देवरजी तुम्हारा लंड तो बहुत शानदार है 2

अब अच्छि तरह से देख लो. भाभी सोफे पर बैठी थी. इतना कह कर मैं भाभी के नज़दीक गया और अपना लंड उनके मूह के सामने कर दिया. वो बोली, तुम तो नंगे ही ज़्यादा खूबसूरत लगते हो. मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, और इसके बारे में क्या ख़याल है. भाभी मेरे लंड को देख रही थी. उनकी आँखे गुलाबी सी होने लगी थी. वो बोली, तुम्हारा लंड तो वाकाई बहुत ही अच्च्छा है. मैने पूछा, अच्च्छा है का क्या मतलब. वो बोली, अच्च्छा है का मतलब, तुम्हारा लंड बहुत ज़्यादा लंबा है, खूब मोटा है, एक दम गोरा और चिकना है, इसका सूपड़ा भी खूब मोटा और एक दम गुलाबी है. मैने आज तक ऐसा लंड कभी नहीं देखा.

मैने पूछा, आज तक नहीं देखा है का क्या मातब. लगता है तुम इसके पहले भी कयि लंड देख चुकी हो. वो बोली, नहीं मेरे शंकरा, मैने आज तक अपनी ज़िंदगी में केवल 2 लंड ही देखा है. कुच्छ दिनो पहले तुम्हारे भैया का देखा था और दूसरा आज अपने प्यारे प्यारे देवर का देख रही हूँ. चलो अब नाश्ता कर लो. मैने कहा, ठीक है, नाश्ता भी कर लूँगा लेकिन पहले एक बार और मेरे लंड को चूम लो. भाभी ने कहा, तुम बड़े शैतान हो. उसके बाद उन्होने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और अपने गरम गरम और गुलाबी होठों को मेरे लंड के सूपदे पर रख दिया. थोड़ी देर तक अपने होठों को मेरे लंड के सूपदे पर रखने के बाद उन्होने बड़े प्यार से चूम लिया.

मुझे बहुत मज़ा आया और मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. मैने पूछा, कैसा लगा. वो बोली, सुबह तो मैने थोडा शरमाते हुए तुम्हारे लंड को चूमा था लेकिन इस बार तुम्हारे लंड को चूमने में बहुत मज़ा आया. मैने कहा, तो एक बार और चूम लो. वो बोली, तुम कहते हो तो मैं एक नहीं दो बार चूम लेती हूँ. उन्होने फिर से मेरे लंड को पकड़ कर बड़े प्यार से दो बार और चूम लिया. भाभी की आँखे भी जोश से एक दम गुलाबी हो चुकी थी और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और बोला, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है. काश कोई मेरे लंड को अपने मूह में ले कर चूस लेता. वो बोली, अगर तुम कहो मैं ही चूस लेती हू. मैने कहा, नेकी और पूछ पूछ. वो बोली, ठीक है, पहले तुम नाश्ता कर लो और मैं नहा लूँ. उसके बाद मैं तुम्हारे लंड को चूस लूँगी. मैने कहा, ठीक है, मैं तब तक इंतजार करता हूँ.

उसके बाद मैं नाश्ता करने लगा. नाश्ता ख़तम होने के बाद भाभी नहाने चली गयी. मैं अपने लंड पर हाथ फिराते हुए भाभी का इंतेज़ार करता रहा. 15 मिनट बाद भाभी नहा कर आई तो उन्होने केवल पेटिकोट ही पहन रखा था और उसे अपने बूब्स के उपर से बाँध रखा था. उनका एक दम गोरा बदन देख कर मुझे और ज़्यादा जोश आने लगा. मैं सोफे पर बैठा था. भाभी मेरे सामने ज़मीन पर बैठ गयी और बोली, लाओ, अब मैं तुम्हारे लंड को चूस लेती हूँ. उन्होने मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर अपने मूह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी. मैं धीरे धीरे जोश में आता जा रहा था. भाभी भी जोश में आने लगी थी. थोड़ी ही देर में भाभी सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को चूसने लगी. मेरे लंड का जूस निकलने वाला था तो मैने भाभी से कहा, अब रहने दो |  वो बोली, अब क्या हुआ. क्या मैं तुम्हारे लंड को ठीक से नहीं चूस रही हूँ.

मैने कहा, नहीं ऐसी बात नहीं है, तुम तो मेरे लंड को बहुत ही अच्छि तरह चूस रही हो लेकिन अब मेरे लंड का जूस निकलने वाला है. वो बोली, तो क्या हुआ, मेरे मूह में ही निकल जाने दो ना. मैं तुम्हारे लंड के जूस की एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दूँगी. सारा का सारा जूस निगल जाउन्गि. मैने कहा, ठीक है, जैसा तुम चाहो. भाभी और ज़्यादा तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी. थोड़ी ही देर में मेरे लंड का जूस भाभी के मूह में निकलने लगा. मैने भाभी के सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया तो मेरा लंड भाभी के मूह में और ज़्यादा गहराई तक घुस गया. भाभी ने मेरे लंड का सारा का सारा जूस निगल लिया. मेरे लंड का सारा जूस निगलने के बाद उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से बाहर निकाल दिया. मेरे लंड पर थोड़ा जूस अभी भी लगा हुआ था. मैने भाभी को दिखाते हुए कहा, थोडा जूस बाकी रह गया है तो उन्होने उसे भी अपनी जीभ से चाट लिया. मैने भाभी से कहा, तुमने मेरे लंड को देख लिया, इसे चूम लिया और इसे अपने मूह में ले कर चूस भी लिया.

इसका सारा जूस भी तुमने निगल लिया लेकिन तुमने अभी तक अपने सारे बदन को ढक रखा है. मुझे अपना बदन नहीं दिखओगि. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और बोली, तुम जो देखना चाहो, देख हो. मैने कहा, मैं तो तुम्हारा पूरा बदन देखना चाहता हूँ. वो बोली, तो देख लो. मैने कहा, तुमने अपना बदन ढक रखा है. वो बोली, खुद ही खोल कर देख लो. भाभी खड़ी हो गयी तो मैने उनके पेटिकोट के नडे को ढीला कर दिया तो उनका पेटिकोट नीचे गिर पड़ा. उनका संगमरमर सा गोरा बदन अब मेरे सामने था. मैं भाभी के एक दम गोरे बदन को देखता ही रह गया. उन्होने अपने एक हाथ से अपनी चूत को ढक लिया और जोश के मारे अपनी आँखें बंद कर ली. थोड़ी देर बाद मैने कहा, मैं तुम्हारे बूब्स को हाथ लगा कर देख लूँ. वो बोली, तुम जो भी चाहो और जैसे भी चाहो देख लो. मैने भाभी के दोनो निपल्स को अपनी उंगलियों से पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में वो जोश में आ कर सिसकारियाँ भरने लगी.

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. भाभी ने जोश में आ कर एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी. मैने कहा, तुम अपने दूसरे हाथ से क्या च्छूपा रही हो. वो बोली, बहुत ही कीमती चीज़ है. सब कुच्छ अभी देख लोगे. मैने कहा, तो क्या हुआ. तुमने भी तो मेरा सब कुच्छ देख लिया है. वो कुच्छ नहीं बोली तो मैने उनका हाथ उनके चूत पर से हटा दिया. उनकी चूत भी एक दम गोरी और चिकनी थी. मैने अपना हाथ उनकी चूत पर लगा दिया तो उन्होने एक ज़ोर की सिसकारी ली. मैने कहा, अब क्या हुआ. वो बोली, गुदगुदी हो रही है. मैने एक हाथ से उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उनकी निपल को मसनिशा रहा. वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को सहलाती रही. मैं उनकी चूत को सहलाता रहा तो वो बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और थोड़ी ही देर बाद वो झाड़ गयी. उन्होने थोड़ा शरमाते हुए कहा, मैने तुम्हारे लंड के जूस को ज़रा सा भी बर्बाद नहीं होने दिया और सारा का सारा जूस निगल लिया. एक तुम हो कि मेरी चूत का बेशक़ीमती जूस ऐसे ही बर्बाद हो जाने दे रहे हो. मैने कहा, सॉरी, ग़लती हो गयी.

मैं भी तुम्हारी चूत का जूस चाट लेता हूँ |  मैने भाभी को सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत के जूस को चाटने लगा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. उनकी चूत का सारा जूस चाट लेने के बाद जैसे ही मैने हटने की कोशिश की भाभी ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खीच लिया और बोली, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. थोड़ी देर तक और चतो मेरी चूत को. मैं भाभी की चूत को फिर से चाटने लगा. भाभी बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी. 5 मिनट में ही वो फिर से झाड़ गयी. इस बार उनकी चूत से ढेर सारा जूस निकला और मैने वो सारा का सारा जूस चाट लिया. उसके बाद मैं हट गया. भाभी एक दम मस्त हो चुकी थी और बोली, मैं तुम्हारा लंड एक बार फिर से चूसना चाहती हूँ, चूस लूँ. मैने कहा, मैने कब मना किया है.

उन्होने मेरे लंड को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से उनके निपल्स को मसल्ने लगा और दूसरे हाथ की उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. वो बड़े प्यार से मेरा लंड चूस्ति रही और ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भी भरती रही. भाभी बहुत ज़्यादा जोश में थी और मेरे लंड को बहुत तेज़ी के साथ चूस रही थी. 10-15 मिनट में ही मेरे लंड का जूस फिर से निकलने लगा. भाभी ने इस बार बड़े प्यार से मेरे लंड का सारा का सारा जूस निगल लिया और उसके बाद मेरे लंड को चाट चाट कर सॉफ करने लगी. मेरे लंड को सॉफ कर देने के थोड़ी ही देर बाद वो भी झाड़ गयी. मैने उन्हें सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत को चाटने के बाद मैं उनके उपर ही लेट गया. वो मेरी पीठ को सहलाती रही और मैं उनकी पीठ को सहलाता हुआ उनके होठों को चूमता रहा. लगभग 1 घंटे बाद वो बोली, 1 बज रहा हैं. अब मैं खाना बनाने जा रही हूँ. मैं उनके उपर से हट गया.

भाभी पेटिकोट पहन ने जा रही थी तो मैने कहा, पेटिकोट मत पहनो. तुम नंगी ही ज़्यादा खूबसूरत दिखती हो. वो बोली, जैसा हुकुम मेरे शंकरा जी. लेकिन एक शर्त है. मैने पूछा, कौन सी शर्त. वो बोली, तुम भी एक दम नंगे ही रहोगे. मैने कहा, जो हुकुम, मेरी रानी. भाभी बाथरूम जाने लगी तो मैं भी उनके साथ ही साथ बाथरूम चला गया. भाभी ने अपनी चूत को सॉफ करने के लिए जैसे ही साबुन उठाया तो मैने उनके हाथ से साबुन ले लिया और कहा, लाओ मैं तुम्हारी चूत पर साबुन लगा दूँ. भाभी ने कहा, तो लगा दो ना. मैं भाभी की चूत पर साबुन लगाने लगा तो वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी. मैने कहा, अब क्या हुआ. वो बोली, जब तुम मेरी चूत पर हाथ लगाते हो तो मेरे सारे बदन में आग सी लग जाती है और बहुत ज़ोर की गुदगुदी होती है. मैने कहा, और जब भैया हाथ लगाते हैं तब. वो बोली, उनके हाथ लगाने से ज़्यादा गुदगुदी नहीं होती, हां सारे बदन में आग ज़रूर लग जाती है. मैने भाभी की चूत पर साबुन लगता रहा तो वो फिर से जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. उन्होने मेरे हाथ से साबुन ले लिया और बोली, अब मैं तुम्हारे लंड पर साबुन लगा देती हूँ. उन्होने मेरे लंड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया.

कहानी जारी है….

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