Mami ki chudai ki hindi kahani story- Mami ki gand dekhkar mud kharab ho gaya
मेरा नाम रोहन है और मैं कोलकाता का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 24 वर्ष है। मेरे पापा स्कूल में अध्यापक हैं और मेरी मम्मी भी स्कूल में अध्यापक हैं, वह दोनों एक ही स्कूल में पढ़ाते हैं। मेरी छोटी बहन मेरे कॉलेज में ही पड़ती है और हम लोग साथ में ही कॉलेज जाया करते हैं। जब भी मैं कॉलेज में कोई शरारत करता हूं या कुछ भी ऐसा गलत काम करता तो मेरी बहन घर में मम्मी पापा को मेरी शिकायत कर देती थी इसी वजह से मुझे उसे देख कर बहुत डर लगता था और मैं सोचता था कि यदि मैं कॉलेज में कुछ भी ऐसे गलत काम करूंगा तो वह तुरन्त ही घर पर बता देगी इसीलिए मैं उससे हमेशा ही बचने की कोशिश करता था और सोचता था कि वह किसी ना किसी तरीके से मुझसे दूर ही रहे लेकिन फिर भी वह कॉलेज में मुझ पर नजर रखती थी क्योंकि मेरी कॉलेज में एक गर्लफ्रेंड थी। उसके साथ मेरा बहुत ही गहरा रिलेशन था लेकिन हम दोनों का रिलेशन ज्यादा समय तक नही चल सका।
मेरी बहन हमेशा ही मुझे समझाती थी कि तुम उस लड़की के साथ मत रहो क्योंकि वह अच्छी नहीं है लेकिन फिर भी मैं उसके साथ ही रहता था और कहीं ना कहीं यह बात मेरी बहन को बहुत भी बुरी लगती थी। उसने मुझे कई बार उसके बारे में बताने की कोशिश की लेकिन फिर भी मैं उसके पीछे ही पड़ा रहा लेकिन जब मैंने भी उसे किसी दूसरे लड़के के साथ देखा तो मुझे बहुत ही बुरा लगा और मुझे अब लगने लगा कि वाकई में वह मेरे साथ धोखा कर रही है इसलिए मैंने उसके साथ रिलेशन खत्म कर दिया। अब मैं अकेला ही रहता हूं और अब मैंने किसी को भी गर्लफ्रेंड नहीं बनाया है और ना ही मेरा किसी भी लड़की के साथ कोई रिलेशन है।
मैं अपने दोस्तों के साथ ही रहता हूं और उनके साथ ही मुझे रहना अच्छा लगता है। वह लोग मेरी बहुत ही मदद करते हैं और हमेशा ही मेरा सपोर्ट किया करते हैं। हम लोग कॉलेज में बहुत ही मस्ती करते हैं और ना जाने कब मेरा समय कॉलेज में कट जाता है पता ही नहीं चलता। मेरा घर जाने का भी मन नहीं होता और ऐसा लगता है कि मैं अपने दोस्तों के साथ ही बैठा रहूं और उनके साथ ही घूमता रहूं।
कुछ समय बाद मेरी बहन के लिए मेरे मामाजी रिश्ता ले आए और वो कहने लगे कि अब गीता की शादी कर देनी चाहिए क्योंकि इसकी उम्र भी हो रही थी और उसके लिए एक अच्छा रिश्ता भी आ गया था। मेरे मामा भी कोलकाता में ही रहते हैं और वह अक्सर हमारे घर पर आया जाया करते हैं। जब यह बात उन्होंने मेरे पापा से कहीं तो वह भी उस रिश्ते के लिए तैयार हो गए क्योंकि लड़का विदेश में इंजीनियर है और वह वहीं पर सेटल है, इसी वजह से पापा भी उस रिश्ते के लिए मान गये और मेरी मम्मी भी उस रिश्ते के लिए तैयार हो गई। मेरे मामा कहने लगे कि लड़के वाले बहुत ही अच्छे हैं और मैं उन्हें बहुत ही अच्छे से जानता हूं, यदि आप यह शादी करते हैं तो आपको किसी भी प्रकार से कोई समस्या नहीं होगी और गीता भी बहुत खुश रहेगी। इसी के चलते पिताजी ने उस रिश्ते के लिए हां कह दिया क्योंकि जब मामा ने कहा कि वह उनसे परिचित हैं तो पापा भी उसके लिए मना नहीं कर सके।
कुछ समय बाद लड़के वाले गीता को देखने के लिए आये। जब वह उसे देखने आए तो उन्होंने गीता को पसंद कर लिया और उन्हें गीता बहुत ही अच्छी लगी इसीलिए उन्होंने गीता के साथ रिश्ता तय कर दिया और कुछ समय बाद ही उन्होंने सगाई कर दी। गीता की भी सगाई हो चुकी थी और वह मेरे जीजा से फोन पर बात करती थी क्योकि वह विदेश वापस चले गए थे और वह लोग काफी देर तक फोन में बात किया करते थे। मैं उसे बहुत ही परेशान किया करता था और कहता था कि तुमने भी मुझे कॉलेज के दिनों में बहुत परेशान किया है, अब मैं भी तुम्हें परेशान किया करूंगा लेकिन वह फिर भी मेरी बात का बुरा नहीं मानती थी और मेरे जीजा जी भी अक्सर मुझे फोन करके मेरा हाल चाल पूछ लेते थे, वह पूछते थे कि तुम क्या कर रहे हो, मैं कहता कि अभी तो कॉलेज की पढ़ाई चल रही है। फिर हम लोग ऐसे ही बात करने लगते थे। अब धीरे-धीरे समय बीता चला गया और गीता की शादी का समय भी नजदीक आ गया। जब गीता की शादी का समय नजदीक आया तो उसके लिए हम लोगों ने बहुत ही अच्छे से तैयारी कर दी थी।
मेरे मामा और मेरे पापा ने बहुत ही अच्छे से अरेजमेंट करवाया था। उन लोगों ने सारा कुछ अरेंजमेंट अपने आप ही करवाया था और हमारे जितने भी सगे संबंधी आए थे वह लोग बहुत ही खुश थे क्योंकि किसी को भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हुई और सब कहने लगे कि शादी तो आपने बहुत ही अच्छे से करवाई है। अब जब गीता की शादी हो चुकी थी तो कुछ दिनों तक मुझे भी घर में अच्छा नहीं लग रहा था और मम्मी भी बहुत उदास लग रही थी, वह मुझसे कुछ बात नहीं कर रही थी लेकिन मैं समझ गया कि वह कहीं ना कहीं अंदर से दुखी है क्योंकि गीता के घर में रहने से घर का माहौल ही कुछ और रहता था और घर में बहुत ही शोर शराबा रहता था। पर अब वह अपने ससुराल में है इस वजह से हम लोगों को बहुत बुरा लग रहा था।
उसी समय मेरी मम्मी की भी स्कूल की छुट्टियां पड़ गई और हम लोगों ने सोचा कि क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहां पर चले जाएं। जब मेरी मम्मी ने मेरे मामा से बात की तो वो कहने लगे कि तुम लोग यहीं पर आ जाओ और तुम यहां पर आओगे तो तुम्हें भी कुछ समय के लिए अच्छा लगेगा क्योंकि उनका घर हमारे घर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर था इसलिए हम अपने मामा के घर चले गए। जब हम लोग अपने मामा के घर गए तो मेरे मामा बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि तुम लोग कितने समय बाद हमारे घर पर आए हो।
जब उन्होंने यह बात कही तो मुझे भी कहीं ना कहीं ऐसा लगा कि हम लोग वाकई में इतने समय बाद अपने मामा के घर आए हैं लेकिन मेरे मामा तो अक्सर ही हमारे घर पर आते रहते हैं। अब मैं काफी दिनों तक मामा के घर पर ही था और जब मैंने मामा से पूछा कि आपका काम कैसा चल रहा है तो वह कहने लगे मेरा काम बहुत ही अच्छा चल रहा है। मेरे मामा के बच्चे अभी छोटे ही हैं, उनकी उम्र ज्यादा नहीं है क्योंकि उन्होंने बहुत देर में शादी की और इसी वजह से उनकी पत्नी की उम्र भी उनसे काफी कम है। उनकी पत्नी भी उनसे उम्र में 10 वर्ष छोटी हैं और मेरी मामी का नेचर भी बहुत अच्छा है।
जब मेरी मामी मुझसे मिली तो वह मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी कॉलेज की पढ़ाई कैसी चल रही है, मैंने उन्हें कहा कि मेरे कॉलेज की पढ़ाई बहुत अच्छे से चल रही है और अब हम लोग सब साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। वह मम्मी से भी बात कर रही थी और मुझसे भी बात कर रही थी। मेरे मामा भी हमारे साथ में ही बैठे हुए थे। हम लोगों ने एक साथ बैठकर डिनर किया और उसके बाद हम लोग बैठे हुए थे और काफी समय तक बात कर रहे थे। मेरे मामा मम्मी से पूछने लगे कि सीमा कैसी है, वह कहने लगी कि सीमा तो बहुत ही अच्छे से है और उसका पति भी बहुत अच्छा है। वह भी हमारे घर कुछ समय पहले ही आये थे। अब हम लोग ऐसे ही बात कर रहे थे और मैं उसके बाद छत में टहलने के लिए चला गया। मैं छत में ही थल रहा था और तभी सीमा का फोन भी मुझे आ गया, वह पूछने लगी तुम कहां हो, मैंने उसे बताया कि हम लोग मामा के घर आए हुए हैं। मैंने उससे काफी देर तक बात की और उसके बाद उसका फोन काटते हुए मैं नीचे चला आया।
जब मैं नीचे आया तो मेरी मामी बाहर हॉल में ही सो रही थी और जब मैंने उन्हें देखा तो उनके सूट का पल्लू ऊपर हो रखा था उनकी सलवार से उनकी गांड दिखाई दे रही थी। मैंने उनकी चूतड़ों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया क्योंकि सब लोग सो चुके थे और मै उनकी चूतड़ों को दबा रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उनकी चूतडो को दबाए जा रहा था।
मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा। मेरी मामी भी उठ गई और वह कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो लेकिन मैंने उनके मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया और उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो मुझे अच्छा महसूस हुआ और मैं उनके मुंह के अंदर अपने लंड को डाले जा रहा था और वह भी बहुत खुश हो रही थी। काफी देर ऐसा करने के बाद उन्होंने अपने सलवार को नीचे कर दिया। जब उन्होंने अपने सलवार को नीचे किया तो मैंने उनकी बड़ी बड़ी गांड को चाटना शुरू कर दिया और काफी देर तक मैंने उनकी गांड को अच्छे से चाटा उसके बाद मैंने उनकी योनि में भी अपनी जीभ को लगा दिया उनकी योनि से पानी निकल रहा था और वह पूरी गीली हो चुकी थी।
मैंने उनकी चूत मे अपने लंड को डाल दिया और उनकी बड़ी-बड़ी चूतडो को कसकर पकड़ लिया। मैं उन्हें झटके दिए जा रहा था जिससे कि उनका पूरा शरीर हिलता जाता मै उनकी चूतडो पर बहुत ही तेज प्रहार करने लगा। वह मुझे कहने लगी कि तुम तो मेरी चूत को अच्छे से मार रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जब तुम इस प्रकार से मुझे चोद रहे हो। मैं भी बहुत खुश हो रहा था जब मैं अपनी मामी कि चूत मे झटके दिए जा रहा था लेकिन मुझसे बिल्कुल भी उनकी बड़ी-बड़ी चूतड़ों की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और मैं कुछ देर बाद झड़ने वाला था। वह भी मेरी तरफ अपन चूतडो को करती जा रही थी जिससे कि मेरा वीर्य गिरने वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उनकी चूतडो पर सारा वीर्य गिरा दिया। उन्होंने अपनी चूतड़ों को साफ करते हुए वह सोफे पर सो गई और मैं कमरे में जाकर लेट गया।