देवरजी तुम्हारा लंड तो बहुत शानदार है – 1

मेरा नाम शंकर है. घर पर मेरे अलावा भैया मनोज, भाभी रश्मि ही हैं. भैया की उमर २४ साल, भाभी की उमर २२ साल और मेरी २१ साल की है. भैया की शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है. भाभी का रंग एक दम गोरा, आनकिएं भूरी, बॉल काले और लंबे, बॉडी एक दम स्लिम, कमर एक दम पतली और बूब्स एक दम गोल गोल और छोटे छ्होटे हैं. मेरे पड़ोस में प्रवीण रहते हैं. उनकी उमर भी २३ साल की है. वो मेरे भैया के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं. उनकी भी शादी ५ महीने पहले ही हुई है.

उनकी वाइफ का नाम निशा है. वो भी मेरी भाभी की तरह बहुत ही खूब सूरत हैं. उनका दोनो का हमारे घर आना जाना लगा रहता है. मेरी भाभी और निशा दोनो बहुत ही शरारती और दिखने में बहुत ही सेक्सी हैं. वो दोनो मुझसे बहुत ही भद्दा भद्दा मज़ाक करती हैं. मैं भी उन दोनो से किसी चीज़ में कम नहीं हूँ. शादी के 4 दिन बाद भाभी वापस मयके चली गयी. भाभी जब 10 दिन बाद जब दोबारा आई तो उनके आने के 2 दिन बाद ही भैया को ऑफीस की तरफ से ट्रैनिंग के लिए 2 मंत्स के लिए बंगलोरे जाना पड़ गया. भाभी अभी तक भैया के साथ केवल 6 दिन ही सो पाई थी. वो मुझसे शादी के दूसरे दिन से ही मज़ाक और छेड़-छाड़ करती थी. मैं देर तक सोने का आदि था. भैया के जाने के बाद मैं सो रहा था. सुबह के 8 बजने वाले थे. भाभी मुझे जगाने के लिए आई.

सुबह के समय मेरा 7″ का लंड एक दम खड़ा था. मैं केवल चड्धि पहन कर ही सोता था. लंड के खड़ा होने की वजह से मेरी चड्धि टेंट की तरह से हो गयी थी. भाभी ने बिना कोई शरम किए मेरे लंड पर अपने हाथ से धीरे से मारा और बोली, 8 बज रहे हैं, उठना नहीं है क्या. मैने कहा, मुझे ऑफीस थोड़े ही जाना है. मुझे सोने दो. वो बोली, ठीक है सोते रहो. उसके बाद वो घर का काम करने लगी. मैं फिर से सो गया. 9 बजे वो फिर मुझे जगाने के लिए आई. मेरा लंड अभी तक खड़ा था. उन्होने मेरे लंड को पकड़ कर खीचा और बोली, शंकरा जी, अब तो उठ जाओ. मैं उठ गया. मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, आप को मेरे लंड पर हाथ लगाने में शरम नहीं आती. अगर कुच्छ हो गया तो | 

वो बोली, क्या हो जाएगा. तुम तो मेरे एकलौते और प्यारे प्यारे देवर हो और देवर से कैसी शरम. आख़िर भाभी पर देवर का आधा हक़ होता है. दूसरे तुम्हारा तो लंड ही ऐसा है कि मैं इसे पकड़ने से अपने आप को रोक नहीं पाई और मैने इसे पकड़ लिया. अगर तुम्हें अच्च्छा नहीं लगा तो मैं अब कभी भी तुम्हारे बदन को हाथ नहीं लगाउन्गि. मैने कहा, नहीं, मैं तो मज़ाक कर रहा था. मुझे बहुत अच्च्छा लगा. मेरे इतना कहने के बाद वो मेरे बगल में बैठ गयी और उन्होने मेरे लंड को फिर से पकड़ कर खीच लिया और बोली, कैसा लगा. मैने कहा, बहुत अच्च्छा लेकिन अगर मुझे जोश आ गया तो तुम्हें रगड़ दूँगा. वो बोली, तो देर किस बात की है.

रगड़ दो ना. मना किसने किया है. मैने कहा, मेरा लंड तो तुमने देख ही लिया है, खूब लंबा और मोटा है, तुम्हारी फॅट जाएगी. वो बोली, अभी तक मैने इसे देखा ही कहाँ है. अभी तो ये किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह घूँघट में है. मैने भी मज़ाक करते हुए कहा, तो देख लो ना. वो बोली, तुम नाराज तो नहीं हो जाओगे. मैने कहा, बिल्कुल नहीं. मेरे इतना कहते ही भाभी ने मेरी चड्धि नीचे कर दी. मेरा एक दम गोरा 7″ लंबा और खूब मोटा लंड फंफंता हुआ चड्धि से बाहर आ गया. भाभी मेरे लंड को देखती ही रह गयी और बोली, देवर जी, तुम्हारा लंड तो वाकाई बहुत ही शानदार है. इसे छुपा लो नहीं तो नज़र लग जाएगी. इतना कह कर भाभी ने मेरी चड्धि उपर कर दी. चड्धि उपर करते समय उनका हाथ मेरे लंड को टच करने लगा तो मेरे सारे बदन में सुरसुरी सी दौड़ गयी. मैने कहा,

मेरे लंड को आज तक किसी ने नहीं देखा था. आज पहली पहली बार तुमने मेरा लंड देखा है. मूह दिखाई नहीं दोगि. वो बोली, ज़रूर दूँगी, मेरे शंकरा. बोलो क्या चाहिए. मैने कहा, ज़्यादा कुच्छ नहीं, सिर्फ़ एक चुम्मा ले लो. उन्होने तुरंत ही मेरे गालो को चूम लिया. मैने शरारत भरे अंदाज़ में कहा, तुमने लंड को देखा है, चुम्मा तो उसका लेना पड़ेगा, मेरा नहीं. वो बोली, ठीक है, मैं तुम्हारे लंड का ही चुम्मा ले लेती हूँ. इतना कह कर उन्होने मेरी चड्धि फिर से नीचे कर दी. जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो उन्होने मेरे लंड को पकड़ कर सूपदे का घूँघट नीचे कर दिया. मेरे लंड का एक दम गुलाबी सूपड़ा भाभी के सामने था. वो थोड़ी देर तक मेरे लंड के सूपदे को देखती रही फिर बोली, बहुत ही मोटा सूपड़ा है तुम्हारे लंड का. उसके बाद उन्होने बड़े प्यार से मेरे लंड के सूपदे को चूम लिया.

मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. भाभी की आँखें भी गुलाबी हो गयी थी. वो बोली, अब तो मिल गयी मूह दिखाई. मैने कहा, हां मिल गयी. वो बोली, अब चलो फ्रेश हो जाओ, मैं नाश्ता बना देती हूँ. मैं फ्रेश होने चला गया और वो किचन में नाश्ता बनाने चलो गयी. फ्रेश होने के बाद मैं नहा रहा था तो भाभी ने आवाज़ दी, कितनी देर तक नहाते रहोगे. जल्दी से नहा कर आ जाओ और नाश्ता कर लो. मुझे भी नहाना है. मैने कहा, मेरा लंड गरम हो गया था. उसे ठंडा कर रहा हूँ. तुम भी आ कर मेरे साथ ही नहा लो. वो बोली, मैं एक दम नंगी ही नहाती हूँ और मुझे तुम्हारे सामने एक दम नंगी होने में शरम आएगी. मैने कहा, मेरे लंड को पकड़ने में शरम नहीं आई, अब नहाने में शरम आ रही है. वो बोली, मैं तुम्हारे सामने अपने कपड़े कैसे उतार सकती हूँ. हां मैं तुम्हें एक दम नंगा ज़रूर कर सकती हूँ. मैने कहा, तो मैं नहा कर नंगा ही बाहर आ जाता हूँ. वो बोली, तो आ जाओ ना. तुम नंगे रहोगे तो शरम भी तुम्हें ही आएगी, मुझे नहीं. मैने कहा, ठीक है, मैं नंगा ही बाहर आ जाता हूँ. नहाने के बाद मैने अपनी भीगी हुई चड्धि बाथरूम में ही उतार दी और एक दम नंगा ही भाभी के सामने चला आया. उन्होने मुझे एक दम नंगा देखा तो अपनी आँखें बंद कर ली. मैने कहा, अब काहे शरमा रही हो. वो बोली, अभी थोड़ा शरम आ रही है, बाद में नहीं आएगी |

मैं चुप चाप खड़ा रहा. थोड़ी देर बाद भाभी ने अपनी आँखें खोल दी और बोली, लो अब मेरी शरम ख़तम हो गयी. मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया तो मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, सुबह तुमने इसे ठीक से नहीं देखा था… कहानी जारी है…. 

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