शराब और लंड की शौक़ीन मेरी माँ खुद चुदती है मुझे भी चुदवाती है

My mother who is fond of alcohol and cocks : मेरा नाम आकांक्षा है। आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी इस वेबसाइट पर लेकर आई हूँ। आज मैं आपको मेरे साथ क्या क्या हो रहा है। मेरी माँ खुद भी चुदती है और मुझे भी चुदवाती है। पहले तो मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता था पर अब धीरे धीरे धीरे आदत हो गयी है ये सब करने के लिए। अब मुझे गैंग वेंग चुदाई अच्छी लगने लगी है। माँ बेटी को जब अलग अलग कमरे में ले जाकर पापा के दोस्त चोदते हैं तो कैसा फील होता है वो सब आपको बताउंगी।

मेरी माँ का नाम उर्मिला है। मेरी माँ की उम्र 42 साल है। मेरे घर में मेरी माँ के अलावा मेरे पापा और मैं हूँ। यानी मेरे घर में हम तीन लोग रहते हैं  हैं। मम्मी पापा का लव मैरेज हुआ था। मम्मी मेरी बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी है। पापा मेरे वैसे हॉट नहीं है जैसी की मेरी मम्मी है। पापा मेरे एक फैक्ट्री में मैनेजर  उनकी सैलरी उतनी नहीं है जितने से एक अच्छी ज़िंदगी चल सके। और आपको तो पता है आजकल की दुनियां कैसी है। लोग मोबाइल पर रहते हैं कौन क्या पहन रहा,  कौन घर लिया, कौन कितना रईस है सब लोग स्टेटस लगा कर रखते है, और यही हो जाती है गड़बड़। जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है उनको लगता है की मैं भी ऐसे ही मस्ती करूँ पर ये संभव नहीं होता है सभी के लिए। तुम सब लोग अपना अपना तरीका अपनाते हैं जिंदगी को अच्छा बनाने के लिए जिंदगी को अच्छे से जीने के लिए।

कुछ लोग मेहनत करके नौकरी करके बिजनेस करके अपने जिंदगी को ठीक से जीने लगते हैं पर जो लोग फेल हो जाते हैं। उनकी जिंदगी जब सही तरीके से नहीं चल पाती है तब वह अपना तरीका बदल लेते हैं। खासकर जब महिलाएं अपना तरीका बदल ले तो घर में कला से लेकर पराए मर्द के साथ घूमना सोना और सेक्स संबंध बनाना यह सब होने लगता है। यही सब बात मेरे घर में भी हो रहा है इस वजह से मैं भी आजकल ऐसे ही संगत में पड़ गई हो अपने से बड़े मर्दों के साथ सेक्स संबंध बनाती हूँ।

यह सब कैसे हुआ अब मैं वह सारी बातें आपको बता रही हूँ। मम्मी-पापा के बीच में काफी ज्यादा झगड़ा रहने लगा था। मम्मी तो कहती थी पापा बुलाते नहीं देते थे। और मम्मी की जो सहेलियां थी वह अच्छे से रहती थी अच्छी-अच्छी साड़ियां पहनते थे जेवर खरीदते थे पर मेरे मम्मी को यह सब नहीं हो पा रहा था। 1 दिन की बात है मेरे पापा के दोस्त आए हुए थे मेरे घर पर पापा भी थे उसी समय मेरे मां ने कह दिया कि आप लोग अपने बीवियों को जेवर दिलाते हो सारी दिलाते हो पर एक मेरा पति है जो कभी कुछ नहीं देता है।

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तभी उसमें से एक पापा के दोस्त ने ने कहा कि बोलो तो भाभी जी आज ही दिला देता हूं आपको जो चाहिए वह सारे कुछ छोड़ो पति की बातें पति का दोस्त भी तो कुछ होता है। और फिर हंसी मैं बात हो गई और मामला शांत हो गया उस समय पापा बड़ी-बड़ी आंखें करके मम्मी के तरफ देख रहे थे मैं वहीं पर बैठी थी। मेरे पापा के दोस्त वापस और मम्मी में बहुत लड़ाई हुई। कि तुम मेरे सामने ही मेरे दोस्तों से कहती हो यह ला कर दो वह ला कर दो क्या यह तुम्हें शोभा देता है। मम्मी भी जोर जोर से चिल्लाने लगी कि तुम कभी कुछ लाकर देते हो क्या शादी करके जब से लाए हो मेरी जिंदगी खराब कर दिए हो।

और यह लड़ाई 3 दिन तक चली उस दिन से ही मेरे पापा मम्मी के बीच के रिश्ते खराब हो गए। कई बार मेरे पापा फैक्ट्री में ही सो जाते थे घर भी नहीं आते थे। धीरे-धीरे मम्मी पापा में काफी कम बोलचाल होने लगा था। 1 दिन की बात है जब मैं अपने सहेलियां बर्थडे पर गई थी रात को आने में काफी देर हो गया था। जब मैं घर आई तो मेरे फ्लैट का दरवाजा खुला हुआ था रात के समय 1:00 बज गए थे। घर के अंदर जैसे प्रवेश की टेबल पर दारू की बोतल देखें वहां पर दो सिल्क की साड़ियां रखी हुई थी एक सोने की अंगूठी रखी हुई थी। मैं देख कर हैरान हो गई पापा तो शराब पीते नहीं थे।

तभी बेडरूम से आवाज आ रही थी और जोर से और जोर से झांक कर देखें तो हैरान रह गई। मेरे मम्मी टांगे फैलाकर नंगी सोए थे और सतीश अंकल मेरी मम्मी को चोद रहे थे। मम्मी की बड़ी-बड़ी चुचियों को सतीश अंकल दबोच रहे थे दबा रहे थे। मम्मी के मुंह से आह आह की आवाज निकल रही थी मम्मी भी अपना गांड हिला हिला कर नीचे से धक्का दे रही थी और सतीश अंकल ऊपर से जोर-जोर से अपने मोटे लंड को मम्मी की चूत में डाले जा रहे थे। यह सब देखकर मेरे चूत से भी पानी निकलने लगा था मैं खुद से अपनी चुचियों को मसलने लगी थी पर्दे के पीछे खड़ा होकर।

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मेरी मम्मी बोली कि काश मेरा पति भी ऐसा ही मुझे चोद पाता तो मेरी जिंदगी कुछ और ही होती।  पर कोई बात नहीं है सब ठीक हो जाएगा अब आप मुझे ऐसे ही प्यार करना और मुझे सेक्स में संतुष्ट करना। सच तो बात यह है सतीश जी के मैं आपको बहुत पहले से ही चाहती थी अपने से कभी भूल नहीं पाई कि मुझे आपके साथ सेक्स करने का मन करता है। आज आपने मुझे गिफ्ट भी दिया है और मुझे तड़पती जवानी को भी शांत किया है। सतीश अंकल कह रहे थे भाभी जी आप बहुत हॉट और सेक्सी औरत हो आप को चोदने का मन तो बहुत पहले से ही करता था पर कह नहीं पा रहा था पर उस दिन जब आपके और आपके पति के बीच में लड़ाई हुई थी उस दिन मैं समझ गया कि आपको जरूर किसी चीज की कमी है और अगर मैं वह कमी पूरी कर देता हूं तो आपकी जिंदगी बदल जाएगी और मुझे भी वह मिल जाएगा जो मैं ख्वाब हूं मैं देख रहा हूं आपके लिए।

जोर-जोर से सतीश अंकल मम्मी के जूतों को दबाते हुए चोदने लगे और उनके होंठ को चूमने लगे गर्दन को चूमने लगे उनके बालों को सहलाने लगे। मम्मी भी जोश में आ गई और गांड हिला हिला कर अंकल के लंड को अपने चूत के अंदर लेने लगी थी। आधे घंटे तक मैं वहां पर वही खड़ी रही। मम्मी और सतीश अंकल की चुदाई को देखती रही। जैसे ही सतीश अंकल का सारा माल मम्मी के चूत में चला गया मैं जल्दी से अपने कमरे में आकर लेट गई।

तभी अंकल ने अपने कपड़े पहने और बोले कि मैं जल्दी जाता हूं आकांक्षा आने वाली है। मम्मी भी जल्दी से अपने नई तो ड्रेस को पहन ली और अंकल जैसे ही दरवाजे के बाहर हुए मम्मी दरवाजा बंद कर के अपने कमरे में वापस आए फिर जब वह मेरे कमरे में आई तो हैरान रह गई मुझे देख कर। मम्मी बोली तुम कब आई हो आकांक्षा। मैं बोली थी आधे घंटे से आपके कारनामे देख रही हूं आप सतीश अंकल के साथ क्या कर रहे थे मम्मी पापा के साथ क्यों चीटिंग कर रहे हो। मम्मी बोली क्या करूं जब बाबा मुझे किसी चीज में खुशी नहीं सक रहे हैं उनके साथ सोने से क्या फायदा इससे बढ़िया है कि मैं किसी और के साथ हूं देख 22 सिल्क की साड़ी 10000 और एक सोने का गहना 23000 का है। तेरा बाप पूरे साल में नहीं लाता है।

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उस दिन के बाद से अंकल रोजाना रात को आते थे। दारू लाते थे मम्मी भी दारू पीते थे अंकल भी दारू पीते थे और वह दोनों एक कमरे में बंद हो जाते थे और रोजाना चुदाई करते थे। अंकल अब मुझे भी रोजाना कुछ ना कुछ पैसे देने लगे कुछ मेरे लिए गिफ्ट चलाने लगे मैं भी खुश रहने लगी। मम्मी पापा में और ज्यादा लड़ाई होने लगी मम्मी जानबूझकर ताकि पापा घर ही ना आए। धीरे-धीरे बात पहुंच गई और मम्मी पापा दोनों अलग अलग रहने के साथ रहने लगी। मम्मी का संबंध कई मर्दों के साथ हो गया। मेरे घर में वह सारे कुछ आने लगे जो कभी मैं सपने में भी नहीं सोची थी। मैं मां बेटी दोनों बहुत खुश रहने लगे। हम लोगों ने अपने लिए कार भी खरीद लिया था।

धीरे-धीरे करके मम्मी मुझे भी प्रोत्साहित करने लगी कि तुम भी अब इंजॉय करो ताकि और भी पैसा आ सके। ऐसा ही हुआ दोस्तों मैं भी धीरे-धीरे शराब पीने लगी अंकल के साथ सोने लगी अंकल मुझे रोजाना चुदाई करने लगे अब मां बेटी दोनों ही अलग-अलग मर्दों के साथ सोने लगे। पर पहले तो खराब लगता था पता भी अच्छा लगने लगा मुझे क्योंकि अब किसी चीज की कमी नहीं होती ना पैसे केला होठवा के लाली के जेवर के मुझे भी वो सब मिलने लगा जो मैं कभी सोच भी नहीं थी।

दोस्तों एक बात आपको बता देना चाहती हूं मैं मेरी मम्मी दोनों पापा के तीन दोस्त हैं उन्हीं के साथ संबंध बना रही हूं। हम दोनों वेश्या नहीं है हम दोनों प्यार के भूखे हैं इस वजह से हम दोनों 3-3 मर्दों के साथ प्यार करते हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं और सभी इंसान को अपनी जरूरत पूरा करने का हक है चाहे वह सही तरीके से हो या गलत तरीके से हो। मेरे साथ तो हालात ऐसा है इस वजह से मैं ऐसे कर रहे हो पर खुश हूं किसी चीज की कमी नहीं है। अब मैं आपसे विदा लेती हूं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जल्द ही दूसरी कहानी लिखने वाली हो


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