चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एकबार फिर से आप सबके बीच एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नोजवान लौंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा तगड़ा है जो किसी भी चूत में भूचाल मचाने में सक्षम है।
मेरे लण्ड को शादीशुदा माल चोदने का बहुत ज्यादा शौक है। ऐसी मालो को चोदने में मेरे लण्ड को बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है। मेरा लण्ड जिस चूत में उतरता है उसके परखच्चे उड़ा देता है। फिर उसको चोद चोदकर खूब मज़ा देता है।
गांव में वापस आने के बाद मैंने मेरी अर्चना चाची को खूब बजाया था। फिर उन्होंने मेरी सेटिंग उनकी सहेली सुमित्रा चाची से करा दी। उसके बाद मैंने दोनों चाचियों को खूब बजाया था।
अब मैं टाइम टाइम से दोनों चाचियों को खूब बजा रहा था।मेरा लण्ड बहुत ज्यादा खुश था। मेरा लण्ड खूब मज़ा लूट रहा था। फिर जब मैं एक दिन सुमित्रा चाची को चोदने उनके घर गया तो सुमित्रा चाची उनकी पड़ोसन संगीता चाची से बातें कर रही थी। मुझे देखते ही दोनों चुप हो गई। मैं उनके सामने खड़ा था।
तभी संगीता चाची मुझे अजीब सी नज़रो से देख रही थी। मुझे उनकी आँखों में चमक नज़र आ रही थी। तभी कुछ देर बाद संगीता चाची काम का बहाना करके उनके घर चली गई। अब मैं सुमित्रा चाची को कमरे के अंदर ले गया और फिर उनको नंगी करके खूब बजाया। अब मैं सुमित्रा चाची को चोदकर घर आ गया।
अब दो चार दिन बाद मैं फिर से सुमित्रा चाची के घर गया। आज भी मुझे चाची संगीता चाची के साथ बाते करते हूई नज़र आई। आज मुझे देखते ही संगीता चाची मुस्कुराई और फिर उन्होंने मुस्कान देते हुए मुझसे हालचाल पूछे। आज उनकी आँखों में चमक के साथ साथ प्यास भी नज़र आ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे संगीता चाची बहुत प्यासी हो और उनकी चूत लंड माँग रही हो।
फिर संगीता चाची काम का बहाना करके उनके घर चली गई। अब मै सुमित्रा चाची को कमरे में ले गया और फिर उनकी चड्डी खोलकर उसमे लंड ठोक दिया। फिर मैं चाची को जमकर बजाने लगा। अब संगीता चाची का जिस्म मेरी आंखो के सामने घूम रहा था। मेरा लण्ड उनके लिए तड़प सा रहा था। फिर मैंने सुमित्रा चाची को खूब बजाया।
अब मेरे दिमाग में बार बार संगीता चाची की कातिल मुस्कान घूम रही थी। उनकी कातिल मुस्कान को देखकर मेरा लंड मचल रहा था।फिर जब मै अगले दिन सुमित्रा चाची के घर गया तो आज फिर संगीता चाची मुझसे टकरा गई। उन्हें देखकर मेरा लंड तन गया। अब मैंने हवस भरी नज़रो से संगीता चाची को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा। वो एकदम कमाल की माल लग रही थी।
संगीता चाची लगभग 37 साल की है। वो एकदम गौरी चिकनी है। उनका पूरा जिस्म एकदम चिकना है। संगीता चाची का जिस्म बहुत भरा भरा सा है। उनकी कंधों से नीचे आती हुई गौरी चिकनी कलाइयां, मोटे मोटे बोबे, मलाईदार पेट, रसीले होंठ हर किसी को पागल कर सकता है।
चाची के बोबे लगभग 34 साइज के है। वो हमेशा अपने बोबो को साड़ी के पल्लु से ढककर रखती है। उनके बोबो के दर्शन कर पाना बहुत ही मुश्किल है। मै उनके बोबो के उभार को देखकर मचल उठा।
बोबो के नीचे चाची का मलाईदार चिकना पेट मुझे पागल सा करने लगा। पेट के नीचे चाची की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। चाची की कमर के नीचे उनकी मस्त शानदार गांड लगबग 34 साइज की है। साड़ी में उनके चुतड़ो का उभार साफ साफ नज़र आता है।
यो कह सकते है कि संगीता चाची एकदम रसमलाई सी माल है।
अब मेरे लण्ड को संगीता चाची भा गई थी। तभी मैंने सोचा आज तो संगीता को बजाना ही पड़ेगा। अब मैं संगीता चाची से इधर उधर की बाते कर रहा था।। बातों ही बातों में मैं संगीता चाची के जिस्म को ताड़ रहा था। मेरा लंड तनकर बम्बु बन चुका था।
मुझे संगीता चाची की आंखो में लण्ड की भूख नज़र आ रही थी। वो मेरे लंड के उभार को देख चुकी थी।दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी। बस अब कोई कमी थी तो वो था बिस्तर। चाची को बिस्तर पर ले जाने की सख्त आवश्यकता थी। तभी मैंने चाची से कहा– चाची आप हमेशा मुझे यहां ही मिलती हो। कभी तो अपना घर भी दिखाओ ना।
” ले चल तो फिर आज हमारे घर। तुझे आज दिखाई ही देती हूँ।”
तभी संगीता चाची मुझे उनके घर ले जाने लगी। ये सब देखकर सुमित्रा चाची सबकुछ समझ गई। तभी उन्होंने धीरे से कहा– आज तो गई ये काम से।
तभी हम संगीता चाची के घर पहुच गए। वहाँ हमारे आलावा और कोई नहीं था। अब चाची ने मुझे पानी पिलाया और फिर वो घूम घूमकर मुझे उनका घर दिखाने लगी। अभी अभी उन्होंने नया घर बनवाया था। चाची की गांड को देख देखकर मेरा लण्ड लोहे की रॉड बन चूका था। अब मैं चाची को चोदने के लिए उतावला हो रहा था।
अब जैसे ही चाची पीछे सरकी तो वो मुझसे टकरा गई और उनकी गांड मे मेरा लंड सेट् हो गया। तभी चाची मुस्कुरा गई।
” तुझे चोट तो नही लगी ना? ”
तभी मैंने चाची से कहा– यार चाची मुझे थोड़ी सी चोट लगी है आप दवाई लगा दोगी क्या?
चाची– हां लगा दूंगी लेकिन पहले ये तो बता चोट लगी कहाँ है?
मैं– आप पहले दवाई तो लेकर आओ।
तभी चाची दवाई लेने दूसरे कमरे में चलीं गई। फिर वो दवाई लेकर आ गई।
चाची–ले बता कहाँ लगी है चोट?
तभी मैंने पाजामा नीचे खिसकाकर लण्ड बाहर निकाल लिया।
मैं– यहाँ लगी है चोट।
तभी चाची मेरे लंड को देखकर सकपका गई। उनसे कुछ नहीं कहा गया। वो तुरंत नीचे बैठ गई। फिर थोड़ी देर बाद खुद को सम्हालकर चाची ने कहा– ले मैं क्रीम लगा देती हूं।
चाची मेरे लण्ड को मसलकर क्रीम लगाने लगी। चाची की हवस भरी नज़रे मेरे लण्ड पर ही टिकी हुई थी।उनका ध्यान क्रीम लगाने पर कम और लण्ड पर ज्यादा था। चाची के हाथों में जाकर मेरा लण्ड और ज्यादा मोटा हो चूका था। चाची मेरे लण्ड को लेने के लिए बहुत ज्यादा आतुर हो रही थी।लेकिन वो बससस्स थोड़े से नखरे दिखा रही थी।
अब मैंने लण्ड पकड़ा और उसे चाची के मुंह में देने लगा तभी चाची नाटक करते हुए लण्ड लेने से मना करने लगी।
मैं– अरे चाची लो ना यार। शरमाओ मत।
चाची– नहीं यार रोहित। रहने दे।
मैं– अरे चाची अब नखरे तो करो मत और जल्दी से मुँह में ले लो। ऐसा।मौका फिर नहीं मिलेगा।
तभी मैंने चाची का मुँह खोला और उसमे लण्ड डाल दिया। अब बस फिर क्या था! चाची शुरू हो गई। अब वो लॉलीपॉप की तरह मेरे लण्ड को चूसने लगी। अब मैं चाची के बालो को सम्हाल रहा था। चाची सकासक मेरे लण्ड को चुस रही थी। धीरे धीरे चाची अपनी स्पीड बढ़ा रही थी। चाची को देखकर लग रहा था कि कई महीनो से चाची की चूत में आग लगी हुई है।
अब चाची ताबड़तोड़ मेरे लंड को चुस रही थी। उन्हें लण्ड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं– ओह चाची आहा! बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।
फिर चाची ने बहुत देर तक मेरे लण्ड को चुसा। अब मैं खड़ा हो गया और अब मैंने चाची के सिर को पकड़ा और उनके मुँह में लंड ठोका।दिया। अब मै सकासक चाची के मुँह को चोदने लगा। मेरा लण्ड फूल स्पीड में चाची के मुंह में अंदर बाहर हो रहा था। मुझे चाची के मुँह को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक चाची के मुँह को चोदा।
अब मैंने चाची को खड़ा।किया और उन्हें दिवार के सहारे चिपका दिया। अब मैं चाची के रसीले होंठो पर लगी हुई लिपस्टिक को साफ करने लगा। मैं धुआंधार तरीके से चाची के होंठो को चुस रहा था। मैं चाची को साँस लेने का भी मौका नहीं दे रहा था। पुरे कमरे में ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आ रही थी।
इधर मेरे हाथ चाची की गांड पर पहुंच चुके थे। अब मैं चाची के होंठों को चूसता हुआ उनकी गांड को मसल रहा था।आहा! अब तो मेरे हाथ में जन्नत का दरवाज़ा आ चुका था। मैं ज़ोर ज़ोर से चाची की गांड मसल रहा था। तभी मैं चाची की साड़ी को ऊपर सरकाकर उनकी चड्डी में हाथ डाल चूका था।
अब मैं चाची की चूत मे खलबली मचाता हुआ उनके होंठ चुस् रहा था। चाची की चूत मे आग लगी हुई थी। इधर मेरा लंड भी चाची की चूत फाड़ने के लिए बेताब हो रहा था।अब तक चाची बहूत ज्यादा गरम हो।चुकी थी।
अब चाची को बिस्तर पर ले जाने की ज़रूरत थी।
अब मैंने चाची को उठाया और उन्हें बेड पर पटक दिया। अब फटाफट से मैं पूरा नंगा हो गया। अब मैंने तुरंत चाची के पेटिकोट का नाडाखोल दिया और फिर एक साथ चाची की साड़ी, पेटिकोट और चड्डी को खींचकर खोल दिया। अब चाची नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने चाची की टांगो को ऊपर उठा दिया।
चाची की चूत के आस पास हलके हलके बाल उगे हुए थे। शायद चाची ने थोड़े दिन पहले ही अपनी फसल काटी होगी। उनकी चूत की झील में पानी की बुँदे चमक रही थी। अब मैंने चाची की चूत के खांचे में लण्ड सेट कर दिया।
अब मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड दनदनाता हुआ चाची की चूत की गहराई में उतर गया। चूत में लण्ड की खनक होते ही चाची बहुत बुरी तरह से झल्ला गई और वो ज़ोर से चीख़ पड़ी।
चाची– आईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईई। आईईईई।
तभी मैंने लण्ड बाहर निकाला और फिर से चाची की चूत में लण्ड ठोक दिया। अब मैं चाची की ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा। मेरा लण्ड चाची की चूत में सकासक घुस रहा था। चाची दर्द से तड़प रही थी। उनके मुंह से सिस्कारिया फुट रही थी।
चाची– आहहह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आईएईई अआईईई ओह आह्ह आह्ह ओह धीरेरे….. आह्ह धीरेरेरे।
मैं– ओह चाची बहुत मस्त हो आप। आह्ह मज़ा आ गया आज तो मेरे लण्ड को।
कहानी जारी है… [email protected]