भाई बहन की चुदाई कहानी हिन्दी

Bhai Behen Ki Chudayi Ki Hindi Sex Story

मैं अब आपको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ, यह मेरी सच्ची कहानी है।
मेरी उमर 23 साल है। मेरे घर में हम 6 सदस्य हैं। मेरे पापा मम्मी मेरा एक भाई जिसकी उम्र 22 साल है और दो छोटी बहन एक 20 और दूसरी 18 साल 2 मास है। मेरे भाई का नाम करण है और उस से छोटी बहन का नाम रीना और उस से छोटी का नाम मीनू है। मेरा भाई हमेशा मुझे गलत नजर से देखता था। वो बी.कॉम के दूसरे साल का छात्र है और मैं बी.ए फाइनल की छात्रा हूँ। मैंने कई बार देखा है कि मेरा भाई कभी गंदी किताब पढ़ कर अपने लंड को हिला रहा है। वो मौका देख कर मुझे कपड़े बदलते देखता था, वो कभी-कभी मुझे नहाते भी देखा करता था लेकिन मैंने कभी उस इस बात को कभी किस से नहीं कहा।

बात इन्हीं सर्दियों की है, एक बार वो अपना मोबाइल अपने कमरे में छोड़ कर नहाने चला गया तो मैंने उसके मोबाईल में ब्लू मूवी देखी जिसमें एक लड़की एक लड़के का लंड चाट रही होती है और दो लड़के उसकी चूत और गाण्ड मार रहे होते हैं। उन दोनों लड़कों के लंड बहुत मोटे थे कि मैं तो देख कर डर गई थी।
भाई के आने का टाइम हो गया था इसलिए मैंने मोबाइल जैसे रखा था, वैसा ही रख दिया।
एक बार मैं उसके कमरे में उसे उठाने के लिए गई तो मैंने देखा कि उसका लंड उसकी पैंट से बाहर निकला हुआ था और तना हुआ था, उसका लंड बहुत मोटा और लम्बा था। मैं तो उससे डर कर कमरे से बाहर आ गई।

उस दिन के बाद तो मुझे भाई से थोड़ा डर लगने लगा। एक बार की बात है पापा मम्मी किसी विवाह में गए थे, वहाँ से वे चार दिन बाद आने वाले थे। उस दिन हम सारे बहन भाई एक कमरे में सो गए। मेरा भाई मेरे साथ सो गया। रात को करीब दो बजे मैंने देखा की मेरे चूतड़ों पर कुछ चुभ रहा है, देखा तो मेरे भाई का लंड था जो उसकी पैंट से बाहर था। मैंने देखा कि भाई तो सोया हुआ है तो मैंने उसे हाथ से हटाने के लिए छुआ तो मुझे वो सखत और प्यारा सा लगा, मुझे उसे छूने में मज़ा आ रहा था। फिर मैं उससे थोड़ा दूर हो गई ताकि वो मेरे चूतड़ों को छुए ना ! फिर मैं सो गई, फिर 30 मिनट बाद वो फिर गांड में चुभ रहा था। अब मुझे पता चल गया कि भाई उसे जानबूझ कर चुभा रहा है। मैंने सिर्फ सोने की एक्टिंग की !
उस दिन सिर्फ यही हुआ। उससे अगले दिन भाई अपने किसी काम से बाहर चला गया।

मेरी गली का एक लड़का था वो मेरा बॉय-फ्रेंड था पर उसने आज तक ना तो मुझे किस किया और ना ही इसके अलावा कुछ और ! असल में मैंने ही उसे कुछ करने ही नहीं दिया। उसे पता लग गया था कि मैं घर पर अकेली हूँ तो उस दिन वो मेरा घर पर आया और मुझे किस करने लगा। अब मेरा भी मन करने लगा। तभी मेरा भाई आ गया और उसने हमें किस करते देख लिया लेकिन उस ऐसे नज़र अंदाज कर दिया जैसे कुछ देखा ही नहीं और अपने कमरे में चला गया। इतने में वो लड़का वहाँ से चला गया। उस रात को हम चारों बहन भाई ने मिलकर खाना खाया, मेरी दोनों बहनें अभी टी.वी देख रही थी, मैं और मेरा भाई सोने के लिए चल दिए। मैं जाकर लेटने लगी कि तभी भाई आ गया और मेरे पास बैठ कर मुझसे बोला- मैंने सब देख लिया है कि तू आज क्या कर रही थी। यह बात पापा और मम्मी को बता दूँगा। मैं डर गई कि मैं अब क्या करूँ, मैंने भाई से कहा- तू भी तो करता होगा किसी लड़की के साथ ऐसा? तो भाई ने कहा- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ कि मैं किसी लड़की के साथ ऐसा करूँ। कोई लड़की मौका ही नहीं देती है। मैंने कहा- लड़की कभी मौका नहीं देती, लड़के को ही मौका देख कर उस बाहों में भर लेना चाहिए। तो भाई ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा- अगर मैं किसी लड़की का हाथ ऐसे पकड़ लूँ तो इसके बाद क्या करना चाहिए? ‘तो उसका हाथ खींच कर उस अपनी बाहों में भर लेना और उसके होंठों को चूम लेना।’ इतना कहने की देर थी कि भाई ने मुझे अपनी बाहों भरा और मुझे किस करने लगा। मैंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन छुड़ा नहीं पाई।

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फ़िर उसने एक हाथ अपना मेरी चूची पर रखा दिया और दबा दिया। मैं सिसकार उठी लेकिन उसकी पकड़ से अपने आप को छुटा ना सकी और कुछ देर बाद मैं भी उसका साथ देने लगी, उसके साथ चूमाचाटी करने लगी।
फिर उसने मेरा टॉप उतार दिया। मैं अब उसके सामने ब्रा में थी। उसने मेरी ब्रा भी उतार दी, अब मैं अधनंगी हो चुकी थी। फिर वो अपने हाथों से मेरी चूचियाँ दबाने लगा और मेरी चूत पर अपना हाथ फिराने लगा।
मुझे कुछ ग्लानि महसूस हो रही थी कि वो मेरा भाई है, मैं उससे छुट कर दूसरे कमरे में आ गई और दरवाज़ा बंद कर लिया और दूसरे कपड़े पहन लिये। वैसे मज़ा मुझे भी आ रहा था पर मैंने अपने आपको रोका कि वो मेरा भाई है। कुछ देर बाद मेरी दोनों बहनें सोने के लिए आ गई तो उन्होंने भाई से मेरा बारे में पूछा- जोया कहाँ पर है? तू उसने कहा- वो दूसरे कमरे में है। और मेरी दोनों बहनें सो गई।

मुझे भाई के सामने जाने में भी शर्म आ रही थी। फिर मेरा भाई मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाने लगा, उसके लाख बार कहने पर मैंने दरवाज़ा खोला और वो जल्दी से कमरे में आया और दरवाज़ा लगा दिया।
इससे पहले मैं कुछ कहती, उसने मुझे पकड़ा किस करने लगा। मुझे पता चल चुका था कि आज मुझे चुदना ही पड़ेगा। और फिर से उसने मेरी टॉप भी उतार दी और मुझे आधी नंगी करके भाई मेरी चूत पर अपना हाथ फिराने लगा। मैंने उसे कहा- यह गलत है। तू उसने कहा- तू ही तो कह रही थी कि लड़की कभी मौका नहीं देती, लड़के को ही मौका देखकर उस बाहों में भर लेना चाहिए। मैंने कहा- मैं तेरी बहन हूँ !

फिर उसने कहा- है तो तू लड़की ! वो ज्यादा ज़िद करने लगा तो मैंने कह दिया- ऊपर-ऊपर से कुछ भी कर ले उस ज्यादा मैं नहीं करने दूँगी। उसने मेरी बात मानी और मुझे किस करने लगा, ऊपर से मेरी चूची को दबाने लगा और फिर थोड़ी देर बाद मेरी चूची को चूसने लगा।
मैं बहुत गर्म होने लगी और मुझसे फिर अपनी जींस उतारने को कहने लगा।
उसके ज्यादा जिद करने पर मैंने जींस उतार दी और उसने जल्दी से भाई मेरी पैन्टी भी उतार दी।

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अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी थी। भाई ने मेरी चूत में उंगली घुसा दी, मैं सिसकार उठी और वो उंगली ज़ल्दी-जल्दी अन्दर बाहर करने लगा जिससे मैं और गर्म हो गई। फिर उसने मुझे मेज पर बैठाया, इससे मेरी चूत और खुल गई और वो और वो झुक कर भाई ने मेरी चूत को चाटने लगा।
उसकी इस हरकत से मुझे बड़ा मज़ा आया और मैं इसे और ज्यादा गर्म हो गई और उसके सिर पर हाथ फिराने लगी। काफ़ी देर तक भाई ने मेरी चूत चाटी उसने और फ़िर अपना लंड निकाला।
मैं तो उस देख कर ही डर गई, वो 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था। उसने वो मेरी चूत पर लगाया तो मैंने कहा- मैंने कहा था कि सिर्फ ऊपर-ऊपर से कुछ भी कर सकते हो !

उसने कहा- दीदी, मैं वो ही तो कर रहा हूँ, मैं तो इस पर इसे फिरा रहा हूँ इसकी ऐसी किस्मत कहाँ कि आप जैसी सुन्दर लड़की की चूत मिले ! मैंने कहा- अच्छा। मैंने जैसे ही यह बात कही, उसने लंड में बहुत तेज धक्का मारा और भाई ने लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरी चूत से खून निकलने लगा, मेरी आँखों से आँसू निकल गये। मैंने उसकी पकड़ से छुटने की बहुत कोशिश की पर छुट नहीं पाई।
उसने एक धक्का और मारा जिससे उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत में घुस गया और मैं एक बार चीख पड़ी- अई…अई… मर गई ! फिर उसने एक और धक्का मारा और उसका सारा लंड मेरी चूत में घुस गया।

और उसने मुझे फिर से किस करना चालू कर दिया और तब तक करता रहा जब तक मैं नार्मल नहीं हो गई। और तब फिर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा, अब मेरी चूत में दर्द तो हो रहा था पर पहले जितना नहीं। जब उसका लंड मेरी चूत के अन्दर जाता तो कभी-कभी मेरी बच्चेदानी की दीवार से टकराता जिससे मैं ‘आअअहह अअआहहह ऊई…’ कर रही थी क्योंकि मुझे दर्द होता था, वैसे अब मुझे मज़ा आने लगा था और लंड ने मेरी चूत में जगह बना ली थी। अब तो भाई का हर धक्का मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। फिर वो मुझे मेज से उठा कर बिस्तर पर ले गया और मुझे चूमने लगा और फिर से अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। अब दर्द तो हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था, उसका मोटा लंड मेरी चूत की खुज़ली अच्छी तरह मिटा रहा था। उस मुझे 20 मिनट तक चोदा और उसका माल मेरी चूत में निकल गया और मेरी भी साथ ही निकल गया। मुझे पता नहीं था कि चुदाई में इतना मज़ा आता है वरना मैं तो कब की चुद जाती किसी ना किसी से ! मेरी सुंदरता के तो सारे लड़के दीवाने थे। फिर भाई मेरी ऊपर ही सो गया और जब हमने आँखें खोली तो 2:00 बजे गए थे। भाई फिर से मुझे गर्म करने लगा तो मैंने मना कर दिया, मुझे दर्द भी हो रहा था और चक्कर भी आ रहे थे। फिर भाई उसी कमरे में सोने चला गया जिसमें मेरी बहनें सोई थी।

मैं पहले वाशरूम में फ्रेश होने गई और फिर आकर उसी कमरे में भाई के पास लेट गई।
भाई गहरी नीद में था ! सुबह मेरी बहन ने मुझे उठाया और मैं सही से चल भी नहीं पा रही थी तो उस ने पूछा -क्या हुआ? मैंने कहा- पता नहीं, पैर में मोच आ गई है ! पर उसने मरी जींस पर खून देख लिया, वो बच्ची तो नहीं थी, सब समझ गई थी कि दीदी की सील टूट चुकी है। जबसे मैं चुदी थी तब से मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा था। रीना ने कहा- दीदी, भाई को चाय पीने के लिए जगा दो !

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तो मैं भाई को जगाने के लिए चल दी। मैंने भाई को जगाया तो उसने मुझसे पूछा- ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है?
मैंने कहा- कहा था ना कि सब ऊपर-ऊपर से करना पर तूने मेरी सील भी तोड़ दी और मेरा घमण्ड भी कि मैं अपने पति के अलावा किसी से नहीं चुदाऊँगी। तेरा लंड बहुत मोटा था फिर भी मेरी चूत में चला गया, यह कैसे कर दिया तूने ! ‘यह मेरे लंड का कमाल है।’ भाई बोला। फिर हम सबने खाना खाया और मेरी बहनें अपने-अपने काम में लग गई। वो टी.वी देख रही थी, मैं रसोई में थी। तभी भाई आया और पीछे आकर मेरे मम्मे बहुत तेज भींच दिए जिससे मैं चिल्ला उठी और यह आवाज मेरी रीना बहन ने सुन ली। वो रसोई की तरफ आकर हमरी हरकत देखने लगी। तभी भाई ने मेरे कपड़े उतार दिए और एक मिनट में भाई ने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगा जिससे मैं थोड़ी देर में गर्म हो गई और फिर उसने अपने लंड निकाला और मुझसे उसे चूसने के लिए कहने लगा।

मैंने पहले तो मना किया पर उसकी ज्यादा जिद करने पर चूसने लगी और फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत में लंड घुसाने लगा। मैंने उसे मना किया पर उसने अपने लंड पर अपना थूक लगाया और मेरी गांड में लंड लगा कर जोर लगाया और उसका लंड मेरी गान्ड में आधा घुस गया जिससे मैं क़राह उठी।
मैंने कहा- भाई तू मुझे मार ही डालेगा। उसने मेरी बात अनसुनी की, एक बार और जोर मारा जिससे सारा लंड मेरी गांड में घुस गया और मैं दर्द के मारे आह…हआआ…आहहआ ऊईऊईऊई… करने लगी। गाण्ड मरवाने में चूत जितना दर्द ही हो रहा था। भाई ने 10 मिनट तक मेरी गांड की खूब चुदाई की और जब माल आने वाला था तू लंड निकलाकर कर सारा माल मेरे चेहरे पर गिरा दिया और बाद में मुझसे पूछा- मज़ा आया?

तो मैं लाज के मारे कुछ नहीं बोली और वाशरूम में अपने आप को ठीक करने के लिए जैसे ही उठी तो मैंने देखा कि रीना सब देख चुकी है। और वो मुझे वहाँ आता देख वहाँ से चली गई। बाद में मैंने यह बात भाई को बताई तो भाई ने कहा- उसे भी चुदवा दे, उसका भी मन करता होगा किसी से अपनी चूत मरवाने का ! अब मैं समजहने लगी थी कि मेरे भाई पर सिर्फ मेरा हक़ है, मैं उसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहूँगी चाहे वो मेरी बहन ही क्यों ना हो, इसलिए मैंने कह दिया- वो बच्ची है, उसे बड़ी होने दे, तेरे लंड लेने लायक। तब मैं उससे बात करूंगी।आपको मेरी चुदाई में मज़ा आया या नहीं

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