मैंने अपनी विधवा दीदी को चोद कर खुश किया

मेरा नाम रोहित है, और मैं 26 साल का एक जवान, गठीला लड़का हूँ। मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी औरत की चूत में आग लगा देता है। मेरी बड़ी दीदी, सीमा, 32 साल की एक हॉट, चुदास भरी विधवा है। उसका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर हर मर्द के लंड को तड़पा देता है। उसके रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। उसकी मादक आँखें और मटकती चाल मुझे हमेशा पागल कर देती थी। सीमा दीदी के पति की मृत्यु दो साल पहले एक हादसे में हो गई थी, और तब से वह अकेली रहती थी। मैंने उसकी आँखों में चुदास की भूख देखी थी, और मेरे लंड में भी उसकी चूत को चोदने की आग सुलग रही थी। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने सीमा दीदी की चूत और गांड को अपने मोटे लंड से चोदा, और उसे चरम सुख की दुनिया में ले गया।

सीमा दीदी हमारे घर के पास ही रहती थीं, और मैं अक्सर उनके घर जाता था। वह अकेलेपन में उदास रहती थीं, लेकिन उनकी चुदास भरी नजरें मेरे गठीले बदन पर टिक जाती थीं। जब भी मैं उनके सामने बिना शर्ट के घूमता, उनकी आँखें मेरे सीने और पैंट में उभरे लंड के उभार पर अटक जाती थीं। एक बार, जब मैं उनके घर पर कुछ सामान देने गया, उन्होंने एक पतली, सफेद साड़ी पहनी थी, जो उनकी चूचियों और गांड को उजागर कर रही थी। साड़ी इतनी पारदर्शी थी कि उनके गुलाबी निप्पल साफ दिख रहे थे। मैंने उनकी चूचियों को घूरते हुए कहा, “दीदी, आप बहुत खूबसूरत हो।” उन्होंने मादक मुस्कान दी और बोली, “रोहित, तेरा ये गठीला बदन भी तो मेरी चूत को बेचैन कर रहा है।” उनकी बात ने मेरे लंड को तना दिया, और मैं समझ गया कि दीदी की चूत मेरे लंड की भूखी है।

उस रात, मम्मी-पापा किसी रिश्तेदार के यहाँ गए थे, और मैं घर पर अकेला था। मैंने मौके का फायदा उठाया और सीमा दीदी को फोन किया। “दीदी, मैं आज रात आपके घर रुक जाऊँ? मम्मी-पापा घर पर नहीं हैं,” मैंने कहा। सीमा दीदी ने तुरंत हामी भरी, और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प उठी। मैं उनके घर पहुँचा, और उन्होंने एक टाइट, काली नाइटी पहनी थी, जो उनकी चूचियों और गांड को पूरी तरह उजागर कर रही थी। नाइटी इतनी पतली थी कि उनके निप्पल साफ दिख रहे थे, और उन्होंने अंदर ब्रा या पैंटी नहीं पहनी थी। उनकी नंगी जाँघें चमक रही थीं, और मेरी चुदास पागल हो रही थी।

रात के 10 बजे, हम ड्राइंग रूम में बैठकर बातें कर रहे थे। मैंने जानबूझकर अपनी बनियान उतारी और सिर्फ शॉर्ट्स में उनके पास बैठ गया। मेरी पैंट में मेरे लंड का उभार साफ दिख रहा था। “दीदी, आप इतने दिनों से अकेली हो। कभी मन नहीं करता?” मैंने शरारत से पूछा। सीमा दीदी ने अपनी जाँघें और चौड़ी कीं और बोली, “रोहित, मेरी चूत हर रात तड़पती है। लेकिन अब तेरा लंड मेरी भूख मिटा देगा।” उनकी बात ने मेरे लंड में आग लगा दी। मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींच लिया और उनके रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। मेरी जीभ उनके मुँह में थी, और मेरा मोटा लंड उनकी जाँघों से टकरा रहा था।

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मैंने उनकी नाइटी को फाड़कर उतार दिया, और उनकी बड़ी, नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उनके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उनकी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड मेरे सामने नंगी थी। उनका चूत का रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था। मैंने सीमा दीदी के एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। मेरी जीभ उनके निप्पल को चाट रही थी, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उनके दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और उनके गुलाबी निप्पल को खींचकर उनकी चीखें निकाल दीं। सीमा ने मेरी शॉर्ट्स उतार दी, और मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड उनके सामने तन गया। उनकी आँखें चुदास से चमक उठीं।

“रोहित, तेरा लंड मेरी चूत को चोदने के लिए बना है,” उन्होंने मादहोश होकर कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। वह मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़कर उनका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और वह मेरे लंड को चाट रही थीं। मैंने सीमा दीदी को सोफे पर लिटाया और उनकी जाँघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उनकी चूत के दाने को चूस रही थी। सीमा अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थीं। मैंने उनकी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और उनकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और वह चुदास में चीख रही थीं। “रोहित… मेरी चूत को चोद… मेरी भूख मिटा,” उन्होंने सिसकारी के साथ कहा।

मैंने अपना मोटा, काला लंड उनकी गीली चूत में डाल दिया, और सीमा चीख पड़ीं। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और उनके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैंने उनकी गांड को हिलाकर मेरा लंड और गहरा लिया, और उनकी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। मैंने उनके चूचियों को मसला, उनके निप्पलों को चूसा, और उनकी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “रोहित… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे फाड़ दे,” सीमा ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और उनकी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उनकी चूत में फिर से डाल दिया। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था, और वह चुदास में चीख रही थीं।

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मैंने उनकी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड उनकी गांड में डाल दिया। सीमा दर्द और सुख में चीख पड़ीं, लेकिन उनकी गांड ने जल्दी ही मेरे लंड को गले लगा लिया। मैं उनकी गांड को जमकर चोद रहा था, और उनके चूचे हवा में उछल रहे थे। “रोहित… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को सुजा दे,” सीमा ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उनके चूचियों को मसला, उनकी गांड को थप्पड़ मारे, और उनकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उनकी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उनका रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर घंटों चला। मैंने सीमा दीदी को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार मैंने उन्हें अपनी गोद में बिठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उनके चूचे मेरे चेहरे पर उछल रहे थे, और मैं उनके निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने उन्हें दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। उनकी चीखें और सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं।

“रोहित, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रोहित… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे… मुझे खुश कर,” सीमा ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी उनकी चूत में मारी। सीमा सुख से चीख पड़ीं, और उनकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई। मैंने उनके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उन्होंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। उनका बदन मेरे वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और उनकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।

उस रात के बाद, सीमा दीदी की चूत मेरे लंड की गुलाम बन गई। हर बार जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, मैं उनके घर जाता और उनकी चूत को चोदता। एक बार मैंने उन्हें रसोई में चोदा। उन्होंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और मैंने उनकी साड़ी ऊपर उठाकर उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। वह काउंटर पर झुकी थीं, और मैं उनकी गांड को थप्पड़ मारते हुए उनकी चूत को चोद रहा था। उनकी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और उनकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उन्हें बाथरूम में शावर के नीचे चोदा। पानी उनके चूचों पर टपक रहा था, और मैं उनकी चूत और गांड को अपने लंड से चोद रहा था। उनकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।

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कभी-कभी, जब मैं उनके घर रुकता, सीमा दीदी मुझे अपने बेडरूम में बुलातीं। एक रात, उन्होंने मुझे बिस्तर पर खींच लिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लिया। मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा, और फिर उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। उनकी चूत मेरे वीर्य से चमक रही थी, और उनकी सिसकारियाँ मुझे पागल कर रही थीं। “रोहित, तेरा लंड मेरी चूत को खुश करता है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने उनकी चूचियों को सहलाया और कहा, “दीदी, जब तक मैं हूँ, आपकी चूत कभी उदास नहीं रहेगी।”

मम्मी-पापा को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और सीमा दीदी हमेशा भाई-बहन की तरह व्यवहार करते। एक रात, जब मैं उनकी चूत को चोद रहा था, मम्मी ने अचानक फोन किया। मैंने फोन उठाया, और सीमा ने मेरे लंड को अपनी चूत में और गहरा लिया। मैं सिसकारियों को दबाते हुए मम्मी से बात कर रहा था, और मेरी चूत सीमा के रस से गीली हो रही थी। “रोहित, तुम ठीक हो ना?” मम्मी ने पूछा। मैंने हाँफते हुए कहा, “हाँ, मम्मी… मैं बहुत खुश हूँ।” फोन रखते ही मैंने सीमा की गांड में अपना लंड डाला, और उनकी चीखें फिर से गूँज उठीं।

सीमा दीदी की चुदाई ने उनकी उदासी को चरम सुख में बदल दिया। हर रात, जब मैं उनकी चूत और गांड को चोदता, उनकी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि अपनी विधवा दीदी को चोदकर खुश करना मेरा सबसे बड़ा पुण्य है। मेरा लंड उनकी चूत की हर भूख मिटा देता था, और उनका हर सुख मेरी चुदास को और बढ़ा देता था। सीमा दीदी की चूत अब मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी, और उनकी चुदाई मेरी जिंदगी का सबसे मादक अनुभव था।

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