देवरजी तुम्हारा लंड तो बहुत शानदार है – 3

मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने कहा, मैं तुम्हारी चूत पर थोड़ी देर तक अपने लंड को रगड़ना चाहता हूँ. वो बोली, तो रगड़ लो. मैने उन्हें डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गया तो मैने कहा, अगर तुम कहो तो मैं अपना लंड थोड़ा सा तुम्हारी चूत के अंदर डाल दूं. वो भी बहुत जोश में थी. वो बोली, डाल दो ना. क्यों तडपा रहे हो. मेरे लंड पर और उनकी चूत पर ढेर सारा साबुन लगा हुआ था. मैने उनकी चूत में अपना लंड धीरे धीरे दबाना शुरू किया तो साबुन लगा होने की वजह से मेरा लंड स्लिप करते हुए उनकी चूत में घुसने लगा. जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के अंदर 3″ तक ही घुसा

तो वो तड़पने लगी और बोली, अब रुक जाओ. बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुक गया तो थोड़ी ही देर बाद वो बोली, थोड़ा सा और अंदर डाल दो और धीरे धीरे धक्के लगाओ. मैने अपना लंड भाभी की चूत के अंदर और दबाने लगा या जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के अंदर 4″ तक घुस तो वो बोली, अब रहने दो और धक्के लगाओ. वो बहुत जोश में थी. मैने धक्के लगाने शुरू कर दिए तो वो ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भरने लगी. थोड़ी देर बाद ही भाभी को खूब मज़ा आने लगा तो बोली थोड़ा और तेज धक्के लगाओ. मैने और तेज धक्के लगते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनट में ही वो झाड़ गयी और बोली, शंकरू खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर चोदो मुझे.

मैने कहा, अगर मैं और तेज धक्के लगा कर तुम्हें चोदुन्गा तो मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस जाएगा. वो बोली, मुझे इसकी परवाह नहीं है. मुझे तो बस केवल मज़ा चाहिए. मैने कहा, ठीक है. मैने बहुत ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए भाभी की चुदाई शुरू कर दी. हर धक्के के साथ मेरा लंड उनकी चूत के अंदर और ज़्यादा घुसने लगा. वो केवल आअहह ऊओ करते हुए मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेती रही. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में घुस गया | पूरा लंड घुसा देने के बाद मैने बहुत ही तेज़ी के साथ ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ लेते हुए एक दम मस्त हो कर चुदवा रही थी और मैं भी उन्हें पूरे जोश के साथ चोद रहा था. मैने भाभी को लगभग 25-30 मीं तक चोदा और फिर झाड़ गया. भाभी भी इस चुदाई के दौरान 3 बार झाड़ चुकी थी. उसके बाद हम दोनो ने नाहया. भाभी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी.

मैं उन्हें सहारा दे कर बेडरूम में ले आया. वो बोली, तुमने मेरी बहुत ही अच्छि तरह से चुदाई की है. मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है और अब मैं खाना बनाने के काबिल नहीं हूँ. तुम होटेल से खाना ले आओ. मैं होटेल से खाना लेने चला गया. मैं खाना ले कर होटेल से आया तो हम दोनो ने खाना खाया. उसके बाद 1 घंटे तक आराम किया. शाम के 4 बजने वाले थे. भाभी ने कहा, अब एक बार और मेरी चुदाई कर दो. मैने कहा, पहले मेरा लंड तो चूस कर खड़ा करो. वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उनकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी ही देर में मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने भाभी को डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसके बाद मैने भाभी की चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा बीच में रख दिया. फिर मैने भाभी की कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त के साथ एक जोरदार धक्का मारा.

इस धक्के के साथ ही जैसे बेडरूम में भूचाल आ गया हो. भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाई. उनकी टाँगें थर थर काँपने लगी और उनकी चूत से थोड़ा खून भी निकल आया. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ उनकी चूत में 5″ तक घुस गया. वो बोली, बहुत दर्द हो रहा है. जब तक मैं ना कहूँ तुम अपना लंड और ज़्यादा अंदर मत घुसाना. मैने कहा, ठीक है, मेरी रानी. उसके बाद मैने बिना रुके ही भाभी की चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद वो धीरे धीरे शांत हो गयी. वो बोली, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है. तुम खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो. मैने बहुत तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनट चुदवाने के बाद वो झाड़ गयी. झाड़ जाने के बाद भाभी को और ज़्यादा मज़ा आने लगा. वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी. मैं भी जोश से पागल सा हुआ जा रहा था.

भाभी ने कहा, थोड़ा और तेज चोदो. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी के साथ चोदने लगा. 5 मीं तक चुदवाने के बाद वो बोली, अभी कितना लंड अंदर घुसना बाकी है. मैने कहा, अभी 2″ और बाकी है. वो बोली, अब तुम पूरी ताक़त के साथ खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई करो. उन्होने अभी तक भैया से बड़ी मुश्किल 10-15 बार ही चुडवाया होगा. उनकी चूत मेरे लंबे और मोटे लंड के लिए किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी. मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद वो बोली, तुमने बहुत ही अच्छि तरह से मेरी चुदाई करके मेरी चूत में आग सी भर दी है. अब तुम मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो और मेरी चूत की आग को अपने लंड के जूस से ठंडा कर दो. अगर तुमने मेरी चुदाई करने में ज़रा भी ढील की तो मैं तुमसे फिर कभी नहीं चुदवाउंगी. मैने कहा, ठीक है.

मैने भाभी की कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोरदार धक्के लगाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. बेडरूम में फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी. मैं बहुत तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई कर रहा था. वो बोली, जीयो मेरे शंकरा, और तेज़ी के साथ चोदो अपनी भाभी को. अगर तुम इसी तरह धीरे धीरे मुझे चोदोगे तो मेरी चूत की आग कैसे बुझेगी. और तेज़ी के साथ चोदो मुझे, खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. मैने अपनी पूरी ताक़त लगाते हुए बहुत की बहुत तेज़ी के साथ चुदाई शुरू कर दी. 10 मिनट तक चुदवाने के बाद भाभी दूसरी बार झाड़ गयी और बोली, अभी मेरी चूत की आग केवल थोड़ी सी ही बुझ पाई है. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो. फाड़ दो आज मेरी चूत को. मैं पूरे जोश और ताक़त के साथ भाभी को चोद्ता रहा. वो भी जोश से पागल सी हुई जा रही थी. भाभी अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुए मेरा साथ दे रही थी. मेरा बाकी का लंड भी धीरे धीरे भाभी की चूत में घुस गया लेकिन वो इतनी ज़्यादा जोश में थी कि उन्हें पता ही नहीं चला.

10 मिनट तक और चुदवाने के बाद वो तीसरी बार झाड़ गयी लेकिन मैं रुका नहीं. मैं भाभी को बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था और वो एक दम मस्त हो कर चुदवा रही थी. 5 मिनट तक और चोदने मैं भी झाड़ गया. लंड का सारा जूस भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला और हट गया | भाभी ने कहा, आज तुमने मेरी बहुत ही अच्छि तरह से चुदाई की है और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है. अब मैं तुमसे खूब चुदवाउंगी. अगर तुम आज मुझे ठीक से नहीं चोद पाते तो मैं तुमसे फिर कभी नहीं चुदवाती. अगली बार जब मैं तुम्हारा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लूँगी तब मुझे और ज़्यादा मज़ा आएगा. मैने कहा, जब तुमने और तेज और तेज कहा तो मैने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी. उस स्पीड से चुदवाने में ही धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस गया था. तुम बहुत ज़्यादा जोश में थी इस लिए तुम्हें पता ही नहीं चला.

तुम तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर ले चुकी हो. वो बहुत खुश हो गयी. भाभी की चूत एक दम सूज चुकी थी. रात के 7 बजे मैने भाभी को फिर से चोदा. 30-35 मिनट तक चोदने के बाद मैं झाड़ गया तो वो बोली, काश तुम मुझे और देर तक चोद्ते. मैने कहा, मैं अकेला एक बार में 30-35मिनट से ज़यादा नहीं चोद सकता. अगर तुम कहो तो मैं अपने दोस्त गिरीश को बुला लूँ. वो बोली, तुम पागल हो गये हो क्या. इतना अच्छा लंड अपनी चूत के अंदर लेने के बाद मैं भला किसी छ्होटे लंड से क्यों चुदवा कर अपना टेस्ट खराब करूँ. मैने कहा, उसका लंड बहुत ही अच्च्छा है तुम्हें पसंद आएगा. भाभी ने कहा, तुम उसी गिरीश की बात कर रहे हो जो एक दम गोरा चितता और गातीले बदन का था. मेरी शादी में हमेशा तुम्हारे साथ साथ ही था और मुझसे बहुत मज़ाक कर रहा था. मैने कहा, हां, वही.

वो बोली, अगर उस ने किसी से कुच्छ कह दिया तो. मैने कहा, वो किसी से कुच्छ भी नहीं कहेगा. भाभी ने पूछा, वो कहाँ रहता है. मैने कहा, बस थोड़ी ही दूर पर उसका घर है. मैं होटेल से खाना लाते समय उसे बुला लाउन्गा. थोड़ी देर सोचने के बाद वो बोली, ठीक है, बुला लाना. मैं होटेल खाना लेने जाने लगा. होटेल से वापस आते समय में गिरीश को बुला लाया. घर पहुचने के बाद मैने बहुत धीरे से दरवाज़ा खोला जिस से भाभी को पता ना चले. ड्रॉयिंग रूम में मैने गिरीश से एक दम नंगा हो कर बैठ जाने को कहा. वो एक दम नंगा हो गया. मैं भाभी के बेडरूम में गया. जब उन्होने मेरे साथ गिरीश को नहीं देखा तो बोली, गिरीश को साथ नहीं लाए क्या. मैने कहा, नहीं. वो बहुत ही ज़्यादा उदास हो गयी और बोली, मैं बड़ी बेसब्री से गिरीश का इंतेज़ार कर रही थी. मैने सोचा था कि जब तुम जे को साथ ले कर आओगे तो मैं पूरी रात तुमसे और गिरीश से खूब चुदवाउंगी और मुझे जी भर कर चुदवाने का मौका मिलेगा. तुमने तो मुझे एक दम निराश कर दिया. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती. मैं भाभी के पास बैठ गया. उनकी आँखों में आँसू आ गये तो मैने कहा, मैं तो मज़ाक कर रहा था और तुम रोने लगी. वो बोली, कहाँ है जय. मैने कहा, बाहर ड्रवेयिंग रूम में बैठा है. भाभी ने कहा, उसे जल्दी से अंदर बुला लो. मैं उसका लंड देखना चाहती हूँ. मैने जैसे ही गिरीश को बुलाया तो भाभी ने चादर ओढ़ ली. गिरीश बेडरूम में आ गया. गिरीश का लंड मेरे लंड के जितना ही मोटा था लेकिन उसका लंड मेरे लंड से 2″ ज़्यादा लंबा था. जैसे ही भाभी ने जे का 9″ लंबा लंड देखा तो वो खुशी से झूम उठी.

भाभी ने मेरे गालों को चूम लिया और बोली, जीयो मेरे शंकरा, तुम तो मेरे लिए बहुत ही अच्च्ची चीज़ ढूँढ कर लाए हो. अब तो पूरी रात खूब मज़ा आएगा. भाभी ने जोश के मारे अपने उपर से चादर हटा दी और गिरीश को अपने पास बुलाया. गिरीश भाभी के पास आ कर बैठ गया. गिरीश का लंड तो पहले से ही खड़ा था. भाभी ने गिरीश का लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. जैसे ही भाभी ने गिरीश का लंड अपने मूह के अंदर लिया तो जे बोला, आप को मेरा लंड अपनी चूत के अंदर लेने में ज़्यादा तकलीफ़ नहीं होगी. भाभी ने पूछा, क्यों. गिरीश ने कहा, औरत की चूत के साइज़ का अंदाज़ उसके मूह से हो जाता है. औरत का मूह जितना बड़ा होता है उसकी चूत का मूह भी उतना ही बड़ा होता है. भाभी ने कहा, ऐसी बात है. गिरीश ने कहा, हां, ऐसा ही होता है.

भाभी ने मुझसे कहा, तुमने निशा को तो देखा ही है. उसका मूह तो बहुत ही छोटा है. मैने कहा, हां उसका मूह तो बहुत ही छोटा है. गिरीश ने कहा, अगर वो हम दोनो से चुदवाने के लिए तय्यार हो जाए तो मज़ा आ जाएगा. वो शंकरू का और मेरा लंड अपनी चूत के अंदर आसानी से नहीं ले पाएगी. उसे बहुत ज़्यादा तकलीफ़ होगी. हो सकता है कि निशा की चूत हम दोनो से चुदवाने में कुच्छ ज़यादा कट फॅट जाए | भाभी ने कहा, निशा भी बहुत सेक्सी है. एक दिन वो मुझसे कह रही थी कि उसे अपने पति से चुदवाने में ज़्यादा मज़ा नहीं आता. वो शंकरू से चुदवाना चाहती है. मैने कहा, नेकी और पूच्छ पूच्छ. उसे भी बुला लो. भाभी ने कहा, ठीक है, मैं कल उसे बुला लूँगी. रात के 9 बज रहे थे. भाभी अभी गिरीश का लंड चूस ही रही थी कि कल्लबेल्ल बजी. हम सब घबडा गये कि इस समय कौन आ गया….

कहानी जारी है….

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