Chacha ne ki batiji ki chudai bade lund se , sex kahani
मैं अपनी हौंडा सिटी से अपने घर की तरफ को लौट रहा था मेरे साथ में मेघा भी थी मेघा मेरे बड़े भैया की लड़की है और वह एक महीने पहले ही न्यूजीलैंड से अपनी पढ़ाई पूरी करके लौटी है। वह मेरे साथ ही ऑफिस से लौट रही थी क्योंकि वह अपनी किसी सहेली के घर गई थी इसलिए मैंने उसे उसके दोस्त के घर से रिसीव कर लिया था और उसके बाद मेघा मेरे साथ ही घर आ रही थी। मेघा ने मुझे कहा चाचा जी रास्ते में गाड़ी रोकना मुझे कुछ सामान खरीदना है मैंने मेघा से कहा लेकिन तुम्हें क्या सामान लेना है वह कहने लगी चाचा जी आप यह सब रहने दीजिए बस आप कुछ देर के लिए गाड़ी रोक देना। मेघा ने मुझे कहा था कि यहां पर गाड़ी रोक दीजिएगा तो मैंने उसे कहा तुम जल्दी से जाओ और जल्दी से आ जाना क्योंकि यहां पर ट्रैफिक भी लगता है मैं कार में ही बैठा हूं।
मेघा ने जल्दी से कार के दरवाजे को खोलते हुए वहीं एक कॉस्मेटिक की शॉप में गई और उसके बाद वह लौट आई जब वह लौट आई तो मुझे कहने लगी चाचा जी मुझे ज्यादा देर तो नहीं हुई। मैंने उसे कहा नहीं ज्यादा देर तो नहीं हुई उसके बाद मेघा और मैं आपस में बातें करते करते कब घर पहुंच गए कुछ मालूम ही नहीं पड़ा हम दोनों घर पहुंच चुके थे। जब हम लोग घर पहुंचे तो मेरे भैया कहने लगे तुमने अच्छा किया जो मेघा को अपने साथ ले आये मैंने भैया से कहा हां भैया मुझे भाभी ने फोन कर दिया था कि मेघा को भी आप अपने साथ ले जाइएगा तो मैं उसे अपने साथ ले आया।
मेंरे भैया और भाभी मेघा से बहुत प्यार करते हैं और उन्होंने मेघा को कभी कोई कमी नहीं होने दी वह मेघा को इस कदर चाहते हैं कि मेघा पर यदि एक खरोंच भी आ जाए तो उन्हें बहुत तकलीफ होती है। मेघा इतने वर्षों तक न्यूजीलैंड में पढ़ने के बाद भी अपने संस्कार नहीं भूली थी वह बिल्कुल पहले जैसी ही है उसके स्वभाव में कोई भी बदलाव नहीं आया। मेघा और मेरे आपस में बहुत मजाक चलता रहता है मेरी पत्नी कहने लगी कि चलिए मैंने खाना बना दिया है आप सब लोग खाना खा लीजिए। हम सब लोग टेबल पर बैठ गए हम लोग खाना खाते खाते अपनी बातें भी कर रहे थे मेरा 15 वर्ष का लड़का है जो कि बहुत ज्यादा बिगड़ चुका है उसकी वजह से मुझे बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होती है।
वह पढ़ने में भी बिल्कुल अच्छा नहीं है और हर रोज उसके स्कूल से कोई ना कोई शिकायत आती रहती है मेरी पत्नी की वजह से ही वह इतना बिगड़ा है क्योंकि मेरी पत्नी ने उसे बहुत ज्यादा लाड़ प्यार से पाला है इसीलिए वह सर पर बैठ चुका है और हमारी कुछ भी बात नहीं सुनता। मैं उसे बहुत समझता रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी हमेशा उसे मुझसे बचाती है और कहती है अभी तो रमन छोटा है तुम उसे क्यों इतना डराते हो। वह हमेशा ही रमन की तरफदारी करती रहती है और इसी वजह से रमन भी बिगड़ चुका है मुझे कुछ समझ नहीं आता कि मुझे क्या करना चाहिए। मेघा कहने लगी चाचा जी रमन को अब से मैं पढ़ाई कराउंगी, शायद रमन को मैं समझ नहीं पा रहा था लेकिन जब से मेघा ने उसे पढ़ाना शुरू किया तब से वह थोड़ा बहुत बदलने लगा था और पहले से ज्यादा बदलाव उसके अंदर आ चुका था।
एक दिन मेघा अपने साथ रमन को मेरे ऑफिस में ले आई मैंने उसे कहा तुम रमन को अपने साथ यहां क्यो लाई। मेघा कहने लगी चाचा जी बस ऐसे ही सोचा आप भी रमन के साथ थोड़ा समय बिताएंगे तो आपको अच्छा लगेगा। रमन से बात कर के उस दिन मुझे ऐसा एहसास हुआ कि वह थोड़ा तो बदल चुका है और पहले से कुछ कम शैतानियां किया करता है। वह पढ़ने में भी ध्यान देने लगा था और यह सब मेघा की बदौलत ही हुआ बहुत जल्दी ही रमन के अंदर इतना बदलाव आया उसके बदलाव का कारण सिर्फ मेघा ही थी।
मेघा के लिए भी अब अच्छे रिश्ते आने लगे थे क्योंकि इसकी उम्र भी हो चुकी थी लेकिन जहां से मेघा के लिए रिश्ते आ रहे थे उसने वहां मना कर दिया। वह कहने लगी मैं अभी से शादी नहीं करना चाहती अभी मेरी उम्र महज 26 वर्ष ही तो है लेकिन मेरे भैया भाभी चाहते थे कि वह मेघा की शादी जल्द से जल्द करदे लेकिन मेघा अपनी शादी के लिए तैयार ना थी और वह अभी शादी नहीं करना चाहती थी। मैंने भी भैया से कहा भैया जब मेघा शादी नहीं करना चाहती है तो आप रहने दीजिए कुछ समय के लिए उसे थोड़ा और अपने तरीके से जीने दीजिए।
भैया कहने लगे हां तुम बिल्कुल सही कह रहे हो हमें उसे थोड़ा समय देना चाहिए। मेघा को न्यूजीलैंड से आये कुछ ही समय हुआ था जब पहले वह छोटी थी तो उस वक्त वह पढ़ने में भी बिल्कुल ध्यान नहीं देती थी लेकिन अब वह पढ़ने में भी काफी अच्छी थी और बहुत समझदार हो चुकी थी। मेघा चाहती थी कि वह अपना कोई नया बिजनेस शुरू करें इसके लिए उसने मुझसे बात की और कहने लगी चाचा आप मेरी मदद कीजिए यदि मैं पापा से इस बारे में कहूंगी तो पापा तो गुस्सा हो जाएंगे। मेघा चाहती थी कि वह अपने नाम से ही कोई टी शर्ट का ब्रेंड निकाले, मेघा को मैंने अपने पुराने दोस्त से मिलवाया उसने मेघा की बहुत मदद की। मेघा ने भी अपने टी-शर्ट के नाम से एक ब्रेड बनाने के बारे में सोच लिया था और उसने पूरी मेहनत के साथ अपना काम किया जिससे कि उसका काम भी अच्छा चलने लगा था।
धीरे-धीरे कुछ और भी चीजें वह जोड़ना चाहती थी वह पूरी तरीके से ऑनलाइन मार्केट में उतर चुकी थी और उसे काफी अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा था जिस वजह से वह अपने काम को आगे बढ़ाना चाहती थी। मेरे दोस्त की मदद से उसने अपने काम को और भी आगे बढ़ा लिया था मेघा एक बहुत ही मेहनती लड़की है जिस वजह से उसका काम अच्छा चलने लगा था। अब भैया और भाभी उसे शादी के लिए भी नहीं कहते थे, मेघा को घर आये काफी समय हो चुका था मेघा ने कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए न्यूजीलैंड अपने दोस्तों के पास जाना चाहती हूं।
भैया भाभी ने भी उसे रोका नहीं और वह कुछ दिनों के लिए अपने दोस्तों के पास न्यूजीलैंड चली गई वहां से वह हर रोज हमें फोन किया करती थी और जब कुछ दिनों बाद वह घर लौटी तो वह कहने लगी चाचा जी मुझे आपसे कुछ बात करनी थी। मैंने उसे कहा ठीक है तुम मेरे ऑफिस में आ जाना मेघा कहने लगी ठीक है चाचा जी मैं आपसे ऑफिस में मिलने के लिए आउंगी। जब मेघा मुझसे ऑफिस में मिलने के लिए आई तो वह मुझे कहने लगी चाचा जी मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता थी मैंने मेघा से कहा लेकिन तुम्हें पैसों की आवश्यकता क्यों है। वह कहने लगी मैं कुछ और भी शुरू करने के बारे में सोच रही थी इसलिए मुझे आपसे कुछ पैसों की मदद चाहिए थी
मैंने उसे कहा ठीक है तुम्हे कितने पैसे की जरूरत है तुम मुझे बता देना। उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी वह खुश हो गई मैंने उसे कहा चलो फिर घर चलते हैं हम दोनों साथ में घर लौट आए। मेघा के न्यूजीलैंड से आने के बाद वह बदल चुकी थी उसके अंदर कुछ तो बदलाव आ चुका था। वह ना जाने किस ख्याल में खोई हुई थी मैंने मेघा से पूछा मेघा तुम किस ख्याल में डूबी हुई हो? मेघा ने मुझे कोई जवाब नहीं दिया मेघा अपने कमरे में बैठी हुई थी वह बड़ी अजीब सी हरकत कर रही थी वह अपने डायरी पर बार-बार अपने पैन से जोर जोर से प्रहार कर रही थी। मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैंने मेघा उससे पूछ लिया लेकिन मेघा ने मुझे कुछ नहीं बताया।
मेघा अपने बाथरूम से नहा कर बाहर निकल रही थी तो मैंने उसकी गोरे बदन को देख लिया था मैं उसे देखकर रह ना सका। मेरी नजर उस पर जब भी पड़ती तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही चलता रहता कब मैं मेघा के साथ कुछ करू लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मेघा भी सेक्स के लिए बहुत ज्यादा तड़पती है। मुझे जब मालूम पडा तो मैंने मेघा के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोच लिया और मेघा पर मैं डोरे डालने लगा।
मैं उसे कभी भी छू लिया करता कभी उसके स्तनों पर हाथ लगा दिया करता तो वह भी मेरे लिए तड़पने लगती लेकिन हमारे रिश्ते की डोर हमारे शारीरिक संबंध बनाने के आड़े आती। हम दोनो ने यह डोर तोड दी हम दोनों ने एक होने का फैसला कर लिया था। मेघा भी तड़प रही थी क्योंकि उसकी जवानी भी पूरे ऊफान पर थी और उसका छरहरा बदन देख कर तो मैं वैसे ही चूर हो जाया करता था। मैंने जैसे ही मेघा के होंठो को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा। उसके नरम और गुलाबी होठों को चूम कर ऐसा प्रतीत होता जैसे मैं किसी रसगल्ले को खा रहा हूं।
उसकी सुंदरता मुझे अपनी और खींचती मैंने उसके सुडौल स्तनों को काफी देर तक चूसा जिस प्रकार से मैं उसके स्तनों को चूसता उससे मेरे अंदर की उत्तेजना भी बढ जाती। मेघा ने भी जब मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे भी आनंद की अनुभूति होने लगी मेरे लंड से पानी निकाल आया था। मेघा जब लंड को संकिग करती तो मुझे अच्छा लग रहा था। उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा किया और मुझे कहने लगी चाचू अपने लंड को अंदर डाल दो।
मैंने भी अपने लंड को अंदर डाल दिया मेघा की योनि में मेरा लंड जाते ही उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली और उसी चीख के साथ मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर होने लगा। उसकी योनि से पानी लगातार बाहर की तरफ को बह रहा था मै जिस गति से उसे धक्के देता उससे मुझे और भी मजा आता। काफी देर तक तो मैंने उसकी चूत के मजे लिए लेकिन जब उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ निकलने लगा तो मैं अब ज्यादा देर तक बर्दाश्त ना कर सका और अपने वीर्य को मैंने मेघा कि योनि के अंदर ही गिरा दिया। कुछ समय बाद मुझे मेघा को गर्भनिरोधक गोलियां भी देनी पड़ी।