Sasur Bahu Sex Story Hot and Sexy : मेरा नाम राधा है। मैं 25 साल की हूँ, एक सुंदर, सेक्सी और जवान बहू, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा गोरा, चिकना बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो साड़ी में उभरकर फटने को तैयार रहते हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो चलते वक्त लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, और मैं अपने पति, रमेश, के 7 इंच के लंड से संतुष्टि पाती थी। रमेश 28 साल का था—लंबा, सांवला, और मज़बूत जिस्म, लेकिन वो अक्सर ऑफिस में व्यस्त रहता था। मेरे ससुर, हरि प्रसाद, 55 साल के थे—लंबे, सांवले, और मज़बूत जिस्म वाले मर्द, जिनकी पैंट में मोटा, 9 इंच का लंड साफ उभरता था। उनकी आँखें मेरे चूचियों और गांड पर टिकती थीं, और उनकी आवाज़ में एक जंगली भूख थी। मेरी सास, कमला, 52 साल की थीं, लेकिन वो अक्सर सुबह टहलने जाती थीं, जिससे घर में सिर्फ मैं और ससुर जी रहते थे।
हमारा घर गाँव में था, जहाँ रातें सन्नाटे और ठंडी हवाओं से भरी होती थीं। एक दिन रमेश ने बताया, “राधा, मुझे 20 दिन के लिए दिल्ली जाना है। तुम ससुर जी और सास के साथ रहना, मैं जल्दी आऊँगा।” मेरी चूत सुनते ही गरम हो गई। मैंने सोचा, “20 दिन बिना चुदे कैसे रहूँगी? मेरी चूत को लंड चाहिए।” रमेश चला गया, और सास सुबह टहलने निकलीं। घर में सिर्फ मैं और ससुर जी थे। शाम को ससुर जी ने दारू पी ली। उनकी आँखें लाल हो गईं, और उनकी पैंट में उनका लंड सख्त होकर उभरने लगा। मैंने एक टाइट, लाल साड़ी पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर निकलने को बेताब थीं, और मेरी गांड का उभार साफ झलक रहा था। ससुर जी ने मुझे देखा और बोले, “राधा, तू तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रहा है।” मेरी चूत गीली हो गई, और मैं सिसकी, “ससुर जी, ये गलत है… लेकिन मेरी चूत को लंड चाहिए, बिना चुदे मैं नहीं रह सकती।”
ससुर जी उठे, और उनके हाथ मेरी साड़ी के पल्लू पर गए। वो बोले, “राधा, मेरी दारू तुझे चोदने को बेताब कर रही है। आज तेरी चूत और गांड को मेरा लंड फाड़ेगा।” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत टपकने लगी। वो मेरे पास आए, और मेरी साड़ी का पल्लू खींचकर फेंक दिया। मेरी मोटी, रसीले चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर उछल पड़ीं, गोल, सख्त, और निप्पल लाल, उभरे हुए। ससुर जी बोले, “राधा, तेरे चूचियाँ तो चूसने लायक हैं!” उसने मेरी एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। मेरी खुरदुरी उंगलियाँ मेरे निप्पल को मसल रही थीं, और उसकी गर्म, गीली जीभ मेरी चूची पर घूम रही थी। मैं सिसक उठी, “आह… ससुर जी, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो इनको!” उसने मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसके दाँत मेरे निप्पल को काटते, और मेरी चूत टपकने लगी। मैंने उसकी शर्ट खींची, और उसकी चौड़ी, सांवली छाती मेरे सामने थी।
ससुर जी ने मेरी साड़ी, ब्लाउज़, और सलवार एक झटके में फाड़ दी। मेरी नंगी चूचियाँ हवा में लटक रही थीं, और मेरी गांड साफ दिख रही थी। उसने मेरी पैंटी उतारी। मेरी चूत नंगी थी—गीली, गुलाबी, और गरम, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी। उसकी गांड का उभार चिकना, मोटा था। ससुर जी बोले, “राधा, तेरी चूत तो चुदने लायक है… मखमली और गीली!” उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, और मैं चिल्ला उठी, “आह… ससुर जी, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरी, और मैं पागल हो गई। वो बोला, “तेरी चूत का स्वाद गज़ब है… गरम और रसीला!” उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मेरी गांड उछल रही थी। मैं चीखी, “ससुर जी, मेरी चूत चाट डालो… अब चोद डालो!”
ससुर जी ने अपनी पैंट उतारी। उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। मैंने इसे देखा और बोली, “ससुर जी, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” वो हँसा और बोला, “राधा, आज तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाऊँगा।” उसने मुझे सोफे पर लिटाया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं, और उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं तड़प रही थी, “डाल दे, ससुर जी… मेरी चूत को चोद डालो!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मर गई… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ रहा है!” मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन वो रुका नहीं। उसका लंड मेरी चूत को चोद रहा था—ज़ोर-ज़ोर से, गहराई तक। फच-फच की गीली आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ उछल रहे थे, और उसने उन्हें अपने मज़बूत हाथों से मसला। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत को फाड़ डाल!”
ससुर जी ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी, गोल गांड उसके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने मेरी गांड पर चार ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोला, “राधा, तेरी गांड भी चोदूँगा… इसे मेरे लंड से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दे, ससुर जी… मेरी गांड फाड़ डाल!” उसने अपने लंड पर थूक और तेल लगाया, फिर मेरी गांड की टाइट छेद पर रगड़ा। उसका मोटा सुपारा मेरी गांड को छू रहा था। उसने धीरे से लंड डाला, और मेरी गांड टाइट होने की वजह से फटने लगी। मैं चिल्ला उठी, “आह… फट गई मेरी गांड… ससुर जी, धीरे!” लेकिन उसने मेरी गांड को अपने मज़बूत हाथों से पकड़ा और पूरा लंड ठूंस दिया। मैं चीख रही थी, “आह… मेरी गांड फट रही है!” उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया—ज़ोर-ज़ोर से, बेरहमी से। उसका लंड मेरी गांड को रगड़ रहा था, और मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे। मेरी चूत टपक रही थी, और उसकी चुदाई मेरे जिस्म को पागल कर रही थी।
रात गहराई, और ससुर जी ने मुझे बेडरूम में ले जाया। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत और गांड दोनों उसके सामने खुली थीं। उसने मेरी चूत में लंड पेला, और मैं चिल्लाई, “आह… ससुर जी, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। उसने मेरे चूचियाँ अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डालो!” ससुर जी ने मेरी गांड में उंगली डाली, और मैं चीखी, “मेरी गांड में लंड डाल, इसे भोसड़ा बना डाल!” उसने मेरी गांड में लंड ठूंस दिया, और मेरी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उसकी चुदाई से मेरा जिस्म काँप रहा था।
सास सुबह लौटीं, लेकिन हमें रुकने का मन नहीं था। सास ने कमरे में आकर अपनी साड़ी उतारी। उनकी मोटी, लटकती चूचियाँ और भारी गांड नंगी हो गईं। वो बोलीं, “राहुल, मुझे भी चोद, मेरी चूत को लंड चाहिए। राधा को संतुष्ट कर, और मेरी चूत को भी मज़ा दे।” मैंने रानी को बिस्तर पर लिटाया, और सास को पास बिठाया। मैंने रानी की चूत में लंड डाला, और सास की चूत में उंगली डाली। रानी चिल्लाई, “आह… जेठ जी, मेरी चूत फाड़ डाल!” सास सिसकी, “राहुल, मेरी चूत को लंड दो… इसे चोद डाल!” मैंने लंड रानी की चूत से निकाला, और सास की चूत में डाला। सास की चूत टाइट थी, और वो चीख पड़ी, “आह… मेरी चूत फट गई!” मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और सास की चूचियाँ उछल रही थीं। रानी ने मेरी गांड में उंगली डाली, और मैं सिसका, “रानी, मेरी गांड को भी चोद!”
हम तीनों की चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ। मैंने रानी की चूत में लंड डाला, और सास की गांड में उंगली डाली। फिर सास की चूत में लंड डाला, और रानी की गांड में लंड ठूंस दिया। हमारी चीखें और सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। रानी बोली, “जेठ जी, मेरी चूत और गांड चोद, मुझे संतुष्ट कर!” सास बोलीं, “राहुल, मेरी चूत और गांड को चोद, मुझे जन्नत दिखा!” मैंने उन्हें बारी-बारी चोदा, कभी रानी की चूत, कभी सास की गांड। मेरी लंड ने उनकी चूतों और गांड को फाड़ दिया। हम तीनों की चुदाई बाथरूम में, बेडरूम में, और हॉल में चली। मेरी चूत और गांड ससुर जी के लंड से जवान हो गईं।
सुबह हुई, और मैं ससुर जी, रानी, और सास की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। रानी की चूत और गांड भी लाल थीं, और उसकी चूचियाँ मेरे चूसने से सूजी हुई थीं। सास की चूत और गांड भी लाल थीं। ससुर जी ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “राधा, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” मैंने उसके लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “ससुर जी, मेरी चूत को फिर चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी भोसड़ा बना डाल!” रानी ने मेरी चूचियाँ दबाईं और बोली, “जेठ जी, मेरी चूत और गांड को भी चोद, मुझे संतुष्ट रख।” सास बोलीं, “राहुल, मेरी चूत और गांड को रोज़ चोद, हमें संतुष्ट रख।” हम चारों ने सुबह की गरम, जंगली चुदाई शुरू की—मेरी चूत में लंड, रानी की गांड में उंगली, और सास की चूत में उंगली। मेरे चूचियाँ और रानी की चूचियाँ एक-दूसरे से रगड़ रहे थे, और सास की चूचियाँ मेरे हाथों में थीं। यह एक भड़काऊ, हॉट रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।