मेरी गाँव की भाभी जो मेरा लौड़ा लेकर खुश हुई

Village Bhabhi ki Chudai Sex Story : हाय दोस्तों, मैं राहुल हूँ। उम्र 22 साल, लंबा, गठीला, और मेरा लौड़ा मोटा और काला है—ऐसा कि किसी की भी बूर को फाड़ दे। मैं दिल्ली में रहता हूँ, पर गर्मियों में अपने गाँव गया था। वहाँ मेरी भाभी, राधा, थी—26 साल की, गोरी, मोटी चूचियाँ जो उसकी साड़ी में ठूंसी रहती थीं, और एक मटकती गांड जो मुझे हर बार तड़पाती थी। उसकी बूर गुलाबी थी, और होंठ चूसने लायक। मेरे भैया, संजय, खेतों में काम करते थे, और रात को थककर सो जाते थे। भाभी की चूत की प्यास अधूरी थी, और एक दिन उसने मेरे लौड़े से अपनी बूर चुदवा ली। ये मेरी गंदी और हॉट कहानी है, जो आपको पूरा मज़ा देगी।

उस दिन दोपहर थी। गाँव में गर्मी थी, और भैया खेतों में था। मैं घर के आंगन में लेटा था, सिर्फ लुंगी पहने हुए। मेरा लौड़ा गर्मी में भी सख्त था। भाभी किचन से पानी लेकर आई। उसने लाल साड़ी पहनी थी, जो पसीने से भीगकर उसके जिस्म से चिपक रही थी। उसकी मोटी चूचियाँ साफ दिख रही थीं, और उसकी गांड मटक रही थी। वो बोली, “राहुल, पानी पी ले।” मैं बोला, “भाभी, तुम बहुत मस्त लग रही हो।” वो हँसी, “अरे, तेरा भैया तो मुझे चोदता नहीं। मेरी बूर तड़प रही है।” मैं सिहर उठा, “उफ्फ… भाभी… सच में?” वो मेरे पास बैठ गई और बोली, “हाँ, राहुल… तेरा लौड़ा देखकर मेरी चूत गीली हो रही है।”

मैं बोला, “भाभी, तेरा जिस्म तो चुदाई के लिए बना है।” वो मेरी लुंगी पर हाथ रखकर बोली, “तो चोद दे, राहुल… मेरी बूर को अपने लौड़े से फाड़ डाल।” मैं सिसकार उठा, “आह्ह्ह… भाभी… तू बहुत गंदी है…” उसने मेरी लुंगी खींच दी, और मेरा मोटा लौड़ा उसके सामने था। “उफ्फ… राहुल… तेरा लौड़ा तो भैया से दोगुना मोटा है…” वो मेरे लौड़े को पकड़कर सहलाने लगी। मैं बोला, “भाभी, इसे चूस…” वो नीचे झुकी और बोली, “राहुल, तेरा लौड़ा मेरी बूर का मालिक बनेगा।” उसने मेरा लौड़ा मुँह में लिया। “उम्म… राहुल… कितना गंदा और मस्त है… उफ्फ…” वो चूस रही थी, और मैं बोला, “आह्ह्ह… भाभी… ज़ोर से चूस… मेरे लौड़े को रंडी की तरह चाट… ओहhh…”

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मैंने उसकी साड़ी खींचकर फाड़ दी। उसकी मोटी चूचियाँ मेरे सामने थीं—गुलाबी निप्पल सख्त और चुदाई के लिए तैयार। मैं बोला, “भाभी, तेरी चूचियाँ कितनी गंदी और मस्त हैं।” वो सिसकारी, “उफ्फ… राहुल… चूस ले… मेरी चूचियों को चूस-चूसकर लाल कर दे…” मैंने उसकी एक चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह्ह्ह… भाभी… तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं… उफ्फ…” मैं उसके निप्पल को काट रहा था। वो चिल्लाई, “आह्ह्ह… राहुल… ज़ोर से चूस… मेरी चूचियों को चूस डाल… ओहhh…” मैंने दूसरी चूची को मसला और बोला, “भाभी, तेरी बूर को चाटूँगा।” वो बोली, “चाट, राहुल… मेरी बूर को चूस ले…”

मैंने उसे आंगन में लिटाया। उसकी साड़ी पूरी उतर गई। उसकी बूर मेरे सामने थी—गुलाबी, टाइट, और गीली। मैं बोला, “भाभी, तेरी बूर तो चुदने के लिए तड़प रही है।” वो बोली, “उफ्फ… राहुल… मेरी बूर को चाट… इसे फाड़ डाल…” मैंने उसकी बूर पर मुँह रखा और चूसने लगा। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी बूर में क्या डाल रहा है… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैं बोला, “भाभी, तेरी बूर का पानी कितना गंदा और मस्त है।” मैं उसकी बूर में जीभ डालकर चाट रहा था। वो चिल्लाई, “उफ्फ… राहुल… मेरी बूर को चूस-चूसकर भोसड़ा बना दे… आह्ह्ह…” उसकी बूर से रस टपक रहा था। मैंने उसकी बूर में उंगली डाल दी और बोला, “भाभी, अब तेरा भोसड़ा लौड़े से चोदूँगा।”

मैंने अपनी लुंगी पूरी उतार दी। मेरा मोटा लौड़ा उसके सामने था। वो डर गई, “उफ्फ… राहुल… तेरा लौड़ा बहुत मोटा है… मेरी बूर फट जाएगी…” मैं बोला, “भाभी, डर मत… तेरा भैया नहीं चोदता, मैं तेरी बूर को फाड़ डालूँगा।” मैंने उसका मुँह पकड़ा और बोला, “चूस इसे, भाभी।” उसने मेरा लौड़ा मुँह में लिया। “उम्म… राहुल… तेरा लौड़ा कितना गंदा है… उफ्फ…” वो चूस रही थी, और मैं बोला, “आह्ह्ह… भाभी… मेरे लौड़े को रंडी की तरह चूस… ओहhh…” उसकी लार मेरे लौड़े पर टपक रही थी। मैं बोला, “भाभी, अब तेरी बूर में लौड़ा डालूँगा।”

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मैंने उसे बिस्तर पर पटका। उसकी बूर मेरे सामने थी। मैं बोला, “भाभी, तेरी बूर को चोदकर भोसड़ा बना दूँगा।” वो बोली, “उफ्फ… राहुल… डाल दे… मेरी बूर में आग लग रही है…” मैंने अपना लौड़ा उसकी बूर पर रगड़ा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… राहुल… मेरी बूर फट गई… ओहhh…” वो चीख पड़ी। मेरा लौड़ा उसकी बूर को चीरता हुआ अंदर घुस गया था। मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “थप-थप-थप” की गंदी आवाज़ गूँज रही थी। मैं बोला, “भाभी, तेरी बूर गज़ब की टाइट है…” वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… राहुल… चोद डाल… मेरी बूर को फाड़ दे… उफ्फ…” उसकी मोटी चूचियाँ उछल रही थीं।

मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी मोटी गांड मेरे सामने थी। मैं बोला, “भाभी, तेरी गांड को भी चोदूँगा।” वो बोली, “चोद, राहुल… मेरी गांड को भोसड़ा बना दे…” मैंने उसकी गांड पर थूक डाला और बोला, “भाभी, तेरी गांड चुदने लायक है।” मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड में रगड़ा और एक धक्के में पेल दिया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… राहुल… मेरी गांड फट गई… ओहhh…” वो चिल्ला रही थी। मैं बोला, “भाभी, तेरी गांड का गंदा मज़ा ले रहा हूँ…” मैं उसकी गांड को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “उफ्फ… राहुल… मेरी गांड को चोद-चोदकर फाड़ डाल… आह्ह्ह…” वो सिसकार रही थी। मैं उसकी चूचियाँ पीछे से मसल रहा था, और उसकी गांड लाल हो गई थी।

मैंने उसे फिर से लिटाया। मैं बोला, “भाभी, तेरी बूर को फिर चोदूँगा।” वो बोली, “चोद, राहुल… मेरी बूर को रंडी की तरह चोद…” मैंने उसकी बूर में लौड़ा पेला। “आह्ह्ह… राहुल… चोद डाल… मेरी बूर को फाड़ डाल… उफ्फ…” मैं ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी बूर से गंदा पानी टपक रहा था। मैं बोला, “भाभी, तेरा भैया नहीं चोदता, मैं तेरी बूर का भोसड़ा बनाऊँगा।” वो सिसकार रही थी, “उफ्फ… राहुल… मेरी बूर में रस डाल… आह्ह्ह…” मेरे लौड़े का गर्म रस उसकी बूर में छूट गया। “आह्ह्ह… भाभी… ले मेरा रस… तेरी बूर भर दी…” मैं चिल्लाया। वो बोली, “आह्ह्ह… राहुल… मेरी बूर भर गई…”

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हम थककर लेट गए। उसकी चूचियाँ लाल थीं, उसकी बूर और गांड सूज गई थीं। वो बोली, “राहुल, तेरा लौड़ा मुझे खुश कर गया।” मैं हँसा, “भाभी, तेरी बूर और गांड चोदकर मज़ा आ गया।” वो बोली, “राहुल, जब भैया नहीं चोदता, तू मेरी बूर को चोद देना।” मैं बोला, “भाभी, तेरा भोसड़ा मेरा लौड़ा चोदेगा।” उस दिन के बाद भाभी मेरे लौड़े की दीवानी बन गई। हर बार जब भैया खेतों में जाता, मैं भाभी की बूर और गांड का भोसड़ा बनाता। दोस्तों, मेरी ये गंदी और हॉट कहानी कैसी लगी?

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