मेरी उमर ३७ साल की है. मेरा बदन एकदम गथीला है और मेरी लंबाई ५′ ७″ है. मेरा कॉक ८″ लंबा काफ़ी मोटा है. ये उस समय की बात है जब मैं अपने भैया के ससुराल गया था. मैं उस समय २१ साल का था. मेरे भैया की दो सालियाँ थी, किरन और सुमन. किरन १९ साल की और सुमन १८ साल की थी. मैं पहले भी कई बार भैया के ससुराल जा चुका था.
सुमन बहुत ही चंचल थी लेकिन किरन उस से भी बढ़ कर चंचल थी. वो मुझसे बहुत मज़ाक करती थी. किरन ने काई बार मज़ाक मज़ाक में मेरे गालों को काट भी लिया था. एक दिन उन दोनो ने कहा कि जीजू चलो आज पिक्चर देखने चलते हैं. मैं कहा ठीक है. पिक्चर हाल वहाँ से बहुत दूर था. हमे मतनी शो देखना था. इसलिए हम तीनो पिक्चर देखने के लिए 2 बजे पर ही घर से निकल गये.
मैने एक ऑटो लिया. हम ऑटो में बैठे तो किरन और सुमन बहुत मुस्कुरा रही थी. मैने पूछा की क्या बात है तुम दोनो बहुत मुस्कुरा रही हो. किरन बोली, “कुच्छ नहीं. ऐसे ही.” मैने कहा, “ज़रूर कोई बात है.” किरन बोली, “अभी थोड़ी देर में मालूम हो जाएगा.” मुश्किल से 1 किमी. जाने के बाद किरन ने एक घर के सामने ऑटो को रोक दिया और बोली मेरी एक सहेली स्वेता यहाँ रहती है.
वो भी पिक्चर देखने जाना चाहती है. आओ अंदर चल कर उसे भी साथ ले लेते हैं. मैने ऑटो वेल को पैसा दिया और सुमन और किरन के साथ स्वेता के घर पर चला गया. सहलू ने किरन को देखा तो मुस्कुराते हुए बोली, “ले आई तुम जीजू को.”
किरन ने कहा हां मैं ले आई हूँ. किरन और सुमन श्लालू के पास सोफे पर बैठ गयी. किरन और स्वेता ने गॅप-शॅप शुरू कर दी. स्वेता की उमर भी लगभग १८ साल की थी. वो किरन की सहेली थी. 15 मिनिट गुजर गये तो मैने किरन से कहा कि पिक्चर नहीं जाना है क्या. बहुत देर हो रही है. वो बोली, “जीजू, असली शो तो यहाँ होगा. पिक्चर तो एक बहाना था. असल में तो हम तीनो को तो आपसे चुदवाना था.” मैं सकते में आ गया लेकिन अंदर ही अंदर बहुत खुश था. आज मुझे एक ही दिन में 3 चुतो को चोदने का मौका मिलने वाला था. उन तीनो ने ब्लाउस और मिनी स्कर्ट पहन रखा था. चुदाई के बारे में सोच कर मेरा लंड पॅंट के अंदर ही खड़ा हो गया.
मैने उसे दबाना चाहा तो स्वेता बोली, “जीजू, पॅंट के अंदर क्या छुपा रहे हैं. ज़रा देखूं तो.” वो मेरे पास आई और मेरे पॅंट की चैन खोलने लगी. मैने अंदर आज चड्धि नहीं पहनी थी. चैन खोलने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और बोली, “आपका तो बहुत बड़ा है. आज तो खूब मज़ा आएगा.” मेरा पूरा लंड अभी बाहर नहीं निकला था. मैने कहा, “अगर तुम तीनो को मुझसे चुदवाना है तो पहले तुम तीनो अपने कपड़े उतार दो और एक दम नंगी हो जाओ.” वो तीनो बहुत ही जोश में थी.
किरन बोली, “हम सभी अपने कपड़े अभी उतार देते हैं.” वो तीनो अपने कपड़े उतारने लगी और 2 मिनिट में ही मेरे सामने एक दम नंगी हो गयी. नंगी होने के बाद वो तीनो किसी मॉडेल की तरह अलग अलग स्टाइल में अपने बदन को मुझे दिखाने लगी. मेरा लंड एक दम तन गया. उन तीनो की चूत एक दम गुलाबी थी और उस पर एक भी बॉल नहीं थे. उन सब ने पूरी तैयारी कर रखी थी. मैं उन तीनो को चोदने के सपने देखने लगा. किरन बोली, “जीजू, अब तुम भी अपने कपड़े उतारो और अपने पूरे लंड के दर्शन कराओ.”
मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और एक दम नंगा हो गया | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था. मेरे लंड को देख कर किरन बोली, “जीजू, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है.” उसके बाद किरन ने मुझे बेड के किनारे पर बिठा दिया और मेरी गोद में बैठ गयी और अपनी चूत से मेरे लंड को अपनी चूत से दबाते हुए मेरे होठों को चूमने लगी. स्वेता भी मेरे लेफ्ट साइड में आ कर बैठ गयी और मेरे गालों को ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी. स्वेता अपनी चुचियाँ मेरे बदन पर रगड़ने लगी.
उसके दोनो निपल एक दम टाइट हो गये थे. सुमन आकर मेरे राइट साइड में बैठ गयी और मेरा लंड सहलाने लगी. मेरा लंड तन कर एक दम लोहे की तरह हो गया. स्वेता ने मेरा हाथ अपनी चुचियों पर रख दिया और मैं उसकी निपल्स को मसल्ने लगा. सुमन अभी भी मेरा लंड सहला रही थी. मैने एक हाथ से बारी बारी से उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. किरन बहुत ही ज़्यादा जोश में आ गयी थी. उसने मेरी उंगली पकड़ कर अपनी चूत में डाल दी तो मैने अपनी उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर करनी शुरू कर दी.
किरन मुझे बहुत ज़ोर ज़ोर से चूमने लगी. वो एक दम जोश से पागल हो रही थी. उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे लंड को चूसने लगी. स्वेता और सुमन एक दूसरे को चूमने लगी और एक दूसरे की चूत को सहलाने लगी. वो दोनो एक दूसरे की चुचियों को भी चूसने लगी. वो दोनो भी एक दम जोश में आ गयी थी. किरन मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गयी और मेरे लंड को बहुत तेज़ी के साथ चूसने लगी. मैने अपनी एक उंगली किरन के चूत में डाल दी. उसकी चूत एक दम गीली हो गयी थी और मेरी उंगली एक दम भीग गयी. मैने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाल कर उसकी गांद में डाल दी तो उसे थोडा दर्द हुआ.
उसने मुझसे अपनी उंगली गांद से निकाल कर चूत में डालने को कहा. मैने सुमन से किरन की चूची को चूसने को कहा जिस से उसे दर्द का एहसास ना हो. सुमन ने किरन की चूची को चूसना शुरू कर दिया और किरन शांत हो गयी. स्वेता भी किरन के पास आ गयी और उसकी चूचियों को मसल्ने लगी. किरन की चूत एक दम गीली हो गयी थी. मैने सबसे पहले किरन को चोदने का मन बनाया. मैने किरन को बेड पर लिटा दिया और उसके टाँगों के बीच आ गया. मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वो और जोश में आ गयी और बोली, “जीजू, अब बर्दास्त नहीं हो रहा है. जल्दी डालो अपना लंड मेरी चूत में. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे.” मैने उसके चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिए तो उसकी चूत एक दम उपर उठ गयी. मैने अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बीच रख कर अंदर दबाया तो उसकी आँखों में आँसू आ गये तो मैं रुक गया. उसकी चूत बहुत टाइट थी. मैने सुमन और स्वेता से किरन की चूची को चूसने और मसल्ने के लिए कहा. सुमन और स्वेता ने उसकी चूची को चूसना और मसलना शुरू कर दिया. किरन और ज़्यादा जोश में आ गयी और बोली, “जीजू, अपना पूरा लंड घुसा दो मेरी चूत में. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे |
आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | तुम रुकना मत और मेरे चिल्लाने की कोई परवाह मत करना.” मैने अपना लंड किरन की चूत में घुसाना शुरू कर दिया. थोडा ज़ोर लगाने के बाद मेरा आधा लंड किरन की चूत में घुस गया. किरन मुझे रोकने लगी लेकिन मैं रुका नहीं और एक जोरदार झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वो रोने और चिल्लाने लगी तो सुमन और स्वेता ने उसकी चूचियों को और ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया. वो थोड़ा शांत हुई तो मैने धीरे धीरे धक्का लगाना शर कर दिया. थोड़ी ही देर की चुदाई के बाद वो अपना दर्द एक दम भूल गयी और अपना चूतड़ उठाने लगी. उसको चूतड़ उठता देखकर मैने उसको तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. वो बोली, “जीजू, ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. फाड़ दो मेरी चूत को आज. खूब तेज़ी के साथ चोदो मुझे. आह…… तुमने आज के पहले मुझे क्यों नहीं चोदा.” मैने कहा, “तुमने कभी मौका ही नहीं दिया. आज मौका मिला है तो मैं तुम तीनो को खूब चोदुन्गा.” मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. वो अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देते हुए चुदवा रही थी. 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया और अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया.
किरन भी इस बीच 2 बार झाड़ चुकी थी. किरन उठी और उसने मेरा लंड देखा. मेरे लंड पर कुच्छ खून भी लग गया था. वो मुझे बाथरूम ले गयी और मेरे लंड को साबुन लगा कर सॉफ किया और उसके बाद वो अपनी चूत को सॉफ करने लगी. थोड़ी देर में हम दोनो बाथरूम से वापस आ गये. सुमन और स्वेता एक दूसरे की चूत को चाटने में मस्त थी. मुझे देखते ही उन दोनो ने मुझे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया. वो दोनो बहुत ही जोश में थी और उन दोनो ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.स्वेता ने मुझसे कहा, “जीजू, अब आप मुझे चोदो.” सुमन बोली, “पहले मैं चुदवाउंगी.” सहलू बोली, “ठीक है. पहले तुम ही चुदवा लो.” किरन ने सुमन से मेरे उपर 69 की पोज़िशन में होने को कहा. सुमन मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गयी और मेरे लंड को सहलाने लगी. उसकी चूत एक दम मेरे मूह के पास थी.
किरन ने सुमन से मेरा लंड चूसने को कहा तो सुमन ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया. सुमन ने अपने मूह से मेरा लंड बाहर निकाला तो किरन मेरे लंड को चूसने लगी. दोनो बारी बारी से से मेरा लंड चूसने लगी. स्वेता बैठ कर एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चुचियों को मसल रही थी. मैं सुमन की चूत को चाटने लगा. किरन और सुमन मेरा लंड चूस रही थी. मैं भी पहली बार एक साथ दो लड़कियों से अपना लंड चुसवाने का मज़ा ले रहा था. मैने अपनी एक उंगली सुमन की चूत में डालने की कोशिश की. उसकी चूत बहुत ही टाइट थी. मेरी उंगली उसकी चूत में केवल 1″ ही घुस पाई. मैं समझ गया कि सुमन को चोदने में मुझे ज़यादा मेहनत करनी पड़ेगी. मैने अपनी उंगली उसकी चूत से निकाल ली और अपने मूह में डाल कर एक दम गीला कर दिया.
उसके बाद मैं अपनी उंगली उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | सुमन मेरा लंड चूस्ते हुए अपने चूतड़ को आगे पीछे कर रही थी. वो भी मेरी उंगली को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी. मैने अपनी उंगली पर थोड़ा सा ज़ोर दिया तो मेरी आधी उंगली उसकी चूत में घुस गयी. सुमन को दर्द हुआ तो वो चिल्लाने लगी. मैने अपनी आधी उंगली उसकी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करनी शुरू कर दी तो वो जोश में आ गयी और शांत हो गयी. वो जैसे ही शांत हुई तो मैने अचानक अप्नी पूरी उंगली उसकी चूत में घुसा दी. वो ज़ोर से चीख उठी तो मैं रुक गया. थोड़ी देर बाद जब वो कुच्छ शांत हुई तो मैने अपनी उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर करनी शुरू कर दी. वो और ज़्यादा जोश में आ गयी. वो सिसकारियाँ भरते कुए मेरे लंड को तेज़ी के साथ चूसने लगी. सुमन की चूत एक दम गीली हो चुकी थी और वो चुदवाने के लिए तय्यार हो गयी. किरन ने सुमन से कहा,
“अब तू अपनी चूत के अंदर जीजू का लंबा और मोटा लंड लेने के लिए तय्यार हो जा. थोड़ा दर्द होगा, बर्दास्त कर लेना. ज़्यादा चिल्लाना मत.” सुमन बोली, “ठीक है. जीजू, ज़रा धीरे धीरे डालना, प्ल्ज़.” सुमन की चूत बहुत ज़यादा टाइट थी. मैं जानता था कि उसकी चूत में लंड घुसाने के लिए उसकी चूत और मेरे लंड को एक दम गीला करना पड़ेगा. मैने किरन और स्वेता से कहा की तुम दोनो अपने थूक से मेरा लंड और सुमन की चूत को एक दम गीला कर दो. उन दोनो ने वैसा ही किया. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैने सुमन की चूत के बीच अपना लंड रखा और अंदर दबाने लगा. मैने बहुत थोड़ा सा ही दबाया कि वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. किरन मुझसे बोली, “ज़रा धीरे धीरे करो. इसकी उमर अभी कम है. इसकी चूत भी बहुत टाइट है.”
मैने थोड़ा और दबाया तो सुमन रोने लगी. मैं रुक गया. मेरा लंड अभी सुमन की चूत में केवल 2″ ही घुसा था. मैने किरन और स्वेता से कहा कि तुम दोनो इसकी चुचियों को चूसो और मस्लो तभी ये शांत होगी. वो दोनो उसकी चुचियाँ चूसने और मसल्ने लगी. वो थोड़ी देर में कुच्छ शांत हो गयी. मैने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. जब मेरा लंड उसकी चूत में 2″ तक आराम से अंदर बाहर होने लगा तो मैने थोड़ा सा और अंदर दबा दिया. वो फिर चीख उठी और रोने लगी. अब तक उसकी चूत ने मेरा लंड 4″ तक निगल लिया था. मैने फिर धीरे धीरे अपना लंड 4″ ही अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 5 मिनिट बाद उसका दर्द जाता रहा और वो मस्त हो कर चुदवाने लगी. मैने अब ज़्यादा देर करना ठीक नहीं समझा और पूरी ताक़त लगते हुए एक बहुत ही ज़ोरदार धक्का लगा दिया.
मेरा लंड एक दम ज़ॅड तक उसकी चूत में समा गया. वो बहुत तेज़ तेज़ चिल्लाने और रोने लगी. वो अपना हाथ भी पटाकने लगी. किरन ने मुझसे कहा, “तुमने ये क्या कर दिया. ये अभी कमसिन है और इसकी चूत बहुत छ्होटी है. मैने तुमसे धीरे धीरे डालने को कहा था. लेकिन तुमने एक झटके से ही अपना पूरा लंड इसकी चूत में डाल दिया.” मैने कहा, “जब वो मेरा लंड 4″ तक अंदर ले चुकी है तब ज़्यादा देर करना ठीक नहीं था वरना ये मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर नहीं ले पाती. अब जब ये मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले चुकी है तो इसका सारा दर्द अभी थोड़ी ही देर में ख़तम हो जाएगा.” मैने धीरे धीरे धक्का लगाते हुए उसे चोदना शुरू कर दिया.
10 मिनिट की चुदाई के बाद ही वो एक दम शांत हो गयी और वो अपना सारा दर्द भूल गयी. अब वो अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. मैने अपनी स्पीड थोड़ा और तेज़ कर दी तो वो अपना चूतड़ और तेज़ी के साथ उपर उठाने लगी. अब वो मेरे हर धक्के का जवाब दे रही थी. मैने उसको साथ देते देखा तो अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी और उसे एक आँधी की तरह चोदने लगा. किरन उसकी चुदाई देख कर बहुत खुश थी. वो सुमन की चुचियों चूसने और मसल्ने लगी. सुमन भी बहुत जोश में आ कर चुदवा रही थी. वो अपने हाथ से मेरा सर पकड़ कर मेरे बालों को सहला रही थी. कुच्छ देर उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ लिया तो मैं समझ गया की वो अब झड़ने वाली है. मैने खूब तेज़ धक्का लगाना शुरू कर दिया. 8-10 धक्के के बाद ही वो झाड़ गयी. झड़ने के बाद वो कुच्छ देर के लिए सुस्त हो गयी लेकिन मैने उसकी चुदाई ज़ारी रखी. मैने सुमन को लगभग 30 मिनिट तक चोदा और उसकी चूत में ही झाड़ गया.
इस दौरान वो 3 बार झाड़ चुकी थी. सुमन की चूत में झड़ने के बाद मैं हट गया. किरन सुमन की चूत को देखने लगी. उसकी चूत एक दम चौड़ी हो चुकी थी. किरन सुमन की चूत को सहलाते हुए बोली, “दर्द हो रहा है.” सुमन बोली, “दीदी, आज मुझे जो मज़ा आया उसके आगे ये दर्द कुच्छ भी नहीं है. मैं नहीं जानती थी कि चुदवाने में इतना मज़ा आता है. पहले जब थोड़ा सा दर्द हुआ तो मैं घबडा गयी थी. तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिलाया है की मैं ज़िंदगी भर नहीं भूल पाउन्गी.” सुमन फिर मुझसे बोली, “जीजू, मुझे ये मज़ा लेने के लिए दीदी ने राज़ी किया था. आपने ही मुझे ये मज़ा दिया है. मैं आपको ज़िंदगी भर याद रखूँगी. आप ही मेरे पहले पति हैं.”
मैं 15 मिनिट तक बैठ कर आराम करता रहा. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसके बाद मैने स्वेता से कहा, “अब तुम्हारी बारी है. पहले बाथरूम चल कर मेरा लंड साबुन से सॉफ करो. उसके बाद मैं तुम्हारी चुदाई करता हूँ.” स्वेता मेरे साथ बाथरूम गयी. उसने मेरे लंड पर साबुन लगा दिया और खूब रगड़ रगड़ कर सॉफ किया. इस बार मेरे लंड पर कुच्छ ज़्यादा ही खून लगा था. मैं स्वेता के साथ बाथरूम से वापस आया. साबुन लगा कर खूब रगड़ने की वजह से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था. मैं बेड पर बैठ गया. स्वेता मेरे टाँगों के बीच बैठ गयी और मेरा लंड मूह में ले कर चूसने लगी. 5 मिनिट चूसने के बाद मेरा लंड एक दम तन गया. मैने स्वेता को बेड पर लिटा दिया और उसके उपर 69 की पोज़िशन में हो गया. मैने स्वेता की चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैने एक उंगली स्वेता की चूत में डाल दी.
उसकी चूत भी एक दम टाइट थी लेकिन सुमन की तरह नहीं. मेरी उंगली उसकी चूत में पूरी घुस गयी और मैने अपनी उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी. 2 मिनिट में ही उसकी चूत एक दम गीली हो गयी. वो अब चुदवाने के लायक हो चुकी थी. मैं उसके उपर से हट गया और उसकी टाँगों के बीच आ गया. स्वेता बोली, “जीजू, आप लेट जाओ. मैं आपका लंड अपनी चूत में घुसाउंगी.” मैने कहा, “ठीक है.” मैं बेड पर लेट गया. स्वेता मेरे उपर आ गयी. उसने मेरे लंड के सूपदे को अपनी चूत के बीच रखा और धीरे धीरे रगड़ने लगी. थोड़ी देर तक वो अपने चूत को मेरे लंड पर रगड़ती रही. उसके बाद वो अपने पूरे बदन का भर डालते हुए एक झटके से ही मेरे लंड पर बैठ गयी. उसके मूह से एक ज़ोरदार चीख निकली और वो अपने सर का बाल नोचने लगी. मैं स्वेता को देखता ही रह गया. मेरा लंड उसकी चूत में एक दम ज़ॅड तक घुस चुका था. किरन और सुमन भी स्वेता को देखती ही रह गयी. उसकी चूत से खून निकल आया था.
किरन ने स्वेता से कहा, “तू जीजू के लंड पर एक झटके से क्यों बैठ गयी. तुझे धीरे धीरे अंदर लेना चाहिए था.” स्वेता बोली, “तुम दोनो को चुदवाते हुए देख कर मैं जोश से के दम बेकाबू हो गयी थी. मैं जीजू का लंड एक झटके से ही अंदर लेना चाहती थी, इसलिए अचानक उनके लंड पर बैठ गयी. दर्द तो बहुत हो रहा है लेकिन ये अभी ख़तम हो जाएगा.” थोड़ी देर स्वेता मेरे लंड पर बैठी रही और उसके बाद उसने मेरा लंड अपनी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. कुच्छ देर के बाद जब उसकी चूत में मेरे लंड की जगह बन गयी तो उसका दर्द कम हो गया. स्वेता ने थोड़ा तेज़ धक्का लगा शुरू कर दिया और 2 मिनिट बाद ही वो झाड़ गयी. झड़ने के बाद वो मेरे उपर से हट गयी और बोली, “जीजू अब आप मेरी चुदाई करो.” स्वेता बेड पर घोड़ी की तरह बन गयी और मुझसे पीछे आकर चोदने को कहने लगी. किरन और सुमन दोनो स्वेता को देख रही थी | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं स्वेता के पीछे आ गया. मैने उसकी चूत में अपना लंड डाल कर स्वेता की चुदाई शुरू कर दी. घोड़ी की तरह होने से उसकी चूत एक दम चिपक गयी थी इसलिए उसे थोड़ी देर दर्द हुआ. लेकिन 2 मिनिट की ही चुदाई के बाद उसका सारा दर्द ख़तम हो गया और वो अपने चूतड़ को आगे पीछे करते हुए मुझसे चुदवाने लगी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. वो सिसकारियाँ भरते हुए मुझसे चुदवा रही थी. 5 मिनिट तक चुदवाने के बाद वो दूसरी बार फिर झाड़ गयी. स्वेता ने सुमन और किरन से कहा, “तुम दोनो ने जीजू से पहले ही चुदवाया है. मैने बहुत सबर इसलिए किया कि जब जीजू तुम दोनो को चोद लेंगे तो जल्दी झड़ेंगे नहीं और मैं खूब मज़ा लूँगी. अब तुम दोनो बैठ कर मेरी चुदाई देखो.” स्वेता बहुत ही चालू थी. मैं 1 घंटे में 2 बार झाड़ चुक्का था इसलिए इस बार मेरा पानी जल्दी कहाँ निकलने वाला था. मैने स्वेता को चोदना ज़ारी रखा. वो खूब मज़े ले ले कर मुझसे चुदवाती रही. लगभग 1 घंटे तक चोदने के बाद मैं स्वेता की चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान वो 3 बार और झाड़ चुकी थी. स्वेता की चूत में पूरा पानी निकालने के बाद मैं हट गया. स्वेता ने इस बार मेरा लंड अपनी जीभ से चट चाट कर सॉफ किया, साबुन से नहीं. अब तक शाम के 6 बज चुके थे. पिक्चर के शो का ख़तम होने का समय हो गया था. सुमन ने किरन से कहा, मैं एक बार जीजू से और चुदवाना चाहती हूँ.” किरन ने कहा, “जब तक जीजू यहाँ हैं हम डेली पिक्चर देखने जाएँगे.” मैं समझ गया कि जब तक मैं यहाँ हूँ, मुझे रोज़ ही इन तीनो को चोदने का मज़ा मिलेगा. हम सबने चाय पी उसके बाद वापस घर आ गये. मैं 7 दिनो तक ससुराल रहा और डेली पिक्चर देखने जाने के बहाने उन तीनो को चोद्ता रहा. मैं आज भी उन तीनो को चोदने का कोई मौका नहीं छोड़ता. जब कभी मौका मिलता है मैं उनको चोद देता हूँ और वो मुझसे बड़े प्रेम से चुदवाती हैं | समाप्त