देवरजी तुम्हारा लंड तो बहुत शानदार है – 4

मैने जल्दी से चड्धि पहनी और अपने कंधे पर एक टवल रख लिया. मैने दरवाज़ा खोला तो दरवाज़े पर निशा थी. वो बोली, शंकरा जी, तुम इस समय इस ड्रेस में क्या कर रहे थे. वो भी भाभी की तरह मुझसे बहुत मज़ाक करती थी. मैने कहा, तुम तो जानती हो कि भैया 2 महीने के लिए बाहर चले गये हैं. भाभी की चूत में बहुत खुजली हो रही थी. मैं भाभी की चुदाई कर के उनकी चूत की खुजली मिटा रहा था. निशा बोली, रश्मि ने तुम्हें नहीं बताया कि मुझे भी तुमसे चुदवा कर अपनी चूत की खुजली मिटानी है. प्रवीण भी अभी थोड़ी देर पहले ही 10 दिनो के लिए बाहर चले गये. मैं तो तुमसे चुदवा कर अपनी चूत की खुजली ही मिटाने आई थी. अब मेरा क्या होगा.

मैने कहा, तुमने अभी तक मेरा लंड नहीं देखा है. देख लोगि तो मुझसे चुदवाने का इरादा छ्चोड़ डोगी. निशा ने मेरी चड्धि को नीचे करते हुए कहा, ज़रा देखूं तो तुम्हारा लंड. जैसे ही उसने मेरा लंड देख तो बोली, हाए दैया. तुम्हारा लंड तो वाकाई बहुत ही लंबा और मोटा है. मैने कहा, अब क्या इरादा है. वो बोली, इसे देख कर तो मेरी चूत की खुजली और ज़्यादा बढ़ गयी है. अब तो मैं तुम्हारे लंड से अपनी चूत की खुजली ज़रूर मिटाउंगी. मैने कहा, ठीक है अंदर आ जाओ. मैं तुम्हारी चूत की खुजली मिटा देता हूँ. मैने ड्रॉयिंग रूम में ही निशा के कपड़े उतार दिए और उसे एक दम नगा कर दिया. उसे ज़रा भी शरम नहीं आई.

उसके बाद मैं निशा को लेकर भाभी के बेडरूम में गया. बेडरूम में पहुचते ही जैसे उसने गिरीश को देखा तो वो अपना बदन च्छुपाने के लिए मेरे पीछे खड़ी हो गयी और बोली, ये कौन है. भाभी ने कहा, ये गिरीश है, शंकरू का दोस्त. शरमाओ मत, आ जाओ. पहले तो शंकरू ने मेरी चूत की खुजली थोडा सा मिताई थी. अब ये दोनो मिल कर मेरी चूत की खुजली मिटाने जा रहे थे कि तुम आ गयी. गिरीश ने निशा के मूह का साइज़ देखा तो बहुत खुश हो गया और भाभी से बोला, निशा को तो हम दोनो का लंड अपनी चूत के अंदर लेने में बहुत ही मज़ा आएगा. निशा बोली, ज़रा मैं भी तो देखूं तुम्हारा लंड. गिरीश ने अपना लंड निशा की तरफ कर दिया. निशा ने जब गिरीश का लंड देखा तो बोली, ये तो शंकरू के लंड से भी ज़्यादा लंबा है. मैं तो केवल शंकरू से ही चुदवाउंगी.

भाभी ने कहा, गिरीश क्या बैठ कर तुम्हारी चुदाई का तमाशा देखेगा. अब तुम यहाँ पर आ ही गयी हो तो गिरीश और शंकरू दोनो ही तुम्हारी चुदाई करेंगे. निशा बोली, ठीक है. पहले मैं शंकरू का लंड अपनी चूत के अंदर लूँगी उसके बाद गिरीश का लंड भी मैं किसी ना किसी तरह अपनी चूत के अंदर ले ही लूँगी. पहले तुम दोनो से चुदवा लो उसके बाद मैं चुदवा लूँगी. भाभी बोली, शंकरू अभी थोड़ी देर पहले मुझे चोद चुका है. मैं अब गिरीश से चुदवाने जा रही हूँ. अगर तुम चाहो तो तब तक शंकरू से चुदवा लो. वो बोली, ठीक है, मैं शंकरू से चुदवा लेती हूँ तब तक तुम गिरीश से चुदवा लो. भाभी ने कहा, ठीक है. गिरीश ने भाभी को लिटा दिया और उनकी टाँगों के बीच आ गया. उसने भाभी के पैरों को मोड़ कर उनके कंधे के पास दबा दिया और अपने लंड का सूपड़ा भाभी की चूत पर रख दिया.

उसके बाद जैसे हो उसने एक धक्का लगाया तो भाभी के मूह से हल्की सी चीख निकल पड़ी. गिरीश का लंड भाभी की चूत में 3″ तक घुस गया. उसने भाभी को चोदना शुरू कर दिया. गिरीश बहुत ही तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई कर रहा था. भाभी के मूह से आअहह ऊओ की आवाज़ निकलती रही और गिरीश का लंड धीरे धीरे भाभी की चूत में घुसने लगा. थोड़ी ही देर में जब गिरीश का लंड 7″ तक भाभी की चूत में घुस चुका तो भाभी को तकलीफ़ होने लगी. जे ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई करने लगा. थोड़ी ही देर में गिरीश का पूरा का पूरा 9″ का लंड भाभी की चूत के अंदर घुस गया.

भाभी चीखती रही और गिरीश बहुत तेज़ी के साथ भाभी को चोद्ता रहा. थोड़ी देर में ही भाभी शांत हो गयी और उन्हें मज़ा आने लगा. 5 मिनट बाद ही वो झाड़ गयी. गिरीश उन्हें बहुत ही तेज़ी के साथ चोदता रहा. एक बार झाड़ जाने के बाद भाभी की चूत में गिरीश का लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा तो भाभी ने चूतड़ उठा उठा कर गिरीश से चुदवाना शुरू कर दिया | 10 मिनट बाद ही वो फिर से झाड़ गयी. गिरीश ने भाभी को लगभग 35 तक चोदा और झाड़ गया. भाभी ने भी एक दम मस्त हो कर गिरीश से चुदवाया और पूरी चुदाई के दौरान 3 बार झाड़ चुकी थी. निशा मेरे लंड को चूस रही थी. जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने निशा को डॉगी स्टाइल में कर दिया. मैने उसकी चूत की लिप्स को फैला कर अपना लंड बीच में रख दिया.

मेरे लंड का सूपड़ा ही निशा की चूत के लिप्स के बीच बहुत ज़्यादा टाइट था. मैने निशा की कमर को पकड़ कर एक बहुत जोरदार धक्का मारा तो निशा दर्द से तड़प उठी और उसकी टाँगें थर थर काँपने लगी. उसकी चीखों से पूरा रूम गूँज उठा. उसकी चूत से खून आ गया. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी, रश्मिआ… मुझे…. बचा…. लो…. निशा की चूत हद से ज़्यादा टाइट थी. इस जोरदार धक्के के बाद उसकी चूत में केवल मेरे लंड का सूपड़ा ही घुस पाया. लग रहा था कि जैसे मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत में फस गया हो. मैने पूरी ताक़त लगाते हुए फिर से बहुत ही जोरदार धक्का मारा तो वो आगे की तरफ खिसक गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगी. उसकी चूत के अंदर मेरा लंड केवल 1 1/2″ ही घुस पाया. वो चीखती रही. मैं अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत के अंदर बाहर करता रहा. धीरे धीरे उसकी चीखे कुच्छ कम हो गयी तो मैने फिर से बहुत ही जोरदार धक्का लगा दिया. वो फिर बहुत ज़ोर से चिल्लाई और मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ 3″ तक घुस गया. अब मैं ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए निशा की चुदाई करने लगा. उसकी चीखें रूम में गूँजती रही. भाभी उसके सिर को सहलाने लगी और गिरीश उसकी चुचियों को मसल्ने लगा. थोड़ी देर की चुदाई के बाद वो कुच्छ शांत हो गयी लेकिन मैने अपना लंड उसकी चूत में और ज़्यादा घुसाने की कोशिश नहीं की और तेज़ी के साथ उसे चोदता रहा.

5 मिनट चुदवाने के बाद निशा झाड़ गयी. अब उसकी चूत गीली हो चुकी थी. मैने फिर से एक बहुत जोरदार धक्का लगा दिया. पूरे रूम में उसकी बहुत ही जोरदार चीख गूँज उठी और मेरा लंड निशा की चूत को चीरता हुआ 4″ तक घुस गया. निशा की चूत से फिर खून निकलने लगा लेकिन मैं रुका नहीं. मैने बहुत ही तेज़ी के साथ निशा को चोदना शुरू कर दिया. उधर भाभी निशा की चुदाई के लिए गिरीश के लंड को चूस कर फिर से तय्यार करने लगी. 5 मिनट की चुदाई के बाद निशा धीरे धीरे शांत हो गयी और फिर 2 मिनट तक और चुदवाने के बाद झाड़ गयी. अब उसकी चूत बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी. लोहार जैसे लोहे को खूब गरम करने के बाद उस पर हथोदे से बहुत ज़ोर ज़ोर से वॉर करता है ठीक उसी तरह मैं भी उसकी एक दम गरम हो चुकी चूत पर वॉर पर वॉर करने लगा. सारा रूम उसकी चीखों से गूंजने लगा. वो पसीने से एक दम लठ पथ हो गयी थी और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. 8-10 बहुत ही जोरदार धक्कों के बाद आख़िर मैने अपना पूरा का पूरा लंड निशा की चूत में घुसा ही दिया.

पूरा लंड उसकी चूत में घुसा देने के बाद मैने उसकी चुदाई शुरू कर दी. 10 मिनट तक तो वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखती रही उसके बाद थोड़ा शांत हो गयी लेकिन उसकी चीखें अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुई थी. थोड़ी देर तक और चुदवाने के बाद वो झाड़ गयी. अब उसे थोड़ा थोड़ा मज़ा आने लगा था. वो अपना चूतड़ धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी. 5 मिनट तक और चोदने के बाद मैं भी उसकी चूत में ही झाड़ गया. गिरीश का लंड एक दम टाइट हो चुका था. जैसे ही मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो गिरीश ने एक झटके से अपना लंड उसकी चूत में घुसेड दिया. निशा ने गिरीश का लंड 7″ तक तो बड़ी आसानी से उसने अपनी चूत के अंदर ले लिया. लेकिन जब जे ने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किए तो वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. जे रुका नहीं, उसने बहुत ज़ोर ज़ोर के 8-10 धक्के लगाए और अपना 9″ का लंड पूरा का पूरा निशा की चूत में घुसेड कर ही दम लिया. निशा की चीखें रूम में गूंजने लगी और गिरीश निशा को बहुत ही तेज़ी के साथ चोदने लगा. 10 मिनट तक चुदवाने के बाद निशा एक दम शांत हो गयी और उसे पूरा मज़ा आने लगा.

वो अब पूरी मस्ती के साथ गिरीश से चुदवा रही थी. गिरीश भी एक दम मस्त हो कर निशा की चुदाई कर रहा था. निशा को चोद्ते हुए जब गिरीश को 30-35 मिनट हो चुके तो भाभी ने मेरे लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया और बोली, गिरीश के हटने के बाद तुम फिर से शुरू हो जाना जिस से निशा को पहली पहली बार में ही चुदवाने का पूरा मज़ा मिल जाए और उसकी चूत का मूह पूरी तरह से खुल जाए. जब निशा की चूत का मूह जब पूरी तरह से खुल जाएगा तो वो तुम दोनो से चुदवाने में फिर कभी नहीं चिल्लाएगी और उसे चुदवाने में खूब मज़ा आएगा. मैने कहा, ठीक है. मैं ऐसा ही करूँगा | थोड़ी देर बाद मेरा लंड एक दम टाइट हो गया. मैं गिरीश के हटने का इंतेज़ार करने लगा. गिरीश को निशा की चुदाई करते हुए जब 45-50 मिनट हो गये तो गिरीश झाड़ गया. निशा भी गिरीश से चुदवाने में 3 बार झाड़ चुकी थी. गिरीश के हटने के बाद मैने अपना लंड निशा की चूत में एक झटके से घुसेड दिया. इस बार उसके मूह से कोई आवाज़ नहीं निकली. मैने एक दम आँधी की तरह निशा की चुदाई शुरू कर दी. निशा पूरी तरह से एक दम मस्त हो चुकी थी और अपना चूतड़ तेज़ी से आगे पीच्चे करते हुए चुदवा रही थी.

मैने पूरे जोश के साथ निशा को लगभग 45 मिनट तक चोदा और फिर उसकी चूत में ही झाड़ गया. उसने भी पूरी मस्ती के साथ चुडवाया और इस बार की चुदाई के दौरान भी 2 बार से झाड़ गयी थी. जब मैने अपना लंड निशा की चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत का मूह एक दम चौड़ा हो चुका था. भाभी ने निशा से पूछा, कैसी लगी चुदाई. निशा बोली, पहले तो थोड़ी देर तक बहुत तकलीफ़ हुई लेकिन बाद में इतना मज़ा आया की मैं बता नहीं सकती. आज ज़िंदगी में मुझे पहली बार महसूस हुआ कि असली चुदाई क्या होती है. लगभग 2 घंटे बाद मैने और गिरीश ने भाभी की चुदाई शुरू कर दी और हम दोनो ने भाभी को लगभग 1 1/2 घंटे तक चोदा. भाभी ने भी एक दम मस्त हो कर चुदवाया. दोस्तो जब तक भैया और प्रवीण नही आए मैने और गिरीश ने निशा और भाभी की खूब चुदाइ की दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना |

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