Bhabhi ki chudai karke Ma Banaya – Bhabhi ko choda
हम दोनों चार पांच महीने के भीतर गहरी दोस्ती में आ गए और उसके बाद एक दूसरे को मिलने का फैसला किया. एक छोटे से रेलवे स्टेशन में मिले. उसे देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए. उसे देखने के बाद कोई भी नहीं कह सकता है कि वह एक १० साल के लड़के की मां है.
हम दोनों एक दूसरे को देखे और ढेर सारी बातें किए, और वापस अपने घर पहुंच गए.
उसके बाद कुछ दिन मैंने उसे फोन नहीं किया. उसके बाद उसने फोन किया और कारण पूछा, तो मैंने कहा कि मुझे आपसे प्यार हो गया है. और यह बात गलत है इसीलिए मैंने आपको फोन नहीं किया. वह कुछ देर तक शांत रही और कहा की कोई बात नहीं, प्यार करना गलत नहीं है. तो फिर से हमारी बातें चलती रही.
मैं डेली उसे प्रपोज करता रहा और वह टालती रही.
कुछ दिन के बाद हम फिर से मिले वही स्टेशन पर, एक लोकल पैसेंजर खड़ा था और उसमें कोई भी नहीं था. हम दोनों एक जगह बैठ कर बातें करने लगे, वहां एकदम सन्नाटा था और उस सन्नाटे में मैं थोड़ा हिम्मत किया और उससे लिपट के किस करने लगा. उसने मुझे नोचा मारा मगर मैंने नहीं छोड़ा. फिर थोड़ी देर विरोध करने के बाद वह भी मेरे कीस का रिप्लाई देने लगी और कुछ देर में हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और बाय करके वापस चले गए.
इसी तरह हमारा किसिंग हगिंग वाला कार्यक्रम कुछ महीने तक चलता रहा. फिर मैंने उसे एक बार सेक्स करने के लिए पूछा, वह बहुत बार मना की और एक बार हां कह दिया. मैंने वहीं एक छोटी सी होटल में रूम लोज किया और उसे बुलाया.
हम दोनों होटल के पास मिले और वह एक रोज कलर की साड़ी पहन कर आई थी. उस साड़ी में एकदम परी लग रही थी. फिर हम होटल के अंदर गए और बेड के ऊपर बैठ गए. दोनों की धड़कने तेज चल रही थी. रूम पूरा एकदम शांत था, कोई कुछ बोल नहीं रहा था. मैंने उसकी तरफ पलटा और उसके माथे पर एक किस किया. वह भी मुझे लिपट गई हम दोनों एक दूसरे को आंखें में देखते देखते एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया. दोनों एक दूसरे से किस करते रहें और सिसकियां लेते रहे.
फिर धीरे से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और उसकी चूची ब्लाउज के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया, उसकी चूची एकदम ३६ साइज़ की थी, दोनों हाथों मैं पकड़कर बहुत मजा आ रहा था. हम दोनों धीरे धीरे कर बेड मैं समा गए और किसिंग लिकिंग चालू था, मैंने धीरे-धीरे साड़ी पूरा उतार दिया.
अब वह सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी, चूची दबाते समय उसके ब्लाउज का हुक भी खोल दिया और उसके ब्लाउज खोलकर नीचे फेंक दिया, धीरे धीरे उसका पेटिकोट का नाड़ा खोलने की कोशिश किया मगर वह बहुत टाइट था. असमानी ने मेरी तकलीफ देख कर हंसने लगी और वह खुद नाड़ा खोल दिया.
मैं किस करते करते उसका पेंटि खोल दिया और एकदम दंग रह गया, क्या चूत थी यार पूरा क्लीन शेव, उसे देख कर रहा नहीं गया और किस किया और चाटने लगा, वह भी थोड़ी देर में अपना पैर फैला दिया और मुझे अपनी तरफ खींचने लगी. मैं भी उसे लिक कर रहा था, फिर धीरे से ऊपर चला गया और ब्रा को निकाल दिया और फेंक दिया.
वह एकदम नंगी थी फिर वह किस करते करते मेरे भी कपड़े निकाल फेंकी. मैं अब सिर्फ चड्डी में था और चड्डी खोलकर बोली की तेरा लंड तो काला साप की तरह बहुत लंबा और मोटा है, मैं मर जाऊंगी और कहकर वह मेरे लंड को अपने मुंह में लिया और चूसना शुरू कर दिया.
बहुत देर चूसने के और हिलाने के बाद वह मेरे ऊपर आई और अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर रखा और मेरे आधा लंड उसकी चूत में चला गया, वहा अहह औउ अह्ह्ह ओह्ह हां की आवाज निकाली और रुक गया. अब मैं नीचे से ही धीरे धीरे ऊपर की तरफ हिलने लगा और वह हाहाह उऔउ अ अय्य्य ययय या य्या य्स्यस्य्स्य यस्य्स्य हां ओह्ह हहह येस सिसकियां लेने लगी. और मैं नीचे से ही चोदना शुरू कर दिया.
फिर उसकी टांगें जोर से पकड़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया वह ऐई मायाआआ करके जोर से चिल्लाई और उठने की कोशिश करने लगी. मैं कुछ देर तक उसे पकड़ कर रखा और फिर से उसको चूत के अंदर बाहर करने लगा. फिर उसे भी मजा आने लगा और वह भी मेरे ऊपर हिलना शुरू कर दिया हम दोनों कुछ देर इसी पोजीशन में रहे और मैं उसे सीधा लिटा दिया और फिर से अंदर डाला और चोदना शुरू कर दिया. चोदते समय उसकी चूची भी मुंह से चूस रहा था, बीच बीच में किस करना और चूची दबाना जारी रहा.
फिर मैंने उस की दोनों टांगो को अपने कंधे पर रखा और लंड उसके चूत में घुसा कर चोदना शुरू कर दिया, हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे, वह दो बार झड़ चुकी थी. फिर हम दोनों ने कुछ और एंगल भी ट्राई किया. उसे घोड़ी भी बना कर चोदा पूरा एक घंटा की चुदाई के बाद उसने बोला कि अब बस करो… मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैंने कहा ठीक है और अपना स्पीड बढ़ा दिया. ऐसे झटके मारने लगा कि वह तो चिल्लाना ही शुरु कर दिया, जैसे ही चिल्लाते देखा कर मेरे अंदर और आग लगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दिया. वह दर्द के मारे मर रही थी मगर मुझे मजा आ रहा था वह तो दो बार झड़ गई और मैं भी अपने झटकों में था.
मैंने पूछा कि अंदर माल गिराउ कि बाहर? उसने कहा बाहर तो थोड़ी ही देर में मैं निकलने ही वाला था मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह के पास रखा और उसने तुरंत पकड़ लिया और चूसने लगी.
कुछ देर चूसने के बाद मैं झड़ गया और सारा पानी वह पी गई. फिर हम दोनों अपने कपड़े पहने और वहां से चले गए.
इसी तरह जब भी मुझे ड्यूटी ऑफ होता है तो हम उसी होटल में चले जाते हैं और सेक्स करते थे. कुछ दिन के बाद में उसके चूत में माल गिराना शुरू कर दिया, और बाद में पता चला कि वह प्रेग्नेंट है. फिर उसके बाद मैं हैदराबाद से मुंबई आ गया. डेली हम फोन पर बातें करते हैं एक महीने पहले उसका डिलीवरी हुआ और एक लड़कि हुई.