Padosi Bhabhi Ki Chudayi Ki Kahani
दोस्तों, आज जो भाभी की चुदाई कहानियां बताने जा रहा हू वो मेरी पड़ोसी भाभी के साथ चुदाई की हैं
मैं अभी अभी दिल्ली अाया हु पढाई करने के लिए, जहा मैं रहता हु, वह तो तो यार माल ही माल है, गाँव में तो उजाड़ था पर यहाँ तो बहार है, दिल्ली में पहली बार बड़ी बड़ी चूची, गांड, मस्त मस्त औरत, पता नहीं यार यहाँ की औरते लड़कियां किस चक्की की आता कहती है, रात को घंटी बजी मेरे फ्लैट की, मैं फ्लैट में अकेले ही रहता हु, कोई दोस्त भी अभी नहीं बना है इस लिए थोड़ा परेशान सा हो गया था की आखिर रात को १० बजे कौन हो सकता है, जाँघिया पे ही था, बनियान भी नहीं पहना था, मैंने तौलिया लपेटा और दरवाजा खोलने चला गया, मैं तो अवाक् रह गया एक खूबसूरत सी औरत, करीब २४- २५ साल की, पिंक कलर का नाईटी पहने गोल गोल चूचियाँ जिसके निप्पल साफ़ साफ़ महसूस हो रहे थे, निचे उनके कपडे जांघों में सटा हुआ, पूरा शरीर दिख रहा था कपडे के ऊपर से ही, गोरी बाल ऊपर खोपा बना हुआ, मखमली शरीर, हलकी सी होठों पे मुस्कराहट, भूरि आँख, होठ गुलाबी, क्या बताऊँ यार, ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह.
भैया क्या मैं अंदर आ सकती हु? हां हां हां आईये मैंने कहा, वो अंदर आ गई, बोली आप नए आये हो? क्या करते हो? गाँव कहाँ हां? मेरी तो धड़कन तेज हो गयी थी, पर मैं उनके प्रश्नो का जवाव दे रहा था, फिर मैंने बैठने का इशारा किया, वो बैठ गयी, कुर्शी पे मैंने कहा अभी आपके लिए ठंढा लाता हु, वो बोली नहीं नहीं पर मैं नहीं माना शर्ट पहना दौड़कर निचे गया उनके लिए एक ठंडा लाया उनको भी दिया और मैंने भी ली, नमकीन प्लेट में था, दोनों खा रहे थे और पि रहे थे, मैं बार बार उनके बदन को देख रहा था क्यों की वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, फिर वो गिलास खुद ही रखने जाने लगी मैंने मना किया पर वो किचन में चली गयी जब वो उठी और झुकी तो मैंने उसके चूची को लटकते हुए देखा मैं तो कायल हो गया, फिर वो जब जाने लगी तो पीछे से उसके गोल गोल चौड़ी गांड मस्त हिलोरे लिए जा रही थी. मेरा तो लैंड खड़ा हो गया.
आई बोली मेरे पति एक कंपनी में काम करते है, शादी हुए २ साल हुआ है, वो मुझे खुश नहीं रख पा रहे है, वो हमेशा घर से बाहर ही टूर पे रहते है, मैं खुले विचार की लड़की हु, मैं अपनी ज़िंदगी जीना चाहती हु, मैं चाहती हु तुम मेरा साथ दो, अगर तुम्हे पैसे की भी जरुरत होगी मैं दूंगी, बहुत तन्हाई है मेरी ज़िंदगी में, और वो मुझे अपनी नशीली आँख से देख रही थी, वो हाथ आगे बढ़ाई और मैंने भी हाथ मिला लिया, थोड़ा करीब आ गए होठ से होठ सटा मेरे सारे शरीर में करंट सी दौड़ गया, साँसे तेज हो गयी, आज तक मैं कभी भी किसी औरत या लड़की को चूमा नहीं था, ओह्ह्ह्ह्ह क्या बताऊँ आंख कब बंद हो गया और सिर्फ होठ चूसने में ही लगा रहा, उन्होंने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ के अपने चूची पे रख दिया.
मैंने हौले हौले से भाभी की चूची दबाने लगा और होठ चूसने लगा, वो भी उसी तरह से होठ चूस रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी, फिर वो मेरा तौलिया हटा दी और जाँघिया के ऊपर से ही वो मेरे लण्ड को दबाने लगी वो आंगड़ियां लेते हुए मेरे करीब सट गयी और मुझे बाँहों में भरकर वो मुझे निचे लिटा दी और मेरा लण्ड निकाल के पहली वो कामुक निगाह से देखि फिर सोटने लगी, मैंने आह आह आह आह कर अहा था अचानक वो अपने मुह में ले लिया, मैंने तो पागल सा हो गया था मैंने उसके बाल को जोर से पकड़ा और अपने लण्ड में सटा दिया और निचे से धक्का देने लगा.
फिर भाभी ने अपने नाईटी को उतार दी, मस्त शरीर का दर्शन होकर मैंने धन्य हो गया, बोलो बोलो भाभी जी की जय…….. ओह्ह्ह यार क्या बताऊ मैंने टूट पड़ा उनके ऊपर वो निचे लेट गयी मैंने ऊपर से निचे तक चाटने लगा और चुइयों को दबाने लगा, उनके जाँघों के बीच में गया तो मुझे पहली बार बूर का दर्शन हुआ, ऊँगली लगाया तो लसलसा सा पदार्थ था सूंघ के देखा तो कुछ खश नहीं लगा चाटा तो नमकीन था, फिर जीभ लगा और थोड़ा सुरसुराहट किया वो तड़प उठी बोली बस इसी का इंतज़ार था, और करो और करो, मैं वैसे ही करता रहा वो आआह उफ्फ्फ्फ्फ़ माआ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आआह आआअह कर रही थी अब बर्दास्त के बाहर हो गया था.
मैंने देखा मेरे लण्ड के ऊपर थोड़ा वीर्य अपने आप ही नक़ल गया, फिर से मैंने चाटना सुरु किआ और करीब दस मिनट में मेरा लण्ड उग्र रूप धारण कर लिया मोटा लंबा हिलोरे ले रहा था, मैंने उनके बूर के ऊपर लण्ड रखा और जोर से धक्का मारा पूरा लण्ड करीब आठ इंच का बूर के बीच में समा गया गया, मैंने दोनों हाथ से चूची को पकड़ा और जोर जोर से देने लगा वो भी हरेक झटके पे हाय हाय हाय कर रही थी मैंने पहली बार इतनी सुन्दर कमर गांड बाली औरत देखि थी मैं पुरे शरीर को निहारते हुए चोदे जा रहा था, वो गांड उठा उठा के झटके दे रही थी, मेरे झटके से उनकी दोनों चुचियन हिलोरे ले रही थी, फिर क्या था वो एक गहरी सांस ली अंगड़ाई ली मुझे कस के पकड़ी नाख़ून मेरे पीठ में गड़ा दी और उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकली और झड़ गयी, मैं जोर जोर से चोदे जा रहा था, अचानक मेरे अंदर से सिहरन हुआ विजली सी लगी और मैं जोर से आआअह किया और मैंने अपना वीर्य भाभी की बूर में डाल दिया और उनके ऊपर ही निढाल हो गया, करीब बीस मिनट तक दोनों एक दूसरे को पकड़ के लेटे रहे फिर कपडे पहने, उस रात को दो बार भाभी की चुदाई की, करीब दो बजे रात को वो अपने कमरे फ्लैट में चली गयी. कैसी लगी प्यासी भाभी की चुदाई.