पति से संतुष्ट नहीं हुए तो भाई के साथ ही रहने लगी


असंतुष्ट औरत सेक्स कहानी (Asantusht Sister ki Chudai, Bhai Bahan Sex Kahani) : मेरा नाम अनु है मैं 28 साल की खूबसूरत औरत हूं। अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है और बच्चा नहीं होने का कारण है मेरे पति का नामर्द होना। मेरा पति मुझे चोद नहीं पाता है इस वजह से मैं आज तक मां नहीं बन पाई सच तो बात यह है कि आज तक मेरी वासना भी शांत नहीं हुई। इसलिए आज आप सभी antarvasna.live के पाठकों के सामने अपनी कहानी को रख रही हूं ताकि आपको भी पता चले कि अगर मैं अपने पति को छोड़कर भाई के साथ सेक्स संबंध बना रही हूं तो मेरी क्या गलती है। मैं अपने भाई के साथ रहती हूं और उसी के साथ में सेक्स संबंध बनाती हूं अपनी वासना की आग को बुझाती हूं। मैं पूरी कहानी आपको इस वेबसाइट पर सुना रही हूं क्योंकि मैं भी रोजाना इस वेबसाइट पर आकर एक से एक अच्छी और सेक्सी चुदाई की कहानियां पढ़ती हूं।


मैं दिल्ली के पास नोएडा में ही रहती हूं। पहले मैं दिल्ली में अपने पति के पास रहती थी पति के साथ मेरा जीना दूभर हो गया था। पति का जो कर्तव्य होता है अपने पत्नी के प्रति वह उसे निभा नहीं पा रहा था। मैं 2 साल तक अपने पति के साथ रहे इलाज भी करवाई पर कोई फायदा नहीं हुआ। मैं टूट चुकी थी लड़ाई झगड़ा ज्यादा होने लगा था और लड़ाई होने का कारण यही था कि मेरा पति मेरी चूत में कभी नहीं घुस आया वह हमेशा उंगली करता है और मेरी चूत को चाटता है। भला एक औरत ऐसे में कैसे संतुष्ट हो पाएगी। वह तो इससे मेरे तन बदन में आग लगा देता था और फिर आराम से सो जाता था। यानी कि मुझे गर्म कर देता था वह उंगलियां डाल डाल कर मेरी चूत में लंड घुसाने की ताकत नहीं थी उसमें।


पति के साथ मेरा झगड़ा हुआ और मैं अपने भाई के पास नोएडा आ गई। मेरा भाई रहता है क्योंकि उसके अपनी बीवी से तलाक हो गया है तलाक होने का कारण यही था कि मेरा भाई चुदाई जबरदस्त तरीके से करता है इस वजह से मेरी जो भाभी थी वह बर्दाश्त नहीं कर पाती थी भैया को मोटा और लंबा लंड इस वजह से उसने तलाक ले लिया। एक को लंड से डर लगता था इस वजह से तलाक ले लिया और एक को लंड नहीं मिलता था इस वजह से अपने पति को छोड़ दिया। भाई के पास आ गई मैं भी प्यासी मेरा भाई भी प्यासा हम दोनों ही वासना के दीवाने थे। और आपको तो पता है यह एक नशा है जब नहीं मिले तो किसी भी हालात में इस नसा को पूरा करेगा।


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मैं खुद बड़े घर से हूं तो आज तक कभी ऐसा नहीं लगा कि लड़कियां या औरतें शराब नहीं पिएंगे हम तो अपने मायके में भी शराब पिया करते थे क्योंकि पापा मेरे फौज में कर्नल थे। जब भाई के यहां आए तो भाई ने आने की वजह पूछा तो मैं साफ-साफ बता दे कि मेरा पति मुझे खुश नहीं कर पाता की वजह से मैं यहां पर आ गई हूं। भाई बोला कोई बात नहीं है तुम जब तक रहो हमें कोई दिक्कत नहीं है। उस रात को हम दोनों ही काफी ज्यादा उदास थे क्योंकि दोनों का घर उजड़ गया था। हम एक ही भाई-बहन हैं। रात को हम दोनों दारु पीने के लिए बैठ गए चिकन बाहर से मंगवाया और हम दोनों दारु पीने लगे सिगरेट पीने लगे और दोनों भाई बहन बात करने लगे।

धीरे-धीरे हम दोनों का वासना भड़कने लगा था क्योंकि जब दारु पीते हैं लोग तो कपड़े थोड़ा व्यस्त हो जाते हैं उस दिन मैं जबरदस्त सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिससे मेरी चूचियां बाहर दिखाई दे रही थी इस वजह से मेरा भाई मेरे को बार-बार देख रहा था। और फिर हम दोनों नशा में आते ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। मेरा भाई मेरी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा मुझे चूमने लगा। मैं भी वासना की आग में पहले से जल रही थी इस वजह से आग लगने में देर नहीं लगा और मैंने भाई के लंड को पकड़ कर तुरंत हिलाने लगी। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े खोल दिए बेडरूम में चले गए मेरा भाई मेरी चुचियों को दबाते हुए मेरे निप्पल को पीने लगा था। मैं बेड पर लेट गई मेरा भाई मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। मैं तुरंत ही बोलते मुझे लंड चाहिए।


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भाई ने अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया मैं अपने भाई के लैंड को चूसने लगी। मेरे चूचियों को दबाते हुए मेरी चूत पर अपना हाथ फिर रहा था। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी गरम गरम पानी निकल रहा था मेरा भाई दोनों पैरों के बीच में बैठ गया दोनों टांगों को अलग-अलग गया मेरी चूत को पहले निहारा। फिर जीभ लगा कर उसको चाटने लगा मैं गरम गरम पानी छोड़ रही थी और मेरा भाई मेरी चूत की नमकीन पानी को पी रहा था। मेरे तन बदन में आग लग गई थी मैं सिसकारियां ले रही थी मैं अंगड़ाइयां ले रही थी। मैं खुद ही अपने होठों को अपने दांतों तले दबा रही थी कभी-कभी खुद ही अपनी चुचियों को पकड़ कर मसल दी थी कभी निप्पल को पकड़कर रगड़ देती।


धीरे-धीरे हम दोनों भाई वासना की आग में भड़कने लगे थे। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख कर दोनों टांगों को अलग अलग किया और जोर से घुसा दिया मेरे होंठ को चूमते हुए मेरी सूचियों को दबाते हुए जोर जोर से धक्के दे देकर मुझे चोदने लगा। फिर वह नीचे लेट गया मैं ऊपर चढ़ गई उसके लंड को पकड़ कर अपने चूत के छेद पर लगा कर बैठ गई और जोर जोर से धक्के दे देकर उसके पूरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी। मेरा भाई मेरी चुचियों को दबोच ते हुए नीचे से धक्का दे रहा था मैं ऊपर से धक्के दे रही थी पूरे कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी और मैं सिसकारियां लेती हुई मैं अपने भाई को कह रही थी अब मैं तुम्हारी बहन नहीं अब मैं तुम्हारी बीवी हो गई हूं।

मैं अब तुम्हारे साथ ही रहूंगी मैं तुमसे ही सेक्स करूंगी। अब तू ही मेरा भैया है तू ही मेरा सैया है। मुझे ऐसे ही खुश करते रहना मैं अपने पति को छोड़ आई ताकि तुम मुझे खुश कर सकूं क्योंकि मुझे वह दिन याद है जब मैं कुंवारी थी और छत पर तूने मुझे चोदा था वह मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। उसी चुदाई को याद करके आज मैं नोएडा गए हो तुम्हारे पास रहने के लिए। भाई ने इतना सुनते ही मुझे नीचे पटक दिया और मेरे चुचियों को फिर से मसलते हुए अपने मुंह में लेते हुए मेरे होंठ को चूमते हुए। अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर जोर जोर से धक्के देने लगा पूरा पलंग हिल रहा था।


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फिर मुझे घोड़ी बना दिया मेरी तरफ से अपना लंड मेरी चूत के अंदर लगाया और जोर जोर से धक्का दे देकर मेरे चूतड़ थप्पड़ मार मार कर चोदने लगा मेरी चूचियां फुटबॉल की तरह आगे पीछे होने लगी थी पीछे से धक्के देकर चोद रहा था। हम दोनों ही नशे में थे और एक दूसरे को खुश कर रहे थे। करीब 1 घंटे के बाद हम दोनों ही झड़ गए हम दोनों ने ही सो गए। करीब 45 मिनट बाद हम दोनों फिर से उठे फिर से दारु पिए मेरा भाई मुझे चोदा। आज तक इतने जबरदस्त तरीके से मेरी चूत की गर्मी को शांत किसी ने नहीं किया था। आज मैं बहुत खुश थी और उम्मीद करती हूं आगे भी खुश रहूंगी क्योंकि भाई ने मेरी वासना की आग को बुझा दिया और आगे भी बुझाता रहेगा।


मैं अपनी दूसरी कहानी जल्द ही इस वेबसाइट पर यानी antarvasna.live पर डालने वाली हूं तब तक आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार मैं उम्मीद करता हूं दोबारा आप आकर मेरी कहानी को जरूर पढ़ेंगे।


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