरी चूचियाँ उछलने लगीं। मैं सिसक रही थी, “और ज़ोर से, मुझे चोद डालिए!” उनकी ठापों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। तभी दरवाज़े पर एक आवाज़ हुई। मैंने देखा, राहुल, मेरा देवर, वहाँ खड़ा था। उसकी आँखों में हवस चमक रही थी। वो बोला, “भाभी, मैं भी शामिल हूँ।” उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका जवान लंड मेरे सामने था।
राहुल मेरे पास आया और मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया। मैं ससुर जी की ठाप खा रही थी, और राहुल का लंड चूस रही थी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… राहुल, तेरा लंड बहुत मस्त है!” ससुर जी मेरी चूत में ठाप मार रहे थे, और राहुल मेरा मुँह चोद रहा था। मेरी चूचियाँ हवा में लहरा रही थीं, और मेरा शरीर दो मर्दों की हवस से भर गया था। ससुर जी बोले, “राधा, तेरी गांड भी चोदूँगा।” उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… ससुर जी, मेरी गांड फट गई!” वो मेरी गांड में ठाप मारने लगे, और राहुल मेरी चूत में अपना लंड डालकर चोदने लगा। मैं चीख रही थी, “और ज़ोर से, मुझे फाड़ डालो!”
कुछ देर बाद पड़ोसी रवि भी आ गया। वो अक्सर हमारे घर आता था, और मेरी नंगी चूचियों को देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। वो बोला, “राधा, मैं भी मज़ा लूँगा।” उसने अपना लंड निकाला, जो मोटा और काला था। उसने मेरा मुँह अपने लंड से भर दिया, और अब तीन मर्द मेरे साथ थे। ससुर जी मेरी गांड में, राहुल मेरी चूत में, और रवि मेरा मुँह चोद रहा था। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… तीनों मुझे चोद डालो!” मेरी चूत और गांड से रस बह रहा था, और मेरा मुँह रवि के लंड से भरा था।
तभी अजय घर लौट आया। वो दरवाज़े पर खड़ा सब देख रहा था। मैं डर गई, लेकिन अजय हँसा और बोला, “राधा, तू तो रंडी बन गई है। मैं भी शामिल हूँ।” उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड मेरे सामने था। उसने मेरी चूचियों को पकड़ा और उन्हें चूसने लगा। अब चार मर्द मेरे साथ थे। ससुर जी मेरी गांड में ठाप मार रहे थे, राहुल मेरी चूत में, रवि मेरा मुँह चोद रहा था, और अजय मेरी चूचियों को नोच रहा था। मैं चीख रही थी, “आह्ह… चारों मुझे चोद डालो, मेरी आग बुझा दो!” मेरी चूचियाँ लाल हो गई थीं, और मेरी चूत और गांड जल रही थीं।
ससुर जी ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे और बोले, “राधा, तेरी गांड स्वर्ग है!” राहुल मेरी चूत चाटते हुए बोला, “भाभी, तेरी चूत बहुत रसीली है!” रवि मेरे मुँह में ठाप मारते हुए बोला, “राधा, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” और अजय मेरी चूचियाँ काटते हुए बोला, “रानी, तेरे ये दूध मुझे पागल कर रहे हैं!” मैं चीख रही थी, “और ज़ोर से, मुझे रंडी बना दो!” मेरे शरीर में एक ज्वालामुखी फट रहा था, और मैं हर ठाप के साथ तड़प रही थी।
कुछ देर बाद ससुर जी बोले, “राधा, मैं झड़ने वाला हूँ।” मैं सिसकते हुए बोली, “ससुर जी, मेरी गांड में झड़ जाइए!” उन्होंने तेज़ ठाप मारी, और उनका गर्म माल मेरी गांड में भर गया। राहुल बोला, “भाभी, मैं भी झड़ रहा हूँ!” उसने मेरी चूत में अपना माल छोड़ दिया। रवि ने मेरा मुँह अपने माल से भर दिया, और अजय मेरी चूचियों पर झड़ गया। चारों मर्दों का गर्म माल मेरे शरीर पर था, और मैं काँपते हुए बिस्तर पर गिर पड़ी। हम सब हाँफ रहे थे, और मेरा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।
ससुर जी मेरे कान में बोले, “राधा, तू हमारी रानी है।” राहुल मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला, “भाभी, तू सबसे सेक्सी है।” रवि मेरे होंठ चूमते हुए बोला, “राधा, तेरे बिना मज़ा नहीं।” और अजय मेरी चूचियाँ दबाते हुए बोला, “रानी, तू हम सबकी है।” मैं हँसते हुए बोली, “आप चारों मेरे मर्द हैं।” उस रात के बाद हर घर में चुदाई का खेल शुरू हो गया। ससुर जी, राहुल, रवि, और अजय, सब मेरे साथ रात बिताते हैं। ये घर-घर की चुदाई की कहानी है, जो हर रात मेरी तड़प को शांत करती है।