Real Virgin 18 Year Girl Indian Sex Kahani – आज मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी न भूलने वाली सेक्स कहानी है। आज मैं आपको इस वेबसाइट पर एक कच्ची कली की चुदाई और निम्बू जैसी चूचियों को दबाने की कहानी आपके लिए लेकर आया हूँ। ये कहानी एक सच्ची सेक्स कहानी है। आज भी उस दिन को याद करके मूठ मारे बिना नहीं रह पाता हूँ। खूबसूरत और वो भी कमसिन जब कोई लड़की को चुदाई का मौक़ा किसी भी इंसान को मिलता है वो उसके ज़िंदगी का सबसे खूबसरत पल होता है। उस पल को याद करके पता नहीं कितनी बार अपनी बीवी को चोदता है। कितनी बार उस पल को याद करके मूठ मारता है ये सिर्फ उसी को पता होता है।
सीधे कहानी पर ही आता हूँ आज मैं जल्द से जल्द अपनी रियल वर्जिन गर्ल इंडियन सेक्स कहानी आप सभी नॉनवेज के दोस्तों को सूना देना चाहता हूँ। ताकि आप भी इस हॉट और सेक्सी कहानी का मजा ले सकें। मेरा नाम विनोद है मैं उस समय 22 साल का था मेरी शादी को हुए उस समय मात्र 7 महीने हुए थे मैं दिल्ली में रहता था। पर मेरी बीवी गाँव चली गई थी इसलिए मैं अकेला ही उस समय था। एक कमरे में किराये पर रहता था। वो मकान बहुत छोटा था। ऊपर एक कमरा था और खुला जगह ऊपर ही किचन और बाथरूम। निचे दो कमरा था निचे के कमरे में एक परिवार रहता था वो लोग उत्तर प्रदेश बिजनौर का रहने वाला था।
उस परिवार में बहोत से लोग आते जाते रहते थे। पर असल में वहां जो रहते थे उनका अपना ब्यूटी पारलर और सलून था। वाइफ हस्बैंड वो थे एक छोटी सी बेटी थी करीब १ साल की इसलिए वो लोग बच्चे की देखभाल के लिए अपने मम्मी पापा को गाँव से बुला लिए थे। उनके मम्मी पापा के साथ उनकी दो बहने जो बेहद खूबसूरत थी आई थी। कुछ दिन बाद उसके मम्मी पापा और एक बहन वापस बिजनौर चले गए थे और याना आमना रह गई थी अपनी भतीजी को सँभालने के लिए।
आमना बहुत ही हॉट सेक्सी लड़की थी पतली दुबली सुन्दर गोरी सी लम्बे बाल छोटी छोटी चूचियां जो की उसे कपडे के ऊपर से सही से दीखता भी नहीं था। आमना की मुस्कान बहुत ही सेक्सी था होठ उसके गुलाबी थी। मैं कभी भी आमना को उस नजर से नहीं देखा था की मुझे चोदना है या उसको पटाना है। चाहे आप मुझे इस मामले में जो भी कहिये मैं बहुत ही सीधा सादा इंसान था। आजकल भले बहक गया है इस वेबसाइट पर यानी antarvasna.live पर रोजाना कहानियां पढ़कर।
एक दिन की बात है आमना के भैया और भाभी दोनों अपने काम पर गए थे। घर में सिर्फ आमना और उसकी भतीजी थी। गर्मी का मौसम था मैं एक म्यूजिक सिस्टम खरीद कर लाया था और बजा रहा था। दिन के करीब बारह बजे होंगे। आमना ऊपर चढ़ी और मेरे कमरे के दरवाजे पर खड़ी हो गई उसकी भतीजी भी उसके गोद में ही थी। मैंने आमना को अंदर बुलाया और बैठने को कहाँ आमना वही कुर्सी पर बैठ गई। मैं गाने चेंज कर कर के बजा रहा था। धीरे धीरे उसकी भतीजी सो गई। वो उठी और बोली अभी आ रही हूँ निचे इसको सुला कर। और वो अपनी भतीजी को सुलाने चली गई और पांच मिनट में ही वो वापस आ गई।
फिर वही कुर्सीं पर बैठ गई मैं वही बेड पर बैठा था। हवा बाहर ज्यादा चल रही थी और गर्मी का दिन था तो हवा कमरे में आ रही थी तो मैंने दरवाजा सटा दिया। वो बैठी रही गाने सुनती रही। पता नहीं क्या हुआ आजतक मुझे ये बात समझ नहीं आया आखिर उसने ऐसा क्यों किया था। वो उठी और मेरे गोद में बैठ गई। और मुझे देखकर खिलखिलाकर हंसने लगी। मैं पहले वो अवाक् रह गया। पर धीरे धीरे मैं अपने आप को संभाला और उसके फेस के तरफ देखा। उसकी आंख्ने इतनी खूबसूरत थी और गाल इतने गोरे थे की मेरे से रहा नहीं गया और मैं गाल पर एक चुम्मा ले लिया।
चुम्मा लेते ही वो मुझे अपनी बाहों में भर ली। मैं भी उसको अपनी बाहों में ले लिया मैं उसके होठ को चूमने लगा और उसके समीज के ऊपर से उसकी छोटी चूचियों को टटोलने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह क्या बताऊँ दोस्तों ऊपर से तो चूचियों का पता तो नहीं चला मैंने उसके समीज को ऊपर उठा दिया और अंदर जो टेप पहनी थी उसको भी ऊपर कर दिया। छोटी छोटी बूब्स जिप्सी एक मसूर के दाने जैसा निप्पल ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह आज भी मेरा मन बाग़ बाग़ हो जाता है उस दृश्य को याद करके। मैंने तुरंत ही अपने दो उँगलियों से उसके निप्पल को मसलते हुए उसकी छोटी छोटी निम्बू के जैसी चूचियों को दबाने लगा।
मैंने कहा दोगी? उसने कहा हाँ पर दर्द नहीं होने चाहिए। मैंने कहाँ पक्का नहीं होगा धीरे धीरे घुसाउंगा। वो बेड पर लेट गई मैंने सलवार का नाडा खोला और सलवार दोनों टांगो से बाहर निकाल कर वही निचे गिरा दिया। अंदर वो पेंटी भी नहीं पहनी थी। दोनों टांगों को अलग अलग किया देखा छोटी सी चूत जिसपर बाल भी नहीं थे। मैं देखकर पागल हो गया। मैंने तुरंत ही उसकी चूत को सहलाने लगा पर उसको बहुत गुदगुदी होने लगी थी। वो हॅसने लगी और अपनी टांगों को सटा कर अपनी चूत को छुपाने लगी। मैंने तुरंत ही उसके टांगो को फिर से अलग अलग किया।
लंड निकाला अंदाजे से ही लंड को उसकी चूत पर सेट किया और उसके ऊपर लेट गया। पर कुछ भी नहीं हुआ मैं अनाड़ी के तरह कर रहा था जल्दी जल्दी में ये सब हो जाता है। जैसे ही मेरा लंड छटक कर इधर उधर गया उसने मुझे जालिम कहा। मैंने फिर से टांगो को अलग अलग किया अपना लंड आमना के चूत पर लगाया और जोर से घुसाने लगा पर चूत इतनी टाइट थी इसवजह से अंदर जा नहीं रहा था। चूत पर मैंने थूक लगाया अपने लंड पर भी थूक लगाया फिर से लंड का सुपाड़ा छेद पर रखा और इस बार जोर से झटका दिया और पूरा लंन्ड उसकी चूत के अंदर डाल दिया।
आमना दर्द से कराहने लगी। मैंने उसको सहलाया चूचियों पर हाथ फेरा और उसको दिलासा दिलाया की अब दर्द नहीं होगा। और मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। मुझे जल्दी जल्दी चोदना था क्यों की कोई भी आ सकता था या आमना की भतीजी जग जाती इसलिए मैं जोर जोर से धक्के दे दे कर उसकी चूचियों को मसलते हुए चोदने लगा। धीरे धीरे आमना को भी मजा आने लगा वो अपने मुँह से सिसकारियां निकालती हुई गांड को हिला हिला कर मेरे लंड को अंदर ले रही थी। हम दोनों ही पसीने से तर बतर हो गए थे।
उसके चेहरे पर जो पसीने का बूंदें थी वो मुझे घायल कर गई। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह गजब की खूबसूरत लग रही थी। मैं जोर जोर से चोदते हुए चूचियों को पकड़ते हुए अपना सारा माल आमना की चूत के अंदर डाल दिया। मुझे डर लगने लगा था कही इस कुंवारी लड़की को बच्चा ठहर गया तो क्या होगा। मैं भागकर मेडिकल गया वह से एक पील लाया जो चुदाई के 24 घंटे के अंदर खाया जाता है उसको दिया और फिर चैन की साँस ली।
मुझे आज भी जब वो दिन याद आता है मैं खुश हो जाता हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ ये सेक्स कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी।