Meri Biwi Shilpa ki Samuhik chudai Gangbang Chudai-2
अब दिलीप ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपनी ओर खींच लिया। उसने आव देखा ना ताव मेरे चेहरे और गले को चूऽमने लगा।
दिलीप मुझको पकड़ कर मेरे होंठ चूऽसने लग गया। होंठ चूऽसते हुए मेरी गांड दबाने लगा। दिलीप ने मेरे नाईटी ऊपर कर दी, जिससे मेरे नंगी गांड सामने आ गई।
छोटू ने अपना मुंह मेरे गांड में लगा दिया, और मेरी गाँड चाटने लगा।
और मुस्टंडा मेरे चूत को चाटने लग गया।
फिर दिलीप ने मेरा गाउन निकाल दिया
दिलीप ने मुझे पूरी नंगी कर दिया,
मेरा रंग गोरा गेहुँआ है मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी तो मेरा चिकना बदन देखकर उन तीनों काले कलूटों की आँखे फट गयी,
अब वो पागल हो गये थे जैसे खजाना मिल गया हो।
मेरे बड़े बड़े मम्मे देख कर दिलीप पागल हो गया और प्यासे हब्शी की तरह मेरे मम्मो और मेरे चूचों को पीने लगा।
सब मेरे जिस्म को चाटने और चूऽमने में लग गए। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उऽम्म्हऽ हऽम्म्ऽ अऽह्हऽ उऽम्म्हऽ
काफी टाइम तक ऐसा करने से मेरे चूत ने पानी छोड़ दिया। मुस्टंडा पूरा पानी चाट कर पी गया।
छोटू और मुस्टंडा भी पीछे से मेरी गाँड का एक एक साइड सहलाने लगे।
इतने में दिलीप ने फिर से मेरे होंट चूऽमना और अपनी जीभ से मेरी जीभ को मिलाने लगा
और अपनी जीभ मेरे मुँह के अंदर डाल दिया जिससे दारू और गुटके का पूरा भभका मेरी नाँक में पहुँच गया।
तभी दिलीप के भाई छोटू ने भी मुझे अपनी ओर करके मेरे होंठ चूऽमना चूऽसना शुरू कर दिया
और अपनी जीभ से मेरी जीभ को मिलाने लगा उसके दारू और गुटके का पूरा भभका भी मेरी नाँक में पहुँच गया।
मुस्टंडा ने भी छोटू को धक्का देकर अपने मुँह में मेरे मुहँ को भरकर चूउऽसने लगा।
पर गंध की आदत न होने के कारण मुझे उल्टी आने लगी और मै उसको धक्का देकर अटैच बाथरूम में जाकर उल्टी करने लगी।
मै एकदम पस्त हो गई दिन भर की थकी मांदी ऊपर से जो खाया वो उल्टी हो गया।
पूरा पेट खाली हो गया चक्कर आने लगा मै बेसुध होने लगी। मैने जैसे तैसे कुल्ला किया।
तभी तीनों में से किसी ने मुझे खींच लिया और बिस्तर पर लिटा दिया। मै कुछ समय के लिए बेसुध हो गई।
मुझे कुछ भी नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। कौन कर रहा है।
करीब 10 मिनट बाद मुझे होश आया तो मैने पाया कि मै पूरी नंगी उन तीनों के बीच पड़ी हूँ।
मुझसे दारू और गुटके की गंध आ रही थी क्योंकि वो लोग मेरा पूरा बदन उपर से नींचे तक आगे से पीछे तक चाट रहे हैं।
ठरकी कमीनों ने इस हालत में भी मुझ पर तरस नही खाया बल्कि अपनी हवस मिटा रहे थे।
पर तभी मुझे एहसास हुआ कि मुझे अब भी चाटा जा रहा है और अब मेरा शरीर झटके खा रहा है। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्म्हऽ उह्ह्ऽ उम्म्म्ह्ऽ अह्हऽ
दिलीप मेरी चूत चाट रहा थका बाकी दोनों मेरी एक एक काँख चाट रहे थे। इस अद्भूत और महान अनुभूति के कारण ही मै होश में आ गई थी।
मैने पंखा चलाने कहा क्योंकि उनके चाटने से मै पूरी चिपचिपी और गीली हो गई थी
काँख चाटते चाटते दोनों मेरे बूब्स सहला रहे थे। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्हऽ हम्म्म्ऽऽ अह्हऽ
अब उन दोनों के लंड पेंट में खड़े हो गये थे अब वो दोनों मेरे बूब्स को जोर-जोर से चूऽस रहे थे
अब मुझे भी कुछ होने लगा था और अब मै कुछ नहीं बोल रही थी
बस सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्म्हऽ हम्म्म्ऽऽ अह्ह्ऽ उम्म्ह्ऽ अह्ह्ऽ
छोटू बोला कि साली रंडी क्या बूब्स है? दिल करता है कि चूऽस-चूऽसकर लाल कर दूँ और मुँह में लेकर चूऽसने और दाँतों से काटने लगा
अब मेरे दोनों चुची लाल हो चुके थे, अब तो मुझे भी मजा आने लगा था।
कभी मेरे बूब्स और चुची चूउऽसते कभी काँख चाटते हुए बूब्स मसलते।
वो दोनों खड़े हुए और उन दोनों ने अपनी पेंट उतार दी,
उन दोनों का लंड उनका अंडरवेयर फाड़कर बाहर की तरफ आ रहा था
जैसे ही उन दोनों ने अपने अंडरवेयर खोले,
तो मेरी आँखे फटी की फटी ही रह गयी
एक का लंड 8 इंच का तो
दूसरे का 7 इंच से कम नहीं होगा
मेरे पति का लंड तो 3 इंच का छोटा सा है।
दिलीप अभी भी मेरी चूत चाट रहा था।
मुझे भी गरमी चढ़ गई या कहें कि ठरक हवस चुदास चढ़ गई।
वो चूत में उंगली भी करने लगा,
तो मै भी मजे में कराआहने लगी और उसका सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाते हुए
उसको भी सिड्यूस करने लगी।
“उऊम्मऽऽ चाटोओ आआऽह आऽआहआऽ हःऽआ हऽह हऽ आह आह ऊह ऊह” “मेरा पति तो चूत भी नहीं चाटता,”
“बस थोड़ा सा लंड पेल कर चुदाई की और सो जाता है भोसड़ी का ”
“आऽह उसका लंड भी छोटा सा है,” “मुझे मजा ही नहीं आता चुदाई में” “तुम्हारे लंड तो काफी बड़े हैं” उऊम्मऽऽ “आज चूत चुदाई का पूरा मजा आएगा”
छोटू ने अपना 7 इंच लंबा लंड मेरे गाल पर रख दिया और मुस्टंडा ने अपना 8 इंच का लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
दोनों के लंड से पेशाब और पसीने की गंध आ रही थी पर मै बिना झिझक के …उसके मसालेदार कसैले नमकीन लंड को जीभ से चाट-चाट कर खेल खेल कर गुदगुदा रही थी।
अब मैं उसका लंड लॉलीपोप की तरह चूऽसने लगी थी। मेरे मुँह से ‘गूंउउ… गूंउउ’ की आवाज़ निकलने लगी
जगह बदल कर छोटू अब मेरी चूत चाटने लगा और दिलीप ऊपर आकर मेरे बूब्स चूसने और मसलने लगा।
चूत चाटने से मै पागल हो रही थी ।
तीनों ने बारी बारी से अपनी जगह बदली और 15 – 20 मिनट तक मेरी चूत चाटते रहे। इसी मदहोशी में…
मैने दिलीप और छोटू का गंदा पेशाब से भरपूर मसालेदार लंड भी चाट चाटकर और चूस कर पूरी तरह से साफ कर दिया।
पर तीनों का लॉलीपोप चूऽसते चूऽसते मुँह में दर्द हो गया।
“याद रखना मर्द कभी भी अपना लंड नहीं धोते” “हमेशा हम औरतों को ही मर्दों का लंड आंड अपने मुँह से चाट चाट कर चूऽस चूऽस कर साफ करना होता है।”
“ये हम औरतों का फर्ज भी है और”
“आखिर मर्दों का लंड हम औरतों का पर्सनल खिलौना जो है।”
“मेरे पति ने मुझे समझाने के लिए अपने आप को गवाँर आदमी बना लिया था और अब लंड और आंड कभी नहीं धोते।”
“ताकि मुझे गंदे से गंदा लंड और आंड आराम से चाटने चूऽसने की लत लग जाए। हाँ जी अब मै भी पूरी गाँव की औरत बन गई हूँ”
“हाँ ये एक तरह का नशा है और अब मुझे ये अच्छा लगता है।”
“इन हरामियों का गंदा लंड आंड चाऽटते चूऽसते मुझे बड़ा गर्व हो रहा है कि मै भी अपनी गुरू अहिल्या की तरह सारे मर्दों की फेवरेट बनने वाली हूँ ”
“अब छोटू धीरे-धीरे अपना बड़ा लंड मेरी चूत में डालता जा रहा था”
“अब मै भिनी दर्द से पागल हो रही थी मगर में चीख भी नहीं सकती थी, ”
“क्योंकि दिलीप का लंड मेरे मुँह में था ”
“छोटू का लंड मेरे पति के लाए डिलडो जितना बड़ा” “यानी मेरे पति के लंड से दो गुना बड़ा लंड था।”
“उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और आगे पीछे धक्के मारने लगा क्या अहसास था बता नहीं सकती”
अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और अब मेरे मुँह से उम्म्म्म, आह की आवाजे आने लगी थी।
मेरे मुँह से “आआऽह आऽआहआऽ उउम् उऊह” की आवाज़ निकलने लगी
अब पूरे कमरे में छप-छप की आवाजे आने लगी थी। कुछ देर के बाद दिलीप ने मेरे मुँह में ही अपना वीर्य गिरा दिया
मै भी प्रोफेश्नल रंडी की तरह एक भी बुंद गिरने नहीं दिया पूरा पी गई
नीचे वाला फुल स्पीड में अंदर बाहर कर रहा था। कि उसको हटा कर मुस्टंडा अपना बड़ा लंड मेरी चूत में डालने लगा
जो मेरे पति के लंड से 3 गुना लंबा और मस्त मोटा भी था
जैसे ही उसने अपना लंड अंदर पेला मै जन्नत में पहुँच गई।
बस ईईईईईइ ऊऊफ़्फ़्स्स आवाज़ निकली
ना खतम होने वाली चुदाई
कभी किसी का लंड चूत में तो कभी किसी का
पूरा रूम सिर्फ आह आआऽह आऽआहआऽ उउम् उऊह उऊह उह आउ यस और फच फच फच की आवाजों से ही गूंजता रहा
अब तो मुझे दारू और गुटका की गंध से भी फर्क नहीं पड़ रहा है
तीनों कभी भी मेरे मुँह में अपना जीभ डाल कर फूल चूम्मा चूसाई कर लेते ।
अब तो मै भी चुदास में खुद उनके होंठ और जीभ चूस रही थी बिना हिचके।
मेरे मुँह में तीनों की थुक और लार थी और उनके मुँह में मेरी।
पर अब मुझे सब अच्छा लग रहा था।
वाकई जन्नत में हूँ
दोनों मर्द मेरे एक, एक मम्मे को मुंह में भर के चूसने लगे
कोई मेरे मम्मे चूऽस रहा है तो कोई मसल रहा है तो कभी कोई मेरे पैर और उंगलियाँ चूऽस-चाट रहा है
मम्मे को मुंह में भर के चूऽसते-चूउऽसते कभी कभी मेरी काँख और हाथ भी चूऽस-चाट रहे हैं।
कभी कभी वो लोग मुझ पर जंगलीयों की तरह झपट कर जबरदस्ती मेरे पूरे चेहरे और बदन के किसी भी हिस्से को चूमने चाटने और चूसने लगते
मुझे लगता कि मै उनकी रंडी हूँ गुलाम हूँ दासी हूँ।
पर जब देखा कि वो मुझे चूमने, चाटने, और चोदने के लिए एक दुसरे से लड़ रहे हैं तो फिर किसी महारानी या अप्सरा जैसा महसूस हो रहा है।
मर्द मेरे लिए लड़ रहे हैं क्या अहसास है
मुझे घमंड हो रहा था कि मैने चुदने के लिए 3 3 नौकर रखे हैं गुलाम रखे हैं।
घण्टों चली लम्बी घपाघप चुदाई के बाद हम थक कर निढाल हो गए।
फिर सब लोग अपना वीर्य मेरी चूत में निकालने को कहने लगे।
मैंने बिल्कुल मना कर दिया और कहा
चूत में नहीं डलवाऊँगी, और जैसे मर्जी कर लो।
फिर क्या था … उन्होंने मेरा मुँह चोदना शुरू कर दिया मै ने भी अपना मुँह बंद करके टाईट कर लिया ताकि लंड जल्दी पानी छोड़ दे
उन लोगों ने एक, एक करके मेरे मुंह को पूरा वीर्य से भर दिया और पूरा वीर्य पिला दिया, मैने भी एक बुंद बाहर नहीं गिरने दिया।
इस तरह मेरी पहली गैंग बैंग चुदाई हुई
मैं टूट सी गयी थी, थक गयी थी
लेकिन मुझे मजा बहुत आया था जन्नत का अहसास था यह।
मै बिस्तर के बीच में और मेरे दोनो ओर तीनो मर्द हम सब नंगे
दो मर्द तो मुझसे ऐसे चिपके थे जैसे कोई पति अपनी पत्नी से चिपका सोता है ऐसा एहसास हो रहा था जैसे मेरे दो दो पति हो।
इसी एहसास के साथ हम पूरी रात एक दुसरे के साथ नंगे सो गए
अगले दिन सुबह अलार्म बजने पर मेरे पति ने देखा कि मै कमरे में नहीं हूँ … तो वो मुझे खोजते हुए कमरे में पहुँचे तो
देखा कि मै तीनों नौकरों के साथ मस्त चिपक कर नंगी सो रही हूँ।
उन्होंने हमारे कुछ फोटो खींचे और मुझे जगाया।
बच्चों को स्कूल भेजना है। मै बाथरूम फ्रेश होने गई और
अब
हाए मुझे अगली रात का बेसब्री से इंतजार था।
तो… कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी?